चुदी भी और गांड भी मरवाई

   22/05/2019 

Antarvasna, desi kahani:

Chudi bhi aur gaand bhi marwayi मां बहुत ही खुश नजर आ रही थी मैंने मां से कहा मां आप आज बहुत खुश नजर आ रही हैं तो वह मुझे कहने लगे कि हां बेटा आज मैं बहुत खुश हूं तुम्हारी दीदी जो घर आ रही है। मैंने मां से कहा अच्छा तो दीदी घर आ रही है लेकिन आपने तो मुझे इस बारे में कुछ नहीं बताया मां कहने लगी बेटा मुझे लगा मैं तुम्हें सरप्राइज दूंगी लेकिन मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया तो मैंने सोचा तुमसे इस बारे में बात कर लेती हूं। मेरी दीदी की शादी को अभी 3 महीने ही हुए हैं और मां बहुत ही खुश थी हम लोगों ने खाने की तैयारी करनी शुरू कर दी थी मैंने मां से कहा क्या जीजाजी भी आने वाले हैं। मां कहने लगी हां तुम्हारे जीजा जी भी तो आएंगे तुम्हारी दीदी को छोड़ने के लिए आएंगे उसे छोड़ने के लिए तो दामाद जी को आना ही पड़ेगा।

हम लोग रसोई में खाने की तैयारी कर रहे थे मां चाहती थी कि हम लोग अच्छे से सारी तैयारी कर ले ताकि किसी भी प्रकार की कोई कमी ना रह जाए। मैंने मां से कहा मां पापा कब तक ऑफिस से आएंगे तो मां कहने लगी तुम्हारे पापा तो शाम के वक्त ही ऑफिस से आएंगे मैंने मां से कहा लेकिन मां तब तक तो दीदी और जीजाजी आ भी जाएंगे। मां कहने लगी कोई बात नहीं बेटा तुम्हारे पिताजी आराम से आ जाएंगे हम लोग खाने की तैयारी कर लेते हैं। हम लोग अब खाना बना रहे थे लेकिन उसी बीच मां ने मुझे कहा बेटा नमक तो है ही नहीं तुम जाकर के नमक ले आओ मैंने मां से कहा मां अभी ले आती हूं। मैं अपने रूम में गई और मैंने अपने पर्स से कुछ पैसे निकाल लिए और मैं नमक लेने के लिए चली गई मैं जब नमक लेने के लिए गई तो उस वक्त हमारे घर के पास जो दुकान थी वह बंद थी इसलिए मुझे थोड़ा आगे जाना पड़ा। मैं जब नमक लेकर लौट रही थी तो मुझे मेरी सहेली दिखाई दी वह मुझे कहने लगी आंचल तुम इस वक्त कहां जा रही हो तो मैंने उसे बताया कि मैं नमक लेने के लिए आई हुई थी। मैंने उससे पूछा तुम आजकल क्या कर रही हो तो वह मुझे कहने लगी कि मैं आज कल स्कूल में पढ़ा रही हूं।

मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम आजकल स्कूल में टीचर बनी हुई हो तो वह कहने लगी हां यार घर में अकेले बोर हो रही थी तो सोचा कुछ कर लेती हूं वह स्कूल हमारे ही किसी रिश्तेदार का है तो मम्मी ने उनसे बात कर ली और मैंने भी सोचा की कुछ पैसे कमा लूंगी। मैंने उसे कहा लेकिन आज तो रविवार है तुम कहां जा रही हो वह कहने लगी कि स्कूल में आज हम लोगों की मीटिंग है इसलिए अभी वहां जा रही हूं और थोड़ी देर बाद वहां से लौट आऊंगी। काफी दिनों बाद मेरी मुलाकात काजल से हुई थी तो मैंने उसे कहा मैं तुम्हें फोन करूंगी अभी मुझे घर जाना है तो काजल कहने लगी ठीक है जब तुम फ्री हो जाओ तो मुझे फोन करना। मैं भी घर पर आ चुकी थी मां मुझे कहने लगी कि बेटा तुम कहां रह गई थी तो मैंने मां से कहा मुझे रास्ते में काजल मिल गई थी उसी के साथ मैं बात कर रही थी। मां कहने लगी अच्छा तुम्हें काजल मिल गई थी मुझे भी कुछ दिनों पहले काजल मिली थी वह तुम्हारे बारे में पूछ रही रही थी। मैंने मां से कहा मां तुम्हें अब कितना समय लगेगा तो मां कहने लगी कि बेटा मुझे थोड़ा समय और लग जाएगा तुम्हें क्या कोई काम था मैंने मां से कहा हां मां मैं सोच रही थी कि मैं अपना सूट ले आती हूं तो मां कहने लगी ठीक है तुम चली जाओ। मैंने एक सूट खरीदा था और उसकी फिटिंग करवाने के लिए मैंने दुकानदार को ही दे दिया था मैं सोच रही थी कि आज वह नया सूट ही पहन लूं। मैंने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और मैं वहां से दुकान में चली गई मैं जब दुकान में गई तो मैंने दुकान वाले भैया से कहा भैया कल मैंने आपको सूट फिटिंग करने के लिए दिया था। वह कहने लगे कि हां मेम साहब आपका सूट हो चुका है  उन्होंने वह सूट मुझे दिया और कहा कि यह लीजिये मैडम। मैं वहां से अब घर चली आई और मैंने मां से कहा मां खाना बन चुका है या आपकी मदद करनी है मां कहने लगी नहीं बेटा तुम रहने दो मैंने अब खाना बना ही दिया है बस थोड़ी देर बाद खाना बन जाएगा।

मैंने वह सूट पहन लिया और दीदी और जीजाजी भी कुछ देर बाद आने वाले थे मैंने मां से कहा मां दीदी लोग कितने बजे तक आ जाएंगे। मां कहने लगी लगता है वह आने वाले होंगे अभी कुछ देर पहले ही उसका मुझे फोन आया था तो वह कह रही थी कि बस थोड़ी देर बाद हम लोग आ रहे हैं। कुछ देर बाद घर की डोर बेल बजी जब मैंने दरवाजा खोला तो सामने  दीदी खड़ी थी। दीदी के साथ जीजाजी भी थे और वह लोग अब अंदर आ गए जब वह अंदर आए तो मैंने दीदी और जीजाजी को पानी दिया दीदी मुझे कहने लगी कि आंचल तुम कैसी हो। मैंने दीदी से कहा दीदी मैं तो ठीक हूं आप बताइए आपका ध्यान जीजाजी रखते तो हैं ना दीदी कहने लगी हां तुम्हारे जीजाजी मेरा बहुत ध्यान रखते हैं। हम लोग आपस में बात कर रहे थे तो मां भी हमारे साथ आ गई और वह हमारे साथ बैठ कर बात करने लगी घर में काफी समय बाद इतना हंसी का माहौल बना था। जीजा जी के साथ बात करना अच्छा लग रहा था कुछ देर बाद पापा भी आ गए और हम लोगों ने दोपहर का खाना साथ में ही किया।

दोपहर का खाना खाने के बाद में अपने रूम में आराम करने लगी मां और पापा भी अपने कमरे में सोए हुए थे लेकिन दीदी और जीजाजी जिस कमरे में सोए थे उस कमरे से कुछ ज्यादा ही चीखने की आवाज निकल रही थी। मैं जब खिड़की से देखने लगी तो मैंने देखा जीजा जी ने दीदी को घोड़ी बना रखा है और वह उनकी गांड के मजे ले रहे हैं। मैं यह सब देखकर उत्तेजित होने लगी और मैं सोचने लगी कि काश जीजा जी मेरे साथ भी ऐसा कुछ कर पाते इसीलिए तो मैं उन पर लाइन देने लगी थी क्योंकि वहां जिस प्रकार से दीदी को चोद रहे थे मैं बिल्कुल भी रह ना सकी। मैंने जीजाजी को लाइन मारनी शुरू कर दी आखिरकार में अपने मकसद में कामयाब हो गई जीजाजी को मैंने अपने कमरे में बुला लिया रात को सब लोग सो चुके थे। मैं और जीजाजी ही कमरे में अकेले थे हम दोनों एक दूसरे के साथ बड़े ही अच्छे तरीके से किस कर रहे थे। जीजा जी मुझे कहने लगे साली साहिबा तुम तो बड़ी लाजवाब हो मैंने उन्हे कहा जीजा जी जब से मैंने आपके देखा तब से मै कहां रह पा रही हूं। वह मुझे कहने लगे अच्छा तो तुमने सब देख लिया था। मैंने उन्हें कहा लगता है आप दीदी को उठा उठा कर चोदते है तभी दीदी का पिछवाड़ा बाहर आ गया। वह मुझे कहने लगे जब मैं तुम्हारी दीदी को नहीं चोदता तो मुझे मजा ही नहीं आता और ऐसा लगता है कि जैसे कुछ अधूरा रह गया हो। मैं और जीजाजी आपस मे खुलकर बातें करने लगे थे मैंने जीजा जी के लंड को उनके पजामे से बाहर निकाला और जब अपने मुंह में समाया तो मुझे अच्छा लग रहा था। मैं जीजा जी के लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर करने पर लगी हुई थी मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। जब जीजा जी का लंड तन कर खड़ा हो गया तो मैंने जीजा जी से कहा आप मेरी चूत का भोसड़ा बना दीजिए। वह कहने लगे रुक जाओ साली साहिबा कहां की देर हो रही है आज तुम्हें चोदकर में अपना बना लूंगा। जीजा जी और मेरे बीच में नाजायज़ संबंध बनने जा रहे थे लेकिन मुझे इस बात की कोई भी परेशानी नहीं थी जीजा जी ने मेरे दोनों पैरों को खोला और मेरी चूत के बीच जब जीभ को लगाया और अपनी जीभ को अंदर बाहर करने लगे तो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।

मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ को निकल रहा था जब मेरी चूत पूरी तरीके से गिला हो गई तो मैंने जीजा जी से कहा आप अपने लंड को अंदर घुसा दीजिए। वह कहने लगे थोड़ी देर रुक जाओ बस अंदर घुसा ही देता हूं अब मैंने अपने पैरों को चौड़ा किया तो जीजा जी ने भी अपने लंड को मेरी चूत के अंदर घुसा दिया। अब जीजा जी का लंड मेरी चूत के अंदर घुस चुका था मैं तेजी से चिल्लाने पर लगी हुई थी मुझे दर्द में एक मीठास महसूस होने लगी जीजा जी मुझे बहुत तेजी से धक्के मारे जा रहे थे। वह मुझे कहते हैं कि तुम अपने पैरों को चौड़ा कर लो मैंने अपने पैरों को चौड़ा कर लिया था वह लगातार मुझे चोदे जा रहे थे और मुझे भी मजा आ रहा था।

काफी देर ऐसा करने के बाद ही जब जीजा जी ने मुझे घोड़ी बनाया तो मेरी योनि से खून बाहर निकाल रहा था मेरी चूत पूरी तरीके से छिलकर बेहाल हो चुकी थी। जीजा जी ने मेरी चूत मे लंड डाल दिया था और लगातार तेज गति से मुझे धक्के मार रहे थे। जब जीजा जी ने अपने लंड पर तेल की मालिश कि और मेरी गांड के अंदर घुसाना शुरु किया तो पहले मेरी गांड के अंदर लंड नही जा रहा था लेकिन जब मेरी गांड के अंदर जीजा जी का लंड प्रवेश हुआ था मैं बहुत ज्यादा चिल्लाने लगी और जीजाजी अपनी पूरी ताकत के साथ मुझे धक्के मारने लगे थे। वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहे थे मेरी गांड के अंदर से भी एक अलग ही आग पैदा हो रही थी जीजाजी ने मेरी  गांड घोड़ा बनाकर अच्छे से मारी। मुझे ऐसा महसूस हो रहा था मेरी गांड से खून निकल रहा था। जीजा जी का लंड तेज गीत से मेरी गांड के अंदर बाहर होता। जीजा जी के वीर्य को मैंने आपने मुंह मे लिया तो वह खुश हो गए और उसके बाद भी कई बार उन्होने मेरी गांड मारी।

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