पड़ोस की गर्लफ्रेंड को चोद कर अन्तर्वासना शांत की

   30/07/2017

Pados ki girlfriend ko chod kar antarvasna shaant ki:

हैल्लो दोस्तों मैं हूँ आपका दोस्त मनीष और मैं अलीगढ का रहने वाला हूँ | मैं अभी नल्ला हूँ और मैं कोई काम नहीं करता सिवाए लड़कियां पटाने के | मेरी हाइट 6 फीट है और रंग गोरा है और देखने में भी स्मार्ट हूँ | मैंने बी.कॉम तक पढाई की है और अगर कोई सैक्सी लड़की ये कहानी पढ़ रही है तो वो मुझे सैक्स के लिए बुला सकती है मैं इन सब के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ | तो बिना किसी बकवास के मैं आपको अपनी कहानी बताता हूँ |

ये कहानी है दो साल पहले की जब मैं बी.कॉम. कर रहा था और मेरे घर के बाजू में एक डॉली नाम की लड़की किराए से रहने आई थी | वो उस वक़्त स्कूल में पढ़ती थी लेकिन देखने में तो अच्छी अच्छी सामानों को फेल करती थी |  मैंने जब तक उसको देखा नहीं था तो मुझे लगता था कि किसी बच्ची जैसी दिखती होगी लेकिन जिस दिन मैंने उसको देखा तो मेरा आंख मुंह और गांड सब फटी रह गई | वो एकदम गोरी थी मुझसे भी ज्यादा और दूध भी बड़े बड़े थे | उसके बाल कमर तक आते थे और उसकी कमर तो माशाल्लाह तो क़यामत ढाती थी |

जैसे मैंने उसके बारे में आपको बताया आप लोग समझ गए होंगे में कि मैं उससे प्यार करने लगा था | नहीं , मुझे तो सिर्फ उसकी चूत मारनी थी क्योंकि अभी वो स्कूल में थी और हो सकता था उसकी चूत अभी तक वर्जिन हो | मुझे तो बस सील पैक चूत मारनी थी क्योंकि मैंने पहले कभी भी सील पैक चूत नहीं मारी थी | तो मैं लड़की पटाने के सारे पेंतरे इस्तेमाल करने लगा लेकिन वो मेरी तरफ देखती भी नहीं थी | वो दोनों फर्स्ट फ्लोर पर रहते थे और मेरे घर में सिर्फ ग्राउंड फ्लोर तक ही बना था इसलिए मैंने अब रात को छत पर बिस्तर लगाके सोना शुरू कर दिया |

एक बार रात को मैं छत पर घूम रहा था तो वो अपना मोबाइल चला रही और बार बार मोबाइल के पीछे मार रही थी | तो मैंने उसको आवाज़ लगाई और कहा कोई प्रॉब्लम है क्या मोबाइल में ? तो उसने कहा क्यों आप मोबाइल रिपेयर करते हो क्या ? तो मैंने कहा नहीं मैं मोबाइल एक्सपर्ट हूँ | तो वो आई और कहा अच्छा इसको ठीक करके दिखाओ तो मानूं | तो मैंने उसका मोबाइल लिया और ठीक करके दे दिया और वो खुश हो गई | फिर हम दोनों वहीँ खड़े रहे और बात करते लगे | मैंने उसके बारे में बहुत कुछ पूछा और अपने बारे में बहुत कुछ बताया |

अगले दिन मैं छत पर खड़ा था तो बाहर आई और मैंने उसको हाँथ दिखाया लेकिन उसने मुझे देखा और अन्दर भाग गई | मुझे लगा अब क्या प्रॉब्लम हो गई मैंने तो कुछ नहीं किया | तो फिर से रात को आई और मैं तो छत पर ही रहता था अब तो उसने मुझे धीरे से आवाज़ लगाई | मैं उसके पास गया और कहा सुबह क्यों भाग गईं थी तो उसने कहा वो पापा थे ना वहां पर इसलिए | तो मैंने कहा अच्छा और बताओ कैसा चल रहा ? और हमारी बातें शुरू हो गई | हम दोनों रोज़ रात को ही ऐसे खड़े रह कर बात किया करते थे और कुछ दिन बाद हमारी गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड वाली बातें शुरू हो गई |

मैंने एक दिन उससे कहा मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो आई लव यू | तो उसने कहा टू तो मैंने कहा इसका क्या मतलब हुआ तो उसने कहा जो अपने कहा मैंने भी वही कहा लेकिन उसके पीछे सिर्फ टू और लगा दिया | मेरे दिमाग की बाटी थोडी देर से जली लेकिन मुझे सब समझ में आ गया | अब हम दोनों रात को खद होकर प्यार भरी बातें किया करते थे लेकिन मैं तो उसकी चूत मारने के लिए बेताब था | इसलिए मैंने बातों से आगे बढ़ने की सोची और उसी रात को उससे कहा चलो किस करते हैं और वो तैयार हो गई |

वो पहली बार किस कर रही थी इसलिए वो धीरे धीरे मेरे पास आ रही थी लेकिन मैंने जल्दी से उसको होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा | अब हम दोनों रोज़ आस पास का माहौल देखकर किस कर लिया करते थे | एक दिन हम दोनों बात कर रहे थे और वो थोडा झुककर खड़ी थी इसलिए बार बार मेरी नज़र उसके दूध पर जा रही थी | उसके दूध एकदम मलाई जैसे थे और मुझे उनको दबाने का मन कर रहा था | मैंने डॉली से कहा मैं तुम्हे गले लगाना चाहता हूँ क्यूंकि कुछ न होने से कुछ होना ही अच्छा रहता है | उसने मुझे तुरंत गले लगा लिया और जब मेरे सीने में उसके दूध चुभने लगे मुझे मज़ा आने लगा | उसके दूध उतने बड़े नहीं थे और निप्पल भी छोटे मालूम पद रहे थे पर अपने को क्या अपने को बस पानी निकालना था | मैंने भी उससे कह दिया आज सोने के लिए छत पर नहीं आओगी क्या तो उसने कहा नहीं यार आज मुम्मी पापा दोनों है तो थोडा मुश्किल होगा | मैंने भी सोचा जाने दो यार कभी और कर लेंगे क्यूंकि बेचारी के माँ बाप वैसे ही उसे बहुत मारते हैं और मुश्किल ना ही बढाओ तो ज्यादा अच्छा है |

डॉली का एक छोटा भाई है टिल्लू वो भी बड़ा हरामी है साला है छोटा पर काम सारे मवालियों वाले करता है | मैंने उसको सेट किया पर मुझे नहीं मालूम था की वो मेरी लंका का विभीषण निकलेगा | साला वैसे तो बड़ा बताता था जीजा दीदी स्कूल के लिए निकली ….. जीजा दीदी को मुम्मी ने मारा आपसे बात की इसलिए पर उस रात हरामी ने अपनी जात दिखा ही दी थी | हुआ ये की मैं और मेरा एक भाई छत पर सो रहे थे और वो लोग भी छत पर सो रहे थे | अचानक मैंने देखा की थोड़ी सी आंधी आई और लाइट चली गयी | डॉली वहीँ थी और वो मुझे देख रही थी क्यूंकि उसके मुम्मी पापा नीचे चले गए थे और टिल्लू साला वही पे था | मुझे कोई दिक्कत नहीं थी क्यूंकि वो सो रहा था | अब ठंडी ठंडी हवा चलने लगी और हमारे घर सटे हुए थे तो आने जाने में कोई दिक्कत नहीं होती थी | मैं वहां गया और उसे गले लगाया और कहा कितना हसीं मौसम है न | उसने कहा हाँ वो तो है पर इसका क्या फायदा जब कुछ कर ही न पाए | तब मैंने कहा कर तो बहुत कुछ सकते हैं बस साथ दे दो मेरा तुम | उसने कहा ऐसा क्या करना चाहते हो मेरे साथ | मैंने कहा मैं तुम्हे कली से फूल बनाना चाहता हूँ | अब मैंने उसे हल्का सा किस किया और वो समझ गयी कि मैं किस बारे में बात कर रहन हूँ | उसने कहा अभी कैसे अभी तो यहाँ सब हैं |

मैंने उसे किस करते हुए उसके गले पर किस करना शुरू किया और उसके कान के पीछे भी काटने लगा | धीरे धीरे वो इतनी मदहोश हो गयी और इसका फायदा ये हुआ कि मैं उसके छोटे छोटे दूध जमके दबाने लगा | वो आंहे भरने लगी और मुझे भी अन्दर से लगने लगा कि मेरी कामुकता अब जाग चुकी है | मैंने देरी न करते हुए उसके सारे कपडे उतारे और उसका नंगा बदन जी भरके देखा उसके गोर गोर हाथ और जांघे कमाल की थी और भरा हुआ बदन और पेट पे छोटी सी नाभि उफफ्फ्फ्फ़ मेरा लंड टन टन बजने लगा था | मैंने तुरंत उसे नीचे बैठाया और अपने लंड पे उसके होंठ रखवा दिए | क्या एहसास था वो बिलकुल ऐसा जैसे मेरे लंड पे कोई बर्फ रगड़ रहा हो | जैसे ही उसने मेरा सुपाडा मुह के अन्दर लिया मेरे मुठ की पिचकारी निकल गयी | उसने मेरा माल थूक दिया और कहने लगी क्या था ये तो मैंने कहा ये मेरा प्यार था | अब मैंने उसकी चूत चाटना चालु किया तो उसका छेद इतना छोटा था कि मेरा लंड उसमे आसानी से नहीं जाता | मैंने उसकी चूत खूब छाती और वो आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊन्न्नन्न्न्न उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊह्हह्हह्हह्हह्हह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊन्न्नन्न्न्न उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊह्हह्हह्हह्हह्हह करने लगी | मुझे भी लगा अब ये झड़ने वाली है तो मैंने अपना मुह हटा लिया और उसने अपना माल नीचे गिरा दिया |

मैंने फिरसे उसकी चूत को अपने थूक से गीला किया और अपना लंड उसकी चूत में डालने की तैयारी करने लगा | जैसे ही मेरा सुपाडा उसकी चूत में गया वो रो पड़ी | आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊन्न्नन्न्न्न उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊह्हह्हह्हह्हह्हह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊन्न्नन्न्न्न उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊह्हह्हह्हह्हह्हह इसे बाहर निकालो | मैंने उसे कहा चुप और एक जोर का धक्का दिया उसने जोर से सिसकारी भरी | फिर मैंने चुदाई चालू की और वो अब थोडा ठीक थी | उसकी चूत से माल निकलता जा रहा था और वो मज़े ले रही थी | टिल्लू को भी पता नहीं चला और मैंने उसे सुबह तक चोदा | उसके बाद भी कई बार चोद चूका हूँ मै उसे |

तो दोस्तों, ये थी मेरी सच्ची अन्तर्वासना को बुझाने की कहानी | आशा है आप लोगों को अच्छी लगी होगी | कमेंट करना मत भूलियेगा |

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