पंखा देख चूत को पंख लगाए

   19/05/2019

Antarvasna, hindi sex stories:

Pankha dekh chut ko pankh lagaaye मानसून अब मुंबई में भी आ चुका था मुंबई में भी बारिश होने लगी थी बारिश के चलते कई बार ऑफिस जाने में भी परेशानी हो जाती थी क्योंकि सड़कों पर पानी भर जाता था और ट्रेन की व्यवस्था भी कई बार चरमरा जाती थी। एक दिन बारिश बहुत ज्यादा हो रही थी और रात से बारिश रुक ही नहीं रही थी उस दिन मुझे अपने ऑफिस समय पर पहुंचना था मैं घर से तो जल्दी निकल चुका था लेकिन रास्ते में इतना ज्यादा पानी भर चुका था कि उसकी वजह से पूरी सड़क पर जाम लगा हुआ था। मैं ऑटो में ही बैठा हुआ था तो मैंने ऑटो वाले से कहा कि भैया जरा ऑटो को किनारे से लेकर चलिए वह कहने लगा साहब आप देख रहे हैं ना कि कितना जाम है। मैंने उसे कहा कि अरे तुम फिर भी किनारे से ले चलो ना वह कहने लगा साहब वहां ऑटो फस जायेगा बेकार में आपको भी समस्या हो जाएगी।

मेरे पास अब इंतजार करने के सिवा और कोई भी रास्ता नहीं था क्योंकि ट्रैफिक ही इतना ज्यादा था कि गाड़ी टस से मस नहीं हो रही थी मैं बस ट्रैफिक खुलने का इंतजार कर रहा था। थोड़ी देर बाद ट्रैफिक खुल गया और जब ट्रैफिक खुला तो ऑटो वाले ने अपनी स्पीड पकड़ ली और मैं अपने ऑफिस पहुंच गया लेकिन मुझे अपने ऑफिस पहुंचने में आधा घंटा देर हो गई थी। जब मैं अपने ऑफिस के अंदर गया तो वहां मीटिंग शुरू हो चुकी थी मैंने अपने बैग को अपने डेस्क पर रखा और मैं मीटिंग में चला गया। मीटिंग काफी देर से चल रही थी उस वक्त तो किसी ने कुछ नहीं कहा लेकिन जब मीटिंग खत्म हो गई तो मेरे बॉस ने मुझे अपने केबिन में बुलाया और मुझसे वह कहने लगे रजत तुम इतने लेट में क्यों आ रहे हो। मैंने उन्हें कहा सर मैं ऑटो में आ रहा था उसमें आने में मुझे देर हो गई वह मुझे कहने लगे कि देखो रजत यहां और लोग भी काम करते हैं यदि तुम इस तरीके के बहाने बनाओगे तो शायद यह तुम्हारे लिए ही ठीक नहीं होगा। सुबह सुबह बॉस की डांट सुनकर मुझे बड़ा ही अजीब सा लगा और मेरा मन भी पूरा खराब हो गया मैं मन ही मन सोचने लगा कि पता नहीं कब इस नौकरी से छुटकारा मिलेगा उनकी डांट सुनकर मेरा पूरा दिन ही खराब हो गया था।

उसके बाद मैं लंच के वक्त अपने दोस्तों के साथ बैठा हुआ था तो वह मुझे कहने लगे क्या यार आज हम लोग किस तरीके से यहां पहुंचे हैं हमें ही पता है क्योंकि हमें भी आज आने में देर हो गई थी। जब मेरे दोस्तों ने यह बात मुझसे कहीं तो मैंने उन्हें कहा यार मैंने तो आज इस चक्कर में ऑटो भी कर लिया था लेकिन ऑटो भीड़ भाड़ में फंस गया और उसके बाद वहां से निकलने में ही देर हो गई। मैं उनसे कहने लगा कि पता नहीं इस नौकरी से कब छुटकारा मिलेगा यदि ऐसे ही नौकरी करते रहे तो अपने लिए तो समय निकाल पाना मुश्किल ही होगा। वह मुझे कहने लगे कि दोस्त तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो हम लोग भी कई बार ऐसा सोचते हैं कि हम लोग भी नौकरी छोड़ दे लेकिन ऐसा संभव कहां हो पाता है अपने परिवार को भी तो पालना है और उनकी जिम्मेदारी भी हमारे कंधों पर ही है अब उनकी जिम्मेदारी भी हमने ली है तो हमें ही तो निभानी है, मैंने उन्हें कहा तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो। मेरी अभी तक शादी नहीं हुई थी और मैं शादी करने के फिलहाल तो पक्ष में नहीं था शाम के वक्त जब मैं घर लौटा तो शाम को मां पता नहीं क्या बड़बड़ा रही थी। पापा और मम्मी के बीच के झगड़ों से मैं परेशान ही रहता था पिताजी को शराब पीने की गंदी लत थी और उसी के चलते हमेशा मां पिताजी को कुछ न कुछ कह दिया करती थी जिससे कि पापा भड़क जाते थे और वह बिल्कुल भी मां को बर्दाश्त नहीं कर पाते थे। पापा कहते कि मैं अपने पैसों की शराब पीता हूं इसमें तुम्हें मुझे कुछ कहने की जरूरत नहीं है, हर रोज उन दोनों के झगड़ों से मैं परेशान ही रहता था। अब मैं जब घर पहुंचा तो पापा और मम्मी के झगड़े हो रहे थे मैं चुपचाप अपने कमरे में गया और मैंने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया बाहर से मां और पापा की आवाज अंदर आ रही थी मैंने अपने कान में अपने हेडफोन को लगाया और अपने मोबाइल पर मैं गाने सुनने लगा। कुछ देर बाद मां कमरे में आई और वह गुस्से में लाल पीली थी वह मुझे कहने लगी कि मेरी तो किस्मत ही खराब हो चुकी है जो तुम्हारे पापा से मेरी शादी हुई। मैंने मां से कहा मां आप रहने दीजिए आप ही पापा के पीछे वजह पड़ी रहती हैं उन्हें भी अपनी जिंदगी को जीने का मौका दीजिए। मां कहने लगी देखो रजत यह तो कोई बात नहीं है तुम्हारे पापा हर रोज शराब पी कर आते हैं अब तुम ही मुझे बताओ क्या यह ठीक है।

मैंने मां से कहा देखो मां ठीक तो नहीं है लेकिन आप इतने सालों से पापा को कहती आ रही है तो क्या उन्होंने आप के कहने से शराब छोड़ दी है। मां के पास शायद इस बात का कोई जवाब ही नहीं था और वह भी अपना काम करने लगी वह रसोई में चली गई और थोड़ी देर बाद खाना भी तैयार हो चुका था पापा अपने कमरे में ही बैठे हुए थे और वह मां से बहुत ज्यादा गुस्सा थे। हर रोज की तरह मुझे ही पापा को कहना पड़ा कि पापा खाना खा लीजिए जब पापा खाना खाने के लिए आए तो उन्होंने मेरे साथ खाना खा लिया था और उसके बाद हम लोग आपस में बातें कर रहे थे। पापा मुझे कहने लगे की रजत बेटा तुम्हारा ऑफिस कैसे चल रहा है तो मैंने पापा को कहा पापा ऑफिस तो अच्छा चल रहा है। पापा से ज्यादा देर तक बात नहीं हो पाई लेकिन उनसे थोड़ी देर ही मेरी बात हो पाई थी। अगले दिन जब मैं अपने ऑफिस जा रहा था तो उस दिन हमारे पड़ोस में कुछ लोग सामान शिफ्ट कर रहे थे। मैं तो भाभी को देखकर उसकी तरफ देखता रहा मैं मन ही मन सोचने लगा कि काश इन भाभी की चूत मिल जाती मुझे क्या मालूम था कि मेरी मुराद बहुत ही जल्दी पूरी होने वाली है।

भाभी की नजरें अक्सर मुझ पर पड़ती रहती थी और मेरी नजरे उन पर पड़ती थी। एक दिन भाभी ने मुझे कहा कि हमारे घर का फैन नहीं चल रहा है तो क्या आप देख लेंगे। यह तो भाभी की चालाकी थी उन्होंने अपने मैन स्विच को ही बंद कर दिया था इसी वजह से तो फैन नहीं चल रहा था। जब मैंने स्विच ऑन किया तो भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहने लगी धीरे से उसको नीचे करिएगा कहीं कुछ हो ना जाए। मैंने भाभी के स्तनों को दबा दिया और कहा भाभी मैं धीरे से करूंगा भाभी मेरी तरफ देखने लगी और जब भाभी के होंठो को मैंने चूमना शुरू किया और उन्हें वही नीचे जमीन पर लेटा कर चुम्मा चाटी शुरू की तो वह मेरे लंड को दबाने लगी थी। मै उनके स्तनों को दबा रहा था उन्होंने जो गाउन पहना हुआ था उसमें वह बड़ी सेक्सी लग रही थी मैंने भी उनके स्तनों को बाहर निकाल कर चूसना शुरू किया तो वह मचलने लगी थी। मेरा लंड भी तन कर खड़ा हो गया भाभी ने जब मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया तो मैंने भाभी से कहा थोड़ा तेज करो भाभी अपने हाथों से मेरे लंड को हिला रही थी। उन्होंने जब अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को समाया तो मैंने भाभी से कहा आप बड़े अच्छे से मेरे लंड को चूस रही है। भाभी ने अपने मुंह को खोला और अपने गले तक समा लिया वह मेरे लंड को गले तक लेकर बड़े अच्छे से चूसती मुझे भी पूरा मजा आ रहा था काफी देर तक मैं ऐसा ही करता रहा। जब भाभी ने मुझे कहा कि आप मेरी चूत को चाटो तो मैंने भी उनकी चूत को चाटना शुरू किया जब मैंने उनकी चूत को चाटा तो वह मुझे कहने लगी आज आप मुझे अच्छे से चोदगे। मैंने भाभी से कहा भाभी आपकी चूत का आज मे भोसड़ा बना कर ही मानूंगा।

भाभी की चूत में लंड को मैने सटाया तो उनकी चूत गरम हो चुकी थी मैंने भी धीरे से भाभी की योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो भाभी के मुंह से चीख निकल पड़ी और भाभी की योनि में मेरा लंड प्रवेश हो गया। भाभी की योनि में मेरा लंड जाते ही भाभी चिल्लाने लगी वह मुझे कहने लगी कि मुझे तो मजा आ रहा है मैंने भाभी से कहा मुझे भी बड़ा आनंद आ रहा है। भाभी कहने लगी कि आप अपने 10 इंच मोटा लंड को ऐसे ही अंदर बाहर करते रहिए मेरा लंड भाभी की योनि के अंदर जा रहा था तो मेरे अंडकोष भाभी की चूत की दीवार से टकरा रहे थे। वह मुझे कहने लगी मुझे आपके लंड को अपनी चूत में लेकर आनंद आ रहा है मैंने भाभी से कहा भाभी मुझे बहुत मजा आ रहा है। कुछ देर ऐसा करने के बाद जब मैंने अपने वीर्य को भाभी के मुंह के अंदर गिराया तो भाभी बहुत खुश नजर आ रही थी। मैंने भाभी से कहा मैं अपनी गांड भी मारना चाहता हूं तो भाभी तुरंत तैयार हो गई।

मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और भाभी की गांड में उंगली को डाला तो मैंने भाभी की गांड में अपनी उंगली घुसा दी थी। जैसे ही भाभी की गांड में मैंने अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी और अपनी गांड को मेरी तरफ करने लगी। जिस प्रकार से वह अपनी गांड को मेरी तरफ कर रही थी उससे मुझे भी अच्छा लग रहा था उनकी गांड के अंदर बाहर मेरा लंड हो रहा है। वह भी पूरी तरीके से मजे मे आने लगी थी काफी देर ऐसा करने के बाद जब भाभी की गांड की चिकनाई बढ़ने लगी तो मैंने भाभी से कहा मैं अब ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा तो भाभी कहने लगी कोई बात नहीं आप माल को मेरी गांड में ही गिरा दीजिए। कुछ ही देर बाद मैंने अपने वीर्य को भाभी की गांड के अंदर ही गिरा दिया तो भाभी खुशी से झूम उठी और उसके बाद वह मुझे अक्सर घर पर बुलाती रहती थी।

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