प्रिया ने सेक्स में साथ दिया

   22/03/2020

Antarvasna, hindi sex kahani:

Priya ne sex me saath diya मुझे मेरे दोस्त सुमित ने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था और मैं उस दिन उसके घर पर डिनर के लिए चला गया मेरे साथ मेरी पत्नी प्रिया भी थी। प्रिया और मैं उस दिन सुमित के घर पर डिनर के लिए गए यह पहली बार था जब सुमित ने मुझे अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था। सुमित की शादी को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ था उसकी शादी को अभी सिर्फ दो महीने ही हुए थे और उस दिन हम सब लोगों ने साथ में डिनर किया और हम सब लोग बहुत ही खुश थे। दीप्ति से मिलकर प्रिया भी बहुत ज्यादा खुश थी दीप्ति गौरव की पत्नी का नाम है। डिनर करने के बाद हम लोग घर वापस लौट आए थे जब हम लोग घर लौटे तो कुछ देर तक मैंने और प्रिया ने एक दूसरे से बात की और फिर मैं सो गया।

अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी मैं सुबह जल्दी उठा तो मैं अखबार पढ़ने लगा। करीब 7:00 बज रहे थे मैंने प्रिया से कहा कि मैं अभी बाहर पार्क से टहल कर आता हूं और मैं अपने कॉलोनी के पार्क में चला गया वहां पर मैं टहलने लगा। थोड़ी देर बाद मैं घर वापस लौटा तो प्रिया मुझे कहने लगी कि गौरव मैंने आपके लिए नाश्ता बना दिया है आप नाश्ता कर लीजिए। मैंने प्रिया से कहा कि ठीक है मैं नाश्ता कर लेता हूं। मैं नाश्ता करने लगा नाश्ता करने के बाद मैं और प्रिया साथ में बैठे हुए थे तभी डोर बेल बजी मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो सामने देखा की चाचा जी खड़े थे। मैं चाचा जी को देखकर बहुत ही खुश था काफी समय हो गया था जब चाचा जी से मुलाकात भी नहीं हो पाई थी लेकिन मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी इतने लंबे समय बाद मैं चाचा जी से मिल पा रहा हूं। मैं चाचा जी को उस दिन मिला तो मुझे काफी अच्छा लगा और काफी समय तक हम दोनों साथ में बैठे रहे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे।

कुछ देर बाद चाचा जी ने मुझे कहा कि बेटा मैं चलता हूं हम लोगों ने दोपहर का लंच साथ में ही किया और उसके बाद चाचा जी चले गए। मैं और प्रिया घर पर अकेले बोर हो रहे थे तो मैंने सोचा कि हम लोग कहीं घूम आते हैं। मैंने प्रिया को कहा कि चलो हम लोग कहीं घूम आते हैं तो प्रिया कहने लगी कि ठीक है। उस दिन हम लोग शाम के वक्त मूवी देखने के लिए चले गए हम लोग जब मूवी देखने के लिए गए तो हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम बिताया और फिर हम लोग घर लौट आए थे। जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त अंधेरा हो गया था इसलिए मैंने प्रिया से कहा कि मैं खाना बाहर से ही आर्डर करवा देता हूं। मैंने खाना उस दिन बाहर से ही आर्डर करवा दिया और खाना खाने के बाद मैं लेट चुका था और मुझे बहुत गहरी नींद आ गई। अगले दिन जब सुबह मैं उठा तो मैं जल्दी से अपने ऑफिस के लिए तैयार हुआ और अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा। मैं जब ऑफिस पहुंचा तो सुमित भी उस दिन ऑफिस पहुंच गया था और वह मुझे कहने लगा कि गौरव मैं कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी के पास लखनऊ जा रहा हूं। मैंने सुमित को कहा कि लेकिन तुम वहां से वापस कब लौटोगे तो वह मुझे कहने लगा मैं एक हफ्ते में वहां से लौट आऊंगा। कुछ दिनों के बाद सुमित अपने घर लखनऊ चला गया लखनऊ में सुमित के माता पिता रहते हैं और सुमित के साथ उसकी पत्नी दीप्ति भी गई हुई थी। जब वह लोग वापस लौटे तो मैंने भी एक दिन प्रिया से कहा कि हम लोग सुमित और दीप्ति को घर पर डिनर के लिए इनवाइट करते है।

वह मुझे कहने लगी कि गौरव अभी आप रहने दीजिए क्योंकि मैं कल पापा मम्मी से मिलने के लिए जा रही हूं आप सुमित और दीप्ति को दो दिन बाद आने के लिए कहिएगा मैंने प्रिया से कहा ठीक है। प्रिया अब दो दिनों के लिए पापा मम्मी के पास चली गई और वह जब पापा मम्मी के पास गई तो मेरी उससे सिर्फ फोन पर ही बातें हो रही थी। जब वह वापस लौट आई तो उसके बाद मैं एक दिन सुमित के साथ ऑफिस में बैठा हुआ था उस वक्त लंच टाइम था तो मैं सुमित से बातें करने लगा और मैंने सुमित को घर पर आने के लिए कहा तो वह लोग घर पर आ गए। उस दिन उन लोगों ने हमारे साथ डिनर किया मुझे काफी अच्छा लगा जब सुमित और दीप्ति घर पर आए हुए थे। सुमित और मेरी दोस्ती काफी अच्छी है और जब भी उसे मेरी जरूरत होती है तो मैं हमेशा ही उसकी मदद करता हूं। एक बार सुमित को मेरी जरूरत थी उस दिन उसने मुझे कहा कि मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता है तो मैंने सुमित से कहा कि अगर तुम्हें पैसों की आवश्यकता है तो मैं तुम्हें पैसे दे देता हूं। मैंने सुमित की पैसों से मदद की और जब भी मुझे मदद की आवश्यकता होती तो मैं सुमित से कह दिया करता हूं वह मेरी मदद अवश्य कर दिया करता है। हम दोनों की दोस्ती बहुत ज्यादा गहरी होती चली गई थी हम लोग एक दूसरे के घर पर अक्सर आते जाते रहते थे। जब भी दीप्ति और सुमित हमारे घर पर आते तो हम दोनों को काफी अच्छा लगता।

एक दिन मैं घर पर था तो उस दिन पापा और मम्मी आए हुए थे पापा और मम्मी दिल्ली में रहते हैं और वह लोग कुछ दिनों के लिए हमारे पास आए हुए थे तो मैं काफी खुश था। मैंने पापा मम्मी को कई बार कहा कि वह हमारे साथ रहे लेकिन वह लोग बड़े भैया के साथ ही रहते हैं और उन्हें उनके साथ रहना ही अच्छा लगता है। वह लोग कुछ दिन हमारे साथ रहे जिससे हमें काफी खुशी हुई और फिर थोड़े समय बाद वह लोग वापस चले गए। पापा और मम्मी भी घर जा चुके थे। एक दिन प्रिया और मैं साथ में बैठे हुए थे उस दिन मेरा सेक्स करने का मन बहुत ज्यादा हो रहा था। मैंने प्रिया के हाथ को पकड़ते हुए अपनी और खींचा तो वह मेरी बाहों में आ गई और कहने लगी लगता है आज आप ज्यादा मूड मे नजर आ रहे हैं। मैंने प्रिया को कहा हां मैं आज कुछ ज्यादा ही रोमांटिक मूड में हूं मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है। प्रिया कहने लगी आपको मेरे साथ सेक्स करना है तो आप कर लीजिए।

मैं उसके होठों को चूम कर उसकी गर्मी को दोगुना बढ़ा चुका था और वह भी काफी ज्यादा गरम हो चुकी थी। मैंने प्रिया से कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। प्रिया ने भी तुरंत मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और वह मेरे लंड को हिलाने लगी। वह जिस तरीके से मेरे लंड को हिला रही थी उससे मैं पूरी तरीके से गर्म होता जा रहा था और वह भी बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। जब प्रिया ने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो वह तड़पने लगी। उसने अपने सारे कपड़े उतार कर मुझे कहा तुम मेरी चूत जल्दी से मारो। मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरु किया और उसके स्तनों को चूस कर मैं उसकी गर्मी को बढाए जा रहा था।

जब मैं ऐसा कर रहा था तो वह काफी ज्यादा खुश थी। मैंने प्रिया के स्तनों को बहुत देर तक चूसा। जब मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो उसकी चूत से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था। उसकी योनि से काफी ज्यादा पानी बाहर निकल रहा था। मैंने जैसे ही प्रिया की चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी मेरी योनि में दर्द हो रहा है। अब हम दोनों को बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे। मैंने प्रिया की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया था। वह बहुत जोर से सिसकारियां लेकर मेरी गर्मी को बढ़ाती जा रही थी। वह मुझे कहती मुझे बहुत अच्छा लग रहा है अब हम दोनों इतने ज्यादा गरम हो चुके थे कि हम दोनों एक दूसरे का साथ बिल्कुल भी नहीं दे पा रहे थे। मैंने प्रिया से कहा मैं तुम्हारी चूत में अपने वीर्य को गिराने वाला हूं। वह अपने पैरों के बीच में मुझे जकडने लगी हालांकि प्रिया भी झड़ चुकी थी लेकिन जैसे ही मैंने प्रिया की योनि में अपने वीर्य की पिचकारी को मारा तो वह खुश हो गई और मुझे बोली मैं बहुत ज्यादा खुश हूं।

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