उस नौजवान लड़के का लंड

   17/05/2019

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Us naujawan ladke ka lund मैंने मनीष से कहा मनीष काफी दिन हो गए हैं मैंने शॉपिंग भी नहीं की तो मनीष मुझे कहने लगे कि अभी हमने पिछले महीने ही तो शॉपिंग की थी। मैंने मनीष से कहा मनीष लेकिन मुझे अंजली की शादी के लिए शॉपिंग करनी है अब तुम मुझे यह बताओ कि कब मुझे अपने साथ लेकर जा रहे हो। मनीष मेरे पति हैं और वह एक कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं हम दोनों दिल्ली में रहते हैं हम लोग हिसार के रहने वाले हैं और मेरी शादी के कुछ समय बाद ही हम दोनों दिल्ली आ गए थे। मेरी मुलाकात मनीष से जॉब के दौरान हुई थी मैं और मनीष एक ही कंपनी में जॉब किया करते थे लेकिन शादी के बाद मेरे ससुराल पक्ष को मेरी जॉब से आपत्ति थी इसलिए मैंने जॉब छोड़ दी और मैं अब ज्यादातर समय घर पर ही रहती हूं।

अब मुझे मनीष पर ही पूरी तरीके से निर्भर होना पड़ रहा है हालांकि पहले ऐसा नहीं था पहले मैं खुद ही नौकरी करती थी और खुद के पैरों पर खड़ी थी। मैंने मनीष को कहा कि तुम मुझे कुछ कहते क्यों नहीं हो कल तुम मुझे शॉपिंग कराने के लिए लेकर जा रहे हो या नही। मनीष मुझे कहने लगे कि हां तुम्हें मैं शॉपिंग कराने के लिए लेकर चलता हूं लेकिन मुझे दो दिन का वक्त दो, दो दिन बाद मेरी तनख्वाह भी आ जाएगी और तब हम लोग शॉपिंग करने के लिए जाएंगे। मैंने मनीष से कहा हां ठीक है हम लोग दो दिन बाद शॉपिंग करने के लिए जाएंगे। जब हम लोग दो दिन बाद शॉपिंग करने के लिए गए तो उस दिन मैंने काफी कपड़े खरीद लिए थे और जब हम घर आये तो मनीष मुझे कहने लगे कि तुमने तो पूरे महीने का बजट खराब कर दिया है। मैंने मनीष से कहा आपको तो मालूम है ना कि मेरी बचपन की सहेली अंजली की शादी है और मैं भला कैसे उसकी शादी में नहीं जाऊंगी। मनीष कहने लगे कि मैं थोड़ी देर आराम कर लेता हूं मनीष काफी थक चुके थे और वह थोड़ी देर बैठ गए। उसके बाद मैं कपड़े देखने लगी मैं बार-बार कपड़े पहन कर अपने आप को शीशे में देखती मैं जब अपने आप को शीशे में देख रही थी तो उस वक्त मेरे पीछे से मनीष आये और कहने लगे कि मैं काफी देर से देख रहा हूं तुम अपने आप को शीशे में देख रही हो। मैंने मनीष से कहा हां मैं अपने कपड़े चेक कर रही थी लेकिन मुझे लग रहा है कि शायद सब कपड़े ठीक आ रहे हैं।

मैंने जब मनीष को यह बात कही तो मनीष कहने लगे की अंजली की शादी कितने तारीख को है मैंने मनीष को कहा कि अंजली की शादी इसी महीने की 25 तारीख को है। मनीष कहने लगे कि इस महीने की 25 तारीख को क्या अंजली की शादी है मुझे तो लग रहा था कि उसकी शादी अगले महीने होगी। मैंने मनीष से कहा नहीं इस महीने ही अंजली की शादी है मनीष मुझसे कहने लगे कि इस महीने की पूरी तनख्वाह तो तुमने मेरी खत्म करवा दी है। मैंने मनीष से कहा इतना तो मेरा अधिकार तुम पर है ही ना मनीष कहने लगे हां बाबा तुम्हारा अधिकार क्यों नहीं होगा तुम ही तो अब मेरे जीवन में हो। मनीष उसके बाद दूसरे रूम में चले गये और वह आराम करने लगे अगले दिन सुबह मनीष ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहे थे मैंने मनीष से कहा कि आज आप कितने बजे तक लौटेंगे। मनीष कहने लगे कि मुझे आने में थोड़ा समय तो लग जाएगा लेकिन बताओ क्या कुछ काम था तो मैंने मनीष से कहा नहीं काम तो कुछ नहीं था बस ऐसे ही मैं तुमसे पूछ रही थी कि तुम कब तक वापस लौट आओगे। मनीष कहने लगे कि मुझे आने में थोड़ा समय लग जाएगा यदि कोई काम हो तो तुम मुझे फोन कर लेना मैंने मनीष से कहा ठीक है यदि कोई काम होगा तो मैं तुम्हें फोन कर दूंगी। मनीष भी अपने ऑफिस के लिए निकल चुके थे मैं घर पर अकेली ही थी थोड़ी देर तो मैंने घर का काम किया और उसके बाद मैं बिस्तर पर बैठ गई। मेरे समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे मेरा समय कटेगा मैंने कुछ देर अपने दोस्तों से फोन पर बात की और उसके बाद मैं इधर से उधर करने लगी लेकिन मुझे यह बिल्कुल पता नहीं चल पाया कि कब मेरी आंख लग गई। मैं लेटी हुई थी तभी मनीष का फोन मेरे फोन पर आया और वह कहने लगे कि सुजाता तुम क्या कर रही थी तो मैंने मनीष से कहा कि कुछ भी तो नहीं बस मैं घर का काम कर रही थी। मनीष कहने लगे की मैं तुम्हें यह कह रहा था कि शायद मैं अपना बटवा घर पर ही भूल गया हूं मैंने मनीष से कहा कि मैं अभी आपको देख कर बताती हूं।

मैंने मनीष के बटुए को देखा तो मनीष का बटुआ घर पर ही था मनीष कहने लगे चलो कोई बात नहीं आज मेरे दिमाग से बटुए का ख्याल ही निकल ही गया था इस वजह से मेरा बटुआ आज घर पर ही छूट गया। मनीष कहने लगे कि मुझे तो लग रहा था कि कहीं मेरा बटवा गिर तो नहीं गया है मैंने मनीष से कहा नहीं आपका बटुआ तो घर पर ही है उन्होंने उसके बाद फोन रख दिया। मैं घर पर अकेली ही थी तो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मेरा समय बिल्कुल भी नहीं कट रहा था मैं काफी बोर हो रही थी मैं सोचने लगी क्या मैं अपनी दोस्त मंजू को घर पर बुला लूँ। मैंने जब मंजू को फोन किया तो मंजू मुझे कहने लगी कि मैं तो अपने मायके आई हुई हूं शायद कल ही यहां से मेरा लौटना होगा। मैंने मंजू से कहा चलो कोई बात नहीं उसके बाद मैंने फोन रख दिया था और मैं अकेली ही थी इसलिए मैं बहुत ज्यादा बोर हो रही थी।

मैंने जब अलमारी खोल कर देखा तो उसमें से मुझे ब्लू फिल्म दिखाई दे गई मैंने उसको देख कर मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी। अब मेरे पास सेक्स करने के लिए कोई भी नहीं था मैं अपनी चूत के अंदर उंगली डालने लगी और मुझे बड़ा मजा आने लगा। मैं अपनी चूत के अंदर उंगली डालकर अंदर-बाहर करती जाती जिससे कि मेरे अंदर की उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी मेरे अंदर बेचैनी जागने लगी थी। तभी घर की डोरबेल बजी और मैंने जब बाहर देखा तो बाहर एक डिलीवरी ब्वॉय था वह मुझे कहने लगा कि मैडम क्या यह पटेल साहब का घर है? मैंने उसे कहा नहीं यह तो उनका घर नहीं है लेकिन जब उस नौजवान लड़के के मजबूत कंधे मैंने देखे तो मैंने उसको अंदर बुला लिया और कहां आओ ना तुम अंदर आ जाओ बाहर तो बहुत गर्मी हो रही है। वह मुझे कहने लगा नहीं मुझे अभी जाना है लेकिन मैं उसे अपने स्तनों को दिखाने लगी जिससे कि वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगा था और मुझे कहने लगा कि क्या आप मेरे लिए एक गिलास पानी ले आएंगी। वह लड़का अंदर आ चुका था मैं उसके लिए पानी लेने के लिए  किचन में चली गई जब मैं उसके लिए पानी लेकर आई तो उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। वह पानी पी रहा था और मेरी गांड उसके लंड से टकरा रही थी हम दोनों ही उत्तेजित होने लगे थे मैंने उसे कहा चलो ना बैडरूम में चलता है। मैं उसका हाथ पकड़कर अपने साथ बेडरूम में ले आई और उसके सामने अपने कपडे उतारने लगी जब मैं उसके सामने अपने कपडे उतारती रही तो वह मेरी तरफ देख रहा था। जैसे ही मैंने अपने बदन से पूरे कपड़े उतारे तो वह मेरी तरफ आया और मेरे होठों को चूमने लगा अब वह मुझे दीवार के सहारे खड़े कर के मेरी जांघ को अपने हाथ में उठा रहा था और मेरे होठों को चूम रहा था। वह किसी फिल्मी अंदाज में हीरो की तरह मेरे होठों को चूम रहा था और मेरे स्तनों को भी उसने दबाना शुरू कर दिया था मेरे अंदर भी उत्तेजना बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी और उसे मैं रोक नहीं पा रही थी और ना ही वह अपनी जवानी को रोक पा रहा था।

उसने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू कर दिया मैं जब उसके लंड को अपने हाथ में लेकर हिला रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ऐसा करते हुए मुझे करीब 5 मिनट हो चुके थे। अब उस नौजवान लड़के का लंड फुफकारने लगा था वह मेरी योनि की गहराई में जाने के लिए तैयार हो चुका था। मैंने उसको अपने मुंह के अंदर समाते हुए उसे चूसना शुरू किया तो उसे बड़ा मजा आने लगा और वह युवक मुझे कहने लगा मैडम आप तो बड़ी लाजवाब है। उसने मेरे बालों को पकड़ लिया और मेरे गले के अंदर तक अपने लंड को घुसाने लगा मुझे तो बड़ा मजा आता। उसने मुझे बिस्तर पर लेटाता हुए मेरे दोनों पैरों को खोलकर उसने अपनी जीभ को मेरी चूत के बीचो-बीच लगाया।

वह मेरी चूत को बड़े ही अच्छे तरीके से चूसे रहा था उसे मेरी चूत को चाटने में बड़ा मजा आ रहा था काफी देर तक वह ऐसा करता रहा जब मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा तो उसने अपने मोटे लंड को मेरी योनि पर लगाते हुए अंदर धकेलना शुरू किया और जैसे ही उसका मोटा लंड मेरी योनि के अंदर घुसा तो मेरी चीख निकल पड़ी। मेरे मुंह से बहुत तेज चीख निकलने लगी  उसी के साथ वह अपनी गति पकड़ चुका था। उसने मेरे पैर खोलकर चोदना शुरू किया और काफी देर तक वह ऐसा ही करता रहा लेकिन जब उसकी गति बढ़ने लगी तो वह मुझे कहने लगा मुझे आपको घोड़ी बनाकर चोदना है।। उसके इतना ही कहने पर मैंने अपनी चूतडो को उसके सामने पेश कर दिया और उसने अपने लंड पर थूक लगाते हुए मेरी योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया उसका लंड मेरी योनि के अंदर जा चुका था। मैं अब बहुत ही ज्यादा मादक आवाज मै सिसकिया लेने लगी थी मेरी आवाज में मादकता साफ नजर आ रही थी। मेरी योनि से पानी की मात्रा बहुत अधिक होने लगी थी और वह मेरी योनि की गर्मी को ज्यादा देर तक बर्दाश्त ना कर सका और उसने मेरी इच्छा की पूर्ति कर दी थी।

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