मेरे मोहल्ले की सोना आंटी

   09/06/2018

Mere mohalle ki sona aunty:

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मेरा नाम मुकेश है मेरी उम्र 30 वर्ष है। मेरे चाचा और मैं एक ही ऑफिस में काम करते हैं। इसलिए मैं अपने चाचा के साथ ही ऑफिस जाता हूं। उन्होंने ही मुझे अपने ऑफिस में जॉब दिलवाई थी और वह बहुत ही अच्छे इंसान हैं। क्योंकि मैं उनके साथ ही रहता हूं। इसलिए वह मेरा बहुत ही ध्यान रखते हैं। उनके घर में उनके तीन बच्चे हैं। जो कि अभी स्कूल पढ़ रहे हैं और वह भी मेरे साथ बहुत ही खुश रहते हैं। हम लोग खेलते रहते हैं मेरे चाचा ने मेरे लिए बहुत कुछ किया है। यदि वह मुझे नौकरी नहीं दिलाते तो शायद मैं कहीं ना कहीं अंदर से टूट जाता और मुझे बहुत ही बुरा लगता लेकिन उन्होंने अपने ऑफिस में ही मुझे नौकरी दिला दी जिससे कि मैं मन लगाकर उनके साथ ऑफिस में काम करता हूं। एक बार मैं और मेरे चाचा ऑफिस से लौट रहे थे तो उस दिन मैं ही बाइक चला रहा था और अचानक से ना जाने कहां से कोई गाड़ी वाला आ गया और हम दोनों का एक्सीडेंट हो गया। मुझे तो कम चोट आई लेकिन मेरे चाचा का पैर टूट गया। जिससे मैं उन्हें हॉस्पिटल ले गया।

जब मैं उन्हें हॉस्पिटल में ले गया तो मैंने हॉस्पिटल की सारी फॉर्मेलिटी की और उन्हें उसके बाद वही एडमिट कर दिया। मेरे चाचा का नाम गुड्डू है। उसके बाद मैंने अपनी चाची को तुरंत फोन कर दिया। मेरी चाची तुरन्त ही हॉस्पिटल में आयी और कहने लगी कि यह क्या हो गया। मैंने उन्हें सारी घटना बताई कि मैं बाइक चला रहा था और आगे से एक व्यक्ति बड़ी तेज स्पीड में कार ला रहा था। जिससे कि हमारी टक्कर हो गई और हमारा एक्सीडेंट हो गया। मैंने चाची को बताया कि चाचा का पैर टूट चुका है। जिसकी वजह से मुझे बहुत टेंशन हो रही है। मुझे ऐसा लग रहा था की कहीं मेरी गलती की वजह से मेरे चाचा का पैर तो नहीं टूटा। फिर जब हॉस्पिटल में मेरे चाचा के पैर में पलस्तर हुआ तो हम उन्हें हॉस्पिटल से घर पर ले आए। उस एक्सीडेंट के दौरान मैं बहुत घबरा सा गया था। मैं एक दम डर गया। मैं सोचने लगा कि यह अचानक क्या हो गया लेकिन अब सब ठीक है।  घर पर मेरी चाची उनका बहुत ही अच्छे से ध्यान रखने का लगी।

वह उनका  बहुत ही ज्यादा ध्यान रखती है और मैं तो ऑफिस जाया करता था। इस बारे में मैंने अपने चाचा से भी बात की। वह कहने लगे कोई बात नहीं। तुम चिंता मत करो। इसमें तुम्हारी भी गलती नहीं थी। वह आगे से बहुत ही तेजी से आ रहा था। जिसकी वजह से हम दोनो के साथ यह दुर्घटना हुई। अब मैं ऑफिस जाने लगा हूं। मैं इस बारे में बहुत सोचता कि कहीं मेरी गलती की वजह से मेरे चाचा का पैर तो नहीं टूटा। मैं अपने आप को अंदर से माफी नहीं कर पा रहा था और अंदर ही अंदर यही सोच कर बहुत परेशान हो जाता था।  मेरी चाची उनका बहुत ध्यान रखती। अब कुछ समय मे मेरे चाचा का पैर धीरे-धीरे ठीक होने लगा था लेकिन अभी भी वह पूरी तरीके से ठीक नहीं हुए थे। उसी दौरान मेरी एक लड़की से मुलाकात हुई थी और हम दोनों की नजदीकियां बहुत बढ़ गई है। वह लड़की ऑफिस में नई आई थी और मेरे साथ बहुत ही अच्छे से बात किया करती थी। मैं उससे बहुत बातें करने लगा और हम लोगों की फोन पर भी बातें होने लगी। इस बीच मेरे चाचा ऑफिस में नही थे। वह घर पर ही आराम कर रहे थे। उनका पैर अब पहले से काफी ठीक हो चुका था। वह कुछ दिनों बाद फिर से ऑफिस जाने लगेंगे। फिलहाल वह अभी आराम कर रहे है। उनके ठीक होने में चाची ने उनकी बहुत मदत की। मैंने अपने चाचा से इस एक्सीडेंट के लिए उनसे माफी भी मांगी। मैंने उन्हें कहा कि मेरी गलती की वजह से यह सब हुआ है। मैं अपने आप को अभी तक माफ नहीं कर पाया हूं वो कहने लगी अपना दिल छोटा मत करो और अब मैं ठीक होने वाला हूं तुम उसकी चिंता मत करो। मेरी चाची भी मुझे समझाने लगी और कहने लगी कि तुम चिंता मत करो तुम अपने काम पर ध्यान दो सिर्फ अपना काम किया करो। ऐसे दुर्घटनाएं होती रहती हैं मैं ऐसे ही बहुत ज्यादा परेशान हो चुका था।

मैं अपने कमरे में बैठा हुआ था और बहुत ही ज्यादा परेशान था तभी मेरी चाची मेरे सामने आई और कहने लगी तुम इतनी टेंशन में क्यों दिखाई दे रहे हो। मैंने उन्हें कहा कि टेंशन की बात नहीं है सिर्फ ऐसे ही यह बात सोचकर थोड़ा बुरा लग रहा है कि चाचा मेरी वजह से बिस्तर पर पड़े हुए हैं। वह मेरे पास आकर बैठ गई और जब वह मेरे पास बैठी तो वह मुझसे एकदम चिपक कर बैठी हुई थी। उनकी चूतडे मुझसे टकराने लगी और उनके स्तन मुझे दिखाई देने लगे। मैंने अपने मन को बहुत काबू किया लेकिन उनके चूचे मुझे बार बार दिखाई दे रहे थे और मेरा मन खराब होता जाता। मैं कोशिश कर रहा था उनसे बचने के लेकिन जैसे ही वह मेरी तरफ देखती तो उनके स्तन मुझे दिखाई दे जाते और उनकी गांड भी मुझसे टकरा रही थी। मेरे अंदर से पता नहीं क्या हुआ मैंने तुरंत ही उनके स्तनों को पकड़कर दबाना शुरु कर दिया और वह मेरी तरफ देखने लगी लेकिन उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा। वह कहने लगी कोई बात नहीं तुम्हारे चाचा ने वैसे भी इतने दिनों से मेरी चूत मारी नहीं है इसलिए तुम ही मेरी इच्छा पूरी कर दो। जैसे ही उन्होंने यह बात कही तो मैंने तुरंत ही उन्हें लेटा दिया मैंने उन्हें लेटाते हुए उनके स्तनों को दबाना शुरु किया और उनके कपड़े उतार दिए। जैसे ही मैंने उनके कपड़े उतारे तो उनके बड़े बड़े स्तन मेरी आंखो के सामने थे  मेरी आंखें फटी की फटी रह गई।

वह कुछ ज्यादा ही बडे थे मैंने उन्हें अपने मुंह के अंदर लेना शुरू किया। मै उन्हें बड़े ही अच्छे से चूसता जाता। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उनके मुंह के अंदर डाल दिया। वह बहुत ही अच्छे से मेरे लंड को सकिंग कर रही थी वह मेरे लंड को चुसती जाती। मुझे बहुत मजा आ रहा था जब वह मेरे लंड को चूस रही थी थोड़ी देर बाद मैंने उनकी योनि को चाटना शुरु किया तो उससे पानी निकलने लगा। वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और मैंने तुरंत उनकी योनि के अंदर लंड डाल दिया जैसे ही मैंने अपने लंड को डाला तो उनके स्तन हिलने लगे और मैं बड़ी तेज गति से धक्का मार रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था जब मैं उन्हें चोदता जाता। मैं उन्हें चोद रहा था और वह बहुत चिल्ला रही थी और वह सिसकियां भी लेने लगी उनकी आवाज जैसे ही मेरे कानों में जा रही थी तो मेरी उत्तेजना भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उनको घोड़ी बना दिया और घोड़ी बनाते ही मैंने उन्हें धक्के मारना शुरू कर दिया। जब मैं उन्हें धक्के मार रहा था तो उनका शरीर पूरा हिलता जाता।

वह कहने लगी कि मुझे बहुत ही मजा आ रहा है जब तुम मुझे घोड़ी बनाकर धक्के दे रहे हो उनकी बड़ी बड़ी चूतडे मेरी आंखों के सामने थी। जब मैं उस पर झटके मारता तो वह और भी बड़ी हो जाती। अब मैंने उन्हें कसकर पकड़ लिया जैसे ही मैं उन पर प्रहार करता तो उससे बड़ी तेज आवाज निकलती। उससे जो आवाज निकल रही थी और उनके मुंह से भी कुछ आवाज निकलने लगी। उससे वह भी और ज्यादा चरम पर पहुंच गई। मुझे बहुत ही मजा आने लगा जब मैं उन्हें ऐसे ही धक्का दिया जा रहा था लेकिन उनका मन भर नहीं रहा था क्योंकि उन्हें गुड्डू चाचा ने बहुत दिनों से चोदा नहीं था। वह तो बिस्तर पर ही पड़े हुए थे और मैंने भी इतनी तेज तेज धक्के मारने शुरू किया उनका शरीर पूरा हिलने लगा और वह कांपने लगी। मुझे बड़ा मजा आ रहा था जब मै उनकी चूतड़ों को देख रहा था। मैंने उनके बदन पर पूरे नाखूनों के निशान मार दिए थे और उनकी पीठ को अपने नाखूनों से खुरच दिया था। जिससे कि उनकी पीठ से खून भी निकलने लगा था और मैं ऐसे ही अब भी बड़ी तेज गति से उनकी मारे जा रहा था। कुछ देर बाद उनका झड गया और मेरा भी वीर्य निकल गया। अब मेरी ताकत पूरी खत्म हो चुकी थी और मैं ऐसे ही आराम से बैठ गया। उसके कुछ दिनों बाद मेरे चाचा का पैर भी पूरी तरीके से ठीक हो गया लेकिन मेरी चाची मुझसे अपनी चूत मरवाती रहती है।

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