पैर खोलो बस चला गया अंदर

   30/03/2019

Pair kholo bas chala gaya andar:

Antarvasna, sex stories in hindi महेश भैया और मैं साथ में बैठे हुए थे काफी समय बाद हम दोनों को समय मिला था इसलिए हम दोनों साथ में बैठकर एक दूसरे से बात कर रहे थे तभी मेरा दोस्त मनोज आ गया मनोज काफी समय बाद हमारे घर पर आया था। मैंने मनोज से कहा तुम बिलकुल सही वक्त पर घर पर आए हो क्योंकि शायद ही कभी इतना समय हम लोगों को मिल पाता जितना आज मिला है इसीलिए तो भैया और मैं साथ में बैठ कर बात कर रहे हैं। मैंने जब यह बात मनोज से कहीं तो मनोज ने मुझसे कहा मैं भी तो किसी काम से ही तुम्हारे पास आज आया था सोचा कि कहीं घूमने का प्लान बनाया जाए काफी दिन हो गए कहीं साथ में गए भी नहीं है।

तुम्हें तो याद है ना पहले हम लोग कितना समय साथ में बताया करते थे लेकिन अब जैसे किसी के पास समय ही नहीं है। मैंने मनोज से कहा वह तो शुक्र है कि मैं अभी तक कुंवारा हूं नहीं तो शायद अपने लिए समय ही नहीं मिल पाता अब भैया को ही देख लो भैया कितने ज्यादा बिजी हो गए हैं और तुम भी तो बहुत बिजी हो चुके हो। मनोज कहने लगा हां तुम कह तो सही रहे हो लेकिन फिर भी मैं अपने लिए समय निकाल ही लेता हूं। हम तीनो की बात चल ही रही थी कि मैंने कहा भैया क्यों ना आज हम लोग सरदार जी के यहां पर छोले भटूरे खाने जाएं काफी समय हो गया है हम लोगों ने छोले भटूरे भी नहीं खाए पहले हम लोग हर रोज सरदार जी के पास जाया करते थे। सरदारजी की दुकान बड़ी फेमस है और वहां पर छोले भटूरे खाने के लिए लोग काफी दूर-दूर से आते हैं वह दिल्ली के बड़े फेमस छोले भटूरे वाले हैं। मनोज और भैया कहने लगे हां यार वही चलते हैं तुमने बिल्कुल सही कहा वैसे भी काफी समय हो चुका है हम लोग वहां नहीं गए। वहां पर काफी भीड़ थी हमें वहां पर लाइन लगानी पडी काफी देर बाद हम लोगों का बैठने का नंबर मिला लेकिन हम लोगों ने यह तो सोचा हुआ था कि आज सरदार जी के छोले भटूरे खा कर ही जाएंगे। हम लोग जब टेबल में बैठे तो हमने छोले भटूरे ऑर्डर कर दिये और हम तीनों आपस में बात कर रहे थे अपनी पुरानी बातें हम लोग ताजा कर रहे थे और काफी जोर जोर से ठहाके लगाकर हम लोग हंस रहे थे।

तभी सामने एक लड़का और लड़की बैठे थे वह दोनों बड़े ही अनकंफरटेबल से महसूस कर रहे थे मेरे दिमाग में तो यही चल रहा था कि क्या यह इसका बॉयफ्रेंड है या फिर उसका भाई है लेकिन उस वक्त यह समझना थोड़ा मुश्किल ही था। हम लोगों ने छोले भटूरे का ऑर्डर दे दिया था लेकिन अभी तक छोले भटूरे आए नहीं थे हमने दुकान में काम करने वाले लड़के से कहा अरे भैया हमने काफी देर पहले आर्डर दे दिया था अभी तक आया नहीं है कितना देर और लगेगा। वह कहने लगा बस भैया थोड़ी देर की बात है मैं अभी लाता हूं वह बाहर चला गया और कुछ देर बाद वह छोले भटूरे के लिए आया। हम तीनों बड़े ही मजे में छोले भटूरे खा रहे थे और मैं सामने उन दोनों को भी देख रहा था वह लड़का और लड़की एक दूसरे से बात नहीं कर रहे थे। मैं कुछ समझ नहीं पाया लेकिन जब उस लड़की ने मेरी तरफ देखना शुरू किया तो मुझे ऐसा लगा कि शायद वह मुझ पर लाइन मार रही है मैं भी उसे बड़े ध्यान से देखने लगा। मुझे उस लड़की के बारे में ज्यादा कुछ मालूम नहीं था लेकिन उस लड़की के दिल में भी मेरे लिए कुछ तो चल रहा था उसने बड़े ही शालीनता अंदाज में अपने बैक से पेन निकाला और एक टिशू पेपर पर अपना नंबर लिख दिया। मैं उसे बड़े ध्यान से देख रहा था और उसने मुझे इशारा करते हुए कहा मैंने अपना नंबर लिख दिया है जैसे ही वह लोग वहां से उठकर गए तो मैंने मनोज से कहा अरे भैया वहां टेबल पर एक टिशू पेपर पडा होगा जरा उसे लेकर आना। मनोज कहने लगा तुम भी पता नहीं क्या-क्या करवाते रहते हो मैंने उसे कहा तुम वह टिशू पेपर लेकर तो आओ। मनोज कहने लगा तुम तो यार छोले भटूरे भी नहीं खाने दे रहे हो मैं बड़े मजे से छोले भटूरे का स्वाद ले रहा था और तुमने सारा स्वाद ही खराब कर दिया। मनोज उठकर वह टिशु पेपर लाया उसमे मैंने देखा की उसका नंबर लिखा हुआ था उसमे उसका नंबर और उसका नाम था उसका नाम स्नेहा है।

मुझे मनोज कहने लगा तुम्हारी तो आज लॉटरी लग गई मैंने उसे कहा अब जो भी समझो लेकिन आज का दिन अच्छा ही रहा। हम तीनों वहां से घर के लिए निकले मैं जब घर पहुंचा तो मैंने उस रात स्नेहा को फोन किया मुझे उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन जब हम दोनों के बीच बात शुरु हुई तो ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं उससे बात करता ही जाऊं। मैं उससे बात किए जा रहा था मुझे उससे बात करना अच्छा लग रहा था और वह भी मुझसे बात कर के बहुत खुश थी हम दोनों की करीब चार घंटे तक बात हुई लेकिन शायद स्नेहा को नींद आ गई थी इसलिए मुझे भी फोन रखना पड़ा। मैंने अगले दिन स्नेहा को फोन किया तो वह कहने लगी कल मैं सो गई थी मैंने उसे कहा अभी तो मैं अपने ऑफिस के लिए निकला हूं इसलिए तुमसे अभी बात नहीं कर सकता मैं रात को तुम्हें फोन करूंगा। वह कहने लगी ठीक है आप मुझे रात को फोन कर लीजिएगा मुझे स्नेहा के बारे में जितनी जानकारी हुई उससे मुझे मालूम पड़ा कि वह उस दिन सरदार जी के यहां पर अपने बॉयफ्रेंड के साथ आई हुई थी। उन दोनों के बीच रिलेशन कुछ ठीक नहीं था जिसकी वजह से वह चाहती थी कि वह अब किसी नए रिलेशन में रहे इसीलिए उसने मुझे अपना नंबर दिया था। मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं था क्योंकि मुझे स्नेहा के रूप में एक गर्लफ्रेंड मिल चुकी थी और मेरे जीवन में जैसे बाहर आ गई थी।

आज तक मैंने कभी किसी लड़की से रिलेशन के बारे में सोचा भी नहीं था लेकिन अब स्नेहा मेरी जिंदगी में थी परंतु हम दोनों का मिलना बाकी था। मैं स्नेहा को एक दिन मिला तो मुझे उसे देख कर बहुत अच्छा लगा और वह भी मुझसे मिलकर बहुत खुश हुई मैंने स्नेहा को देखते ही गले लगा लिया मैंने उसे कहा आई लव यू स्नेहा। वह मुझे कहने लगी मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं मैंने उससे कहा तो तुमने अपने पुराने रिलेशन के बारे में क्या सोचा। वह कहने लगी मैंने इस बारे में कुछ नहीं सोचा लेकिन मुझे तुम्हारे साथ ही रहना है तुमसे मैंने जितनी बात की उससे मुझे यही लगा कि तुम मेरे लिए बिल्कुल सही रहोगे तुम्हारी पसंद और मेरी पसंद एक जैसी ही है। मैं स्नेहा का साथ पाकर खुश था और हम दोनों ही एक दूसरे के साथ अब अपना समय बिताने लगे थे मुझसे जितना हो सकता मैं उतना समय स्नेहा के साथ बिताया करता। वह भी मुझे मिलने के लिए बेताब रहती थी हम लोगों की फोन पर बहुत लंबे समय तक बात होती रहती थी। मेरे और स्नेहा के बीच अब अश्लील बातें भी होने लगी थी हम दोनों की जवानी उफान मारने लगी थी। मैं स्नेहा के बदन को छूना चाहता था और उसके नरम होठों को मैं किस करना चाहता था ताकि मैं अपनी गर्मी को बाहर निकाल सकूं लेकिन ऐसा अब संभव होने वाला था क्योंकि स्नेहा भी मेरे साथ सेक्स करने के लिए राजी हो चुकी थी। हम दोनों की पूरी रजामंदी से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स करने के बारे में सोचा क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मुझे सेक्स में किसी भी प्रकार की कोई कमी रह जाए इसलिए मैंने स्नेहा को इस बात के लिए राजी कर लिया था की वह भी मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार थी।

जब हम दोनों मिले तो मैंने स्नेहा के बालों को सहलाना शुरु किया और उसे अपनी बाहों में ले लिया। जब वह मेरी बाहों में आ गई तो मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरु किया और धीरे-धीरे हम दोनों की बदन से गर्मी निकलने लगी। हम दोनों का बदन पूरी तरीके से गरम हो गया मेरा लंड तन कर खड़ा हो चुका था। मैंने स्नेहा के कपड़ों को उतारना शुरू किया तो उसके गोरे बदन को देखकर में पूरी तरीके से जोश में आ गया। स्नेहा ने भी मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और उसने मेरे लंड को हिलाना शुरू किया वह मेरे लंड को हिलाती तो मेरे अंदर पूरी तरीके से गर्मी बाहर आ जाती और मैं स्नेहा कि चूत मे अपने लंड को डालने के लिए बेताब था। मैंने अपने लंड को स्नेहा की चूत पर रगडना शुरू किया तो उसकी योनि से गिला पदार्थ बाहर की तरफ को आने लगा और वह पूरी तरीके से मचलने लगी। मैं इस बात से बहुत खुश था कि स्नेहा मेरा पूरा साथ दे रही है लेकिन स्नेहा की धड़कने बड़ी हुई थी। मैंने जैसे ही अपने लंड को आधा अंदर घुसा दिया तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी मुझे बड़ा दर्द हो रहा है मैंने उसे कहा बस कुछ ही देर की बात है।

मैंने धक्का देते हुए उसकी योनि के अंदर तक अपने लंड को प्रवेश करवा दिया जब उसकी योनि के अंदर तक मेरा लंड जा चुका था तो वह पूरी तरीके से मचलने लगी और मेरा साथ देने लगी है। उसकी योनि से खून भी निकल ले रहा था उसकी योनि से पानी भी बाहर निकल रहा था वह पूरी तरीके से उत्तेजित थी वह अपने मुंह से मादक आवाज मे सिसकिया लेती उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया था मैं भी उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था। मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में ले लिया और उन्हें चूसने लगा मुझे उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने में बड़ा मजा आता और काफी देर तक मैं उसके स्तनों का रसपान करता रहा। जब हम दोनों ही पूरी तरीके से गरम होने लगे तो मैंने स्नेहा से कहा मेरा वीर्य गिरने वाला है उसने अपने पैरों को चौड़ा किया और मैंने उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए जैसे ही मेरा वीर्य उसकी योनि में गिरा तो हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेट गए। उसके बाद तो स्नेहा मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए बेताब रहने लगी थी।

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