मेरी पड़ोसन आंटी अनीता की अन्तर्वासना

   16/01/2018

Meri padosan aunty anita ki antarvasna:

indian aunty sex stories हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब | आपकी अन्तर्वासना को पूरा करने के लिए मैं आज अपनी एक सैक्सी कहानी लेकर आया हूँ | पहले मैं अपने बारे में थोडा बहुत बता दूँ मेरा नाम शैलेन्द्र है | मैं बीकानेर का रहने वाला हूँ और ज्यादातर दिल्ली में रहता हूँ | वहां मेरा कॉलेज है और मैं इंजीनियरिंग स्टूडेंट हूँ | दिल्ली में भी मेरी काफी गर्लफ्रेंड है लेकिन मेरी नज़र ज्यादातर अपने से बड़ी औरतों पर रहती है | तो ये कहानी है बीकानेर की जब मैं अपने एग्जाम के बाद घर गया और घर के पड़ोस वाली आंटी के मज़े लेकर आया था | चलिए तो थोडा फ्लैशबैक में चलते है |

ठण्ड के दिन थे और 10 बजे का समय था मैं छत पर धूप में बैठा हुआ था | तभी मेरी पड़ोस में रहने वाली अनीता आंटी छत पर आई | वो उस वक़्त नहाकर कपडे सुखाने आई थी | वैसे मैं आपको अनीता आंटी के बारे में बता दूँ | उनकी शादी 3 साल पहले ही हुई थी लेकिन अंकल आर्मी में है इसलिए ज्यादातर टाइम घर पर नहीं रहते है | उनकी उम्र लगभग 28 – 29 के आसपास होगी | गोरा बदन पतली कमर गोल चेहरा नशीली आँखें लेकिन बस दूध ज्यादा बड़े नहीं है लेकिन चोदने के लिए एक नंबर चीज़ है | तो कहानी पर आते है जब आंटी कपडे डाल रही थी तो मैं उनकी कमर देख रहा था | तभी उनकी नज़र मुझपर पड़ी और उनने कहा अरे शैलू कब आये ? मैंने कहा बस आंटी कल शाम को | मेरी नज़र बार बार उनकी कमर पर जा रही थी और आंटी शायद मुझे समझ भी गई थी लेकिन वो ना मुझे कुछ बोल रही थी और ना ही अपनी साड़ी ढक रही थी |

आंटी ने मुझे कहा कि अच्छा हुआ तुम आ गए मुझे कुछ काम थे और कोई मिल भी नहीं रहा था | मैंने पूछा क्या काम है आंटी ? तो उन्होंने कहा देखो पहले तो मुझे आंटी बोलना बंद करो मैं इतनी भी बड़ी नहीं हूँ मुझे अनु बोलो | मैं हाँ में सिर हिलाया तो उन्होंने ने कहा वो मुझे बैंक में काम था और कैंटीन भी जाना था तो मुझे ले चलोगे | तो मैंने हाँ करदी और उन्होंने कहा ठीक है थोड़ी देर से चलते है | उन्होंने ने मुझसे मेरा नंबर लिया और कहा मैं फ़ोन लगा दूंगी तुम्हें | थोड़ी देर में आंटी का कॉल आया ओह सॉरी अनु का कॉल आया | फिर हम दोनों निकल गए और अनु मुझसे बहुत ज्यादा चिपक कर बैठी थी | थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरी जांग पर हाँथ रख दिया | मेरे अन्दर बिजली सी दौड़ गई और लंड खड़ा होने लग गया | उनका हाँथ बिलकुल मेरे लंड के पास था और मेरा लंड भी उनके हाँथ के पास जा रहा था | फिर बैंक आ गया और हम काम करके आ गए |

फिर अगले दिन मैं अनु को लेकर कैंटीन गया और कुछ पिछली बार जैसा हुआ लेकिन इस बार मेरा लंड और उसका हाँथ टच हो रहा था और वो हाँथ भी नहीं हटा रही थी बल्कि थोड़ी देर में उसका हाँथ और थोडा आगे आ गया | मैं तो मतलब सातवें आसमान में था | फिर हम कैंटीन पहुंचे और कैंटीन में मैं उनके पीछे ही चल रहा था और बार बार मेरा लंड उनकी गांड से टकरा रहा था | अनु भी कुछ नहीं बोल रही थी और मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा था | मैंने सोचा की अगर अनु मुझे इन सब के लिए मना नहीं कर रही है तो मुझे थोडा और आगे बढ़ना चाहिए | तभी वो काउंटर पर कुछ सामान देख रही थी तो मैं उसके पास गया और पीछे से चिपक गया और अपना लंड उनकी गांड पर दबा दिया और पीछे से सामान पकड़कर कहा ये क्या देख रही हो अनु ? अनु ने एकदम से गहरी साँस ली और कहा ये नहीं देखूँ तो क्या देखूँ ? तो मैंने कहा और कुछ देख लो | तो उसने कहा जैसे ? वहां पर ब्रा पैंटी भी रखी हुई थी तो मैंने उस तरफ इशारा किया और कहा वो | अनु एकदम से पलटी और कहा चल बदमाश और शर्मा कर हँसने लगी |

मैं समझ गया था कि मामला सेट है बस शुरू करने की देरी है | फिर हम दोनों घर के लिए निकल गए लेकिन रास्ते में कुछ हुआ नहीं क्यूंकि सामान बीच में था | फिर हम दोनों घर पहुंचे और आराम से जाके सोफे पर बैठ गए | दोपहर का समय था अनु ने कहा चलो कुछ खेलते है तो मैंने कहा क्या ? अनु पत्ते खेलने की बहुत शौक़ीन है तो उसने कहा चलो पत्ते खेलते है तो मैंने कहा ठीक है | हम दोनों तीन पत्ती खेलने लगे और बाज़ी में लगाने के लिए कुछ नहीं था तो मैंने कहा ठीक है मैं अपनी शर्ट लगता हूँ तो अनु ने भी अपनी साड़ी लगा दी | पहली बाज़ी अनु ने जीती और उसने मेरी शर्ट उतरवा के अपने पास रखवा ली | अगली बाज़ी मैं जीता और मैंने उसकी साड़ी ले ली | अब उसने अपना ब्लाउज लगाया और मैंने अपनी पैंट और ये बाज़ी मैं जीत गया और उसने मेरे सामने ब्लाउज उतार कर मुझे दे दिया | मेरा लंड तो बाहर आने को तड़प रहा था | अगली बाज़ी में अनु का पेटीकोट उतर गया और उसकी अगली बाज़ी में मेरी पैंट | अगली बाज़ी में दोनों ने अपनी पैंटी लगा दी और मैं हार गया | मैं अपनी चड्डी उतारने में हिचक रहा था तो अनु मेरे पास आई और मेरी चड्डी खींच कर उतार दी |

फिर उसने मेरा लंड देखकर कहा बड़ा है रे तेरा तो मैंने कहा ले लो फिर | तो फिर अनु ने फौरन मेरा लंड पकड़ा और धीरे धीरे हिलाने लगी | मुझे तो मज़ा ही आ गया जैसे ही उसने मेरा लंड पकड़ा | फिर मैं सोफे पर टिक कर बैठ गया और अनु मेरा लंड चूसने लगी | वो बड़े मज़े से मेरा लंड चूस रही थी और चाट भी रही थी वो कभी मेरा लंड चूसती तो कभी मेरी गोटीयों को चाटती लेकिन जो भी था मज़ा बहुत आ रहा था | थोड़ी देर में मेरा मुट्ठ उसके मुँह में ही छूट गया और उसने पी लिया |  फिर मैं उठा और अनु की ब्रा खोलने लगा और ब्रा उतारकर उसके दूध दबाने लगा | जैसा की मैंने पहले भी बताया था उसके दूध ज्यादा बड़े नहीं थे लेकिन वो गोरी इतनी थी कि उसके निप्पल हलके भूरे थे | मैंने उसको सोफे पर लेटाया और उसके ऊपर लेटकर उसके दूध चूसने लगा | मैं थोड़ी देर तक उसके दूध चूसता रहा और वो हल्की हल्की सिस्कारियां लेती रही | फिर मैंने नीचे हाँथ लगाया और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया | उसकी पैंटी थोड़ी सी गीली हो गयी थी | फिर मैंने उसकी पैंटी के अन्दर हाँथ डाला और उसकी चूत पर बड़े प्यार से हाँथ फिराने लगा |

फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी चूत के सामने बैठ गया | उसकी चूत के ऊपर की तरफ थोड़े थोड़े बाल थे लेकिन चूत वाले हिस्सा बिलकुल साफ़ था और चूत बहुत गोरी थी लेकिन पिंक नहीं थी | मैंने उसकी चूत में जैसे ही ऊँगली डाली अनु की सिसकारी निकल पड़ी आह्ह्ह्ह | फिर मैं धीरे धीरे उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और थोड़ी देर में तीन ऊँगली डालकर उसकी चूत में जोर जोर से ऊँगली करने लगा और अनु तब जोर जोर से आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह कर रही थी | मेरा लंड अब पुरी तरह से तन चूका था तो मैंने ऊँगली बाहर निकाली और अपना लंड उसकी चूत पर रखकर अन्दर दबाना शुरू किया और जैसे ही मेरा लंड थोडा सा अन्दर गया मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा और अनु को चोदने लगा | अनु आआअह्ह्ह आआआआअ आआआआआ ह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आआआआ ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह करने लगी और मैं झटके मार मार के उसको चोदता रहा |

फिर मैंने लंड बाहर निकाला और सोफे पर बैठ गया और अनु को अपने लंड के ऊपर बैठा दिया | उसने मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत में डाला और मेरा लंड के ऊपर उचकने लगी | अनु थोड़ी देर तक मेरा लंड के ऊपर उचकती रही और आआआआआअ आआआआअ ऊम्म्म्मम्म आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआह्ह्ह्ह करती रही | फिर वो थककर मेरे लंड पर ही बैठ गयी तो मैंने उसको नीछे से थोडा सा उठाया और वैसे ही चोदना शुरू कर दिया और अनु आह्ह्हह्ह्ह्ह हह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआअ आआआआअ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आआआआ करती रही | फिर मेरा मुट्ठ निकलने को हुआ तो मैंने अनु को अपने ऊपर से उतारा और नीचे बैठाकर उसके चेहरे पर सारा माल झड़ा दिया | उसने अपना चेहरा साफ़ किया और हम दोनों नंगे ही अन्दर वाले पलंग पर सो गए |

फिर जब हम दोनों शाम को उठे तो मैंने फिर से अनु को चोदा और उसकी गांड भी मारी | अब मैं जब भी घर आता हूँ और उसका पति अगर घर पर नहीं होता है तो मेरी तो मौज हो जाती है |

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