रेखा भाभी को पैसे देकर उनकी गांड मारी

Rekha bhabhi ko paise dekar unki gaand maari:

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मेरा नाम संजीव है मैं बीकानेर का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 35 वर्ष है और मेरी शादी को भी काफी समय हो चुका है, मेरा एक लड़का है जिसकी उम्र 6 वर्ष है। मैं जिस मोहल्ले में रहता हूं वहीं पर मेरी एक छोटी सी दुकान है, वह मेरे घर के पास में है इसलिए मुझे सब लोग अच्छे से पहचानते हैं। मैं अपनी दुकान में चाय बनाने का काम भी करता हूं, मेरे पास सब लोग शाम के वक्त आकर बैठते हैं इसी वजह से मुझे सारे मोहल्ले की जानकारी है। सब लोग हमेशा ही मेरे पास शाम के वक्त आते है। मुझे यह काम करते हुए काफी वर्ष हो चुका है। दोपहर के वक्त हमेशा ही मेरी पत्नी मेरे लिए खाना लेकर आती है, मैं ज्यादातर दुकान में ही रहता हूं और अपने घर पर बहुत ही कम जाता हूं, मैं सिर्फ रात को ही घर जाता हूं। एक दिन मैं घर पर था और उस समय मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि हर्ष भी बड़ा हो चुका है इसे भी हमें स्कूल में डालना चाहिए। मेरी पत्नी चाहती थी कि उसे हम लोग स्कूल में डाले, वह हमारे घर के पास ही एक छोटे स्कूल में पढ़ता था।

मैं और मेरी पत्नी चाहती है कि वह किसी अच्छे स्कूल में पढ़ने के लिए जाए इसलिए मैंने उसे कहा कि मुझे तुम थोड़ा वक्त दो, उसके बाद हम लोग हर्ष को कहीं अच्छे स्कूल में दाखिला दिलवा देंगे। मुझे पैसों की थोड़ा परेशानी रहती है लेकिन उसके बावजूद भी मैंने कभी भी अपने घर पर इस बात का जिक्र नहीं किया और ना ही कभी भी इस बात को मैंने महसूस होने दिया कि मैं इतना पैसा नहीं कमाता। मैं जितना भी पैसा कमाता वह हमेशा घर पर ही खर्च करता। कुछ दिनों बाद मैंने अपने बच्चे के दाखिले के लिए पैसे जमा कर लिये और मैंने वह पैसे अपनी पत्नी को दे दिये, मैन उसे कहा कि तुम इन पैसों को अपने पास रख लो। मेरी पत्नी ने कहा कि हमारे पड़ोस में एक दीदी रहती हैं उनके बच्चे जिस स्कूल में जाते हैं वह कह रही थी कि वह स्कूल बहुत अच्छा है। मैंने अपनी पत्नी से कहा ठीक है तुम इस बारे में उनसे बात कर लेना और उन्हें बता देना की हमें भी अपने बच्चे को वही ऐडमिशन दिलवाना है।

मेरी पत्नी कहने लगी कल मैं उनके साथ ही सुबह जाऊंगी, वह अपने बच्चों को सुबह के वक्त स्कूल छोड़ने जाती हैं, उस वक्त ही मैं वहां जाकर सारी जानकारी ले लूंगी। मैंने अपनी पत्नी से कहा यह तो अच्छी बात है, तुम सुबह जाकर वहां जानकारी ले लेना और यदि तुम्हे सही लगे तो तुम हर्ष का दाखिला उसी स्कूल में करवा देना। अब मैं अपने काम पर आ गया, मैंने सुबह सुबह अपनी दुकान खोली ही थी कि उस वक्त मेरी दुकान के सामने रेखा भाभी और उनके पति झगड़ा कर रहे थे। वह दोनों बहुत ज्यादा ही झगड़ा कर रहे थे। वह लोग हमारे मोहल्ले में ही रहते हैं और मैं उन्हें काफी पहले से जानता हूं लेकिन उन दोनों के बीच में बिल्कुल भी नहीं बनती,  वह दोनों हमेशा ही झगड़ा करते रहते हैं। उस दिन उन दोनों का कुछ ज्यादा ही झगड़ा हो गया और रेखा भाभी के पति उन्हें बहुत ही बुरा भला कह रहे थे। मैं उनके बीच में गया और दोनों को ही मैंने समझाया कि आप दोनों झगड़ा मत कीजिए यदि आप इस प्रकार से झगड़ा करेंगे तो यहां मोहल्ले में सब लोगों को इस बारे में पता चल जाएगा। उस वक्त ज्यादा लोग नहीं थे और मैं जब उनके पास गया तो उन दोनों को ही मेरी बात समझ आ गई। उसके बाद उनके पति अपने काम पर चले गए और रेखा भाभी मुझसे बात करने लगी। वह मेरी दुकान पर ही बैठ गई। वह मुझसे कहने लगी कि मेरे पति की स्थिति बहुत ही खराब है वह इतना बीमार रहते हैं, उसके बावजूद भी वह मुझसे झगड़ा करते हैं। मैं उनसे हमेशा ही कहती हूं कि तुम छोटी-छोटी बात पर मुझसे झगड़ा मत किया करो। रेखा भाभी मुझे कहने लगे कि मेरे पति की तबीयत बहुत ज्यादा खराब रहने लगी है इस वजह से वह बहुत चिड़चिडे हो गए हैं। वह छोटी छोटी बात को अपने दिल पर ले लेते हैं और उसके बाद मुझसे झगड़ा करते हैं, मुझे बहुत ही बुरा लगता है जब वह मुझसे झगड़ा करते हैं लेकिन उसके बावजूद भी मैं उन्हें कई बार समझाती हूं। जब वह कुछ ज्यादा ही मुझसे झगड़ा करते हैं तो मुझसे भी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होता।

मैंने रेखा भाभी से कहा कि क्या उनका किसी अस्पताल में इलाज चल रहा है, वह कहने लगी कि हां उनका इलाज चल रहा है और डॉक्टर ने दवाई दी है लेकिन कुछ भी फर्क नहीं पड़ रहा, मैं इस वजह से बहुत परेशान हूं। रेखा भाभी मुझसे कहने लगी कि मेरी घर की स्थिति भी इस वजह से बहुत खराब होने लगी है क्योंकि मेरे पति घर में कमाने वाले हैं और अब वह काम पर भी अच्छे से नहीं जाते इसलिए वह जिस जगह काम करते हैं उन्हें वहां पर तनख्वाह काट कर सैलरी देते हैं। मैंने रेखा भाभी से कहा कि आप चिंता मत कीजिए सब कुछ अच्छा हो जाएगा। रेखा भाभी कहने लगी चिंता की तो बात है मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गई हूं। रेखा भाभी का चरित्र पहले से ठीक नहीं है और उनका किसी अन्य मर्द के साथ रिलेशन है यह बात मुझे पता है। मैंने उस दिन यह बात रेखा भाभी से कही तो वह कहने लगी कि मैं क्या करूं यदि मेरे पति मेरी खुशियों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो मुझे किसी और के साथ रिलेशन मे रहना ही पड़ेगा वह मेरी खुशियां को पूरा कर देते हैं। मैंने रेखा भाभी से कहा कि आप कभी हमे भी अपनी चूत के दर्शन करवा दो। वह कहने लगी है कि आप इतने उतावले हो तो उसके बदले मुझे कुछ पैसे दे दो और मेरी आपको अपनी चूत के दर्शन करवा देती हू।

उन्होंने मुझे कहा कि तुम मेरे घर पर आ जाना और वहीं पर मेरी चूत मार लेना। मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं आपके घर पर आ जाऊंगा। मैं कुछ देर बाद उनके घर पर चला गया मैंने उन्हें कुछ पैसे दे दिए उन्होंने अपनी साड़ी को खोलते हुए जब अपनी चूत को मुझे दिखाया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा। उनकी चूत में भूरे बाल थे मैंने उन्हें कसकर पकड़ लिया और उनकी चूत को चाटने लगा। मैं बहुत अच्छे से उनकी योनि को चाट रहा था उनकी चूत से पानी बाहर आने लगा। उसके बाद मैंने भी अपने लंड को रेखा भाभी के मुह के अंदर डाल दिया और वह बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूसने लगी। उन्हें भी बहुत आनंद आ रहा था मैंने उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया और उनकी योनि के अंदर जैसे ही मैंने अपने लंड को डाला तो उन्होंने अपने दोनों पैर चौडे कर लिए और मैं बड़ी तेज गति से उन्हें चोदने लगा। मुझे बहुत आनंद आ रहा था जब मैं उन्हें धक्के मारता जाता और वह भी बहुत खुश हो रही थी। उन्होंने भी अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया और मेरा लंड उनकी योनि के अंदर तक चला जाता। वह अपने मुंह से बड़ी मादक आवाज निकाल रही थी और मुझे अपनी और आकर्षित कर रही थी लेकिन मैं ज्यादा समय तक उनकी योनि की गर्मी को नहीं झेल पाया और मेरा वीर्य पतन हो गया। मेरा माल उनकी योनि में गिरा तो उसके बाद मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया और वहीं पास में रखे सरसों के तेल को अपने लंड पर लगा लिया मेरा लंड पूरा चिकना हो चुका था। मैंने जैसे ही रेखा भाभी की गांड के अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी और मैं भी उन्हें बड़ी तेज गति से झटके देने लगा। जब मेरा लंड उनकी गांड के अंदर जाता तो वह बहुत उत्तेजित हो जाती। मैं अपने लंड को उनकी गांड के अंदर बाहर करने लगा। वह कहने लगी तुम तो मेरी गांड मार रहे हो मैंने तो सिर्फ आपसे अपनी चूत मरवाने के लिए पैसे लिए थे तुमने तो मेरी गांड के घोडे खोल कर रख दिए है और मेरी गांड से खून निकाल कर रख दिया। मैंने रेखा भाभी से कहा कि आपको मजा नहीं आ रहा है वह कहने लगी मुझे अपनी गांड मरवाने में बहुत मजा आ रहा है अभी तक मेरी गांड किसी ने नहीं मारी है यह पहला ही मौका है जब किसी ने मेरी गांड मारी हैं। मैंने रेखा भाभी की बड़ी-बड़ी चूतडो का पकडते हुए 10 मिनट तक ऐसे ही झटके दिए लेकिन 10 मिनट बाद मेरा माल गिर गया। उसके बाद उन्होंने अपनी योनि और अपनी गांड को अच्छे से साफ किया। वह मुझे कहने लगी कि अब आपका जब भी मन होता है तो आप मेरे पास ही आ जाया कीजिए।

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