संजना से दिल की बात बोल डाली

   23/12/2019

Antarvasna, kamukta:

Sanjana se dil ki baat bol daali मैं दिल्ली का रहने वाला हूं एक दिन पापा मुझे कहते हैं कि बेटा तुम आज मेरे साथ तुम्हारे मामा जी के घर चलो। मैंने पापा से कहा कि पापा वहां पर क्या कोई जरूरी काम था तो पापा ने कहा कि बेटा तुम मुझे तुम्हारे मामा के घर छोड़ देना। मैंने पापा से कहा ठीक है मैं आपको मामा जी के घर पर छोड़ देता हूं और मैं पापा को मामा जी के घर छोड़ने के लिए चला गया। वहां पर मैं थोड़ी देर रुका फिर मैं वहां से अपने दोस्त के घर चला गया। मुझे नहीं मालूम था कि पापा को वहां पर क्या काम था लेकिन पापा वहां पर काफी देर तक रुके और फिर उन्होंने मुझे जब फोन किया तो मैं पापा को लेने के लिए चला गया। जब हम लोग घर आए तो पापा ने मुझसे कहा कि अमित बेटा क्या तुमने अपने आगे के कैरियर के बारे में कुछ सोचा भी है या नहीं। मैंने पापा से कहा कि पापा फिलहाल तो मैंने अभी कुछ सोचा नहीं है।

पापा चाहते थे कि मैं सरकारी नौकरी के लिए ट्राई करूं लेकिन मेरी जॉब लगे हुए कुछ समय ही हुआ था मेरी जॉब जल्दी ही लग गई थी और मैं अब दिल्ली की कंपनी में जॉब करने लगा था। मेरे जीवन में सब कुछ अच्छे से चल रहा था मेरी सैलरी भी काफी अच्छी थी और मैं अपनी जॉब से बहुत ज्यादा खुश था। एक दिन मैं ऑफिस से अपने घर लौट रहा था उस दिन मुझे घर लौटने में काफी देर हो गई थी तो मां ने मुझसे कहा कि अमित बेटा आज तुम काफी देर से घर आ रहे हो। मैंने मां से कहा कि हां मां मुझे आज ऑफिस में को बहुत काम था इसलिए घर आने में देरी हो गई, मां ने कहा कोई बात नहीं। मां ने मेरे लिए खाना लगा दिया था मैंने मां से कहा कि मां क्या आप लोगों ने खाना खा लिया है तो मां ने कहा कि बेटा तुम्हारे पापा के सर में तेज दर्द हो रहा था तो उन्होंने खाना नहीं खाया है मैं भी तुम्हारे साथ ही खाना खा लेती हूं। मां ने मेरे साथ खाना खाया और उसके बाद मैं कुछ देर अपनी छत पर टहलने के लिए चला गया।

मैं कुछ देर तक अपनी छत पर ही टहलता रहा फिर मैं वापस अपने रूम में लौट आया उसके बाद मैं अपने मोबाइल में गेम खेलने लगा और फिर मैं सो गया। अगले दिन ऑफिस की छुट्टी थी मैं जब उठा तो उस वक्त 9:00 बज रहे थे मां ने कहा कि तुम जल्दी से तैयार हो जाओ मैं तुम्हारे लिए नाश्ता लगा देती हूं। मैंने मां से कहा कि नहीं मां रहने दो मेरा अभी नाश्ता करने का मन नहीं है। मैंने उस दिन काफी देर से नाश्ता किया और जब मैंने नाश्ता किया तो उसके बाद मैं अपने दोस्त सोहन को मिलने के लिए चला गया। सोहन जो कि हमारी कॉलोनी में ही रहता है और मैं उसके साथ काफी देर तक बैठा रहा।

सोहन के साथ मैं काफी देर तक रहा हम लोगों की मुलाकात काफी दिनों बाद हो रही थी। जब मैं सोहन को मिला तो मुझे काफी ज्यादा अच्छा लगा था और फिर मैं अपने घर लौट आया। मुझे काफी दिनों के बाद हमारी कॉलोनी में रहने वाली संजना मिली जब संजना मुझे दिखी तो मैंने संजना से बात की और संजना से बात कर के मुझे अच्छा लगा। संजना को मैं दिल ही दिल पसंद तो करता हूं लेकिन उससे मैं कभी अपने दिल की बात कह नहीं पाया हूं परंतु संजना को भी यह बात अच्छे से मालूम है कि मेरे दिल में उसके लिए कुछ तो चल रहा है।

मैंने संजना को कभी भी इस बारे में नहीं बताया मैं संजना को काफी समय से जानता हूं और जब भी वह मुझे मिलती है तो मुझे उसके साथ में समय बिताने में काफी अच्छा लगता है। उसे भी बड़ा अच्छा लगता है जब भी हम दोनों साथ में होते हैं और साथ में समय बिताया करते हैं। संजना मुझे हमारी कॉलोनी के फंक्शन में दिखी और उस दिन मैंने संजना को देखा तो वह बहुत ज्यादा सुंदर लग रही थी। मैं संजना को देखकर अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था और उस दिन मैं सोचने लगा कि क्यों ना मैं आज संजना को अपने दिल की बात कह ही डालूं।

यह सब इतना आसान भी तो नहीं था कि मैं उसे अपने दिल की बात कह देता परंतु मैंने पूरा मन बना लिया था कि मैं अब संजना को अपने दिल की बात कह दूंगा और उसके कुछ दिनों के बाद मैंने संजना को अपने दिल की बात कह डाली जिसे कि वह भी मना ना कर सकी और हम दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे थे। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता था क्योंकि संजना मेरी कॉलोनी में ही रहती है। हम दोनों ज्यादा से ज्यादा समय साथ में बिताया करते है। मैं जब ऑफिस से जल्दी घर लौटता तो मैं संजना के साथ ही समय बिताया करता था और संजना को भी काफी अच्छा लगता था जिस तरीके से हम दोनों साथ में समय बिताया करते थे।

संजना मुझे बहुत ही अच्छी तरीके से समझती है और मुझे यह बात मालूम है कि संजना और मेरे बीच काफी ज्यादा प्यार है। हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और हम दोनों का रिलेशन बहुत ही अच्छे से चल रहा था। अब हमारे रिलेशन के चर्चे हमारी कॉलोनी में भी सब लोगों को पता चलने लगे थे और लगभग सब लोगो को यह बात पता चल चुकी थी। एक दिन मुझसे पापा ने इस बारे में पूछा तो मैंने पापा से कहा कि नहीं पापा संजना सिर्फ मेरी अच्छी दोस्त है।

मैं उन्हें बताना नहीं चाहता था और मैंने उनसे यह बात छुपाई लेकिन यह बात उनके कानो तक तो पहुंच ही चुकी थी कि मेरे और संजना के बीच अब कुछ चलने लगा है इसलिए वह बार-बार मुझसे इस बारे में पूछा करते थे परंतु में उन्हें हमेशा ही कुछ ना कुछ कह कर बात को टालने की कोशिश किया करता था। संजना भी हमारे घर पर आया जाया करती थी और जब भी वह हमारे घर पर आती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था और संजना को भी काफी अच्छा लगता है जिस तरीके से हम दोनों साथ में समय बिताया करते। एक दिन मैंने संजना को घर पर बुला लिया जब वह मुझसे मिलने के लिए घर पर आई हम दोनों कुछ देर तक बैठकर एक दूसरे से बातें करते रहे।

मुझे संजना से बातें करना अच्छा लग रहा था उसे भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जब हम दोनों साथ में टाइम स्पेंड कर रहे थे। मैंने उस दिन संजना के हाथों को पकड़ा वह मुझे कहने लगी मुझे यह सब ठीक नहीं लग रहा है। मैंने जब संजना से कहा मैंने तुम्हारे हाथों को ही तो पकड़ा है। वह भी अब मेरी गोद मे बैठ गई मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था वह मेरी गोद में बैठी हुई थी। मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था। मैं उसके होठों को चूसने लगा था मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जब मैं उसके होठों को किस कर रहा था वह मेरी गर्मी को बढाए जा रही थी। हम दोनो के बदन गर्म होते जा रहे थे मेरी गर्मी इस कदर बढ़ चुकी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था ना तो मैं रह पा रहा था ना ही संजना अपने आपको रोक पा रही थी।

हम दोनों ने सेक्स करने का फैसला कर लिया था। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसे संजना ने देखते ही कहा तुम्हारा लंड कितना ज्यादा मोटा है। मैंने संजना से कहा मेरे लंड को तुम अपने मुंह में ले लो। पहले वह शर्माने लगी थी लेकिन फिर जब उसने मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में पकड़ा तो मुझे मजा आने लगा था। उसके कोमल हाथों में मेरा लंड था मुझे गर्मी का एहसास हो रहा था। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और संजना भी बड़ी खुश थी जिस तरीके से वह मेरे लंड को हिलाए जा रही थी।

उसने बहुत देर तक मेरे लंड को हिलाया वह मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढा चुकी थी वह बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। मैंने जब उसे कहा तुम इसे मुंह में ले लो तो उसने मेरे लंड को अपने मुंह मे ले लिया वह मेरे लंड को सकिंग करने लगी। जब वह मेरे लंड को सकिंग करने लगी उसको मजा आने लगा था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी गर्मी को वह बढा रही थी। उसने मेरी गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था मै पूरी तरीके से गर्म हो चुका था मुझे गर्मी का एहसास होने लगा था। मैंने संजना को कहा मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है।

संजना मुझे कहने लगी मुझे भी बड़ा मजा आ रहा है जिस तरीके से मैं तुम्हारे लंड को चूस रही हूं। अब वह अपने आप को रोक नहीं पा रही थी मैंने जब उसके बदन से कपड़े उतार कर उसके बदन को महसूस करना शुरू किया वह तड़पने लगी थी। उसकी योनि पर जब मैंने उंगली को लगाया वह मचलने लगी वह कहने लगी मुझसे रहा नहीं जा रहा है। मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था मैं बहुत ज्यादा गर्म होता चला गया था मैंने संजना की चूत को चाटना शुरू किया। उसकी योनि को चाट कर मुझे अलग ही गर्मी का एहसास हो रहा था।

वह बहुत ज्यादा गर्म हो रही थी मै और संजना पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे जिस तरीके से हम दोनों की गर्मी बढ़ती जा रही थी। मैंने संजना की चूत पर अपने लंड को लगाया उसकी योनि पर मैंने अपने लंड को लगाया। मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसकी योनि में प्रवेश करवा दिया वह जोर से चिल्लाने लगी थी। मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर चला गया था मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के देने लगा था। मैंने देखा संजना की योनि से खून निकल रहा है मुझे मजा आने लगा था और उसे भी अच्छा लग रहा था। मेरे धक्के और भी तेज होते जा रहे थे।

मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था जिस तरीके से मे उसे धक्के मार रहा था उससे मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और संजना को भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था। जब हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स करते तो मेरा वीर्य गिरने को था जैसे ही मैंने अपने माल को गिराया तो मुझे मजा आ गया था। मैंने संजना को कहा मुझे आज मजा आ गया संजना को बड़ा ही मजा आ गया था जब हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स किया था।

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