उर्मिला की चूत से खून निकल आया

   26/03/2020

Antarvasna, desi kahani:

Urmila ki chut se khoon nikal aaya मैं बस स्टॉप पर खड़ा होकर बस का इंतजार कर रहा था मुझे अभी कुछ दिन हीं हुए थे मैं गुडगाँव में नया आया था। गुडगाँव में करीब एक महीने पहले मेरी नौकरी लगी थी और मैं गुडगाँव आया था गुडगाँव में मेरे दोस्त ने हीं मेरी बहुत मदद की थी। मेरा दोस्त जो कि गुडगाँव में काफी पहले से रहता है उसने मेरी मदद की और मैं उसके साथ ही रहता हूं। मैं बस का इंतजार कर रहा था जैसे ही बस आई तो मैं भी बस में चढ़ गया। हालांकि मुझे बैठने के लिए जगह तो नहीं मिल पाई थी लेकिन थोड़ी आगे जब बस गई तो अगले स्टॉप पर मुझे बैठने के लिए सीट मिल चुकी थी। मैं सीट में बैठा तो कंडक्टर मेरे पास आकर कहने लगा कि भाई साहब टिकट कटवा लो। मैंने टिकट लिया और उसके बाद मैं अपने फोन में टाइम देखने लगा तभी मैंने अपने बिल्कुल सामने देखा तो मेरे सामने एक लड़की खड़ी थी मैंने उसे कहा कि आप सीट में बैठ जाइए लेकिन वह नहीं बैठी।

मैंने उसे दोबारा आग्रह किया तो वह सीट में बैठ गयी और मुझे उसने थैंक्यू कहा। उसकी प्यारी सी मुस्कुराहट से मैं बहुत खुश हो गया था। उसके बाद से वह लड़की मुझे हमेशा बस में दिखने लगी तो मैं उसे हमेशा ही हेलो जरूर कहता था और उसके बाद तो उर्मिला और मैं जैसे एक दूसरे के काफी करीब आ गए थे। हम दोनों की दोस्ती भी हो गई और उर्मिला के बारे में मैं काफी कुछ जानने लगा था। मैंने उसे अपने साथ डिनर पर इनवाइट किया तो पहले वह मेरे साथ डिनर पर आने से कतरा रही थी लेकिन फिर वह मेरी बात मान गई और वह मेरे साथ डिनर पर आ गई। जब वह मेरे साथ डिनर पर आई तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा जिस तरीके से हम दोनों ने साथ में उस दिन समय बिताया तो हम दोनों को ही काफी अच्छा लगा था और मैं बहुत ज्यादा खुश था क्योंकि उर्मिला और मैं अब एक दूसरे के बहुत ज्यादा करीब आते जा रहे थे। मेरी गुडगाँव में ज्यादा दोस्ती नहीं थी मैं सिर्फ अपने ऑफिस जाता और ऑफिस से घर लौट आता। उर्मिला से मेरी दोस्ती दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही थी हम दोनों की दोस्ती अब काफी ज्यादा गहरी हो चुकी थी।

मुझे उर्मिला का साथ बहुत ही अच्छा लगता था और जब भी उर्मिला के साथ मेरी बात नहीं होती या फिर मैं उससे मिल नहीं पाता तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था। अब समय बदलता जा रहा था मैं भी सोच रहा था कि उर्मिला के साथ क्या मैं प्यार करने लगा हूं। एक दिन मैंने इस बारे में अपने दोस्त से डिस्कस किया तो उसने मुझे कहा कि मुझे लग रहा है कि तुम उर्मिला से प्यार करने लगे हो। मुझे भी यही लगने लगा था कि उर्मिला के बिना शायद मेरा जीवन अधूरा सा है और जब भी उससे मेरी मुलाकात नहीं हो पाती या फिर मेरी उससे बात नहीं हो पाती तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था। मैंने अब फैसला कर लिया था कि मैं उर्मिला को अपने दिल की बात कह डालूंगा। मैं उर्मिला को अपने दिल की बात कहना चाहता था लेकिन जब उर्मिला ने मुझे अपने दिल की बात बताई तो मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया। उर्मिला ने हीं मुझे पहले प्रपोज किया और फिर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था क्योंकि उर्मिला और मैं अब एक हो चुके थे। हम दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी नहीं रह पाते थे और जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों साथ में काफी अच्छा समय बिताया करते थे।

मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि उर्मिला और मैं एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश है। मैं कभी भी उर्मिला को किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने देता था हम दोनों एक दूसरे के साथ हमेशा ही खुश रहते। जब भी मैं उर्मिला से मिलता तो उर्मिला के चेहरे पर मुस्कुराहट होती जो कि मेरी परेशानी को दूर कर दिया करती थी। उर्मिला कहने लगी कि मैं इस बारे में अपनी फैमिली को बता दूंगी मैंने उर्मिला को कहा कि तुम अभी अपनी फैमिली में इस बारे में कुछ मत बताओ। उर्मिला भी मेरी बात मान गई और हम दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशन में बहुत ही ज्यादा खुश हैं। मुझे कुछ दिनों के लिए अपने घर लखनऊ जाना था और मैं कुछ दिनों के लिए लखनऊ चला गया था। जब मैं लखनऊ गया तो पापा की तबीयत अचानक खराब हो गई थी और मुझे कुछ दिनों तक घर पर ही रुकना पड़ा। उर्मिला का फोन मुझे आ रहा था लेकिन उस वक्त मैं अस्पताल में था इसलिए मैं उसका फोन नहीं उठा पाया था।

जब मैंने उर्मिला को बाद में फोन किया तो उर्मिला ने मुझे कहा कि मैं तुम्हें कब से फोन कर रही थी तुमने मेरा फोन नहीं उठाया मैंने उर्मिला को कहा कि पापा की तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मैं उन्हें हॉस्पिटल लेकर आया था। उर्मिला ने मुझसे कहा कि अब उनकी तबीयत कैसी है? मैंने उर्मिला को कहा कि उनकी तबीयत पहले से बेहतर है और वह पहले से बेहतर महसूस कर पा रहे हैं डॉक्टरों ने भी कहा है कि कल उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर देंगे। मेरी उस दिन उर्मिला से ज्यादा देर तक बात नहीं हो पाई थी अगले दिन जब पापा को हम लोग घर ले आए तो मैंने उस दिन उर्मिला से बात की। उर्मिला से बात कर के मुझे अच्छा लगा और उसने मुझसे पापा की तबीयत के बारे में पूछा तो मैंने उर्मिला को बताया कि अब उनकी तबीयत ठीक है। उर्मिला ने मुझसे कहा कि तुम वापस गुडगाँव कब लौट रहे हो तो मैंने उर्मिला को कहा कि मैं जल्द ही गुडगाँव आ जाऊंगा।

मैं जल्द ही गुडगाँव लौटने वाला था और कुछ दिनों के बाद मैं गुडगाँव चला आया, जब मैं गुडगाँव आ गया तो मैं उर्मिला को मिला उर्मिला के साथ उस दिन मैंने काफी अच्छा समय बिताया। उर्मिला भी बहुत ज्यादा खुश थी जिस तरीके से हम दोनों ने साथ में समय बिताया था। उर्मिला और मैं एक दूसरे के साथ हमेशा ही टाइम स्पेंड किया करते थे। जब उर्मिला और मैं एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों को अच्छा लगता। एक दिन उर्मिला मेरे साथ बैठी हुई थी उस दिन हम दोनो बातें कर रहे थे वह मेरे फ्लैट में आई हुई थी मेरा दोस्त घर पर नहीं था क्योंकि वह अपने किसी जरूरी काम से कुछ दिनों के लिए बाहर गया हुआ था इसलिए मैंने उर्मिला को अपने घर पर ही बुला लिया था। मैं उर्मिला से बातें कर रहा था हम दोनों ने काफी देर तक एक दूसरे से बातें की। मैंने जब उसके हाथों को पकड़ लिया था। मैंने उर्मिला के हाथों को पकडा तो उसके कोमल हाथों को मै सहलाने लगा था। मैं जिस तरीके से उसके हाथों को सहला रहा था उससे कहीं ना कहीं वह गर्म होती जा रही थी और मेरी गर्मी बढ़ाती जा रही थी।

मैंने उर्मिला के बडे स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था उसके स्तनों को दबाने से मेरी गर्मी इस कदर बढ़ रही थी मुझसे बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मुझे उर्मिला के स्तनो को दबाना अच्छा लग रहा था और उसे भी बडा मजा आ रहा था। हम दोनो ने एक दूसरे की गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था हम दोनों चाहते थे हम दोनो एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लें। मैंने उर्मिला के सामने अपने लंड को करते हुए कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह मे ले लो। उर्मिला थोडा शर्मा रही थी पर वह अब तैयार हो चुकी थी उर्मिला ने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया था और वह उसे हिलाने लगी थी। जब वह ऐसा कर रही थी मुझे मजा आने लगा था और उर्मिला को भी अच्छा लग रहा था। उर्मिला ने अपनी मेरे लंड को चूसना शुरु किया मुझे अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेने लगी थी और उसे चूस रही थी। जब वह ऐसा कर रही थी मेरी गर्मी बढती जा रही थी वह भी पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी। मै बिल्कुल रह नहीं पा रहा था मेरे लंड से पानी निकल आया था और मैं उर्मिला की चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता था।

हम दोनो अब पूरी तरह से नंगे हो चुके थे और मेरे सामने उर्मिला के स्तन थे जिनको मैं चूस रहा था वह गरम होती जा रही थी। मैं उर्मिला के बडे और सुडौल स्तनों को चूसने लगा था मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरह से मै उसके स्तनों का रसपान कर रहा था। मैंने काफी देर तक उसके सुडौल स्तनों का रसपान किया जब उसकी गर्मी बढ चुकी थी वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी तो मैंने अब उर्मिला की चूत का मजा लेने की ठान ली थी। मैं अपने आपको रोक पा रहा था ना ही उर्मिला अपने आपको रोक पा रही थी। हम दोनो गरम हो चुके थे मैंने उर्मिला की पैंटी को उतारा और उर्मिला की चूत को चाटना शुरू कर दिया था उसकी चूत से पानी निकल आया था मैं उसकी योनि को चाट रहा था मुझे मजा आने लगा था और उर्मिला को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी।

उसकी चूत से निकलता हुआ पानी बहुत ही अधिक हो चुका था और मैंने उर्मिला से कहा मैं तुम्हारी चूत में लंड घुसाना चाहता हूं उर्मिला गरम हो चुकी थी मैंने जैसे ही उर्मिला की योनि के अंदर अपने लंड को डाला उसकी चूत से खून निकल आया था वह बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी। वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लगने लगा है। मै उर्मिला की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था उसकी चूत की चिकनाई बढ रही थी। उसकी योनि से खून बाहर की तरफ निकल रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मैं जिस तरीके से उर्मिला की चूत का मजा ले रहा था उसकी सिसकारियां बढ़ती ही जा रही थी। वह बहुत ही ज्यादा गरम हो चुकी थी। मेरी गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी मैं उर्मिला की चूत में अपने माल को गिराना चाहाता था। मैं उसे तेज गति से चोदने लगा था उसकी गरम आहें बढती जा रही थी मैं उर्मिला को बहुत ही तेजी से चोद रहा था। जब मैंने उसकी चूत में अपने माल को गिराया तो वह खुश हो गई और हमारी पहली रात बडी ही अच्छी थी जिस तरह हमने सेक्स किया था।

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