स्थिती बदली गांड मिली

   21/06/2019

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Sthiti badli gaand mili मैं और मोनिका साथ में बैठे हुए थे मोनिका मुझे कहने लगी कि कमलेश मैं तुम्हारे साथ अब नहीं रह सकती हम दोनों पिछले एक साल से एक दूसरे को जानते हैं लेकिन मोनिका ने जिस प्रकार से मुझे कहा उससे मुझे बहुत बुरा लगा। मोनिका मुझे कहने लगी कि मैं अब तुम्हारे साथ बिल्कुल भी नहीं रह सकती मैंने मोनिका से कहा लेकिन ऐसा क्यों मोनिका मुझे कहने लगी मेरे भी कुछ सपने हैं और कमलेश हम लोग कब तक ऐसे ही जिंदगी जीते रहेंगे। मैंने मोनिका से कहा धीरे धीरे सब कुछ ठीक होता रहेगा तो मोनिका मुझे कहने लगी लेकिन कब तक ठीक होगा तुम और मैं पिछले एक साल से एक दूसरे को जानते हैं लेकिन अभी तक तुम वहीं नौकरी कर रहे हो जहां तुम पहले करते थे क्या कुछ बदला है। मैं मोनिका की किसी भी बात से सहमत नहीं था लेकिन मेरे पास भी शायद किसी बात का जवाब नहीं था मैंने मोनिका से कहा कि मैं बहुत परेशान तो हो ही चुका हूं लेकिन तुम यदि मेरे साथ ऐसा करोगी तो क्या यह उचित रहेगा।

मोनिका मुझे कहने लगी देखो मुझे इन सब बात से कोई लेना देना नहीं है मुझे इतना मालूम है कि अब हम दोनों एक साथ बिल्कुल भी नहीं रह सकते और मैं इस रिश्ते को अब आगे नहीं बढ़ा सकती। मोनिका की यह बात मुझे बहुत ही बुरी लगी और मोनिका मेरे जीवन से जा चुकी थी उससे मेरा कोई भी संपर्क नहीं होता था लेकिन मैं चाहता था कि मोनिका से मैं बात करूं। कई बार मुझे लगता कि मुझे मोनिका से बात करनी चाहिए लेकिन मोनिका से मेरी बात करने की हिम्मत ही नहीं होती थी मैं और मोनिका अब एक दूसरे से अलग हो चुके थे लेकिन मैंने भी ठान लिया था कि मुझे भी कुछ करना है जिससे कि मोनिका मेरे जीवन में दोबारा लौट आए। मैंने एक प्रोजेक्ट पर काम  करना शुरू किया जब मैंने उस प्रोजेक्ट में काम करना शुरू किया तो मेरे बॉस बहुत खुश हुए और वह मुझे कहने लगे कि कमलेश मैं तुम्हारा प्रमोशन करना चाहता हूं। उन्हें इस प्रोजेक्ट से बहुत ही उम्मीदें थी और उन्होंने मेरा प्रमोशन कर दिया मेरी तनख्वाह भी अब बढ़ चुकी थी मेरे हौसले भी बुलंद होने लगे थे क्योंकि मुझे भी लगने लगा था कि मैं और भी कुछ कर सकता हूं।

मैंने एक कंपनी अपनी शुरू कि जिसे कि मैं खुद ही चलाने लगा मैं जॉब भी करता था जॉब के साथ ही अपनी कंपनी भी चला रहा था मेरे पास कई ऐसे प्रोजेक्ट आते रहते थे जिन्हें कि मैं समय पर पूरा कर लिया करता था। धीरे धीरे मेरा काम अच्छा चलने लगा तो मैंने अपनी जॉब से भी इस्तीफा दे दिया मैं अपनी जॉब से इस्तीफा दे चुका था मुझे इस बात की भी खुशी थी कि मैं अब अपना वह मुकाम हासिल कर पा रहा हूं  जिसकी उम्मीद मुझे थी। मुझे उसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी लेकिन अब सब कुछ सामान्य होने लगा था जब यह बात मोनिका को मालूम चली तो मोनिका भी मुझसे अब बात करने के लिए तड़प रही थी और वह मुझसे बात करने के लिए बेताब थी। मोनिका ने मुझे आखिरकार फोन कर ही दिया और जब मोनिका का मुझे फोन आया तो मैंने भी उससे बात की और कहा कि तुमने मुझे फोन कर ही दिया। मोनिका कहने लगी कि देखो कमलेश मुझे भी अपनी लाइफ के बारे में सोचने का अधिकार है मैं भी अपने जीवन के बारे में सोच सकती हूं अब तुम अच्छा कर रहे हो तो मुझे लगने लगा है कि हम लोगों को साथ में रहना चाहिए। मुझे यह महसूस होने लगा कि मोनिका ने मेरा साथ तो उस वक्त नहीं दिया जब मुझे उसकी जरूरत थी परंतु अब जब मेरे जीवन में सब कुछ ठीक हो चुका है तो क्या मोनिका को मेरे साथ रहना चाहिए। मुझे इस बात की खुशी थी कि मोनिका मेरी जिंदगी में वापस लौट आई है लेकिन मेरे दिल और दिमाग में ना जाने कितने ही प्रकार के सवाल थे जिनका कि मेरे पास कोई भी जवाब नहीं था और ना ही मोनिका के पास उन बातों का जवाब था। मैं चाहता था कि कुछ समय तक मैं मोनिका के साथ रहूंगा और हम दोनों ने दोबारा से अपने रिश्ते को शुरू करने का फैसला कर लिया धीरे धीरे सब कुछ पहले जैसा ही होने लगा और सब कुछ बिल्कुल सामान्य हो चुका था। मोनिका का व्यवहार भी मेरे लिए पूरी तरीके से बदल चुका था।

पहले तो हम लोगों के बीच में कभी कबार झगड़े भी हो जाया करते थे लेकिन अब वह झगड़े बिल्कुल भी नहीं होते थे मोनिका ने मुझे कहा कि मैं सोच रही थी कि क्यों ना हम लोग अपने परिवार के साथ इस बारे में बात करें। मैंने मोनिका से कहा देखो मोनिका मुझे अभी थोड़ा समय चाहिए तो मोनिका कहने लगी अब तो सब कुछ ठीक हो चुका है भला तुम्हे अब किस लिए समय चाहिए। मैंने मोनिका से कहा देखो मोनिका मुझे तो समय चाहिए क्योंकि मैं चाहता हूं कि मैं अपने आप को थोड़ा और समझूँ मोनिका ने मुझे कहा कि ठीक है जैसा तुम्हें ठीक लगता है। हम दोनों एक ही साथ में ही थे लेकिन मैं अब शायद पूरी तरीके से बदल चुका था मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि मोनिका के साथ मुझे अब घुटन सी महसूस हो रही थी और हम दोनों के रिश्ते में वह बात बिल्कुल भी नहीं थी। मैं समझ नहीं पा रहा था कि मुझे अब क्या करना चाहिए मेरे पास किसी भी बात का कोई जवाब था ही नहीं और ना ही मोनिका के पास इस बात का जवाब था। मैं अपने रिश्ते को दुविधा में जी रहा था और मैं चाहता था कि मैं मोनिका से साफ तौर पर कह दूं की मैं उससे बिल्कुल भी प्यार नहीं करता। एक दिन मैंने मोनिका से यह बात कह दी कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूं मोनिका को भी इस बात का बुरा लगा उसने मेरी तरफ देखते हुए मुझे कहा क्या कमलेश तुम मुझसे वाकई में प्यार नहीं करते। मैंने उसे कहा मोनिका मुझे लगने लगा है कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता।

मैंने जब भी यह बात मोनिका को कहीं तो मोनिका को थोड़ा अजीब सा महसूस होने लगा था। वह मेरा हाथ पकड़ते हुए मुझे मेरे प्यार का एहसास दिलाने की कोशिश करने लगी लेकिन मेरे दिल में मोनिका के लिए वह प्यार था ही नहीं जो पहले था। मैंने मोनिका का हाथ पकड़ लिया मोनिका मुझसे कहने लगी मुझे तुम्हारी बाहों में आना है। मोनिका मेरी बाहों में आने के लिए तो तैयार थी वह मुझे कहने लगी कि कमलेश मुझे आज तुम्हारे साथ ही रहना है। मोनिका कि इस बात को शायद मैं भी मना ना कर सका और मैं मोनिका के साथ रहने के लिए तैयार हो चुका था लेकिन मोनिका के बदन को इससे पहले भी महसूस कर चुका था। मैं उसके बदन की गर्मी को पहले भी दो तीन बार महसूस कर चुका था लेकिन मै उसकी गांड के मजे लेना चाहता था मोनिका मुझे अपनी गांड देने के लिए तैयार हो चुकी थी। मोनिका ने मेरे लंड को बाहर निकाला वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक लेने लगी और बड़े ही अच्छे तरीके से वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही थी। मुझे भी मजा आ रहा था मैंने मोनिका से कहा तुम ऐसे ही मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर करते रहो। मोनिका कहने लगी कि मुझे तुम्हारे लंड को चूसने में मजा आ रहा है मैंने भी मोनिका के बदन से उसके कपड़ों को उतारना शुरू किया और उसका गोरा बदन मेरे सामने नग्न अवस्था में था। पहले मोनिका की योनि को मैने सहलाना शुरु किया और उसकी योनि के अंदर मैंने अपना लंड को प्रवेश करवा दिया। मोनिका की योनि में मेरा लंड जाते ही उसके मुंह से चीख निकल पड़ी वह मुझे कहने लगी कि मुझे बड़ा दर्द हो रहा है मैंने मोनिका की योनि के अंदर अपने मोटे लंड को प्रवेश करवा दिया। मोनिका की योनि के अंदर मेरा मोटा लंड अंदर बाहर हो रहा था मुझे अब बड़ा आनंद आ रहा था मुझे उसकी चूत मारने में मजा भी आता।

काफी देर तक मैं उसकी चूत के मजे लेता रहा जब मैंने उसकी गांड को चाटना शुरू किया तो वह मुझसे गांड को चटवाकर बहुत मजे में आ गई थी और कहने लगी कि तुम अपने लंड को मेरी गांड में डाल दो। मैंने मोनिका से कहा मैं अभी तुम्हारी गांड में अपने मोटे लंड को घुसा देता हूं। मैंने अपने लंड को मोनिका की गांड पर सटाया तो वह चिल्लाने लगी धीरे धीरे मैंने अपने लंड को मोनिका की गांड के अंदर प्रवेश करवा दिया। गांड के अंदर मेरा लंड पूरी जा चुका था जब मेरा लंड उसकी गांड के अंदर बाहर होता तो मुझे और भी आनंद आने लगता। मैं खुश हो चुका था मोनिका भी अपनी गांड की गर्मी को उतार रही थी मुझे ऐसा लगता जैसे कि मेरा लंड भी छिलकर बेहाल हो चुका है। मुझे अच्छा तो महसूस हो रहा था और बड़ा मजा भी आ रहा था मैंने काफी देर तक मोनिका के साथ ऐसा ही किया। उसकी गांड के मजे मैंने बहुत देर तक लिए जब मोनिका की गांड से मैने तेल बाहर निकाल दिया वह अपने आपको नहीं रोक पा रही थी।

उसकी चूतड़ों का रंग भी लाल हो चुका था और उसकी चूतडे पूरी तरीके से लाल हो चुकी थी। मैंने मोनिका से कहा कि मैं अब तुम्हारी गरमा गरम गांड को ज्यादा देर तक नहीं झेल पाऊंगा। मोनिका कहने लगी कि तुम अपने माल को मेरी गांड में ही डाल देना मोनिका कुछ भी करने के लिए तैयार थी। उसने जब मुझे यह कहा तो मैंने मोनिका से कहा कि मैं तुम्हारी गांड के अंदर माल को गिराने जा रहा हूं। मोनिका ने कहा हां तुम मेरी गांड में अपने वीर्य को गिरा दो उसकी गांड की गर्मी को अब मैं बिल्कुल भी झेल पा रहा था। जैसे ही मैंने उसकी गांड के अंदर अपने माल को गिराया तो वह उत्तेजित होकर कहने लगी अब जाकर मुझे अच्छा लगा है। मैने मोनिका से कहा क्या तुम मुझसे अब भी अपनी गांड मरवाती रहोगी? मोनिका कहने लगी कि क्यों नहीं मैं तुमसे अपनी गांड मरवाती रहूंगी। मोनिका मुझे अपने बदन के माया जाल में फंसाने की कोशिश कर रही थी लेकिन यह ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाला था। मैंने मोनिका की गांड के बहुत मजे लिए और जब भी मैं उसकी गांड मारता था वह भी खुश हो जाया करती थी।

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