सोडा पीते पीते चुदाई के मज़े

   16/03/2018   

मेरी कहानी पढने वाले सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार मेरा नाम विशाल केशरवानी है | मैं काशी में रहता हूँ और अभी बी.एस.सी. कर रहा हूँ | दिखने में अच्छा हूँ जिम जाता हूँ तो बॉडी भी अच्छी है और मेरा लंड 6 इंच का है | मैंने अपनी अभी तक की ज़िंदगी बहुत बार लड़कियों के मज़े लिए है | वैसे तो मैंने बचपन से ही ये सब शुरू कर दिया था मतलब चुदाई नहीं करता था लेकिन बाकी सब कर लिया था | ऐसी ही कुछ बातें मैं आपको बताने जा रहा हूँ | तो आईये सीधा कहानी पर चलते है |

ये बहुत समय पहले की बात है जब मैं शायद 7वीं क्लास में था | मेरे घर के बाजू में एक लड़की रहती थी जिसका नाम रूचि था और वो मेरे साथ मेरी क्लास में ही पढ़ती थी | उस वक़्त वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी और हमारे बीच काफी अच्छी दोस्ती भी थी | उस वक़्त हमारे घर में दो लैपटॉप थे जिसमें से पुराना वाला मैंने ले लिया था और मैं उस पर ब्लू फिल्म देखा करता था | उस वक़्त तो मेरा लंड भी ठीक से खड़ा नहीं होता था लेकिन मुझे चूत की बहुत मचती थी | एक दिन मैंने रूचि को इन सब के बारे में बताया और उसने कहा सच में ऐसा होता है ? तो मैंने कहा हाँ तुम्हें देखना है ? तो उसने कहा हाँ | तो उसी दिन शाम को मैंने उसको लैपटॉप में ब्लू फिल्म दिखाई | ब्लू फिल्म देखने के बाद उसने कहा छी मुझे नहीं देखना, तो मैंने कहा अरे देखने में क्या जाता है और ये सुनकर वो भी देखने लगी | एक दो दिन मैंने उसको बहुत ब्लू फिल्म दिखाई और तीसरे दिन मैंने कहा मुझे तुम्हारी चूत देखनी है | उसने पहले तो मना किया लेकिन फिर वो मान गई | ये सब हम दोनों छत पर किया करते थे या तो मेरी छत पे या फिर उसकी | उस समय उसके दूध बहुत छोटे छोटे थे मतलब बिलकुल नहीं थे तो मैं उसकी चूत के ही मज़े लिए रहता था |

एक दिन मैं उसको अपना लंड चुसा रहा था तो उसकी दीदी ने हमें पकड़ लिया लेकिन हमारे घर में नहीं बताया सिर्फ समझा कर छोड़ दिया | उसके बाद मैंने अपनी क्लास की ही एक दूसरी लड़की को पटा लिया था जिसका नाम ऋतू था | ये 10वीं की बात थी और मैं उसको स्कूल में ही चोदा करता था लेकिन कभी पकड़ा नहीं गया | एक बार क्लास में मैं और ऋतू पीछे वाली बैंच पर बैठे थे और बाकी सब आगे वाली बैंच पर | मैंने अपना लंड बाहर निकाला और ऋतू से कहा चूसो | उसने यहाँ वहां देखा और लंड चूसने लगी | तभी मैडम ने आवाज़ लगाई ऋतू क्या कर रही हो तो वो जल्दी से ऊपर उठी और उसने कॉपी उठा के कहा मैडम कॉपी गिर गई थी | उसी दिन छुट्टी में हम दोनों देर तक रुके और चुदाई करके गए थे | ये सब तो हो गई बचपन की मस्तियाँ, मैं आपको कुछ दिन पहले की बात बताता हूँ जब मैं नानी के यहाँ छोटे भाई के चौक में गया था | नानी के घर के बाजू में बेकरी थी जिसमें सोडा भी मिलता था और मैं सोडे का बहुत शौक़ीन हूँ | मैं रोज़ खाना खाने के बाद सोडा पीने जाता था | वहां एक लड़की काम करती थी वैसे दुकान उसके उसके बाप की ही थी लेकिन मुझे क्या | एक बार मैं सोडा पीने गया और वो खड़ी थी तो मैंने कहा एक सोडा देना, उसने पूछा कौन सा फ्लेवर ? उसकी आवाज़ में मुझे थोड़ी हवस का एहसास हुआ, तो मैंने भी जवाब में कहा जो आपको पसंद हो वो पिला दीजिये | तो उसने मुझे कोला फ्लेवर वाला सोडा दिया | मैं भी वहीँ खड़े होकर उसकी आँखों में आँखें डालकर सोडा पी रहा था | फिर वो अन्दर चली गई और मैं भी बाहर आ गया |

वैसे वो देखने में मुझे अपने से बड़ी लगी और वो थी भी मुझे बड़ी | वो मुझसे लगभग 8 साल बड़ी थी फिर भी मुझपे डोरे डाल रही थी | अगले दिन चौक था और नानी ने उसे घर पे काम करने के लिए बुला लिया था | मैं जब अन्दर गया तो नानी ने मुझे मटर छीलने के लिए बैठा लिया, वो भी मटर छील रही थी | तभी नानी ने कहा बेटा इनको जानते हो ? तो मैंने कहा नहीं | तो नानी ने कहा ये बाजू में रहती है तुम्हारी दीदी है ये, हम दोनों ने झटके से एक दुसरे की तरफ देखा | तो उसने कहा दादी जी मैं इतनी बड़ी नहीं हूँ और मुझे कहा तुम मुझे राखी ही बोलना | तो मैंने कहा ठीक है राखी और फिर नानी उठ कर अन्दर चली गई और सिर्फ हम दोनों बैठकर काम कर रहे थे | उसने मुझसे पूछा क्या तुम जिम जाते हो ? तो मैंने कहा हाँ लेकिन ऐसा क्यों पूछा ? तो उसने कहा तुम्हारी बॉडी बहुत अच्छी लगती है देखने में | मैंने कहा थैंक यू और काम करने लग गया | फिर उसने पूछा अच्छा तुम यहाँ कब तक रुकोगे ? तो मैंने कहा बस कल शाम को चला जाऊंगा | उसने कहा इतनी जल्दी थोडा और रुक जाते, तो मैंने कहा कल सब काम हो जायेगा और फिर मैं यहाँ रूककर क्या करूँगा ? फिर हम दोनों शांत हो गए और काम ख़त्म करके उसने कहा अच्छा दोपहर में मेरे यहाँ आना सोडा पीयेंगे |

फिर खाना खाके मैं उसके यहाँ गया उसके घर के सभी लोग नानी के यहाँ थे और उसके पापा नीचे दुकान में थे | वो मुझे ऊपर लेकर गई और सोडा लेकर आई और हम बैठकर बात करने लगे | बात करते करते मेरे मुँह से निकल गया अच्छा दीदी | वो गुस्सा हो गई और कहने लगी तुम बस मुझे दीदी दीदी बोलो, अच्छा मुझे देखकर लगता है मैं 29 साल की हूँ | मैंने कहा अरे सॉरी क्या करूँ निकल गया, तो उसने कहा सज़ा तो मिलेगी तो मैंने कहा कैसी सज़ा ? तो उसने कहा अपने कपड़े उतारो | तो मैंने कहा अच्छा ठीक है आप ही उतार लो और वो मेरे पास आकर मेरे कपड़े उतारने लगी | उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और कहने लगी तुम्हारी बॉडी तो बहुत अच्छी है और मेरा लंड पकड़कर कहा ये और भी अच्छा है | फिर मैं वहीँ बैठ गया और वो मेरा लंड चूसने में लग गई | वो बहुत हवस से मेरा लंड चूस रही थी जैसे जन्मों से लंड की प्यासी हो | उसने थोड़ी देर तक मेरा लंड चुसा और हिलाया और मेरे लंड ने मुट्ठ छोड़ दिया | उसने अपने दुपट्टे से उसे साफ़ किया और कहा तुम्हारे कुछ अरमान है तो पुरे कर लो | फिर हम दोनों खड़े हुए और मैंने उसकी सलवार उतारी ब्रा खोला और उसके दूध दबा दबा के चूसने लगा | वो मेरे सिर पर हाँथ फेर रही थी और ऊम्म्मम्म्म्म उम्म्मम्म्म्म ऊउम्मम्म उम्म्म्मम्म कर रही थी | फिर मैंने उसके पजामे का नाडा खोला और उतार दिया और उसकी पैंटी भी उतार दी | उसकी गांड बहुत मस्त थी बड़ी और चौड़ी, मैंने इतनी मस्त गांड आज तक नहीं देखी थी |

उसकी गांड देखती ही मैंने मन बना लिया था कि आज मैं इसकी गांड ज़रूर मारूंगा | फिर वो सोफे पे बैठ गई अपनी टांग फैला के | मैं उसकी चूत के पास गया, उसकी चूत उसने आज ही शेव की थी शायद उसको पता था मैं ठरकी इंसान हूँ फ़ौरन चुदाई के लिए मान जाऊंगा | खैर मज़े तो दोनों को मिले क्या जाता है किसी का | मैंने उसकी चूत चाटी और फिर उसमें ऊँगली करने लग गया | वो बैठ के अपने दूध दबाते हुए आह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह उम्म्म्मम्म उम्म्म्मम्म आह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करती रही | फिर मैं खड़ा हुआ और उसकी चूत में लंड डालकर उसको चोदने लगा | जब मैं उसको चोद रहा था वो बिलकुल किसी रंडी जैसी हरकतें कर रही थी और बोल रही थी, हाँ और और और हाँ ऐसी ही और और आह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह उम्म्म्मम्म उम्म्म्मम्म आह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह | मैंने थोड़ी देर तक उसकी चूत मारी और फिर उसको घोड़ी बना दिया और उसकी गांड के छेद में ऊँगली करने लगा | जब मैं उसकी गांड में ऊँगली कर रहा था तो उसने मुझसे कहा अब गांड भी अभी मारोगे क्या ? तो मैंने कहा हाँ और ऊँगली बाहर निकालकर लंड अन्दर डालने लगा |

उसकी गांड बहुत टाइट थी तो लंड अन्दर जाने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन मैंने उसकी गांड में लंड डाल ही दिया और उसको चोदने लगा | अब उसकी आह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह उम्म्म्मम्म उम्म्म्मम्म आह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह में दर्द भी समझ में आ रहा था | फिर मेरा मुट्ठ फिर से निकलने को हुआ तो मैंने उसकी गांड में मुट्ठ गिरा दिया और उसके ऊपर लेट गया | फिर उसके अगले दिन कुछ हो नहीं पाया क्यूंकि मौका ही नहीं मिला लेकिन अब जब भी मैं नानी के यहाँ जाऊंगा, तो हम फिर से चुदाई करेंगे |

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