वीर्य की वर्षा कर डाली

   20/06/2019

Antarvasna, hindi sex kahani:

Virya ki varsha kar daali मम्मी मुझसे कहने लगी रोहित बेटा अभी तुम्हारे चाचा गांव से आने वाले हैं तो तुम उन्हें लेने के लिए रेलवे स्टेशन चले जाओगे। मैं अपने ऑफिस से लौटा ही था मैंने मम्मी से कहा ठीक है मम्मी मैं चाचा जी को ले आता हूं और मैं वहां से स्टेशन के लिए निकल गया। मैं जब स्टेशन  पहुंचा तो मैंने चाचा जी के नंबर पर फोन किया लेकिन वह फोन ही नहीं उठा रहे थे कुछ देर बाद जब उन्होंने फोन उठाया तो मैंने चाचा जी से कहा क्या आप स्टेशन पहुंच चुके हैं। चाचा जी मुझे कहने लगे कि हां बेटा मैं तो स्टेशन पहुंच गया हूं मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा हूं तुम कहां पर हो मैंने चाचा जी से कहा चाचा जी आप इस स्टेशन के मेन गेट पर आ जाइए मैं वहीं पर खड़ा हूं। चाचा जी जैसे ही मेन गेट पर आए तो मैंने चाचा जी से कहा चाचा जी आइये चाचा जी मेरे साथ ही बैठ गए उनके पास ज्यादा सामान नहीं था। जब वह बैठे तो वह मुझे कहने लगे कि रोहित बेटा घर में सब कुछ ठीक तो है ना मैंने उनसे कहा हां चाचा जी घर में सब कुछ ठीक है।

चाचा जी काफी समय बाद गांव से हम से मिलने के लिए आए थे और जब मैं घर पहुंचा तो मैंने चाचा जी से कहा मैं गाड़ी खड़ी कर देता हूं। मैंने गाड़ी को अपने घर के अंदर पार्क कर दिया और उसके बाद हम लोग जब अंदर गए तो मां हमारा इंतजार कर रही थी मां ने चाचा जी से पूछा आपको कोई दिक्कत तो नहीं हुई। वह कहने लगे नहीं मुझे कोई भी दिक्कत नहीं हुई रोहित मुझे स्टेशन के बाहर ही मिल गया था चाचा जी बड़े ही सामान्य और साधारण से है मैंने मां से कहा मां मैं आकाश के घर जा रहा हूं। मां कहने लगी लेकिन तुम वहां से कब लौटेगे मैंने मां से कहा मां बस थोड़ी देर बाद घर आ जाऊंगा तो मां कहने लगी ठीक है लेकिन जल्दी आ जाना मैंने मां से कहा ठीक है मैं जल्दी आ जाऊंगा। मेरी मां अभी भी मेरा ख्याल बच्चों की तरह ही रखती है हालांकि मैं नौकरी भी करने लगा हूं और अब मुझे काफी चीजों की समझ भी होने लगी है लेकिन उसके बावजूद भी मां मेरा वैसा ही ध्यान रखती है जैसा कि पहले रखा करती थी। मैं आकाश से मिलने के लिए चला गया जब मैं आकाश के घर पर गया तो आकाश उस वक्त अपने ऑफिस से लौट रहा था मैंने आकाश से कहा क्या तुम अभी ऑफिस से लौट रहे हो।

आकाश मुझे कहने लगा हां यार बस अभी मैं ऑफिस से लौट रहा हूं, आकाश मेरा बचपन का दोस्त है और वह मेरे पड़ोस में ही रहता है आकाश का भी हमारे घर पर अक्सर आना-जाना लगा रहता है। आकाश ने मुझे कहा कि रोहित तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है तो मैंने उससे कहा जॉब तो ठीक ही चल रही है लेकिन कई बार लगता है कि जॉब छोड़ देनी चाहिए परंतु फिर भी जब तक एडजेस्ट हो सकता है तब तक तो कर ही सकते है। आकाश कहने लगा तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो जब तक एडजेस्ट हो सकता है तब तक कर लो मैंने आकाश को कहा तुम्हारी जॉब तो ठीक चल रही है ना। आकाश मुझे कहने लगा कि हां मेरी जॉब ठीक चल रही है आकाश मुझे कह रहा था कि यार हम लोगों ने कुछ दिनों पहले घूमने का प्लान बनाया था लेकिन हमारा प्लान ही कैंसिल हो गया मैंने आकाश से कहा लेकिन तुम्हारा प्लान किस वजह से कैंसिल हुआ। आकाश मुझे कहने लगा कि हमारे ऑफिस में सब लोगों ने घूमने का प्लान बना लिया था लेकिन अचानक से कुछ लोगों ने आने से मना कर दिया जिसकी वजह से हम लोगों को अपने ऑफिस का प्लान कैंसिल करना पड़ा और अभी हम लोग कहीं नहीं जा पा रहे हैं। मैंने आकाश से कहा हमारे ऑफिस में तो कोई इस बारे में बात ही नहीं करता सब लोग बड़े परेशान रहते हैं और अपने ही काम से किसी को फुर्सत नहीं है। आकाश कहने लगा यार क्यों ना हम लोग कुछ दिनों के लिए कहीं शांत जगह हो आये जहां शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी ना हो और इतनी गर्मी में फिलहाल मुझे लग रहा है कि कुछ दिनों के लिए हमें कहीं चले जाना चाहिए। मैंने आकाश से कहा हां आकाश तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो हम लोगों को कुछ दिनों के लिए कहीं चले जाना चाहिए आकाश मुझे कहने लगा कि मेरा एक दोस्त है जो कि शिमला में रहता है यदि तुम कहो तो मैं उससे बात कर सकता हूं।

मैंने आकाश से कहा हां क्यों नहीं तुम उससे बात कर लो हम लोग कुछ दिनों के लिए कहीं घूम आते हैं थोड़ा माइंड भी फ्रेश हो जाएगा और कुछ अलग ही महसूस होगा। हम लोग घूमने की पूरी तैयारी कर चुके थे मैंने आकाश से कहा अभी तो मैं अपने घर जा रहा हूं लेकिन तुम मुझे बता देना आकाश कहने लगा ठीक है मैं तुम्हें बता दूंगा और मैं अपने घर चला गया। दो दिन बाद आकाश ने मुझे फोन किया और कहा रोहित मैंने अपने दोस्त से बात की थी तो वह कहने लगा कि यहीं शिमला के पास एक छोटी सी जगह है यदि तुम कहो तो मैं वहां पर रहने का बंदोबस्त करवा देता हूं मैंने आकाश से कहा हां क्यों नहीं हम दोनों ही वहां चल लेते हैं। आकाश और मैंने वहां जाने का प्लान बना लिया हम लोग दिल्ली से शिमला के लिए निकले और दो दिन हम लोग शिमला में ही रुके। शिमला में आकाश का दोस्त हमें मिला और उसके बाद हम लोग वहां से उस छोटे से कस्बे में चले गए वहां जाकर बड़ा ही अच्छा लगा और कुछ अलग ही अनुभव का एहसास हुआ। हम लोगों ने वहां पर ट्रैकिंग भी की और उसके बाद हम लोग शिमला लौट आए, शिमला हम लोग दो दिन रुकने वाले थे।

मैं और आकाश शिमला में ही रुकने वाले थे शिमला के मदमस्त वादियां और उस दिन ठंड भी पूरे चरम सीमा पर थी। आकाश मुझसे कहने लगा यार ठंड तो बहुत ज्यादा हो रही है लगता है कोई बंदोबस्त करना पड़ेगा मैंने उसे कहा पर कहां बंदोबस्त हो जाएगा। आकाश कहने लगा वह सब तुम मुझ पर छोड़ दो मै कुछ अरेंजमेंट करवाता हूं आज की ठंड तो कम से कम दूर हो ही जाएगी और हम दोनों ने ठंड को गर्मी में तब्दील करने का पूरा बंदोबस्त कर दिया था। आकाश के दोस्त की मदद से उसने एक ग़दराए हुए बदन की भाभी को हमारे पास भिजवा दिया जब वह भाभी हमारे पास आई तो जैसे बहुत चलता फिरता सामान हो। भाभी तो जैसे अपने साथ सारे आइटम लेकर चलती हो भाभी कहने लगी बताओ मैं पहले किसकी गोद में बैठूंगी। हम दोनों एक दूसरे के मुंह पर देखने लगे लेकिन जब वह मेरी गोद में बैठी तो आकाश मुझे कहने लगा चलो पहले तुम ही कुछ गर्मी का एहसास ले लो। मैंने आकाश से कहा देखो करेंगे तो दोनों ही नहीं तो कोई भी नहीं करेगा। भाभी कहन लगी अच्छा तो तुम दोनों दोस्ती के बड़े पक्के हो भाभी ने जब यह बात कही तो मैंने भी अपने लंड को बाहर निकाला और आकाश ने भी अपने लंड को बाहर निकाल लिया। जब आकाश ने अपने लंड को बाहर निकाला तो भाभी ने उसके लंड को चूसना शुरु किया कुछ देर तक भाभी ने मेरे लंड का रसपान भी किया। हम दोनों को ही बड़ा मजा आया जब हमने भाभी के बदन से कपड़े उतारे तो उनके बड़े स्तन बड़े ही लाजवाब थे और उनके स्तनों को जब मैंने अपने मुंह के अंदर लिया तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था। आकाश को भी बड़ा मजा आ रहा था हम दोनों ने ही भाभी के स्तनों का जमकर रसपान किया हमने उन्हें पूरी तरीके से खुश कर के रख दिया था। भाभी ने कहा कि तुम दोनों मेरी चूत बारी बारी से मारोगे तो मैंने भाभी से कहा कि हां भाभी क्यों नहीं। जब मैंने भाभी की योनि पर अपने लंड को लगाया तो भाभी की चूत के अंदर मेरा लंड धीरे धीरे अंदर जाने लगा। जैसे ही मेरा लंड भाभी की योनि के अंदर घुसा तो उनके मुंह से तेज चीख निकल पड़ी और वह कहने लगी मुझे बड़ा दर्द हो रहा है।

जिस प्रकार से मैं भाभी की चूत मार रहा था भाभी खुश हो गई थी। मैंने अपने लंड को बाहर निकाल कर भाभी की गांड के अंदर डाल दिया भाभी की गांड में मेरा लंड प्रवेश हो चुका था। आकाश ने अपने लंड को भाभी की चूत के अंदर डाल दिया जिस प्रकार से आकाश में भाभी की चूत के अंदर लंड को डाला तो भाभी ने अपने पैरों को खोल दिया था। भाभी को मैंने अपने ऊपर से लेटाया हुआ था आकाश बड़ी तेजी से भाभी की चूत के मजे ले रहा था। मै भाभी की गांड में अपने लंड को घुसाए जा रहा था भाभी जिस प्रकार से हम दोनों का ही साथ दे रही थी उससे हम दोनों को ही मजा आ रहा था। मैंने और आकाश ने भाभी के बदन की गर्मी को बड़े अच्छे से दूर कर दिया और जब हम दोनों ने ही भाभी के ऊपर अपने वीर्य की वर्षा कर दी तो वह कहने लगी तुम दोनों ने आज मुझे खुश कर दिया है।

हमने भाभी से कहा आप हमारे साथ बैठ जाइए वह हम लोगों के साथ बैठ गई और थोड़ी देर उन्होंने मेरे लंड को बाहर निकाला और उसे अपने मुंह मे लेकर चूसने लगी। वह जिस प्रकार से अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को ले रही थी उससे मे पूरे मजे लेने लगा था। मैं दोबारा से उत्तेजित हो गया वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है ऐसे ही वह काफी देर तक मेरे लंड को मुंह के अंदर तक लेती रही। उन्होंने बहुत देर तक ऐसे ही मेरे लंड के मजे लिए बहुत देर तक उन्होने ऐसा ही किया। जब मैंने अपने लंड को दोबारा से उनकी योनि के अंदर डाला तो मै उनके स्तनों का रसपान कर रहा था मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था। मैंने उन्हें बहुत देर तक चोदा जब मेरी इच्छा पूरी तरीके से भर गई तो मैंने भाभी से कहा आज तो आपने वाकई में ठंड में गर्मी का एहसास दिला दिया है। भाभी कहती मैं जहां भी जाती हूं तो लोग मेरी बड़ी तारीफ किया करते हैं।

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