तुम्हे मुझसे चुदना है यह मुझे पता था

   17/06/2019

Antarvasna, hindi sex kahani:

Tumhe mujhse chudna hai yah mujhe pata tha मैं अपनी क्लास में देर से पहुंचा मैं जैसे ही अपने क्लास रूम के दरवाजे पर पहुंचा तो उसी वक्त दीपिका भी दरवाजे से अंदर आई मुझे तो ऐसा लगा कि अब सुरजीत सर मुझ पर गुस्सा होने वाले हैं क्योंकि वह जब भी किसी लड़के और लड़की को साथ में देखते तो गुस्सा हो जाया करते है। हम दोनों को उस दिन सुरजीत सर के गुस्से का सामना करना पड़ा उन्होंने हम दोनों को ही क्लासरूम से जाने के लिए कह दिया। दीपिका और मैं क्लास रूम के बाहर चले गए मैंने दीपिका को पूछा तुम कैसे लेट हुई तो दीपिका मुझे कहने लगी कि मैं जिस ऑटो में आ रही थी उस ऑटो का टायर पंचर हो गया और उसके बाद मुझे वहां से आने के लिए कोई ऑटो ही नहीं मिल पाया। मैंने दीपिका को कहा मेरे साथ भी आज ऐसा ही हुआ मैं बाइक से कॉलेज आ रहा था कि तभी रास्ते में मेरी बाइक का एक्सीडेंट हो गया। सुरजीत सर इस मामले में बड़े ही सख्त थे यदि क्लास में कोई भी लेट आता तो वह उसको माफ नहीं करते थे यह बात हम लोग भी अच्छे से जानते थे।

मैंने दीपिका को कहा चलो तो फिर हम लोग कॉलेज कैंटीन में चलते हैं और दीपिका और मैं कॉलेज कैंटीन में चले गए। हम दोनों वहां साथ में बैठे रहे मैंने दीपिका से कहा अभी तो सर आधे घंटे तक क्लास रूम में रहेंगे और अभी सिर्फ 5 मिनट ही हुए हैं। दीपिका और मैं साथ में बैठे हुए थे तो मैंने दीपिका को कहा तुम कुछ लोगी दीपिका मुझे कहने लगी कि हां मैं कोल्ड ड्रिंक लूंगी। मैंने कैंटीन के वेटर से कहकर कोल्ड ड्रिंक मंगवा दी हम दोनों साथ में बैठे हुए थे दीपिका कोल्ड ड्रिंक पी रही थी और मैंने अपने लिए लस्सी ऑर्डर की थी। अब हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे मैं दीपिका को पिछले एक वर्ष से जानता हूं लेकिन हम दोनों के बीच अभी अच्छी दोस्त नहीं थी। दीपिका पढ़ने में बहुत अच्छी है मैंने दीपिका को कहा तुम्हारे घर में और कौन-कौन है तो दीपिका ने मुझे बताया कि उसकी दीदी की शादी को दो वर्ष हो चुके हैं और उसके बड़े भैया विदेश में जॉब करते हैं। दीपिका के पापा एक अकाउंटेंट है और जब दीपक ने मुझे पूछा कि तुम्हारे पिताजी क्या करते हैं तो मैंने दीपिका को कहा मेरे पापा का अपना एक छोटा सा कारोबार है और उसे ही वह चलाते हैं।

दीपिका ने मुझसे कहा तुम्हारे घर में और कौन-कौन है तो मैंने दीपिका को वह हमारा छोटा सा परिवार है मैं ही घर में इकलौता हूं और घर में मेरे पापा मम्मी और मैं ही हैं बस हम तीन सदस्य ही घर पर हैं। दीपिका कहने लगी कि मुझे लगता है अब समय होने वाला है मैंने दीपिका को कहा अभी तो 10 मिनट बचे हैं थोड़ी देर और बैठते हैं फिर हम लोग क्लास में चलेंगे। दीपिका से उस दिन मुझे बात करने का अच्छा मौका मिला और मैंने दीपिका से बहुत देर तक बात की जब हम लोग क्लास रूम में गए तो टीचर क्लासरूम से जा चुके थे। मैं क्लास में बैठा और हमारी अगली क्लास शुरू होने वाली थी मेरा दोस्त अमित मुझे कहने लगा कि सूरज आज तुम कहां रह गए थे तो मैंने उसे बताया कि मेरी बाइक का एक्सीडेंट हो गया था इसलिए मुझे आने में देर हो गई। अमित मुझे कहने लगा कि तुम यदि यह बात सर को बता देते तो शायद वह तुम पर गुस्सा नहीं होते मैंने अमित को कहा कोई बात नहीं अमित। हम दोनों बात कर ही रहे थे कि तब तक दूसरे प्रोफ़ेसर क्लास में आ चुके थे और वह हमें पढ़ाने लगे शाम के वक्त जब मैं घर लौट रहा था तो दीपिका और मैं एक ही बस में घर गए। दीपिका के साथ मैं उस दिन काफी बात कर पाया और दीपिका के साथ समय बिताकर मुझे अच्छा लगा दीपिका को मैं नजदीक से जान पाया था। मैंने आज तक कभी दीपिका को इतने नजदीक से देखा नहीं था और ना ही मैं उसे इतने नजदीक से जान पाया था लेकिन अब मैं दीपिका को जब भी देखता तो उससे जरूर बात किया करता और दीपिका भी मुझसे बात किया करती। थोड़े समय बाद हम लोगों का कॉलेज पूरा हो गया और अब हम लोगों का कॉलेज खत्म होने के बाद मैंने अपने पापा के कारोबार को संभाल लिया था मैं चाहता था कि कारोबार में ही मैं तरक्की करूं। एक दिन दीपिका से मेरी मुलाकात हुई काफी समय बाद दीपिका मुझे मिली तो दीपिका मुझसे कहने लगी कि सूरज लगता है तुमने अपने पापा का कारोबार संभाल लिया है।

मैंने दीपिका को कहा हां दीपिका मैंने पापा का कारोबार संभाल लिया है और मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि पापा का कारोबार मैं संभाल पाया पापा मुझ पर बहुत यकीन करते हैं और उन्हें मुझ पर पूरा भरोसा है कि मैं आगे कारोबार में पूरी तरक्की करूंगा। मैंने दीपिका को कहा तुम आगे क्या करने वाली हो तो दीपिका मुझे कहने लगी कि अभी तो मैं बच्चों को घर पर ट्यूशन पढ़ाती हूं और सोच रही हूँ कि एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी कर लूँ। दीपिका चाहती थी कि वह प्रशासनिक सेवा में जाए इसलिए दीपिका अपनी पूरी तैयारियों में लगी थी मैंने दीपिका को कहा तुम अपनी तैयारियों में लगी रहो तुम जल्दी ही कोई ना कोई प्रशासनिक सेवा में कुछ अच्छा कर के दिखाओगी। दीपिका कहने लगी कि हां सूरज मैं तो यही चाहती हूं और मेरे पापा मम्मी भी यही चाहते हैं। हम लोग आपस में बात कर रहे थे और बात करने में इतना खो गए कि मैं भूल ही गया था पापा ने मुझे कहा था कि दुकान पर जल्दी आ जाना। मैं दीपिका को कहने लगा कि दीपिका मैं दुकान पर चलता हूं नहीं तो पापा मुझ पर गुस्सा हो जाएंगे। दीपिका कहने लगी कि ठीक है हम लोग कभी और मिलेंगे और उस दिन के बाद दीपिका मुझे काफी समय बाद दिखी।

हम लोग दो-तीन महीने में एक दूसरे को मिला करते थे दीपिका भी हमारी दुकान से कई बार सामान ले जाती थी इसलिए मेरे पापा दीपिका को पहचानते थे। उन्हें मुझ पर शक था कि दीपिका और मेरे बीच में कुछ चल रहा है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था दीपिका सिर्फ मेरी अच्छी दोस्त थी और इससे ज्यादा हम लोग कुछ भी नहीं थे। दीपिका और मैं एक दूसरे से जब भी मिलते तो हम दोनों खुश हो जाते। काफी समय बाद में दीपिका से मिला दीपिका ने मुझे बताया उसकी जॉब लग चुकी है। मैंने दीपिका को बधाई दी और कहा अब तो तुम्हारी तरफ से एक छोटी पार्टी बनती है। दीपिका मुस्कुरा कर कहने लगी क्यों नहीं मैं जरूर तुम्हें पार्टी दूंगी एक शाम दीपिका ने मुझे डिनर पर इनवाइट किया। उस दिन जब उसने मुझे डिनर पर इनवाइट किया तो जैसे ही हम लोगों ने डिनर खत्म किया था उसके बाद मैंने दीपिका को गले लगाया दीपिका के दिल की धड़कने तेज हो गई। मैं कुछ समझ नहीं पाया मुझे यह तो समझ आ चुका था दीपिका के दिल में कुछ तो चल रहा है जब भी दीपिका मुझे मिलती तो हमेशा मुझे देखकर मुस्कुरा दिया करती। एक दिन मैने दीपिका को घर पर बुलाया घर पर मैं अकेला ही था जब वह घर पर आई तो वह कहने लगी क्या घर पर कोई नहीं है? मैंने दीपिका को कहा मुझे तुमसे मिलना था इसीलिए तो मैंने तुम्हें घर पर बुलाया दीपिका मेरे पास आकर बैठी। जब वह मेरे पास आकर बैठी तो मैंने दीपिका से बात की बहुत देर तक मैं उससे बात करता रहा हम दोनों एक दूसरे की आंखों में आंखें डाल कर देख रहे थे मेरी नजर दीपिका के स्तनों पर थी दीपिका मेरी तरफ देख रही थी। मैंने दीपिका के बारे में कभी अपने मन में शायद ऐसा सोचा था मुझे यह तो लगता था दीपिका मेरे साथ सेक्स करना चाहती है। मैंने जब उस दिन दीपिका को देखा तो मुझे उसकी सुंदरता का एहसास हुआ उससे पहले मैं कभी उसे इस नजर से देख ही नहीं पाया था। दीपिका और मैं साथ में बैठ कर बात कर रहे थे तभी मैंने दीपिका कि जांघ पर हाथ रखा दीपिका ने मुझे कहा तुम यह क्या कर रहे हो?

मैंने दीपिका को कहा कुछ भी तो नहीं हम दोनों एक दूसरे की बाहों में आ गए जब हम दोनों एक दूसरे की बाहों मे थे हम दोनों ही अपने आपको रोक ना सके। मैंने जैसे ही दीपिका के कपड़ों को उतार कर उसके स्तनों का रसपान करना शुरू किया तो दीपिका मचलने गी थोड़ी देर तक मैंने उसके स्तनों का रसपान किया। जब मैंने दीपिका के नर्म और मुलायम होठों को चूसना शुरू किया तो उसे बड़ा मजा आ रहा था और मुझे भी बड़ा आनंद आता। काफी देर तक मैं दीपिका के स्तनों का रसपान करता रहा दीपिका अब अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी दीपिका की चूत से निकलता हुआ पानी मुझे अपनी और बुला रहा था। मैंने भी दीपिका की चूत पर अपने लंड को लगाया और अंदर की तरफ धकेलना शुरू किया जैसे ही मेरा मोटा लंड दीपिका की चूत के अंदर घुसा तो मुझे बहुत अच्छा लगा।

दीपिका की चूत से खून आने लगा था दीपिका कहने लगी मेरी चूत पर जिस प्रकार मैं धक्के मार रहे हो मुझे मजा आ रहा है। वह तेज आवाज में सिसकियां ले रही थी उसकी सिसकियां मे एक मादकता होती वह मुझे कहती सूरज और तेजी से मुझे धक्के मारो। वह मुझे अपनी बाहों में लेने की कोशिश करती मैं उसके दोनों पैर खोल कर उसे बड़ी तेजी से धक्के मारता और उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। मैंने दीपिका की चूत के मजे काफी देर तक लिए हम दोनों के बीच अंतरंग संबंध बन रहे थे। दीपिका की चूत से खून निकल रहा था जब दीपिका झड़ने वाली थी तो उसने मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकड कर रख लिया जैसे ही मैंने अपने वीर्य को दीपिका की चूत के अंदर गिराया वह खुश हो गई और कहने लगी मुझे आज बहुत अच्छा लगा। मैंने दीपिका को गले लगाया और कहा मैं यह जानता था तुम मेरे साथ सेक्स संबंध बनाना चाहती हो? दीपिका मुस्कुराने लगी वह मेरे साथ काफी देर तक बैठी रही उसके बाद वह अपने घर चली गई उसके बाद भी दीपिका के साथ मेरे कई बार सेक्स संबंध बने।

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