कविता ने लिया मेरा मोटा लंड

   24/03/2020

Antarvasna, hindi sex kahani:

Kavita ne liya mera mota lund मेरी जॉब लगे हुए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ था लेकिन मैं अपनी नौकरी से काफी खुश था और मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था। मैं सुबह अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था उस वक्त 8:00 बज रहे थे। मां ने मुझे कहा कि रक्षित बेटा आज क्या तुम ऑफिस से जल्दी घर आ जाओगे तो मैंने मां को कहा कि मां मैं कोशिश करूंगा लेकिन मैं आपको कह नहीं सकता कि मैं घर जल्दी आ जाऊंगा। मैंने मां को पूछा की मां लेकिन क्या कोई जरूरी काम है जो आप मुझे घर जल्दी आने के लिए कह रही हो तो मां कहने लगी कि बेटा तुम्हारी बहन को देखने के लिए आज लड़के वाले आ रहे हैं। मेरी बहन की शादी की तैयारियां शुरू होने लगी थी और उसके लिए अब रिश्ते भी आने लगे थे इसलिए मैंने भी मां से कहा कि ठीक है मां मैं कोशिश करूंगा कि मैं घर जल्दी आ जाऊं।

मैं उस दिन अपने ऑफिस से जल्दी घर आ गया था, मैं जब घर पहुंचा तो उस दिन लड़के वाले मेरी बहन को देखने के लिए आये तो उन्होंने मेरी बहन को पसंद कर लिया और कुछ ही समय बाद उसकी सगाई हो गई। मेरी दीदी की सगाई हो जाने के बाद मैं इस बात से बड़ा खुश था कि दीदी की सगाई हो चुकी है और जल्द ही दीदी की शादी भी होने वाली थी। समय का पता ही नहीं चला कि कब दीदी की शादी हो गई। जब दीदी की शादी हो गई तो उसके बाद वह अपने ससुराल चली गई दीदी हम लोगों से मिलने के लिए तो बहुत कम ही घर आया करती थी। जब वह आती तो हम लोगों को बहुत अच्छा लगता है और हम लोग साथ में काफी अच्छा समय बिताया करते है। सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था मेरे जीवन में सब कुछ ठीक हो चुका था मेरी जॉब से मैं बहुत ज्यादा खुश था क्योंकि मेरी सैलरी भी कुछ समय पहले ही बड़ी थी और सब कुछ मेरी जिंदगी में ठीक चल रहा था।

एक दिन मैं और कविता साथ में ही बैठे हुए थे कविता मेरे साथ ऑफिस में ही जॉब करती है और हम दोनों के बीच पिछले कुछ महीनों से रिलेशन चल रहा था। हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो कविता मुझे कहने लगी कि रक्षित तुम्हें मेरे घर वालों से बातें कर लेनी चाहिए। मैंने कविता को कहा कि मुझे थोड़ा समय चाहिए होगा लेकिन कविता मेरी बात कहां मानने वाली थी वह मुझे कहने लगी कि तुम जल्दी से पापा और मम्मी से बात कर लो क्योंकि वह लोग मेरे लिए लड़का देखने लगे हैं और मैं ज्यादा समय तक कोई बहाना नहीं बना सकती हूं। मैंने कविता को कहा कि ठीक है मैं इस बारे में अपनी फैमिली से बात कर लूंगा उसके बाद मैं तुम्हें बताता हूं। कविता कहने लगी कि हां तुम अपनी फैमिली से बात कर लो उसके बाद ही मैं तुमसे बात करूंगी। कविता अपने घर पर एकलौती है और मैंने भी अब सोच लिया था कि मैं अपने घर पर इस बारे में बात करूंगा।

मैंने अपनी फैमिली को इस बारे में सब कुछ बता दिया वह लोग भी इस बात से खुश थे और उन्हें इससे कोई एतराज नहीं था। जब पापा और मम्मी कविता के मम्मी पापा से मिले तो उन लोगों ने भी हम लोगों के रिश्ते को स्वीकार कर लिया। मैं इस बात से बड़ा खुश था कि कविता और मैं अब एक होने वाले हैं क्योंकि मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि कविता और मैं एक हो जाएंगे और हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा टाइम बिताने की कोशिश करने लगे। एक रात हम दोनों डिनर पर गए उस दिन हम दोनों साथ में थे मुझे कविता के साथ में काफी अच्छा लग रहा था और उसे भी मेरा साथ बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैं कविता से बातें कर रहा था तो कविता मुझे कहने लगी कि जब हम लोगों की शादी हो जाएगी तो उसके बाद हम लोग कुछ दिनों के लिए कहीं घूमने के लिए जाएंगे। मैंने कविता को कहा कि हां हम लोग घूमने के लिए जरूर जाएंगे। कविता के अपने कुछ सपने थे जिन्हें की मैं उन्हें पूरा करना चाहता था और मैंने हमेशा ही कविता को वह खुशी देने की कोशिश की जो उसे चाहिए थी।

मैं कविता के साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करता था ताकि उसे कभी भी यह ना लगे कि मैं उसे किसी प्रकार की कोई कमी महसूस होने दे रहा हूं। अभी भी हम दोनों की शादी नहीं हुई थी लेकिन जल्दी हम दोनों की शादी की बात शुरू हो चुकी थी और अब हम दोनों शादी करने वाले थे। मैंने कविता को कहा कि जब हमारी शादी हो जाएगी उसके बाद तुम मेरी पत्नी बन जाओगी। मैं इस बात से बड़ा ही खुश था जल्द ही हम दोनों की शादी की सारी तैयारियां शुरू हो गई। हम दोनों की शादी हो चुकी थी और हम दोनों की शादी हो जाने के बाद हम दोनों पति-पत्नी बन चुके थे मैं बड़ा खुश था कि कविता मेरी पत्नी बन चुकी है। कविता ने ऑफिस से रिजाइन दे दिया था। हालांकि मैंने उसे मना किया था कि तुम जॉब कर लो लेकिन वह मेरी बात नहीं मानी और कहने लगी कि नहीं रक्षित मैं घर पर ही रहना चाहती हूं। कविता ने ऑफिस से रिजाइन दे दिया और उसके बाद वह ज्यादातर घर पर ही रहा करती थी मैं भी इस बात से बड़ा खुश था कि कविता पापा मम्मी की देखभाल कर पा रही है। पापा भी थोड़े समय बाद रिटायर होने वाले थे जब पापा रिटायर होने वाले थे तो उस वक्त उन्होंने मुझे कहा कि रक्षित बेटा मैं चाहता हूं कि मैं एक छोटी सी पार्टी अरेंज करूं।

मैंने पापा से कहा कि पापा आप उसकी चिंता बिल्कुल भी ना करें मैं आपके लिए पार्टी अरेंज करवा देता हूं। मैंने पापा के रिटायरमेंट की पार्टी अपने दोस्त से कहकर अरेंज करवा दी और पापा बड़े ही खुश थे। पापा रिटायर हो चुके थे और वह ज्यादातर समय घर पर ही रहा करते। मेरे और कविता के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था। एक दिन मैं और कविता साथ में बैठे हुए थे। उस दिन मै कविता से बात कर रहा था कविता उस दिन ज्यादा ही रोमांटिक नजर आ रही थी। वह मेरे साथ चिपकने की कोशिश करने लगी मैंने भी कविता को अपनी बाहों में ले लिया और मेरा लंड खड़ा होने लगा। मैंने कविता के होंठो से खून निकाल दिया था वह तड़पने लगी थी वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेने के लिए बहुत बेताब थी।

मैंने अपने मोटे लंड को कविता की योनि पर सटा दिया था कविता ने मुझे कहा मुझे आपके मोटे लंड को चूसने है। जब कविता ने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो वह मेरे लंड को अच्छे से सकिंग करने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरे मोटे लंड को चूस कर मेरी गर्मी को बढ़ा रही थी। मैं बहुत ज्यादा गरम हो रहा था मेरा लंड पानी बाहर की तरफ को छोड़ने लगा था। थोड़ी देर तक कविता ने मेरे लंड को चूसा जब मुझे लगने लगा मुझे कविता को चोदना चाहिए। मैंने कविता के दोनों पैरों को चौड़ा किया कविता की योनि से पानी निकाल रहा था। मैंने जब अपने लंड को कविता की चूत पर लगाया तो मुझे गर्मी का एहसास होने लगा था और मेरा लंड पूरी तरीके से चिपचिपा हो चुका था। मैं धीरे-धीरे कविता की योनि के अंदर अपने लंड को घुसाने लगा था। मेरा मोटा लंड कविता की योनि को चीरता हुआ अंदर की तरफ जाने लगा था। कविता मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है अब हम दोनों को बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से मैं और कविता एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे। हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे कविता की मादक आवाज मेरी गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ाती जा रही थी। मैं पूरी तरीके से गर्म हो चुका था कविता और मैं एक दूसरे का साथ बड़े ही अच्छे से दे रहे थे।

जब मैंने कविता की चूत के अंदर बाहर आपने लंड को तेजी से करना शुरू किया तो कविता मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आ रहा है आप ऐसे ही मुझे बस धक्के देते जाइए। मैं कविता को बडी तेजी से धक्के दिए जा रहा था। कविता मेरा साथ अच्छे से दे रही थी कविता ने मुझे कहा मुझे अच्छा लग रहा है। मुझे बड़ा ही मजा आने लगा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे ले रहे थे। हम दोनो एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी झेल ना पाए मैंने कविता की चूत मैं अपने वीर्य को गिरा दिया था। कविता की योनि मे मेरा वीर्य जा चुका था उसके बाद मैंने कविता को घोड़ी बनाकर चोदा। कविता को चोदने में मुझे बड़ा मजा आया कविता ने मेरा साथ अच्छे से दिया। मैंने जिस तरीके से कविता को चोदा उससे मैं काफी खुश था और कविता की बड़ी खुश थी।

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