सरिता के होठों को चूम लिया

   27/12/2019

Antarvasna, hindi sex story:

Sarita ke hothon ko chum liya मैं उस दिन अपने घर से ऑफिस के लिए निकला मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही थी इसलिए मैंने जल्दी से अपनी मोटरसाइकिल स्टार्ट की और जल्द से जल्द ऑफिस जाना चाहता था। मैं उस दिन अपने ऑफिस समय पर पहुंच गया था लेकिन मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं थी इस वजह से मुझे उस दिन घर जल्दी आना पड़ा और मैं घर जल्दी लौट आया था।

जब मैं घर लौटा तो मां मुझे कहने लगी कि सोनू बेटा तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है तो तुम डॉक्टर को दिखा आओ। मैं भी मां की बात मान चुका था और फिर मैं मां के कहने पर डॉक्टर के पास चला गया। मैं अपने घर के पास ही क्लीनिक में चला गया जब मैं अपने घर के पास के क्लीनिक में गया तो वहां पर मैंने डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने मुझे कहा कि आपको अभी तेज बुखार है मैं कुछ दवाइयां दे देता हूं तो आपको आराम मिलेगा। मैंने भी वह दवाइयां ली और मैं घर आ चुका था जब मैं घर आया तो मुझे काफी गहरी नींद आ रही थी मुझे मालूम ही नहीं पड़ा कि कब रात हो गई।

जब मैं उठा तो उस वक्त रात के 9:00 बज रहे थे मां ने मुझे कहा कि बेटा तुम कुछ खा लो। मैंने भी सोचा कि मैं कुछ खा लेता हूं क्योंकि मुझे काफी तेज भूख लग रही थी और फिर मैंने खाना खा लिया। मैंने जब खाना खाया तो उसके बाद मैं सो गया। मैंने अपने ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी ले ली थी और मैं घर पर ही था। मेरी तबीयत दो दिनों में ठीक हो चुकी थी लेकिन मैं अपने ऑफिस से एक हफ्ते की छुट्टी ले चुका था। मां चाहती थी कि मैं उनके साथ कुछ दिनों के लिए जयपुर चलूं, मैंने मां से कहा कि ठीक है मां मैं आपके साथ जयपुर हो आता हूं।

मैं कुछ दिनों के लिए मां के साथ जयपुर जाने की तैयारी में था मैं मां के साथ जयपुर जाना चाहता था। जब मैं उनके साथ जयपुर गया तो मुझे काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था जयपुर में मेरी मौसी रहती है और हम लोग उनके घर पर ही कुछ दिनों तक रुकने वाले थे। मां काफी दिनों से मौसी से नहीं मिल पाई थी इसलिए उन्होंने मुझे अपने साथ चलने के लिए कहा और मैं उनकी बात मान गया था। जब मैं मां के साथ गया तो मैं काफी खुश था और कुछ दिनों तक मैं जयपुर में ही रुका। जब जयपुर से हम लोग वापस लौट रहे थे तो उस दिन ट्रेन काफी देरी से थी और जब हम लोग दिल्ली पहुंचे तो हमें काफी ज्यादा देर हो चुकी थी। हम लोग दिल्ली में अपने घर पर आ चुके थे तो पापा का भी हमे फोन आया।

पापा इलाहाबाद में रहते हैं वह महीने में कभी कबार घर आ जाया करते हैं पापा इलाहाबाद में टीचर हैं। पापा काफी समय बाद घर आने वाले थे और जब पापा घर आए तो उस दिन उन्होंने मुझे कहा सोहन बेटा तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है तो मैंने पापा से कहा कि मेरी जॉब तो अच्छी चल रही है। पापा और मैं उस दिन साथ में बैठे हुए थे हम दोनों एक दूसरे से काफी देर तक बातें करते रहे। पापा ने मुझे कहा कि सोहन बेटा तुम्हारी शादी की उम्र हो चुकी है मैं चाहता हूं कि तुम शादी कर लो। मैंने पापा से कहा कि हां पापा मैं शादी कर लूंगा लेकिन मुझे उसके लिए कुछ समय चाहिए होगा। पापा ने कहा कि बेटा तुम्हारी उम्र हो चुकी है मुझे लगता है कि तुम अब शादी कर लो मैंने पापा से कहा ठीक है पापा मैं देखता हूं लेकिन मैं अभी शादी करने के बिल्कुल भी पक्ष में नहीं था। मैं शादी नहीं करना चाहता था लेकिन मुझे उस वक्त अपना फैसला बदलना पड़ा जब मैं पहली बार सरिता से मिला सरिता से मेरी मुलाकात हमारे ऑफिस में हीं हुई थी। जब मैं सरिता से पहली बार मिला तो मुझे उससे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा और उसे भी मुझसे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा था। वह हमारे ऑफिस में जॉब करती है और अब मैं सरिता के साथ में होता तो मुझे काफी अच्छा लगता।

जब भी मैं सरिता के साथ होता तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश रहता हूं सरिता भी बहुत ज्यादा खुश रहती थी जब भी वह मेरे साथ समय बिताया करती थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश थे और मैं चाहता था कि सरिता से मैं अपने दिल की बात कह दूं। मैं सरिता को अपने दिल की बात कहना चाहता था तो मैंने अब सरिता को अपने दिल की बात कही तो वह भी मना ना कर सकी और उसने भी मेरा प्रपोज स्वीकार कर लिया। उसके बाद तो हम दोनों एक दूसरे के साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताने लगे। मैं जब भी सरिता के साथ में होता तो उसके साथ मुझे बहुत ही अच्छा लगता था सरिता और मैं एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं और हम एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं। सरिता से मेरा रिलेशन काफी अच्छे से चल रहा था। एक दिन हम दोनों अपने ऑफिस में ही बैठे हुए थे उस दिन हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे उस वक्त लंच टाइम था तो सरिता उस दिन मेरे लिए खाना बनाकर लेकर आई थी मैं उस दिन कुछ लेकर नहीं गया था। सरिता और मैं साथ में लंच कर रहे थे हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही पसन्द करते थे और सरिता को भी बड़ा अच्छा लगता जब हम एक दूसरे के साथ में समय बिताया करते। मैं चाहता था कि सरिता और मैं शादी कर ले।

जब मैंने सरिता से इस बारे में बात की तो वह भी मेरी बात मान गई और फिर हम दोनों अपने परिवार वालों से बात करना चाहते थे। मैं और सरिता हम दोनों रिलेशन में थे हम दोनो एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश है। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ होते तो हम लोगों को अच्छा लगता है। एक दिन सरिता और मैं साथ में बैठे हुए थे उस दिन मैंने सरिता से कहा मुझे आज तुम बहुत ही ज्यादा अच्छी लग रही हो। सरिता मुझे कहने लगी क्या इससे पहले मैं तुम्हें कभी अच्छी नहीं लगती थी। मैंने सरिता को कहा नहीं ऐसी तो कोई भी बात नहीं है लेकिन सरिता और मैं उस दिन एक दूसरे को देख रहे थे। हम दोनो ऑफिस में ही थे मैं कुछ कर नहीं सकता था लेकिन जब हम दोनों ऑफिस से फ्री हुए तो मैंने सरिता को कहा सरिता मुझे तुम्हारे साथ आज टाइम स्पेंड करना है। सरिता भी मेरी बात मान गई वह मेरे साथ समय बिताने के लिए तैयार हो चुकी थी जिस तरीके से मै और सरिता एक दूसरे के साथ में समय बिता रहे थे उस से हम दोनों ही खुश हो चुके थे। हम दोनों मेरे दोस्त के घर पर ही रुके थे हम दोनों साथ में बैठे हुए थे। मैंने सरिता के हाथों को पकड़कर उसके हाथों को सहलाना शुरु किया वह मेरी तरफ देख कर बोली यह सब ठीक नहीं है। सरिता बहुत ज्यादा घबरा रही थी मैंने उसे कहा तुम्हें घबराने की जरूरत नहीं है।

मैंने जब सरिता के होठों को चूम लिया तो वह भी अपने कंट्रोल से बाहर हो चुकी थी। मैंने सरिता के स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था। जब मैं सारिका के स्तनों को दबा रहा था तो मुझे अच्छा लग रहा था और सरिता को भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी हम दोनों गर्म होते जा रहे थे। जब मैं और सरिता पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे तो हम दोनों को अच्छा लगने लगा था हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहे थे। हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी अब मैं और सरिता एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाते चले गए।

हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने सरिता से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है सरिता और मैं अब समझ चुके थे हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पाएंगे इसलिए मैंने सरिता के सामने अपने लंड को किया। सरिता मेरी बात मान चुकी थी उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे। मैंने सरिता से कहा तुमने तो मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया है। वह मेरे लंड को बड़े अच्छे तरीके से चूस रही थी उसने काफी देर तक ऐसा ही किया जिससे कि मैं बहुत ज्यादा गर्म होने लगा था और सरिता भी काफी ज्यादा गरम हो चुकी थी।

सरिता और मै एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे मैंने सरिता से कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे। मैंने सरिता की चूत को देखा उसकी चूत से बहुत ज्यादा पानी निकल रहा था मैंने उसकी योनि पर अपनी उंगली को लगा दिया और उसकी गर्मी को बढ़ाना शुरू कर चुका था जिससे कि उसकी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने अब सरिता की योनि पर अपने लंड को लगाया और जैसे ही मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डालने का फैसला किया तो वह बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुकी थी।

मेरी गर्मी भी बढ़ने लगी थी मैंने सरिता की योनि के अंदर तक अपने लंड को घुसा दिया था और उसकी चूत से खून की पिचकारी बाहर निकल रही थी उस से मेरी गर्मी बढ़ गई और सरिता भी बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। वह मुझे कहने लगी मै बहुत गर्म हो चुकी हूं। मैं सरिता को बड़े ही अच्छे से धक्के दे रहा था। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी हम दोनों ने एक दूसरे का साथ काफी देर तक दिया। जब मुझे यह एहसास होने लगा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं तो मैंने सरिता को और भी तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे जिससे कि उसका बदन हिलता चला गया था। जैसे ही मेरे वीर्य की पिचकारी बाहर आने वाली थी मैंने उसे सरिता की योनि में गिरा दिया और सरिता की चूत में मेरा माल जाते ही वह खुश हो गई थी और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था।

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