सामने वाले फ्लैट वाली लडकी

   03/03/2020 

Antarvasna, hindi sex kahani:

Samne wale flat wali ladki मैं ट्रेन का इंतजार कर रहा था लेकिन अभी तक ट्रेन आई नहीं थी मुझे रेलवे स्टेशन पहुंचने में आधे घंटे से ऊपर हो चुका था। मेरे फोन पर मां का फोन आया और वह मुझे कहने लगी कि आदर्श बेटा क्या ट्रेन आ चुकी है मैंने मां से कहा मां नहीं अभी ट्रेन नहीं आई है। कोहरा काफी ज्यादा था जिस वजह से ट्रेन देरी से चल रही थी। मैंने मां से कहा कि थोड़ी ही देर में ट्रेन आ जाएगी। अभी भी मुझे दो घंटे रेलवे स्टेशन पर हो चुके थे उसके कुछ देर बाद ही ट्रेन आ गई।

जब ट्रेन आई तो मैं ट्रेन में चढ़ा और अपना सामान मैंने अपनी सीट के नीचे रख दिया मैं ट्रेन में बैठ चुका था। मैंने अपने कानों में हेडफोन लगाया और मैं गाने सुनने लगा थोड़ी देर तक मैंने गाने सुने उसके बाद मुझे नींद आने लगी थी तो मैं अपनी सीट पर लेट गया और फिर मैं अपनी सीट पर सो चुका था। अगले दिन जब सुबह मेरी आंख खुली तो उस वक्त सुबह के 6:00 बज रहे थे मैं फ्रेश होने के लिए चला गया। ट्रेन देरी से चल रही थी इस वजह से मैं मुंबई देर से पहुंचा और जब मैं मुंबई पहुंचा तो मैंने रेलवे स्टेशन से ऑटो लिया और मैं अपने फ्लैट में चला गया। मैं अपने फ्लैट में गया तो मेरे दोस्त का मुझे फोन आया मेरे दोस्त आयुष ने मुझे फोन कर के कहा कि आदर्श क्या तुम पहुंच चुके हो तो मैंने आयुष से कहा हां मैं पहुंच चुका हूं। वह मुझसे मिलने के लिए फ्लैट पर आ गया और जब वह मुझसे मिलने के लिए आया तो हम दोनों उस दिन बातें कर रहे थे।

आयुष ने मुझे बताया कि उसने ऑफिस छोड़ दिया है मैंने आयुष को कहा कि लेकिन तुमने ऑफिस से रिजाइन क्यों दिया तो वह मुझे कहने लगा कि मैं पापा का बिजनेस सम्भालना चाहता हूं। मैंने आयुष को कहा चलो यह तो अच्छी बात है कि आखिर तुमने पापा के बिजनेस को संभालने का मन बना ही लिया है। वह मुझे कहने लगा कि हां मैंने उनके बिजनेस को संभालने का मन बना लिया है। आयुष उस दिन देर रात तक घर पर ही रहा तो मैंने उसे कहा कि मैं बाहर से खाना ऑर्डर करवा देता हूं आयुष ने कहा कि ठीक है तुम बाहर से ही खाना ऑर्डर करवा दो। मैंने बाहर से खाना ऑर्डर करवा दिया था हम दोनों ने साथ में डिनर किया उसके बाद आयुष अपने घर चला गया।

पापा ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए अपने काम के सिलसिले में बाहर जा रहे हैं मैंने उन्हें कहा कि क्या मम्मी घर पर अकेली रहेंगी तो वह कहने लगे कि नहीं तुम्हारी मम्मी तुम्हारे मामा जी के घर जा रही हैं। एक दिन मैं आयुष को मिलने के लिए उसकी शॉप में गया, जब मैं उसको मिलने के लिए उसकी शॉप में गया तो वह शॉप पर हीं था। आयुष ने मुझे कहा कि आदर्श आज तुम मेरे साथ घर पर चलना मैंने उसे कहा कि लेकिन मैं घर आकर क्या करूंगा।

वह कहने लगा कि आज मम्मी ने तुम्हें घर पर बुलाया है और तुम हमारे साथ ही डिनर करना मैंने आयुष को कहा चलो ठीक है। मैं आयुष के साथ ही बैठा हुआ था और उसके साथ मैं काफी देर तक बैठा रहा शाम के वक्त हम दोनों ही आयुष के घर पर गए। जब हम लोग उनके घर गए तो मैंने उस दिन उन लोगों के घर पर ही डिनर किया और आंटी के कहने पर मैं उस दिन उनके घर पर ही रुक गया। मैं आयुष के घर पर ही रुक गया था और अगले दिन नाश्ता करके मैं लौट आया। उस दिन मेरी ऑफिस की छुट्टी थी और आयुष ने मुझसे कहा था कि हम लोग आज मूवी देखने के लिए चलेंगे। मैंने आयुष को फोन किया तो वह मुझे कहने लगा कि मैं थोड़ी देर बाद आता हूं और वह थोड़ी देर बाद घर पर आ गया। जब वह आया तो मैंने उसे कहा कि चलो मैं तैयार हो जाता हूं। मैं जल्दी से तैयार हो गया और उसके बाद हम दोनों ही मूवी देखने के लिए चले गए। हम दोनों ने उस दिन साथ में मूवी देखी और हम लोग जब घर लौटे तो आयुष थोड़ी देर मेरे साथ ही था और उसके बाद वह घर चला गया।

मैं घर पर अकेला ही था इसलिए मैंने उस दिन भी बाहर से ही खाने का आर्डर करवा दिया था। मैं अब बाहर से खाना मंगवा चुका था मैंने रात का खाना खाने के बाद थोड़ी देर पापा मम्मी से बात की और फिर मैंने फोन रख दिया उसके बाद मैं सो चुका था। अगले दिन मैं अपने ऑफिस के लिए सुबह घर से निकला मेरी दिनचर्या लगभग एक जैसी ही चल रही थी आयुष कभी कबार मुझसे मिलने के लिए आ जाया करता था। एक दिन मैं अपने फ्लैट से बाहर निकला तो उस दिन मैंने देखा सामने वाले फ्लैट में एक लड़की रहती है। मैंने उसे पहली बार ही देखा था लेकिन उससे मेरी बात नहीं हो पाई थी परंतु धीरे-धीरे उस से मेरी बात भी होने लगी थी उसका नाम नीलम है।

नीलम कुछ समय पहले ही मेरे पड़ोस में रहने के लिए आई वह भी अकेली रहती है इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने लगे थे। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों को अच्छा लगता। नीलम की उम्र 25 वर्ष के आसपास थी। वह मेरे साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करती और हम दोनों साथ में घूमने के लिए भी जाया करते। हम दोनों साथ में घूमने के लिए जाते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता। मुझे नीलम के साथ मे बहुत ही अच्छा लगता था। नीलम और मैं एक दूसरे के साथ जब भी होता तो हम दोनों बहुत ही खुश होते। एक दिन मैं नीलम के फ्लैट में बैठा हुआ था नीलम ने मुझे कहा अभी मै नहा लेते हूं। वह नहाने के लिए चली गई वह जब नहाने के लिए गई तो मैं अकेला ही बैठा हुआ था मैं अपने फोन में गेम खेल रहा था। नीलम नहा कर बाहर आई तो उसका बदन भीगा हुआ था उसके स्तनों के उभार भी साफ नजर आ रहे थे। मैं यह देखकर अपने आपको रोक नहीं पा रहा था। नीलम मेरे पास आकर बैठी जब वह मेरे पास आकर बैठी तो मैंने नीलम के के स्तनों पर हाथ लगा दिया।

मैंने उसके स्तनों पर हाथ लगाया तो नीलम मेरी तरफ देखने लगी। मुझे लगा शायद यह सब ठीक नहीं है इसलिए मैंने नीलम से माफी मांगी लेकिन नीलम के अंदर भी सेक्स को लेकर गर्मी जाग चुकी थी वह मेरे होठों को चूमने लगी। वह अपने आपको रोक नहीं पाई थी और हम दोनों एक दूसरे को गर्म करने के लिए तैयार थे। हम दोनों ने एक दूसरे को बहुत ज्यादा गर्म कर दिया था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था और ना ही नीलम अपने आपको रोक पा रही थी।

अब मैं इस बात को बहुत ही अच्छे से समझ चुका था वह बिल्कुल भी रह नहीं पाएगी इसलिए मैंने उसके बदन से कपड़े उतार दिए और वह मेरे सामने अब नंगी लेटी हुई थी। उसके गोरे बदन को देखकर मैं उत्तेजित होने लगा था और नीलम को भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था मैंने नीलम के सामने जब अपने लंड को किया तो नीलम ने उसे अपनी चूत में लगाना शुरू किया वह गर्म होने लगी। नीलम की चूत से निकलता हुआ पानी बहुत ज्यादा बढ़ चुका था और मेरे अंदर से निकलती हुई गर्मी भी काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने उसकी योनि में लंड रगडना शुरू किया उसकी चूत से पानी बाहर निकलने लगा था और मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने उसकी योनि पर लंड को लगा दिया और अंदर की तरफ डालना शुरू किया मेरा लंड नीलम की चूत में गया तो वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे बोली मुझे अच्छा लग रहा है। हम दोनों को ही बहुत ज्यादा अच्छा लगने लगा था। हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था और वह मुझे कहने लगी मुझे तुम ऐसे ही धक्के मारते जाओ। मैं उसे बहुत देर तक धक्के मारता रहा जब मेरा वीर्य उसकी चूत में गिर गया तो मुझे मजा आ गया और उसे भी बड़ा मजा आया। मैं नीलम की चूत दोबारा से मारना चाहता था।

मैने उसे कहा मुझे तुम्हे दोबारा से चोदना था इसलिए मैंने जब नीलम की चूत पर अपने लंड को लगाया तो नीलम गर्म होने लगी और मैंने उसकी योनि में अपने लंड को घुसा दिया था मेरा लंड उसकी चूत में जा चुका था जिसके बाद वह बहुत जोर से चिल्ला रही थी उसकी सिसकारियां मुझे गर्म कर रही थी और वह बहुत ज्यादा गर्म होती जा रही थी। मैंने नीलम की चूत में अंदर तक लंड घुसा दिया था। नीलम बहुत ज्यादा खुश हो गई थी जब वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर बाहर हो रहा था और मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था जब मैं अपने लंड को नीलम की चूत के अंदर बाहर करता जा रहा था। वह मेरे साथ बहुत ही अच्छे से देती और मुझे कहती तुम मुझे बस ऐसे ही चोदते जाओ। वह अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाए जा रही थी और मेरे अंदर एक अलग ही हलचल पैदा हो रही थी। मेरा लंड नीलम की चूत की दीवार से टकरा रहा था वह मेरे साथ बहुत ही अच्छे से दे रही थी। मैंने उसे कहा तुम मेरे साथ ऐसे ही देती रहो।

उसने जब मुझे कहा मैं झडने वाली हूं तो मैं समझ चुका था अब मेरा वीर्य बाहर की तरफ को निकलने वाला है और जैसे ही मेरा वीर्य नीलम की योनि में गिरा तो वह खुश हो गई और बोली आज तो मुझे मजा ही आ गया। नीलम और मुझे बहुत ज्यादा मजा आया हम दोनों ने साथ में जमकर एंजॉय किया और मैंने नीलम की चूत को जिस प्रकार से मारा उससे वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी और मेरा साथ उसने बहुत ही अच्छे से दिया। जब हम लोग वापस लौटे तो हम दोनों को ही बड़ा अच्छा लगा कि हम दोनों सेक्स का मजा ले पाए थे। अभी भी हम दोनों ऐसे ही सेक्स का मजा घर पर लेते हैं और जब भी मैं नीलम की चूत में लंड घुसाता हूं तो वह हमेशा मुझे कहती है आज मुझे आप अच्छे से चोदो जिससे कि मुझे मजा आ जाए और मैं उसे बड़े अच्छे से चोदता हूं।

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