लंड के जलवे हजार

   10/11/2019

Antarvasna, hindi sex kahani:

Lund ke jalwe hazar: पापा और मम्मी दोनों ही नौकरी पेशा है और मेरा कॉलेज भी अब पूरा हो चुका था मेरे कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद पापा मम्मी चाहते थे कि मैं जॉब के लिए ट्राई करूं और फिर मैंने भी एक कंपनी में जॉब कर ली। जब मेरी कंपनी में जॉब लग गई तो मैं अपने काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहने लगा। मैं ज्यादातर घर से बाहर ही रहा करता था पापा और मम्मी से भी मेरी मुलाकात काफी कम ही हुआ करती थी लेकिन जब भी उन लोगों से मेरी मुलाकात होती तो हम लोग साथ में काफी अच्छा समय बिताया करते। पापा की रिटायरमेंट भी नजदीक आने वाली थी और जब पापा अपनी जॉब से रिटायर हो गए तो उसके बाद पापा ज्यादातर समय घर पर ही रहने लगे थे। एक दिन मैं भी घर पर ही था उस दिन पापा ने मुझे कहा कि सूरज बेटा तुम्हें शादी के बारे में सोच लेना चाहिए मैंने पापा से कहा कि हां पापा मैं शादी के बारे में तो सोच लूंगा लेकिन उसके लिए मुझे कोई लड़की भी तो पसन्द आनी चाहिए।

पापा ने मुझसे कहा कि बेटा मेरे एक दोस्त की बेटी है उसका नाम अंकिता है अगर तुम एक बार अंकिता से मिल लो तो तुम अंकिता को समझ पाओगे। मैंने पापा से कहा कि हां पापा मैं अंकिता से जरूर मिलना चाहूंगा और पापा उस दिन मुझे अपने साथ अपने दोस्त के घर लेकर गए। मैं पहली बार उनके घर गया था और मैं उन्हें जानता भी नहीं था लेकिन उस दिन जब पहली बार मैं उनके घर पर गया तो मुझे काफी अच्छा लगा। अंकिता हम लोगों के लिए चाय बनाकर लेकर आई मैंने अंकिता की तरफ देखा तो उसके बाल काफी ज्यादा लंबे और घने थे अंकिता भी दिखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर थी। मैंने जब पहली बार अंकिता को देखा तो मुझे वह बहुत अच्छी लगी और मैं चाहता था कि मैं अंकिता से बात करूं। पापा और उनके दोस्त शायद पहले से ही यह चाहते थे की मेरी और अंकिता की शादी हो जाये। उसके बाद मैं अंकिता को अक्सर मिलने लगा अंकिता और मैं एक दूसरे को मिलने लगे थे हम दोनों एक दूसरे को जानना चाहते थे। मैंने अंकिता को जानने की कोशिश की तो मुझे अंकिता के बारे में जानकर काफी अच्छा लगा जब भी मैं अंकित से बातें किया करता तो मुझे अच्छा लगता। अंकित और मैं एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा समय बिताते और फोन पर भी हम लोग एक दूसरे से बातें किया करते थे।

जब भी हम लोग एक दूसरे से फोन पर बातें करते तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगता और हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा खुश रहते। समय के साथ साथ अब मैं अंकिता को प्यार भी करने लगा था और अंकिता भी मुझे प्यार करने लगी थी। हम दोनों का प्यार अब काफी ज्यादा बढ़ने लगा था हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे और हमारे परिवार वाले भी यही चाहते थे। पापा चाहते थे कि मेरी सगाई अंकिता के साथ हो जाएं उन लोगों ने मेरी और अंकिता की सगाई करवाने का फैसला कर लिया था। जब हम लोगों की सगाई हुई तो हम दोनों काफी ज्यादा खुश थे अंकिता से मेरी सगाई हो चुकी थी और अंकिता मेरी मंगेतर बन चुकी थी उसके बाद से हमारी मुलाकातों का सिलसिला काफी ज्यादा बढ़ने लगा था और अंकिता से मैं अक्सर फोन पर बातें किया करता। अब वह समय भी आ गया जब मेरी शादी नजदीक आने वाली थी हम दोनों की शादी होने वाली थी और हमारे परिवार वाले हम दोनों की शादी से काफी ज्यादा खुश थे और जल्द ही हम दोनों की शादी हो गई। जब हम दोनों की शादी हो गई तो अंकिता मेरी पत्नी बन चुकी थी और अंकिता के साथ मैं काफी ज्यादा खुश था लेकिन शादी के बाद मैं अंकिता को ज्यादा समय नहीं दे पा रहा था।

एक दिन अंकिता ने मुझसे कहा कि सूरज आजकल आप काफी ज्यादा बिजी होने लगे हैं। मैंने अंकिता को कहा कि हां मुझे मालूम है कि मैं आजकल कुछ ज्यादा ही बिजी होने लगा हूं अंकिता मुझे कहने लगी की सूरज मैं चाहती हूं कि कुछ दिनों के लिए हम लोग कहीं घूमने के लिए जाएं। मैं अंकिता की बात को भला कैसे टाल सकता था, अंकिता की बात मैंने मान ली और हम लोगों ने अब शिमला जाने का प्लान बना लिया। शिमला में ही मेरे पुराने दोस्त रहते हैं जिन्होंने अपना बिजनेस शुरू किया है और वह अब शिमला में एक रिजॉर्ट चलाते हैं मैंने जब उन्हें फोन किया तो उन्होंने मुझे कहा कि तुम शिमला आ जाओ और मैं अंकिता को लेकर शिमला चला गया। मैं और अंकिता काफी ज्यादा खुश थे मैं चाहता था कि अंकिता को हमेशा ही अच्छा लगे क्योंकि जब भी मैं अंकिता के साथ होता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और अंकिता की खुशी के लिए ही मैं उसे लेकर शिमला गया था। हम दोनों ही बहुत ज्यादा खुश थे और हम दोनों शिमला में खूब इंजॉय कर रहे थे शिमला में उस वक्त काफी ज्यादा ठंड थी इसलिए वहां अंकिता की तबीयत भी खराब हो गई। मैंने अंकिता से कहा कि क्यों ना हम लोग वापस दिल्ली चलें लेकिन अंकिता चाहती थी कि कुछ दिन और हम शिमला में रुके। हम लोग कुछ दिन शिमला में रहे तो हम दोनों को वहां पर बहुत अच्छा लगा।

जब हम लोग शिमला में थे तो हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया और उसके बाद हम लोग दिल्ली लौट आए थे। हम लोग दिल्ली लौट आए और दिल्ली लौटने के बाद मैं ज्यादा से ज्यादा समय अंकिता के साथ बिताने के बारे में सोचता और मुझे काफी अच्छा भी लगता जब मैं अंकिता के साथ समय बिताया करता। मुझे जब भी अंकिता के साथ शारीरिक सुख का मजा लेना होता तो अंकिता हमेशा ही मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार रहती थी। अंकिता और मेरी शादी को 6 महीने हो चुके हैं लेकिन अभी भी अंकिता का बदन बिल्कुल वैसा ही है जैसे कि पहला था। वह आज भी उतनी ही मस्त है जितना कि पहले थी। मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब भी मैं अंकिता के साथ सेक्स करने के बारे में सोचता और अंकिता भी बहुत ही खुश रहती क्योंकि उसे भी मेरे लंड को लेने मे बहुत ज्यादा मजा आता था। मैं अंकिता के साथ बहुत ही ज्यादा खुश रहता जब भी मे अंकिता की चूत मारता। एक दिन मैंने अंकिता से कहा आज मुझे सेक्स करना है अंकिता तुरंत तैयार हो गई। वह मुझे कहने लगी आज मेरा भी मन हो रहा है। अंकिता ने अपनी बड़ी गांड मेरे लंड पर रखी जब अंकिता ने ऐसा किया तो मेरा लंड हिलोरे मारने लगा था। मेरा लंड तन कर खड़ा होने लगा था और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। जब भी मैं और अंकिता एक दूसरे के साथ शारीरिक सुख का मजा लिया करते और  हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के बारे में सोचते तो हम दोनों को ही बहुत मजा आता। अंकिता ने जब मेरे लंड को बाहर निकालकर उसे अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा। अंकिता ने मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक उतार लिया था। जब उसने ऐसा किया तो मुझे और भी ज्यादा मजा आने लगा मैंने अंकिता से कहा मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। अंकिता मुझे कहने लगी मुझे भी तो बहुत ज्यादा आनंद आ रहा है अब हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगे थे और हम दोनों की उत्तेजना अब इस कदर बढ़ने लगी थी कि हम दोनों ही बिल्कुल भी रह नहीं पाए। हम दोनों ही सेक्स को लेकर बहुत ज्यादा तड़पने लगे थे। मैंने अंकिता के बदन से सारे कपड़े उतारकर उसके स्तनों को चूसना शुरू किया।

जब मैंने ऐसा करना शुरू किया तो मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और मेरे अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी। अंकिता के अंदर से निकलती हुई गर्मी भी अब इतनी अधिक हो चुकी थी कि हम दोनों ही एक दूसरे के लिए बहुत ज्यादा तड़पने लगे थे। अब हम दोनों एक दूसरे के लिए इतना तड़पने लगे थे कि मैंने अंकिता के स्तनों को कुछ देर तक चूसा और फिर उसके स्तनों के बीच में लंड को रगडना शुरू किया। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही मेरे स्तनों के बीच लंड को रगडते रहो। अंकिता ने जब मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और मेरे लंड को चूसने लगी तो मुझे मजा आने लगा। अंकिता ने जब मेरे लंड से पानी को निकाल दिया तो मुझे बहुत ज्यादा मजा आया। अंकिता ने अब मेरे लंड से पानी को बाहर निकाल दिया था और मेरे अंदर की गर्मी को उसने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था। मैंने अंकिता की चूत पर अपनी जीभ को लगाया।

अंकिता मुझे कहने लगी अब तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दो मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं। मैंने अंकिता को कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा है और यह कहकर जब मैंने अंकिता की योनि के अंदर धीरे-धीरे अपने लंड को प्रवेश करवाना शुरू किया तो अंकिता जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। तुम ऐसे ही मेरी चूत को गर्म करते रहो। मैं अंकिता को कहा तुमने मेरे अंदर की पूरी गर्मी को बढा कर रख दिया है। अंकिता मुझे कहने लगी सूरज तुम मुझे और भी तेजी से चोदो मेरा बदन बहुत ज्यादा गर्म होने लगा है। मुझे भी अब लगने लगा था कि अंकिता का बदन बहुत ज्यादा गर्म होने लगा है मेरे अंदर की गर्मी भी अब बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी इसलिए मैंने अपने माल को अंकिता की चूत में गिराकर अंकिता और अपनी गर्मी को शांत कर दिया। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो मेरे लंड पर मेरा वीर्य लगा हुआ था जिसे अंकिता ने चूस लिया और कहा आज तो तुमने मेरी चूत के अंदर तहलका ही मजा दिया था। मैने अंकिता से कहा तुम्हारी चूत मारने में बहुत ज्यादा मजा आता है।

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