ऑफिस की माल के साथ सेक्स

   04/03/2020

Antarvasna, hindi sex story:

Office ki maal ke sath sex मैं अपने कॉलेज के दिनों को याद कर रहा था कि किस तरीके से हम लोग कॉलेज में खूब मस्ती किया करते थे और मेरे जितने भी दोस्त थे वह सब लोग बहुत ही खुश रहा करते थे लेकिन अब मैं अपने जॉब के चलते उन लोगों से मिल नहीं पाता हूं। मैं अपनी नौकरी के चलते बहुत ज्यादा बिजी रहने लगा था इसलिए मेरी अपने दोस्तों से मुलाकात नहीं हो पाती थी। उस दिन मैं अपने घर पर था तो सोचा कि क्यों ना आज अपने कुछ पुराने दोस्तों से बात कर ली जाए और फिर मैंने अपने दोस्त अनुज को फोन किया। मैंने जब अनुज को फोन किया तो अनुज से मेरी बातें हुई और अनुज मुझे कहने लगा कि राजेश तुम तो अब मिलते भी नहीं हो। मैंने अनुज को कहा कि मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं हो पाता है इसलिए मैं तुमसे मुलाकात नहीं कर पाता हूं। अनुज और मैं एक दूसरे को काफी बरसों से जानते हैं और मैंने अनुज को उस दिन कहा कि मैं तुमसे कुछ दिनों बाद जरूर मुलाकात करूंगा। अनुज मुझे कहने लगा कि ठीक है राजेश तुम जब मुझसे मिलोगे तो मुझे जरूर बताना और कुछ दिनों के बाद मैंने अनुज को मिलने का फैसला किया।

मैंने उस दिन अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी और मैं अनुज को मिलने के लिए चला गया। मैं और अनुज एक दूसरे को मिले तो हम दोनों ने एक दूसरे के हाल-चाल पूछे। हमे बहुत ही अच्छा लगा जिस तरीके से हमने मुलाकात की थी अनुज से मिलकर मैं बड़ा खुश था और उससे मेरी काफी देर तक बात हुई। अनुज ने मुझे बताया कि क्यों ना हम सब दोस्त लोग मिलने का फैसला करें और हम लोग एक गेट टूगेदर पार्टी रखना चाहते थे। मैं अनुज की बात से सहमत था और मैंने अनुज को कहा कि तुम ही सारी पार्टी का अरेंजमेंट कर लो अनुज ने कहा कि हां ठीक है मैं सब लोगों से इस बारे में बात करता हूं। अनुज ने हमारे क्लास में पढ़ने वाले सब लोगों से बात की और हम सब लोग मिलने वाले थे मैं इस बात से बड़ा ही खुश था और मैं बहुत ही ज्यादा एक्साइटेड था कि मैं अपने सारे पुराने दोस्तों से मिलूंगा।

जब उस दिन हम लोग सब एक दूसरे को मिले तो सब लोग बहुत ही खुश थे मैं काफी सालों के बाद अपने कुछ पुराने दोस्तों को मिल रहा था तो मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी। जिस तरीके से मैंने उन लोगों से मुलाकात की और हम सब लोगों ने एक दूसरे के साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया। उस दिन मुझे लगा कि सब लोग अपनी लाइफ में कितने ज्यादा बिजी हो चुके हैं लेकिन जब उस दिन हम लोगों की मुलाकात हुई तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा था। पापा और मम्मी चाहते थे कि मेरी छोटी बहन अदिति की सगाई हो जाए उन लोगों ने अदिति के लिए एक लड़का देख लिया था जो कि हमारे पड़ोस में ही रहता है। हम दोनों परिवार वाले एक दूसरे के परिवार को काफी पहले से जानते हैं इसलिए किसी को भी इस बात से कोई एतराज नहीं था और सब लोग शादी के लिए तैयार थे।

अब अदिति की सगाई संजीव के साथ हो चुकी थी, जब अदिति की सगाई संजीव के साथ हुई तो मुझे भी संजीव अच्छा लगा और जल्द ही उन लोगों की शादी भी होने वाली थी। जब अदिति की शादी संजीव के साथ हो गई तो सब लोग बड़े ही खुश थे क्योकि संजीव बहुत ही अच्छा लड़का है और वह एक अच्छी कंपनी में अच्छे पद पर है। वह अदिति को बहुत ही खुश रख रहा था जिससे कि सब लोग बहुत खुश थे। जब अदिति कुछ दिनों बाद घर लौटी तो अदिति ने बताया कि संजीव उसका बहुत ही ध्यान रखता है और उन दोनों की जिंदगी में सब कुछ अब अच्छे से चल रहा था। अदिति अक्सर घर पर हमसे मिलने के लिए आ जाया करती थी और जब भी वह मिलने के लिए आती तो हम लोगों को बहुत ही अच्छा लगता था। पापा और मम्मी ने मुझसे भी कई बार मेरी शादी की बात को लेकर बात की थी लेकिन मैं अभी शादी करने के लिए तैयार नहीं था और मैं चाहता था कि थोड़े समय बाद मैं शादी करूं लेकिन पापा और मम्मी के दबाव में मुझे भी अब कुछ रिश्ते देखने पड़े।

मम्मी पापा के कहने पर मैं चाहता था कि मैं भी शादी कर लूँ तो मेरी सगाई उन्होंने अंकिता से करवा दी। अंकिता को मैं काफी पहले से जानता हूं क्योंकि अंकिता के पिताजी का हमारे घर पर अक्सर आना-जाना था। अंकिता के पिता जी मेरे पापा के बहुत ही अच्छे दोस्त हैं और वह लोग एक दूसरे को काफी समय से जानते हैं इसलिए वह अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलना चाहते थे। अंकिता की सगाई मुझसे हो गई थी मुझे भी अच्छा लग रहा था कि अंकिता के साथ मेरी सगाई हो चुकी है। हम लोग एक दूसरे से मिला करते तो हम दोनों को अच्छा लगता हालांकि मैंने कभी भी सोचा नहीं था कि मेरी सगाई अंकिता से हो जाएगी लेकिन अब मेरी सगाई अंकिता के साथ हो चुकी थी। मुझे बड़ा ही अच्छा लगा था जिस तरीके से अंकिता और मेरी सगाई हुई। उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे थे हम दोनों एक दूसरे को समझने की कोशिश कर रहे थे और हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते हैं। एक दूसरे के साथ में हम लोग अच्छा टाइम स्पेंड किया करते। अब मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक चलने लगा था और मैंने अपनी पुरानी कंपनी से भी रिजाइन दे दिया था जिसके बाद मैंने दूसरी कंपनी ज्वाइन कर ली थी।

दूसरी कम्पनी में मुझे अच्छी तनख्वाह भी मिल रही थी और मेरा प्रमोशन भी बहुत जल्द हो चुका था। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था कि मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक से चलने लगा है। मैंने जिस नए ऑफिस मे जॉइन किया था वहां पर पारुल भी जॉब करती है और पारुल मुझ पर अक्सर लाइन मारा करती थी। वह मुझ पर जिस तरीके से डोरे डाला करती थी उस से मैं भी समझ चुका था उसे मेरे साथ सेक्स करना है। मैं चाहता था मैं पारुल के साथ सेक्स करू। मैंने पारुल के साथ सेक्स करने का मन बना लिया था। एक दिन वह जब ऑफिस में आई थी तो उस दिन वह बड़ी हॉट लग रही थी। उस दिन जब हम लोग लंच टाइम में साथ में बैठे हुए थे तो मैं पारुल की ओर देख रहा था और उस से बातें कर रहा था। पारुल को बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मैं उसके साथ में बातें कर रहा था और उसकी गर्मी को मैं बढ़ा रहा था। पारुल भी मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो चुकी थी। उस दिन से जब हम दोनों फ्री हुए तो मैं पारुल को अपने साथ में लेकर चला गया। मैं पारुल के गुलाबी होठों को देखकर बहुत ही ज्यादा गरम हो रहा था।

जब मैंने पारुल से कहा मैं तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हूं। पारुल ने अपने बदन से कपड़ों को उतारा तो उसके बदन को देख कर मै खुश हो गया था। मै उसके स्तनों को चूसने लगा था। पारुल के गोरे स्तनों को चूसकर मुझे मज़ा आ रहा था और वह भी गर्म होती जा रही थी। मैंने उसके निप्पल को बहुत देर तक चूसा। जब मैं उसके स्तनो को चूस रहा था मुझे मजा आ रहा था। उसको भी मजा आने लगा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। हम लोग बहुत ज्यादा गर्म होते जा रहे थे हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। मैंने पारुल की चूत को चाटना शुरू कर दिया था। पारुल की चूत पर मैं अपनी जीभ को लगा रहा था। मै उसकी चूत को चाट रहा था तो उसकी गर्मी बढ रही थी। उसकी योनि से बहुत ज्यादा ही पानी बाहर निकलने लगा था वह पूरी तरीके से गर्म होती जा रही थी उसकी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी।

मैंने पारुल से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है़ पारुल और मैं एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। मैंने जैसे ही पारुल की चूय पर लंड को टच किया तो उसकी चूत से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था वह गर्म होने लगी थी। वह मुझे कहने लगी अब तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दो। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया था जब मैंने पारुल के दोनों पैरों को चौड़ा किया था तो उसके बाद मैंने उसकी योनि के अंदर लंड को घुसा दिया। मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा चुका था वह जोर से चिल्लाने लगी वह मुझे कहने लगी मेरी योनि में दर्द होने लगा है। पारुल की चूत में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था। मुझे मजा आ रहा था जिस तरीके से मे उसकी चूत मार रहा था वह मेरा साथ दे रहे थी। हम दोनो एक दूसरे का साथ देने लगे थे। हम दोनो ने एक दूसरे की गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर दिया था। हम दोनो अपने आपको रोक नहीं पा रहे थे। ना ही पारुल अपने आप को रोक पा रही थी। मैं पारुल के साथ में सेक्स के मजे लेकर खुश था। पारुल भी बहुत ज्यादा खुश हो गई जिस तरीके से मैं उसकी चूत मार रहा था वह बहुत जोर से सिसकारियां ले रही थी। मैंने अपने वीर्य को पारुल की चूत के अंदर गिरा दिया। मैं उसकी चूत की गर्मी बर्दाश्त ना कर सका।

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