चाची ने किया भतीजे के लंड का उदघाटन

   23/07/2017

Chachi ne kiya bhatije ke lund ka udghatan:

हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों आज मैं आपको आज कुछ ऐसा बताऊंगा जो आपके लिए बड़ा ही सहायक होगा और इस चीज़ से आपको बहुत ख़ुशी भी होगी क्यूंकि आम तौर पर लोगों के घरों में ये बात नहीं होती | दोस्तों पोर्न एक बहुत ही बुरी चीज़ है क्यूंकि इससे बच्चों पे गलत असर पड़ता है | पर मैं आपको बता दूँ की ये चीज़े भी बहुत ज़रूरी है बच्चो के लिए हाँ पर सही समय आने पर | पर इसका मतलब ये नहीं है की जब उनके बच्चे हो जाए तब आप उनको बताएं इसके बारे में | ये सरासर गलत है क्यूंकि मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता जब एक बच्चा कच्ची उम्र में गलती करता है शरारिरिक अवस्था को लेकर | मतलब जब वो किशोर अवस्था में होते हैं  १६ से १७ साल की उम्र में तब ही उनको ये ज्ञान दे देना चाहिए | मुझे पता है कि आपमें से कुछ लोग इससे सहमत नहीं होंगे पर मेरा यकीन मानिये इसके परिणाम शत प्रतिशत मिलेंगे | मुझे भी इस बात पे भरोसा तब हुआ जब मैंने इसको महसूस किया | दोस्तों ये कहानी नहीं है ये मेरे जीवन की सच्चाई है | मुझे नहीं पता आप लोगों  पसंद आएगी भी या नहीं पर इतना ज़रूर कह सकता हूँ की आप लोगों को ये एक सीख ज़रूर दे जाएगी | ये कहानी है मेरे बेटे अतुल की जो अभी 12 वीं कक्षा का छात्र है और उससे कुछ ऐसी गलती हुयी जो माफ़ी के लायक तो नहीं पर हाँ उसकी उम्र को देखते हुए उसे ज्यादा सजा बही नहीं मिलनी चाहिए थी | वो जब १८ साल का था तब उससे एक गलती हुई थी जिससे मैं बड़ा खफा हो गया था और उसे घर से निकाल दिया था | वो तब से घर नहीं आया पर हाँ एक अच्छा ऑफिसर बन गया है वायु सेना में पर मुझसे अभी तक आकर मिला नहीं | मुझे भी अफ़सोस होता है कि उसकी उस गलती के लिए मुझे सजा तो देनी थी पर कोई ऐसी सजा जिससे उससे एहसास हो जाता कि उसने किया क्या है | मेरे दो बेटे हैं और वो बड़ा है पर जबसे उसके साथ मैंने ऐसा किया है तन से मैं बहुत सतर्क हो गया हूँ और अपने छोटे बेटे को मैंने कुछ अलग तरीके से समझाया और बड़ा किया और जैसा कि मैंने कहा मुझे बहुत अच्छे परिणाम मिले कास मैं ऐसा पहले कर पाता तो अतुल आज मेरे साथ होता |

मुझे कई लोगों से ताने भी सुनने मिलते थे पर क्या करूँ मुझे तो कुछ करके दिखाना था | हुआ ये था की अतुल एक बहुत ही इमानदार लड़का था और मुझे उसपे आज भी गर्व है क्यूंकि वो देश की सेवा कर रहा है | पर वो हादसा मेरे दिमाग से जाता ही नहीं है | हमारा परिवार देहरादून में रहता है और हम सारे लोग मतलब मेरे भाई बहु और बच्चे सब एक साथ रहते हैं और हमारा कारोबार है कपडे का | किसी चीज़ की कमी नहीं थी हमे पर क्या करे किस्मत कब कहाँ पलट जाये भरोसा ही नहीं है | मेरे दो भाई है और उन दोनों की शादी हो चुकी है और एक भाई आर्मी में था तो वो देश के लिए शहीद हो गया था | उसकी पत्नी सरोज बहुत मायूस रहती थी और उनका बेटा भी था | उसने मेरे साथ दूकान सँभालने का फैसला किया तो मैंने हाँ कर दी क्यूंकि उसका मन भी हल्का हो जाता और उसे अच्छा भी लगता | वो रोज़ दूकान आती थी और मेरी मदद करती थी और धीरे धीरे उसने सब संभल लिया | उसके आने से हमारा काम और भी ज्यादा बढ़ गया था | मैंने उससे कहा सरोज बेटा आराम भी किया करो | उसने कहा नहीं पापा अभी बहुत काम बाकी बचा है अभी हमको और ऊँचा जाना है | वो मुझे “पापा” ही कहती थी और सब काम करती थी बहुत पढ़ी लिखी जो थी | मुझे लगता था बहुत बुरा हुआ उसके साथ और मुझे भी लगता था क्यूंकि मैंने अपना सगा भाई खोया था | पर धीरे धीरे सब सामान्य होता जा रहा था और सरोज भी अच्छे से हसने बोलने लगी थी | हाँ अतुल को बड़ा चाहती थी वो क्यूंकि अतुल घर का पहला लड़का था और अतुल ने ही अपने चाचा के लिए सरोज को पसंद किया था | पर बच्चे तो बच्चे कब कहा गलती कर जाए पता नहीं | अतुल जब भी आता बोलता चाची आपका पेट दिखाओ न मुझे नाभि में ऊँगली करनी है | तो मैं उसे दांत देता और थप्पड़ भी मारता और सरोज कुछ नहीं बोलती | मुझे ततो पता था कि अगर अतुल ने सरोज से कुछ माँगा है तो वो उसे मिलेगा ही तो वो उसके अकेले में ये सब करवा लिया करती थी | पर अतुल भी बड़ा हो गया था करीब १८ का तो होगा ही | उसका भी मन जाग जाये और कुछ गलत हो जाए तो फिर कौन संभालेगा ये सब इसलिए मैं ये करता था पर सरोज तो मानती नहीं थी |

एक बार की बात है अतुल आया और मैं उस समय था नहीं पर कैमरा लगा था दूकान में उसने कहा चाची दिखाओ न और सरोज ने अपनी साड़ी नीचे कर डी और अतुल खेलने लगा उसके पेट से | धीरे धीरे अतुल ने उसके दूध को दबाना शुरू कर दिया और सरोज ने कुछ नहीं कहा वो उसका सर सहला रही थी | फिर थोड़ी देर बाद अतुल अलग हुआ और सरोज ने साडी ठीक की और अन्दर चली गयी | जब मैं लौटा तो मैंने ये सब देखा और सरोज को समझाया कि बेटा ये सब गलत है तो उसने कहा पापा वो बच्चा है करने दीजिये न | औरत की कामुकता की कोई सीमा नहीं होती ये मुझे पता है | सरोज भी कामुक थी और उसे अपनी हसरत और प्यास बुझाने के लिए किसी का सहारा चाहिए था | अतुल उसका सहारा बनता जा रहा था पर मैं नहीं चाहता था क्यूंकि रिश्तों में चुदाई हमारे यहाँ का रिवाज नहीं है | मैंने सोचा कि ये तो सम्जेगी नहीं तो क्यूँ न मैं अतुल को ही अलग कर दूँ यहाँ से | मैंने अतुल को एक हॉस्टल वाले स्कूल में डाल दिया और वो अब बस छुट्टियों पे ही आ पाता था | पर मुझे नहीं पता था की वो सब कुछ याद रखेगा और आने के बाद भी वही हरकत चालु कर देगा | सरोज तो थी ही प्यासी और अब तो अतुल बड़ा भी हो गया था | अतुल आया और दूकान में सीधा अपनी काह्ची के ऊपर टूट पड़ा और गले लगा लिया | बड़ा ही भरा हुआ बदन था सरोज का कई लोग उसकी तारीफ करते थे | उसने कहा चाही दिखाओ न तो इस बार सारोज ने अपनी पूरी साड़ी उतार डी उसके सामने और पेटीकोट भी | और कहा करले जो करना है अणि चाची के साथ अतुल ने उसका पेट और नाभि चाटना शुरू किया और फिर उसके दूध दबाने लगा | फिर उस्नेकाहा चाही मुझे ब्लाउज के अन्दर क्या है देखना है | उसने कहा अच्छा बेटा ये ले देख ले अपनी चाची के ब्लाउज के अन्दर | उसने जैसे ही अपना ब्लाउज खोला अतुल ने कहा वाह चाची क्या ब्रा है आपका चाची ने कहा उतार दे और देख ले अन्दर क्या है |

उसने ब्रा उतारा और सीधा उसके निप्पल चूसना शुरू कर दिया और वो भी मदमस्त हो गयो और कहने लगी चूस बेटा आज तेरी प्यासी चाची को आज बहुत मज़ा आ रहा है | अतुल ने उसके निप्पल चूसते चूसते उसमे से दूध निकाल दिया था | सरोज ने कहा बेटा रुक अब तुझे कुछ और दिखाती हूँ | उसने पेटीकोट उतारा और अपनी चड्डी भी उतारी और कहा बेटा इसे भी चाट | अतुल ने कहा चाची ये क्या है तू उसना कहा जन्नत | अतुल का लंड भी खड़ा था और वो उसे मसल रही थी | अतुल उसकी चूत में घुस गया था और चाट चाट के उसको लाल कर दिया था | उम्म्म्मम्म्म्मम्म आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह अतुल और कर उम्म्म्मम्म्म्मम्म आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह और कर अतुल अच्छा लग रहा है | फिर उसने अतुल का जीन्स उतार के उसका लंड चूसना चालू किया | अतुल भी उम्म्म्मम्म्म्मम्म आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह  कर रहा था और थोड़ी ही देर में झड़ गया | उसने कहा चची ये क्या था उसने कहा बेटा ये तेरा मुठ है | फिर उसने अतुल को लिटाया और उसके लंड को अपनी चूत पे रखके अन्दर कर लिया और उसपे उचकने लगी | अतुल को भी मज़ा आ रहा था और वो दोनों उम्म्म्मम्म्म्मम्म आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह उम्म्म्मम्म्म्मम्म आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह  कर रहे थे | करीब चार घंटे अतुल और सरोज ने चुदाई की और फिर मैं पहुँच गया | मैंने अतुल को बहुत मारा और घर से निकाल दिया और फिर पता नहीं सरोज भी कहीं चली गयी | पर मैंने अपने छोटे बेटे को ये सब बताया और पोर्न भी दिखाया तो उसने आज तक ऐसी कोई हरकत नहीं की | तो दोस्तों कुछ चीज़ों पे खुलके बात करने से काम बन जाते हैं | जल्द ही मिलता हूँ अपनी दूसरी कहानी लेकर | मेरी इस कहानी पर अपनी राय देना मत भूलियेगा |

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