मेरी चूत की कभी न ख़त्म होने वाली प्यास -1

   08/08/2017

Meri chut ki kabhi na khatm hone vali pyas-1:

हेल्लों दोस्तों, मेरा नाम सारिका है और मैं जयपुर की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 40 साल है और मैं एक शादीशुदा महिला हूँ | मेरा फिगर और मेरी हाईट मेरी खूबसूरती को बढ़ावा देती है | मेरे पति दुबई में जॉब करते है और अक्सर घर कम ही आते हैं | मेरी एक बेटी है जो अभी कॉलेज में है | मैं सेक्स स्टोरीज की रेगुलर पाठक हूँ और मुझे सेक्स स्टोरी पढना बहुत पसंद है | मैं सबकी कहानियां पढ़ती हूँ तो मैंने सोचा कि क्यूँ न मैं भी अपनी एक कहानी लिखू और आप सब को बताऊ कि कैसे मैं एक रंडी की उपाधि हासिल कि | तो अब मैं सीधा कहानी में आती हूँ |

ये घटना तब कि है जब मैं 32 साल कि थी और तब मेरी बेटी स्कूल में थी | जैसा कि आप लोगों को पता है कि मैं शादीशुदा हूँ | मेरे पति मुझे अकले यहाँ छोड़ गए थे ताकि मैं यहाँ रह कर बेटी की पढाई पर भी ध्यान दूं और सास ससुर का भी | एक दिन की बात है, मैं शाम को छत पर कपडे लेने गयी थी तभी मेरी नज़र एक आदमी पर पड़ी | वो छत पर ही मोबाइल में कुछ देखते हुए अपना लंड हिला रहा था | तो मैं कुछ देर उसे देखने लगी तो उसने भी मुझे देख लिया और अपना लंड अन्दर कर लिया और मैं नीचे घर आ गयी थी | मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था क्यूंकि उसका लंड दूर से ही मेरे पति से दोगुना लम्बा और मोटा लग रहा था | मेरी चूत फड़क उठी और मुझे सेक्स चाहिए था | मेरे पति जब भी आते थे तो कम ही सेक्स कर पाते थे और मैं प्यासी रह जाती थी | फिर मैंने मन ही मन सोचा कि उस आदमी का लौड़ा अगर मेरी चूत में घुसेगा तो कैसा लगेगा | यही बाते सोच सोच कर मैं नंगी हो कर अपनी चूत का पानी निकलने लगी | चूत का पानी निकलने के बाद मैं सोचने लगी कि कैसे उस आदमी को पटाया जाये ? यही सब सोचते सोचते टाइम हो गया | फिर मेरी बेटी घर आ गया तो मैं उसे खाना देने लगी और अपने रूम में आ के सो गयी |

मैं जब भी शाम को छत पर जाती थी तो वो मुझे मुठ मारते ही दिखता था | एक दिन मैंने सोचा कि क्यूँ न मैं ही अपने तरफ से पहल करू ? तो जब मैं शाम को छत पर गयी | तो तब भी वो मुठ ही मार रहा था | मैंने उसे हाँथ देते हुए हाय की तो उसने पहले इधर उधर देखा और फिर मुझे हाय किया | फिर मैंने इशारे इशारे उसे अपना नंबर दिया और उसे कॉल करने के लिया कहा | फिर उसने मुझे 5 मिनट के बाद कॉल लगाया और हम दोनों फ़ोन पर बात करने लगे | तब उसने मुझे बताया कि उसका नाम सूरज है और वो भी शादीशुदा है | उसकी बीवी मर चुकी है, और वो अकेले ही रहता है | फिर कुछ दिन ऐसी ही बात नार्मल बाते चल रही थी | फिर एक दिन जब मेरी बेटी स्कूल गयी हुई थी तो मैंने अपने सास ससुर से कहा कि मैं थोडा काम से जा रही हूँ | तो उन्होंने भी कहा कि ठीक है | फिर मैं अपने घर निकल कर सूरज के घर गयी | जैसे ही उसने दरवाजा खोला मुझे देख कर खुश हो गया बहुत | फिर उसने दरवाजा बंद करके मुझे अपनी बाँहों में भर लिया | फिर वो मेरे होंठ में अपने होंठ रख कर उसे चूसने लगा | मैं भी तैयार थी इस चीज़ के लिए तो मैं भी उसका साथ देने लगी और जोर जोर से उसके होंठ को चूसने लगी | पूरे कमरे में तो बस गरमा गरम होंठो की चुसाई ही चल रही थी | फिर उसने मेरी साड़ी को उतार कर मेरे ब्लाउज को खोल दिया | फिर मेरी ब्रा उतार कर मेरे दूध को अपने मुंह में ले कर जोर जोर से चूसने लगा | मैं भी मदहोश हो गयी थी उसके ऐसा करने से | तो मैं भी उसके सिर पर हाँथ फेरते हुए उससे अपने दूध चुसवा रही थी और अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कर रही थी | वो मेरे दूध को बहुत ही जोर जोर से चूस रहा था साथ ही मेरी चुच्चियों को खींच खींच कर होंठो से चूस रहा था और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कर रही थी | 15 मिनट तक उसने मेरे दूध को बहुत ही अच्छे से तरीके से चूसा |

फिर उसने मेरे बदन से पूरी साड़ी उतार के अलग कर दिया और फिर कुछ ही पल में मुझे नंगी कर दिया | उसके बाद उसने मुझे वहीँ हॉल में ही चादर बिछा कर मुझे लेटा दिया | फिर मेरी टांगो को चौड़ा कर के मेरी चूत पे हाँथ फेरने लगा और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ करते हुए सिस्कारियां भर रही थी | वो बहुत ही अच्छे से मेरी चूत को चाटने लगा और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ करते जा रही थी | वो मेरी चूत को उँगलियों से चोदते हुए मेरी चूत को चाट रहा था | मैं बस मदहोश हो के अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कर रही थी |

10 मिनट उसने मेरी चूत को खूब चाटा अब बारी मेरी थी | मैंने उसकी शर्ट खोल कर उसके निप्पल्स को चुमते हुए उसके सारे कपडे उतार दिए | उसके बाद मैं अपने घुटनों के बल बैठ कर उसके लंड को हाँथ में पकड़ कर चूसने लगी | मैं बहुत प्यार से उसके लंड को चूसे जा रही तथी और वो अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ सिस्कारिया ले रहा था | 15 मिनट तक मैंने उसके लंड को चूस चूस कर अच्छे से रॉड की तरह कड़क कर दिया | फिर उसने मुझे कुतिया बनाया और पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया | वो मेरी चूत को जोर जोर से धक्के मर मार के चोद रहा था और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कर रही थी | उसके एक एक धक्के में बहुत दम था और उसका लंड मेरी बच्चेदानी को छु रहा था जिस वजह से मैं बहुत ही मस्त हो चुकी थी | वो जोर जोर से मेरी चूत को चोदे जा रहा था और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कर रही थी | मैं उससे कहे जा रही थी कि जोर जोर से मेरी चूत को चोदो | फाड़ दो मेरी चूत को चोद चोद के मेरी चूत का भोसड़ा बना दो | और वो भी जोर जोर से अपनी स्पीड बढ़ा कर चोदने लगा और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कर रही थी | करीब उसने मेरी चूत को 40 मिनट तक चोदा और अपना वीर्य मेरे ऊपर ही छोड़ दिया | उससे चुदने के बाद मैं बहुत थक गयी थी तो मैं घर आ कर सो गयी थी | अब मैं घर में कुछ न कुछ बहाना बना कर उससे चुदवाने चली जाती थी | पर एक दिन उसने मुझे कहा कि उसकी दूसरी शादी होने वाली है, घर वालो ने मेरे लिए खुद ही लड़की ढूंढ ली है | मैंने अभी तक उस लड़की को नहीं देखा है | उसकी ऐसी बाते सुन कर मैं दुखी हो गयी थी क्यूंकि मैं उसके लंड को बहुत पसंद करती थी | पर फिर मैंने सोचा कि चलो छोड़ो यार मैं अपनी वजह से उसकी जिन्दगी क्यूँ बरबाद करूँ | उसने मुझे बस लास्ट बार तभी चोदा था जब उसने मुझे ये बात बताई थी | उसके बाद मैं सोचने लगी थी कि अब कैसे मैं अपनी चूत कि प्यास बुझाऊ | तो मैंने उससे ही उसके एक दोस्त का नंबर ले लिया था जिसका लंड बहुत ही शानदार और जानदार था |

तो दोस्तों, ये थी मेरी एक भाग कि कहानी मैं अगले भाग में बताउंगी कि कैसे मेरी चुदाई होती रही और मैं मस्त हो कर चुदवाती रही | मैं उम्मीद करती हूँ कि आप सभी को मेरी ये कहानी बहुत पसंद आई होगी और मैं आशा करती हूँ कि मेरे अगले भाग को भी बहुत सराहोगे और लंड हिला हिला के मज़े लोगे |

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