मृदुला की गर्मी शांत की

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Mridula ki garmi shaant ki मैं कानपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहा था क्योंकि काफी ज्यादा ठंड थी इसलिए मैंने सोचा क्यों ना चाय पी लूं। मैं जब चाय पीने लगा तो वहां पर कुछ लोग आपस में बात कर रहे थे। मैं उनकी बातें सुन रहा था वह लोग आपस में काफी मजाक कर रहे थे। मैंने चाय पी और उसके बाद मैंने उस दुकानदार को पैसे दिए। मैं अब सीट पर बैठा हुआ ट्रेन के अंदर जार कर रहा था लेकिन अभी तक ट्रेन नहीं आई थी। कोहरा काफी ज्यादा था इस वजह से ट्रेन भी बहुत ज्यादा देर से आने वाली थी और मैं अभी भी ट्रेन का इंतजार कर रहा था। ट्रेन 2 घंटे के बाद आई मैं जल्दी से ट्रेन में चढ़ा और मैंने अपना सामान ट्रेन में रख लिया था। मैं अपनी सीट पर बैठा हुआ था और आसपास भी सब लोग बैठ चुके थे।

ट्रेन आधा घंटा कानपुर स्टेशन पर रुकी और उसके बाद ट्रेन चल पड़ी। अब मुझे भी नींद आने लगी थी क्योंकि रात का समय था मुझे भी काफी गहरी नींद आ रही थी तो मैंने भी सोने का फैसला किया। मैं अब सो चुका था जब सुबह मेरी आंख खुली तो मुझे लगने लगा शायद दिल्ली आने वाला है। जब मैं दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचा तो मैंने अपने छोटे भाई को फोन किया। वह मुझे लेने के लिए रेलवे स्टेशन पर आ गया था और मैं वहां से अब घर चला आया। मैं घर पहुंचा तो उस दिन पापा भी घर पर ही थे। मैंने पापा ने कहा आज आप आज ऑफिस नहीं गए। पापा ने मुझे कहा नहीं मैंने आज ऑफिस से छुट्टी ले ली थी। पापा चाहते थे वह मुझसे मिले इसलिए उन्होंने उस दिन घर से पर ही रहने का फैसला किया था। मैं काफी दिनों के बाद घर आ रहा था मैं कानपुर में ही नौकरी करता हूं और काफी लंबे समय के बाद में कानपुर से दिल्ली आया था।

मुझे अपने परिवार के साथ समय बिता कर अच्छा लगा और मैं काफी खुश था जिस तरीके से अपनी फैमिली के साथ मैंने समय बिताया। मेरी छुट्टियां खत्म हो जाने के बाद मुझे कानपुर वापस लौटना पड़ा। मैं जब कानपुर वापस लौटा तो कुछ दिनों तक मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और मुझे अपनी फैमिली की बहुत याद आ रही थी लेकिन मेरी मजबूरी थी और मैं अपनी जॉब में बिजी होने लगा। मैं अपनी जॉब में बिजी हो चुका था इसलिए मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था। मैं सुबह के वक्त ऑफिस जाता और शाम को घर लौटता कभी कभार मेरी फोन पर बातें पापा मम्मी से हो जाया करती थी और मुझे बड़ा अच्छा लगता। एक दिन मैं घर लौट रहा था रास्ते में उस दिन मुझे मृदुला मिली। मृदुला मेरे साथ ही कॉलेज में पढ़ा करती थी लेकिन मृदुला को देखकर मैं थोड़ा हैरान जरूर था कि मृदुला कानपुर में क्या कर रही है। मृदुला से जब मैं मिला तो मैंने मृदुला से पूछा तुम कानपुर में क्या कर रही हो?

मृदुला ने मुझे बताया उसकी फैमिली अब कानपुर में ही शिफ्ट हो चुकी है वह अब कानपुर में रहते हैं। मैंने मृदुला से कहा यह अजीब इत्तेफाक है कि तुम से मेरी मुलाकात हो गई मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि तुम से मेरी मुलाकात हो जाएगी। मृदुला से मिलकर उस दिन मुझे बहुत अच्छा लगा और हम लोगों ने अपने कॉलेज के दिनों को याद किया। मैं मृदुला के साथ उस दिन काफी देर तक बैठा रहा और उसके बाद मैं अपने घर लौट आया था। मैंने मृदुला का नंबर ले लिया। जब मैंने मृदुला का नंबर लिया तो उससे मेरी बात काफी दिनों तक हो नहीं पाई थी लेकिन एक दिन मृदुला ने मुझे फोन किया और उसने मुझसे मिलने की बात कही तो मैं भी उससे मिलने के लिए चला गया। हम लोग एक दूसरे को मिलते तो हमें काफी अच्छा लगता।

जब भी मैं मृदुला से मुलाकात करता तो मैं काफी खुश रहता  और मुझे बहुत ही अच्छा लगता। मृदुला से मेरी दोस्ती पहले से ही थी लेकिन हम दोनों एक दूसरे के काफी करीब आते जा रहे थे और यह दोस्ती प्यार में तब्दील होती जा रही थी। मैंने मृदुला के बारे में कभी भी ऐसा कुछ सोचा नहीं था लेकिन अब हम प्यार करने लगे थे। हम दोनों एक दूसरे के साथ जब भी होते तो हमें बहुत ही अच्छा लगता। हम दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत ही अच्छा लगने लगा था और मैं काफी ज्यादा खुश था जिस तरीके से हमारा रिलेशन चल रहा था। मृदुला मुझसे प्यार करती हैं एक दिन मृदुला और मैं मूवी देखने के लिए साथ में गए। जब उस दिन हम दोनों ने मूवी देखी तो मैं काफी खुश था और मैंने मृदुला से कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है जिस तरीके से मैंने आज तुम्हारे साथ समय बिताया। मृदुला मुझे कहने लगी मुझे भी काफी अच्छा लग रहा है। उस दिन हम लोग घर लौट आए थे।

उस दिन के बाद हम दोनों जब भी एक दूसरे को मिलते तो अक्सर हम लोग मूवी देखने के लिए चले जाया करते थे क्योंकि मृदुला को मूवी देखने का बड़ा शौक था इस वजह से हम लोग मूवी देखने के लिए जाते। हम लोगों को बहुत अच्छा लगता और हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिता कर बड़े खुश होते। हम दोनों एक दूसरे के साथ प्यार के बंधन में बध चुके हैं उससे हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता और हम दोनों साथ मे बहुत ही अच्छा समय बिताते। मृदुला ने अब अपना ब्यूटी पार्लर खोल लिया था। मृदुला से मेरा मिलना हो नहीं पा रहा था। जब हम दोनों की मुलाकात होती तो हम दोनों को अच्छा लगता। काफी दिन हो गए थे हम दोनों एक दूसरे को मिले भी नहीं थे। मैंने मृदुला से मिलने का फैसला किया तो उसने मुझसे कहा काफी दिन हो गए हैं हम लोगों की मुलाकात भी नहीं हुई है।

हम लोग जब एक दूसरे को मिले तो हमें बहुत ही अच्छा लगा। मृदुला और मैं एक दूसरे को कम ही मिला करते थे लेकिन जब भी हम दोनों एक दूसरे से मिलते तो हमें बहुत ही अच्छा लगता और हम बहुत ही ज्यादा खुश होते। जिस तरीके से हम दोनों का रिलेशन चल रहा है उससे मुझे बड़ा ही अच्छा लगता और मृदुला को भी बहुत ज्यादा अच्छा लगता। एक दिन मैं और मृदुला साथ में ही थे उस दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी। मृदुला और मैं एक दूसरे के साथ बैठकर बातें कर रहे थे। मैंने उस कॉफी का ऑर्डर किया तो हम दोनों साथ में बैठकर कॉफी पी रहे थे और हमें काफी अच्छा लग रहा था। हम दोनों साथ में थे और एक दूसरे का साथ हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता। उस दिन समय का पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों को साथ में बैठे हुए 2 घंटे से ऊपर हो चुके थे। कॉफी पीने के बाद जब मैंने मृदुला से कहा आज तुम मेरे साथ चलो तो मृदुला भी मेरे साथ आने के लिए तैयार हो चुकी थी और वह मेरे साथ आई तो मुझे काफी अच्छा लगा। हम दोनों साथ में बैठकर बातें कर रहे थे लेकिन मृदुला को अच्छे से मालूम था कि ब हम दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनने वाले थे। यह पहली बार था जब मैंने मृदुला के होंठों को चूमा तो उसने मुझे कुछ नहीं कहा।

अब हम दोनों गर्म होते चले गए और जैसे ही मैंने मृदुला के होंठो को चूम कर उसकी गर्मी को बढाया तो वह बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। मैंने अपने लंड को मृदुला के सामने किया तो मृदुला ने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया उसने मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया। वह मेरे लंड को बडे अच्छे तरीके से हिलाए जा रही थी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जब वह ऐसा कर रही थी। मैंने मृदुला से कहा मुझे बड़ा मजा आ रहा है मैं मृदुला के होठों को किस कर रहा था और मृदुला मेरे लंड को सकिंग करने के लिए तैयार थी। मृदुला ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया वहां उसे अच्छे से चूसने लगी उसे बड़ा मजा आने लगा था जब वह मेरे लंड की गर्मी को बढ़ाए जा रही थी। मृदुला ने मेरी गर्मी को बढा कर रख दिया था। लह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है मैंने मृदुला की चूत में लंड को लगा दिया और मृदुला की चूत से निकलता हुआ पानी और भी ज्यादा बढने लगा था। मृदुला मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जाएगा। मृदुला की चूत मे लंड नहीं जा रहा था इसलिए वह मेरी गर्मी को बढा रही थी। मेरी गर्मी काफी ज्यादा बढ गई थी। हम दोनो पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे। मैंने मृदुला की चूत मे लंड को घुसा दिया था मृदुला की चूत में मेरा लंड जा चुका था वह बहुत जोर से चिल्लाने लगी। मृदुला की चूत के अंदर बाहर मै अपने लंड को किए जा रहा था।

मैंने मृदुला की योनि के अंदर से पानी निकल दिया था। मेरे अंदर की गर्मी और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी मुझे अच्छा लगने लगा था मैं उसका साथ दे रहा था। मैं मृदुला के चूत के अंदर अपने लंड को किए जा रहा था और उसकी योनि के अंदर काफी देर तक लंड को किया जिससे कि मेरा वीर्य मृदुला की चूत मे ही गिर गया। मृदुला की योनि में मेरा वीर्य गिर चुका था। मृदुला मेरे साथ दोबारा सेक्स संबंध बनाना चाहती थी उसने मेरे साथ दोबारा से सेक्स संबंध बनाने के बारे मे सोच लिया था। उसने मेरे लंड को चूसकर दोबारा से खड़ा कर दिया। मैंने मृदुला को कहा तुम मेरे लंड के ऊपर से आ जाओ। मृदुला मेरे लंड के ऊपर से बैठ गई। जब वह मेरे लंड के ऊपर से बैठी तो उसकी चूत में मेरा लंड घुस चुका था मैं उसको बड़ी तेज गति से चोदे जा रहा था। मैं मृदुला को बहुत तेजी से धक्के मार रहा था वह पूरी तरीके से गरम होती जा रही थी। उसने मुझे कहा मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है तुम मुझे बस धक्के मारते रहो। मैंने मृदुला को बहुत देर तक ऐसे ही धक्के दिए। जब मैं और मृदुला एक दूसरे की गर्मी को झेल नहीं पा रहे थे तो मृदुला ने अपनी चूतड़ों को मेरे लंड के ऊपर और भी तेजी से करना शुरू कर दिया।मैं मृदुला के स्तनो को चूस रहा था उसे मैं तेजी से धक्के मारे जा रहा था। जब मेरे वीर्य की पिचकारी बाहर आ गई तो मृदुला खुश हो गई थी। मैंने और मृदुला ने एक दूसरे के साथ में जमकर सेक्स का मजा लिया और मृदुला बड़ी खुश थी जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे का साथ दिया था। हम दोनों को ही बडा मजा आया जब मैंने और मृदुला ने एक दूसरे के साथ में सेक्स किया।

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