पहले सील तोड़ी फिर गांड फाड़ डाली

   21/05/2019

Antarvasna, hindi sex story:

Pahle seal todi fir gaand faad daali मम्मी मुझे कहने लगे कि बेटा आज तुम्हें देखने के लिए लड़के वाले आने वाले हैं मैंने मम्मी से कहा मम्मी आपने मुझे पहले क्यों नहीं बताया मैं तो अपने ऑफिस के लिए तैयार हो चुकी हूं और मैं अपने ऑफिस निकल रही हूं। मम्मी कहने लगी बेटा आज तुम अपने ऑफिस से छुट्टी ले लो ना तो मैंने मम्मी से कहा मम्मी ऐसा ठीक नहीं है मैंने पिछले हफ्ते भी तो छुट्टी ले ली थी और कब तक मैं ऐसे बार-बार छुट्टी लेती रहूंगी लेकिन मां की जिद के आगे मुझे अपने ऑफिस से छुट्टी लेनी ही पड़ी और मैं अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर घर पर ही थी। मेरा मूड बहुत ही ज्यादा खराब था और मैं सोच रही थी कि आखिरकार पापा मम्मी चाहते क्या हैं उन्हें तो कोई लड़का पसंद ही नहीं आ रहा था वह मुझे कहने लगे कि तुम अपनी पसंद से कोई लड़का देख लो।

अब हमारे घर पर मुझे देखने के लिए लड़का तो आ चुका था लेकिन उसे देख कर मुझे लगा की वह मेरे लायक बिल्कुल भी नहीं है हम दोनों की बात तो हुई थी लेकिन मुझे नहीं लगा कि वह मुझे समझ पाएगा इसलिए मैंने भी उससे ज्यादा देर तक बात नहीं की। मेरे मम्मी और पापा दोनों ही मेरी शादी के पीछे पड़े हुए थे मेरे बड़े भैया भी मुझे कहते की सुरभि अब तुम्हारी शादी की उम्र हो चुकी है लेकिन मुझे कोई लड़का पसंद ही नहीं आ रहा था। मुझे ऐसा लगता था कि शायद मुझे कोई लड़का कभी मिल ही नहीं पाएगा मैं इन चीजों को लेकर बहुत ही ज्यादा चुनिंदा थी इस वजह से भी तो यह सब हो रहा था परन्तु जो मेरे भाग्य में था वह तो मुझे मिलना ही था। एक बार मेरी मुलाकात रजत के साथ हुई उस वक्त मैं और मेरी सहेली मॉल में थे जब हमारी मुलाकात रजत से हुई। मेरी सहेली रजत को बड़ी अच्छी तरीके से जानती थी और शायद रजत को भी मैं पसंद आ गई थी मुझे भी रजत के साथ पहली ही मुलाकात में प्यार हो गया था।

यह सब किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं था क्योंकि जब रजत और मेरे बीच में प्यार शुरू हुआ तो हम दोनों ही एक दूसरे को अपने दिल की बात बयां ना कर सके। काफी समय तक तो हम लोगों ने एक दूसरे से मुलाकात भी नहीं की थी लेकिन जब हमारी मुलाकातों का दौर शुरू हुआ तो वह रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। हम दोनों को एक दूसरे के साथ मिलना और बात करना अच्छा लगता अब यह सिलसिला तो चलता ही आ रहा था। एक दिन रजत ने मेरा हाथ पकड़ते हुए मुझे अपने दिल की बात कह दी मैं भी उसकी बात को मना ना कर सकी और हम दोनों ही एक दूसरे के साथ जीवन बिताने के लिए तैयार हो चुके थे। मैंने अपने माता-पिता से भी रजत के बारे में बात कर ली थी उन्हें भी रजत से कोई परेशानी नहीं थी और ना हीं रजत के परिवार को उससे कोई परेशानी थी। हम दोनों एक दूसरे से हर रोज मिला करते थे लेकिन एक गलतफहमी की वजह से हम दोनों का रिश्ता टूटने की कगार पर आ गया और इसने मेरी ही गलती थी मुझे लगा कि रजत के साथ काम करने वाली लड़की के साथ रजत का प्रेम प्रसंग चल रहा है और मैं रजत के ऊपर शक करने लगी। रजत मुझे कहने लगा कि सुरभि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है रजत ने मुझे कई बार समझाया परंतु हम दोनों के बीच मनमुटाव होना शुरू हो गया था। मुझे भी कुछ दिनों से ठीक नहीं लग रहा था इसलिए मैंने रजत से दूरियां बनाने की कोशिश की लेकिन रजत मुझसे प्यार करता था उसने मुझे समझाने की लाख कोशिश की लेकिन मैं उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थी। मेरे दिमाग में तो शक का बीज पैदा हो गया था और वह बड़ा होने लगा था आखिरकार वह इतना बड़ा हो गया कि मुझे रजत से दूरी बनानी पड़ रही थी हम दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके थे और मुझे भी इस बात को बहुत ज्यादा दुख था क्योंकि मुझे भी लगता था कि रजत और मेरे बीच में तो ऐसा कुछ भी नहीं था लेकिन हम दोनों अब एक दूसरे से अलग हो चुके थे। रजत ने मुझे मनाने की लाख कोशिश की लेकिन उसकी कोशिश कामयाब नहीं हुई परंतु मुझे उस वक्त अपनी गलती का एहसास हुआ जब मुझे वही लड़की एक दिन एक लड़के के साथ दिखी और मैंने उससे बात की तो उसने मुझे सारी सच्चाई बताई। उसने कहा कि तुमने रजत के ऊपर कैसे शक कर लिया रजत तुमसे कितना प्यार करता है वह ऑफिस में भी तुम्हारे बारे में ही बात करता है।

उसने मुझे बताया कि मैं तो तुम्हें शायद पहले ही मिल जाती लेकिन मैंने उसके बाद ऑफिस छोड़ दिया था और मैं अपने भैया के साथ चेन्नई चली गई थी, उसने मुझसे उस लड़के से मिलवाया जो उसके साथ था तो वह मुझे कहने लगी की यह मेरा मंगेतर है। मैं इस बात से बहुत दुखी हुई और मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि मैंने रजत के ऊपर शक किया था जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं था। जब मैंने रजत से मिलने के लिए कहा तो वह मुझसे मिलने के लिए तैयार हो गया और जब वह मुझे मिलने के लिए आया तो रजत मुझे कहने लगा अब तो तुम्हें यकीन हो चुका होगा। मैं उससे कुछ भी नहीं कह पाई, रजत मुझे कहने लगा देखो सुरभि मुझे मालूम है तुम मुझसे कितना प्यार करती हो इसीलिए तो मैं आज भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूं जितना कि पहले करता था और मुझे लगा कि मुझे तुमसे बात करनी चाहिए मैंने तुम्हें कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन तुम्हें कुछ समझ ही नहीं आया। मैंने रजत से कहा अब तुम यह बात छोड़ दो तुम इस बारे में मत बात करो मैं भी इस बात को भूल चुकी हूं। मैंने रजत से कहा मैं तुमसे माफी मांगना चाहती हूं तो वह कहने लगा अब माफी मत मांगो हम दोनों का रिश्ता पहले जैसा ही हो चुका था।

हम दोनों अब पहले के जैसे ही एक दूसरे के साथ रहने लगे थे मुझे भी अच्छा लग रहा था क्योंकि इतने समय के बाद हम दोनों साथ में अच्छा समय बिता रहे थे। यह सब मेरी ही वजह से हुआ था इसलिए मुझे अपनी गलती का एहसास था और मैं अपनी गलती की माफी तो मांगना चाहती थी। मुझे उस वक्त अच्छा मौका मिला जब रजत के साथ मैं किस का मजा ले रही थी हम दोनों एक दूसरे को लिप किस कर रहे थे और हम दोनों को बड़ा अच्छा लग रहा था काफी देर तक ऐसा करने के बाद जब मैंने रजत के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो उसे अच्छा लग रहा था। काफी देर के चुंबन के बाद में उसके लंड को चूस रही थी मैंने उसके लंड को गले के अंदर तक समा रही थी उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था मुझे भी अच्छा लगता। मैंने उसके लंड को अपने गले के अंदर तक उतार कर बड़े ही अच्छे से चूसा और रजत के लंड का पानी बाहर की तरफ निकलने लगा। रजत मुझे कहने लगा मै बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं मैंने कहा तो फिर तुम मेरे बदन से कपड़े उतार दो। रजत ने मेरे बदन से अपने कपड़े उतार दिए रजत ने मेरे बदन से कपड़े उतारकर मुझे नंगा किया तो मैंने अपने स्तनों को छुपाने की कोशिश की लेकिन रजत ने मेरे स्तनों को अपने मुंह के अंदर समा लिया। जब रजत मेरे स्तनों को चूस रहा था तो मुझे अच्छा लग रहा था मेरे स्तनों से गर्मी बाहर निकालकर रख दी और मैं पसीना पसीना होने लगी थी। जब रजत ने मेरी चूत चाटना शुरू किया तो मैं खुश हो गई मेरी चूत से गीलापन बाहर की तरफ को निकल चुका था मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।

रजत मुझे कहने लगा अब तुम तैयार हो चुकी हो रजत ने जैसे ही मेरी चूत के अंदर लंड को घुसाया तो मेरी सील टूट चुकी थी हम दोनों के बीच यह पहला मौका था जब हम लोग शारीरिक संबंध बनाने जा रहे थे। मेरी चूत से खून बाहर की तरफ निकल रहा था रजत की गति में तेजी आ चुकी थी रजत मुझे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। काफी देर ऐसा करने के बाद रजत का वीर्य गिर गया रजत मुझे कहने लगा मेरा वीर्य गिर चुका है। अभी भी मेरी इच्छा नहीं भरी थी रजत ने मुझे कहा तुम मेरे लंड को दोबारा से चूसकर खड़ा कर दो। मैंने रजत के लंड को दोबारा से खड़ा कर दिया और बड़े अच्छे से चूसकर दोबारा से मैंने खड़ा कर दिया। रजत भी उत्तेजित हो चुका था और उसका लंड दोबारा से तन कर खड़ा हो चुका था मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा था और काफी देर तक मैं रजत के लंड का रसपान करती रही लेकिन जब रजत ने अपने लंड पर तेल की मालिश की तो मैंने उसे कहा तुम यह क्या कर रहे हो।

वह मुझे कहने लगा मुझे आज तुम्हारे साथ एनल सेक्स करना है। मैंने उसे कहा रजत अभी तो मेरी सील आज तुमने तोड़ी है वह कहने लगा कोई बात नहीं आज तुम्हारी गांड भी लगे हाथों मारे लेता हूं फिर पता नहीं कब मौका मिलेगा। मैंने रजत से कहा फिर कभी और मार लेना लेकिन रजत तो मेरी गांड मारने के लिए तैयार बैठा हुआ था और वह कहां मानने वाला था। उसने अपने लंड पर तेल की मालिश करते ही अपने लंड को पूरा चिकना बना दिया जब रजत ने मेरी गांड के अंदर अपने लंड को घुसाया तो पहले उसका लंड घुस नहीं रहा था लेकिन जब रजत का लंड मेरी गांड के अंदर प्रवेश हुआ तो वह मुझे कहने लगा कि मुझे बड़ा अच्छा लगा। मैंने रजक से कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है तुम्हारे लंड को गांड में लेने मे मुझे पहले बहुत डर लग रहा था लेकिन जब तुम्हारा लंड गांड के अंदर प्रवेश हो चुका था तब मजा आ गया। रजत बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था रजत का लंड आग उगलने लगा था उसका लंड आसानी से मेरी गांड के अंदर बाहर होने लगा। जब रजत का वीर्य मेरी गांड मे गिरा तो तो मै खुश थी और रजत का लंड मेरी गांड से बाहर निकला तो वह मुरझा चुका था।

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