जवानी दिवानी हो गई

   19/06/2019

Antarvasna, hindi chudai ki kahani:

Jawani diwani ho gayi कॉलेज में आखरी वर्ष का पेपर दे रहा था कॉलेज में मुझे मेरी क्लास में पढ़ने वाली संजना दिखाई दी जैसे ही टीचर ने मेरे हाथ में पेपर थमाया तो मैंने पेपर दो तीन बार पलट कर देखा और फिर मैंने अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखना शुरू किया। पता ही नहीं चला कि कब 3 घंटे बीत गये ऐसा लगा कि 3 घंटे भी शायद कम पड़ गए जब मैं अपना पेपर खत्म कर के बाहर खड़ा था तभी संजना आगे से आई और मुझे कहने लगी कि समीर तुम्हारा पेपर कैसा हुआ। मैंने संजना को कहा मेरा पेपर तो अच्छा हुआ लेकिन तुम बताओ तुम्हारा पेपर कैसा रहा तो वह मुझे कहने लगी कि मेरा पेपर भी बहुत अच्छा रहा और मुझे उम्मीद है कि मेरे अच्छे नंबर आएंगे। हालांकि संजना काफी तनाव से गुजर रही थी कुछ समय पहले उसके पापा मम्मी की कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी जिसके बाद वह अपने चाचा चाची के साथ रहने लगी थी उसके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था और वह अकेली ही इन सब दुखों का सामना कर के आगे बढ़ने लगी थी। संजना और मैं साथ में ही कॉलेज के गेट से बाहर निकले तो संजना मुझे कहने लगी कि समीर मैं अभी चलती हूं।

मैंने संजना को कहा संजना क्या मैं तुम्हारे साथ थोड़ा समय बिता सकता हूं तो संजना मुझे कहने लगी कि समीर आज तो मुझे जाना होगा क्योंकि चाचा चाची मेरा घर में इंतजार कर रहे होंगे। मैंने संजना को कहा फिर भी क्या तुम मुझे एक घंटे का समय नहीं दे सकती, संजना ने भी थोड़ी देर तक सोचा और वह मेरे साथ आने के लिए तैयार हो गई। संजना मेरी बाइक पर बैठी हुई थी और मैं संजना को एक रेस्टोरेंट में ले गया वहां पर मैंने कॉफी आर्डर की संजना और मैं कॉफी पीने लगे। हम दोनों कॉफी पीते पीते बात कर रहे थे संजना मुझसे कहने लगी कि समीर तुम्हे क्या बात करनी थी तो मैंने संजना को बताया मुझे तुम्हारे साथ समय बिताना था। संजना मुझे कहने लगी कि समीर कहीं तुम्हारे दिल में मेरे लिए कुछ चल तो नहीं रहा है संजना ने मुझसे जिस प्रकार से यह सवाल किया मुझे थोड़ा अचम्भव हुआ। मैंने संजना को कहा नहीं संजना ऐसा तो कुछ भी नहीं है तो संजना मुझे कहने लगी कि देखो समीर मेरे पापा मम्मी की मृत्यु से मुझे बहुत तकलीफ हुई और उसके बाद मेरे चाचा चाची चाहते हैं कि मैं उनके ही पसंद के लड़के के साथ शादी करूँ और फिलहाल तो मैं शादी के बारे में सोच नहीं रही हूं।

संजना को यह बहुत अच्छे से मालूम था कि मैं उसे पसंद करता हूं हालांकि वह भी मुझे पसंद करती थी लेकिन शायद अब उसके हाथ में कुछ भी नहीं था। उसके पापा मम्मी की मृत्यु के बाद उसके जीवन में सब कुछ बदल चुका था मैंने भी संजना के ऊपर ज्यादा दबाव नहीं बनाया। संजना से मैंने कहा कि कोई बात नहीं संजना हम लोग एक दूसरे के साथ अच्छे से बातें तो कर सकते हैं और हम लोग एक दूसरे के दोस्त तो रहे सकते हैं। संजना मुझे कहने लगी कि क्यों नहीं समीर मैं हमेशा तुमसे बात करती रहूंगी और हम लोग एक दूसरे के अच्छे दोस्त हैं और हमेशा रहेंगे। समय का पता ही नहीं चला कि कब एक घंटा हो गया और संजना मुझे कहने लगी कि अब मुझे घर चलना चाहिए। मैंने संजना को कहा मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ देता हूं और मैंने संजना को उसके घर तक छोड़ा उसके बाद मैं अब अपने घर पहुंचा तो मेरे पापा मुझसे कहने लगे कि समीर बेटा पेपर कैसा रहा। मैंने उन्हें कहा पापा पेपर अच्छा रहा तो वह मुझे कहने लगे कि अब आगे तुमने क्या सोचा है मैंने पापा को कहा पापा अभी मुझे थोड़ा सोचने का समय तो दीजिए कि मुझे आगे क्या करना है। पापा तो हमेशा ही मेरे पीछे पड़े रहते हैं और वह चाहते हैं कि मैं जल्द से जल्द कहीं नौकरी लग जाऊं लेकिन मैं तो किसी और ही दुविधा में था मेरे दिमाग में सिर्फ संजना का ही ख्याल था और मैं सिर्फ संजना के बारे में ही सोच रहा था। मेरे दिमाग में और कुछ आ ही नहीं रहा था मुझे तो यह लग रहा था कि संजना का यदि मैं साथ देता हूं तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी संजना के साथ बिताए हुए वह पल मेरे दिमाग में याद आ रहे थे मुझसे रहा नहीं गया और मैंने संजना को फोन कर दिया। जब मैंने संजना को फोन किया तो उस वक्त संजना काफी उदास लग रही थी मैंने संजना को कहा संजना तुम बहुत उदास लग रही हो संजना ने कोई जवाब नहीं दिया और उसने फोन काट दिया। मैं बहुत ज्यादा चिंतित हो गया था क्योंकि संजना के लिए मेरे दिल में जो जगह थी उससे मुझे लगा कि संजना बहुत बड़ी मुसीबत में है और मैं संजना की मदद नहीं कर पा रहा हूं।

काफी समय तक मेरी संजना से कोई बात ही नहीं हुई मैं संजना को फोन करता लेकिन वह मेरा फोन ही नहीं उठाती मैंने उसे कई मैसेज भी किये लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। एक दिन संजना से मेरी मुलाकात हुई संजना उस समय बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रही थी मैंने अपनी मोटरसाइकिल रोकी और संजना को कहा संजना तुम मुझसे बात क्यों नहीं कर रही हो। उसने कोई जवाब नहीं दिया शायद उसके पास कोई जवाब था ही नहीं मैंने संजना को कहा संजना तुम्हें क्या हो गया है तुम मुझसे बात भी नहीं कर रही हो। संजना मुझे कहने लगी मुझे तुमसे कोई बात ही नहीं करनी है मैंने जब संजना को कहा यदि तुम्हें मुझसे बात नहीं करनी है तो ठीक है मैं अभी चलता हूं। मैंने भी संजना से कोई बात नहीं की और मैं भी वहां से चला गया मैं थोड़ा आगे ही निकला था कि मुझे लगा कि संजना किसी मुसीबत में है और मैं जब पीछे वापस लौटा तो संजना वहीं खड़ी थी और वह रो रही थी। मैंने संजना को कहा संजना तुम क्यों उदास हो तो संजना मुझे कहने लगी कि समीर मैं तुम्हें क्या बताऊं मैंने संजना को कहा हम लोगों को कहीं बैठना चाहिये संजना मुझे कहने लगी कि मैं कहीं नहीं जाना चाहती।

संजना मुझे कहने लगी कि मेरे चाचा चाची ने मुझे बहुत ज्यादा परेशान करना शुरू कर दिया है वह लोग मेरे पापा की प्रॉपर्टी को अपने नाम करना चाहते हैं। मैंने संजना को कहा तुम्हारे चाचा और चाची बड़े लालची हैं तो वह कहने लगी कि मेरे पास उनके लिए अब कोई शब्द ही नहीं बचा है मैंने उन पर इतना भरोसा किया और उन्होंने मेरे भरोसो को एक ही झटके में तोड़ दिया मुझे तो अब किसी पर भरोसा ही नहीं रहा। मैंने संजना का साथ देना शुरू किया संजना की मैंने बहुत मदद की संजना अलग रहने लगी थी लेकिन संजना के लिए यह बड़ी मुसीबत थी कि उसकी मदद कौन करेगा। संजना को यह पता चल चुका था मैं उसे कितना प्यार करता हूं संजना अपने घर पर ही रहने लगी थी हालांकि वह अकेली जरूर थी लेकिन उसे जब भी मेरी जरूरत होती तो मैं हमेशा उसके पास चला जाया करता। हम दो जवान दिल एक दूसरे के नजदीक आने लगे थे मुझे नहीं पता था हम दोनों एक दूसरे के इतने नजदीक आ जाएंगे हम दोनों के बीच में एक दिन किस हो जाएगा। जब हम दोनों के बीच किस हुआ तो मैं अपने आपको बिल्कुल रोक ना सका और ना ही संजना अपने आपको रोक सकी संजना बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी उसने मुझे कहा समीर यह सब ठीक नहीं है? मुझे भी कुछ ठीक नहीं लगा परंतु हम दोनों एक दूसरे के लिए तड़पने लगे थे। जब दोबारा से हम दोनों के होंठ एक दिन टकराने लगे हम दोनों अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सके। मैंने संजना के कोमल और मुलायम बदन को महसूस करना शुरू किया मैं उसके नर्म होठों को चूमता तो उसके होठों से खून भी निकलने लगा था। मैंने जब उसकी ब्रा को खोलते हुए उसके स्तनों को अपने मुंह में लिया तो उसके बड़े स्तनों को अपने मुंह में लेकर मुझे मज़ा आ रहा था। संजना के गोरे बदन को मैंने देखा तो मैं अपने आपको बिल्कुल रोक ना सका।

संजना ने मुझे कहा समीर मुझसे रहा नहीं जा रहा मैंने भी अपने लंड को बाहर निकाला जब संजना ने मेरी तरफ देखा तो वह शर्माने लगी मैंने उसके हाथों में अपने लंड को दिया वह मेरे लंड को हिलाने लगी। संजना बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही मैं अपने आपको रोक पा रहा था। मैंने संजना की कोमल और मुलायम चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह चिल्ला उठी उसकी चूत के अंदर जैसे ही मेरा मोटा लंड घुसा तो उसके मुंह से बड़ी तेज चीख निकली और उसी के साथ उसकी सील पैक चूत से खून बाहर निकलने लगा था। वह बिल्कुल भी नहीं रह पा रही थी ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था। मैं संजना को बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था और संजना की चूत से लगातार खून निकल रहा था मैंने संजना के एक पैर को ऊपर उठाते हुए अपने कंधे पर रखा और उसकी चूत बड़ी तेजी से मारने लगा मेरे अंडकोषो से मेरा वीर्य बाहर की तरफ आने लगा था।

संजना मुझे कहने लगी आज तुमने मुझे अपना बना ही लिया। मैंने उसे कहा संजना मैं आज अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सका मै तुम्हारे साथ अंतरंग संबंध बनाने को तैयार हो गया। संजना की चूत के अंदर से खून बाहर की तरफ को निकल रहा था वह मुझे कहने लगी कसम से आज तो मजा ही आ गया। मैंने संजना को कहा मजा तो मुझे भी बहुत आया जैसे ही मेरा वीर्य संजना की योनि के अंदर गिरा तो उसने मुझे कहा आज तो तुमने मेरी चूत मारकर मुझे अपना बना लिया। संजना मेरी हो चुकी थी उसकी हर एक मुसीबत मेरी थी। हम दोनों एक दूसरे का साथ बहुत अच्छे से देते और संजना भी अब अपने सपने पूरे करने लगी थी। मुझे भी अच्छा लग रहा था कि मैं भी अपने सपने पूरे कर पा रहा हूं हम दोनों ही एक दूसरे के साथ रहकर बहुत खुश थे और संजना मेरा बहुत ध्यान दिया करती।

Leave a Comment