मुंबई से घूम कर लौटी चाची की गांड मारी

  

Mumbai se ghum kar lauti chachi ki gaand maari:

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मेरा नाम रोहित है मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 28 वर्ष है। मेरे पिताजी स्कूल में अध्यापक हैं और हम लोग गाजियाबाद में काफी वर्षों से रह रहे हैं। मेरी मां एक ग्रहणी है और वह घर पर ही रह कर घर का काम देखती हैं। मेरी बड़ी बहन की  शादी कुछ समय पहले ही हुई है और वह कभी-कबार हम लोगों से मिलने आ जाती है। मैं भी एक अच्छी कंपनी में नौकरी करता हूं, मुझे नौकरी करते हुए 4 वर्ष हो चुके हैं, इन 4 वर्षों में मैंने अपने अंदर बहुत से बदलाव देखे है क्योंकि अब मेरी जिंदगी पहले जैसी नहीं रह गई। अब मेरे ऊपर बहुत जिम्मेदारियां भी हैं और मेरे माता-पिता हमेशा मुझे कहते हैं कि तुम यदि अपनी जिम्मेदारी समय पर उठा लो तो तुम्हारे लिए अच्छा रहेगा। हम लोग अभी भी किराए के घर में रहते हैं और मैं कई बार सोचता हूं कि हमें इतने वर्ष हो चुके हैं लेकिन अभी तक हम लोग अपना घर नहीं ले पाए।

मेरे पिताजी ने एक बार घर खरीदने का मन बनाया था लेकिन उस वक्त मेरे पिताजी ने अपने किसी दोस्त को पैसे दे दिए और उसके बाद उन्होंने अभी तक वह पैसे नहीं लौटाए इसलिए मेरे पिताजी भी कई बार हमेशा इस बात को कहते हैं कि यदि वह पैसे मुझे मिल जाते तो मैं अपना घर ले लेता और उसके कुछ समय बाद ही मेरी बहन की शादी भी हो गई थी इसलिए मेरे पिताजी की जो तनख्वाह आती है वह लोन में ही कट जाती है, मेरी बहन की शादी के लिए मेरे पिताजी ने लोन लिया था उसमें ही सारे पैसे कट जाते है। मुझे भी कई बार लगता है कि मुझे कुछ पैसे बचाने चाहिए इसलिए मैं अब अपने दोस्तों के संपर्क में ज्यादा नहीं रहता क्योंकि मेरे दोस्त सब बहुत अयाश हैं और वह अभी नौकरी नहीं करते और मुझे हमेशा ही कहते हैं कि तुम तो हमसे मिलते भी नहीं हो, मैं उनसे कहता हूं कि अब मेरा जीवन पहले जैसा नहीं है, मैं अपने जीवन में कुछ अच्छा करना चाहता हूं और इसी वजह से मैं उन लोगों से अब बिल्कुल भी नहीं मिलता। मैं अपने काम में ही व्यस्त रहता हूं। सुबह के वक्त मैं ऑफिस जाता हूं और शाम को मैं घर लौट आता हूं, उसके बाद मैं घर पर ही अपने ऑफिस का काम करता हूं।

यह मेरी दिनचर्या है और छुट्टी के दिन मैं अपने माता पिता के साथ समय बिताता हूं यदि किसी दिन हम लोगों का मन होता है तो हम लोग मेरी बहन के घर चले जाते हैं। एक दिन हम लोग साथ में ही बैठे हुए थे, उस दिन मेरी छुट्टी थी। मेरे पिताजी कहने लगे कि तुम्हारे चाचा आने वाले हैं, मैंने उनसे पूछा कि कौन से चाचा, वह कहने लगे रविंद्र चाचा यहां आने वाले हैं और उनका परिवार भी हमारे घर पर ही कुछ दिन रुकने वाला है। मैंने उनसे पूछा कि वह लोग कहां से आ रहे हैं, पिताजी कहने लगे कि वह लोग मुंबई से आने वाले हैं और कुछ दिन हमारे घर पर रुकने के बाद वह लोग कानपुर वापस लौट जाएंगे। रविंद्र चाचा से भी मैं काफी वक्त से नहीं मिला था इसलिए मैंने सोचा चलो इस बहाने उनसे मुलाकात भी हो जाएगी। मैंने अपने पिताजी से पूछा कि वह लोग कब आ रहे,  हैं मेरे पिताजी कहने लगे कि वह लोग आज शाम तक घर आ जाएंगे। मैंने उन्हें कहा चलो यह तो अच्छी बात है, कम से कम मैं भी रविंद्र चाचा से इस बहाने मिल भी पाऊंगा और चाची से भी मुलाकात हो जाएगी। मेरे पिताजी मुझसे कह रहे थे कि वह लोग मुंबई में अपने लड़के से मिलने गए थे। उनका लड़का मुंबई में ही काम करता है और अब वही पर रहता है। हम लोग उस दिन अपने घर की साफ-सफाई कर रहे थे क्योंकि उस दिन मेरी भी छुट्टी थी और मेरे पिताजी भी घर पर ही थे। उस दिन मैंने अपनी मां के साथ बहुत मदद की और घर का पूरा काम किया। मेरी मां कहने लगी कि तुम आराम कर लो, मैं घर का सारा काम संभाल लूंगी। मैंने उन्हें कहा कि नहीं आज मैं भी आपकी थोड़ा बहुत मदद कर लेता हूं इसलिए मैंने अपनी मां की मदद की। शाम को जब मेरे चाचा और चाची आए तो उनके साथ में उनकी छोटी लड़की भी थी जिसकी उम्र 15 साल है। जब मैं अपने चाचा से मिला तो मुझे बहुत खुशी हुई और मेरे चाचा ने मुझे देखते ही अपने गले लगा लिया और मेरी चाची भी बहुत खुश थी। मेरी चाची मेरी मम्मी के साथ बात कर रही थी और मैं भी उन लोगों के साथ बैठ कर बात कर रहा था।

मैंने अपनी चचेरी बहन से पूछा कि तुम कौन सी क्लास में हो, वह कहने लगी कि मैं दसवीं में हूं। वह पढ़ने में बहुत ही अच्छी है और उसके बाद मैं अपने चाचा से पूछने लगा कि आप लोग मुंबई गए थे तो आपका मुंबई का सफर कैसा रहा, वह लोग कहने लगे कि हम लोग मुंबई में काफी दिनों तक रहे। मेरे चाचा बहुत खुश थे, चाची भी बहुत खुश थी। मेरी चाची मेरी मम्मी के लिए कुछ साड़ियां लेकर आई थी और उन्होंने मेरी मम्मी को वह सारी गिफ्ट की। हम लोग सब बैठ कर बात कर रहे थे। मेरी मम्मी और चाची किचन में खाना बनाने के लिए चली गई। हम लोगों ने उस दिन दोपहर का खाना खाया और उसके बाद हम लोग आराम कर रहे थे। मेरे चाचा और चाची आराम कर रहे थे लेकिन मेरी दिन में सोने की आदत नहीं है इसलिए मैं उस दिन अपने काम पर लगा हुआ था।  मैं अपना काम कर रहा था, मैंने सोचा की मैं अपने दोस्तों को भी फोन कर लेता हूं। मेरे कुछ कॉलेज के अच्छे दोस्त हैं जो कि बाहर काम करते हैं इसलिए मैंने उन्हें फोन किया। वह लोग भी मुझसे बात कर के बहुत खुश हुए क्योंकि मैंने उन्हें काफी समय बाद फोन किया था। मैं अपने कमरे में बात कर रहा था तो मेरी चाची उठ गई और वह मेरे पास आ गई। वह मुझसे पूछने लगी कि तुम किस से बात कर रहे हो मैंने उन्हें कहा कि मैं अपने दोस्तों से बात कर रहा हूं। लेकिन वह कहने लगी कि तुम अपनी गर्लफ्रेंड से बात कर रहे हो।

मैंने उन्हें कहा नहीं मैं अपने दोस्तों से बात कर रहा हूं वह मेरी बात सुनने को बिल्कुल तैयार नहीं थी। मैंने उन्हें कसकर पकड़ लिया और जब वह मेरी बाहों में आई तो उनके बड़े बड़े स्तन मुझसे टकरा रहे थे। जब मैं खड़ा उठा तो मैंने उनकी बड़ी गांड क पकड लिया। मैंने उनके होठों को अपने होठों में लेकर किस करना शुरू कर दिया और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। कुछ देर बाद उन्होंने भी मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और अच्छे से चूसने लगी। मुझे भी बहुत अच्छा महसूस हो रहा था जब वह मेरे लंड को अपने मुंह में ले रही थी। काफी देर तक उन्होंने ऐसा ही किया उसके बाद मैंने उन्हें अपने बिस्तर पर लेटा दिया और उनकी साड़ी को ऊपर करते हुए उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड उनकी योनि में गया तो मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने बड़ी तेजी से उन्हें चोदना शुरू कर दिया और वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा करती जिसे की मुझे बहुत अच्छा महसूस होता। जब मैं अपनी चाची को चोद रहा था तो उनकी योनि से बहुत ही गिला पदार्थ बाहर आ रहा था। उसके बाद मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया और मैंने उनकी गांड में जैसे ही अपने लंड को सटाया तो वह चिल्लाने लगी। मैंने धीरे-धीरे उनकी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जब मेरा लंड मेरी चाची की गांड में घुसा तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा वह भी चिल्लाने लगी। मैंने उन्हें बड़ी तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए मेरा लंड जैसे ही उनकी गांड के अंदर तक जाता तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होता। मैं अपने लंड को उनकी गांड के अंदर बाहर कर रहा था जिससे कि बहुत ज्यादा गर्मी निकल रही थी। मुझे भी बहुत अच्छा महसूस हो रहा था वह मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत मजा आ रहा है जब तुम मेरी गांड मार रहे हो। मैंने अपनी चाची से कहा कि मुझे भी आपकी बड़ी बड़ी चूतडो को देखकर मजा आ रहा है। मैं भी बहुत मजे ले रहा था जब मेरा लंड उनकी गांड के अंदर बाहर हो रहा था तो मेरी चाची की गांड से गर्मी निकल रही थी मुझे भी बहुत गर्मी महसूस होती। 15 मिनट तक मैंने उन्हें ऐसे ही धक्के दिए और 15 मिनट बाद मेरा माल मेरी चाची की गांड के अंदर ही गिर गया। मैंने जब अपना लंड अपनी चाची की गांड से बाहर निकाला तो उन्हें बहुत अच्छा महसूस हुआ।

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