मेरा दिल तडपने लगा

   13/11/2019

Antarvasna, kamukta:

Mera dil tadapne laga जीवन ने मुझे ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया था कि मैं कुछ भी समझ नहीं पा रहा था एक तरफ तो मेरी पत्नी  सोनिया थी और दूसरी तरफ आशा। सोनिया और मेरी शादी को काफी वर्ष हो चुके हैं लेकिन हम दोनों कि एक दूसरे के साथ बिल्कुल भी नहीं बनती है। जब सोनिया को मेरे और आशा के रिलेशन के बारे में पता चला तो वह मुझे कहने लगी कि मुझे मालूम है तुम मुझे इसीलिए डिवोर्स दे रहे हो लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था क्योंकि मेरे और सोनिया के बीच कभी प्यार था ही नहीं हम दोनों एक दूसरे के साथ सिर्फ अपने रिश्ते को चला रहे थे। मुझे लगने लगा था कि अब यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगा इस वजह से मैंने सोनिया से अलग होने का फैसला किया था मैं चाहता था कि मैं सोनिया से अलग हो जाऊं। मैं सोनिया के साथ बिल्कुल भी खुश नहीं था लेकिन मैं यह भी नहीं चाहता था कि सोनिया को मैं छोड़ दूं और फिर उसे तकलीफ हो इसलिए मैंने सोनिया को काफी समझाया और आखिरकार सोनिया समझ गई और हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गए।

हम दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके थे आशा मेरी जिंदगी में उस वक्त आई जब मैं परेशानियों से जूझ रहा था। मेरी जिंदगी में इतनी ज्यादा परेशानियां थी कि मैं कुछ सोच भी नहीं पा रहा था कि ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए लेकिन आशा ने मेरी काफी मदद की। आशा इंदौर में जॉब करती है और हम दोनों एक दूसरे को मेरे दोस्त की पार्टी में मिले थे हम दोनों की जब मुलाकात हुई तो मुझे आशा का साथ अच्छा लगा। हालांकि उस वक्त ऐसा कुछ भी नहीं था हम लोग सिर्फ एक दूसरे को मिले थे और हम लोगों की थोड़ी बहुत ही बात हुई थी। उसके बाद आशा ने मुझे मेरे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और फिर काफी समय तक हम लोगों की कोई बात नहीं हुई थी लेकिन फिर एक दिन हम दोनों की बातें होने लगी और धीरे धीरे मुझे आशा के साथ बात करना अच्छा लगने लगा था और आशा को भी मेरे साथ बात करना काफी अच्छा लगता। हम दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगने लगा था यही वजह थी कि आशा और मैं एक दूसरे से प्यार करने लगे थे और हम दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते थे। मैंने आशा को अपनी शादीशुदा जिंदगी के बारे में सब कुछ बता दिया था और उसे इस बात से कोई भी परेशानी नहीं थी लेकिन मैं आशा के साथ अब तक रिलेशन में खुलकर नहीं रह सकता था क्योकि मेरा सोनिया से डिवोर्स नहीं हुआ था।

जब मेरा सोनिया से डिवोर्स हो गया तो उसके बाद आशा और मेरे बीच सब कुछ ठीक हो चुका था हम दोनों एक दूसरे से जल्द ही शादी करने वाले थे लेकिन आशा चाहती थी कि मैं थोड़ा समय रुक जाऊं। आशा को कुछ समय के लिए अपने ऑफिस के काम से दुबई जाना था मैंने आशा को कहा ठीक है। आशा के परिवार वालों को भी हम दोनों के रिश्ते से कोई परेशानी नहीं थी और ना ही मेरे परिवार वालों को आशा से कोई परेशानी थी हम दोनों की फैमिली एक बार मिल चुकी थी और अब मैं इस बात से काफी ज्यादा खुश था कि आशा मेरी जिंदगी में आने वाली है। आशा कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के काम से दुबई जाने वाली थी और फिर वह दुबई चली गई। आशा जब दुबई गई तो आशा ने मुझे बताया कि उसे कुछ महीने दुबई में ही रहना पड़ेगा मैंने आशा को कहा कि लेकिन यह तो तुमने मुझे बताया ही नहीं था। आशा मुझे कहने लगी कि मुझे भी इस बारे में मालूम नहीं था लेकिन मुझे कुछ समय के लिए दुबई में ही रहना पड़ेगा मैंने आशा को कहा चलो कोई बात नहीं। हम दोनों उस दौरान एक दूसरे से बातें करते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता, मैं भी अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहा था। आशा ने मेरा बहुत साथ दिया था जब मेरी नौकरी छूट गई थी और मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए लेकिन आशा ने मेरी काफी मदद की।

अगर वह मेरी मदद नहीं करती तो शायद मुझे भी एक अच्छी कंपनी में जॉब नहीं मिल पाती। आशा के परिचित की वजह से ही मेरी जॉब लग पाई थी अगर आशा मेरी जॉब के बारे में बात नहीं करती तो शायद ही मेरी जॉब लग पाती। अब मेरी जॉब लग चुकी थी और मैं काफी ज्यादा खुश था कि अब मेरी नौकरी लग चुकी है और मैं अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहा था। मेरी जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चल भी रहा था लेकिन आशा मुझसे दूर थी मैंने आशा से कहा तुम वापस कब लौट रही हो तो आशा ने मुझे बताया कि बस कुछ दिनों में वह वापस लौट रही है। मैं इस बात से बहुत खुश हो गया था और जब आशा वापस इंदौर लौटी तो मैंने आशा को कहा तुम दिल्ली कब आ रही हो। आशा ने मुझे कहा कि मैं कुछ दिनों में दिल्ली आ जाऊंगी और आशा कुछ दिनों बाद दिल्ली आ गई। जब आशा दिल्ली आई तो हम दोनों एक दूसरे को मिले आशा की फैमिली भी इंदौर में ही रहती है और आशा जब मुझसे मिलने के लिए दिल्ली आई तो मैं काफी खुश था। मैंने आशा को कहा कि तुम्हारा दुबई का टूर कैसा रहा तो आशा ने मुझे बताया कि दुबई में काफी अच्छा रहा। आशा कहने लगी अब हम दोनों को शादी कर लेनी चाहिए मैं इस बात से काफी ज्यादा खुश था कि आशा ने मुझे कहा कि अब हम दोनों को शादी कर लेनी चाहिए। आशा इस बात के लिए पूरी तरीके से तैयार हो चुकी थी। आशा एक होटल में रुकी हुई थी आशा जिस होटल में रुकी थी उस होटल में मैं जब आशा को मिलने के लिए गया तो आशा मुझे कहने लगी रजत क्या मैं तुम्हारे लिए कॉफी यह चाय मंगवा दूं। मैंने आशा को कहा नहीं रहने दो।

आशा और मैं एक दूसरे से बात कर रहे थे हम दोनों को ही अच्छा लग रहा था मैंने आशा के हाथ को पकड़ते हुए आशा की जांघ को सहलाना शुरु किया। आशा मेरे बिल्कुल सामने ही बैठी हुई थी जब मैं उसकी जांघों को सहला रहा था तो उसे अच्छा लगने लगा था और उसने कोई भी आपत्ति नहीं जताई। मैं भी काफी ज्यादा खुश था आशा को बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था। आशा और मैं एक दूसरे को चूमने लगे मैंने आशा को बेड पर लेटा दिया। मैंने जब उसे बेड पर लेटाया तो उसकी उत्तेजित बढने लगी। आशा की उत्तेजना इतनी ज्यादा बढने लगी थी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता। वह बहुत तड़पने लगी थी। उसकी तडप देखकर मैंने आशा के कपड़ों को उतारना शुरू किया। मैंने जब आशा के कपड़ों को उतारना शुरू किया तो आशा को मजा आने लगा। वह मुझे कहने लगी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही हूं। मैंने आशा को कहा मुझे भी ऐसा ही लग रहा है मैं भी अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूं। मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी जब मैंने अपने कपड़ा को उतारा और अपने लंड को हिलाना शुरू किया तो आशा ने मेरे मोटे लंड को देखा और कहने लगी लगता है तुम्हारा लंड चूत के अंदर जाकर ही मानेगा। मै आशा को बोला मेरा लंड तुम्हारी योनि में जाने के लिए बहुत ही ज्यादा तडप रहा है। मैंने जब अपने लंड को हिलाना शुरू किया तो आशा ने उसे अपने हाथ में लेते हुए अपने मुंह में ले लिया। जब उसने अपने मुंह के अंदर मेरे मोटे लंड को लेकर उसे सकिंग करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा और आशा को भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने आशा को कहा मेरे अंदर की गर्मी को तुम पूरी तरीके से बढा चुकी हो मेरे लंड ने पानी बाहर की तरफ को छोड़ दिया था। आशा ने मुझे कहा मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूं। मैंने आशा के स्तनों को चूसना शुरू किया उसके मुलायम स्तनो को चूसने मे अच्छा लग रहा था। मै जब आशा के स्तनों को चूस रहा था तो मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी और आशा के अंदर की गर्मी भी बढ़ रही थी। हम दोनों ही पूरी तरीके से मजे में आ गए थे। मैने आशा को कहा मुझे अच्छा लग रहा है मैंने आशा से कहा मेरे अंदर की गर्मी को तुमने पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया है। आशा मुझे कहने लगी अब तुम मेरी चूत को भी कुछ देर तक चाट लो। मैंने आशा की चूत को कुछ देर तक चाटा जब मैंने आशा की योनि को कुछ देर तक चाटा तो आशा को मजा आने लगा और आशा के अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ने लगी थी।

मैंने आशा को कहा मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है अब आशा की चूत से निकलती हुई गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी। वह मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। मैंने आशा की चूत के अंदर अपने मोटा लंड को घुसाना शुरू किया धीरे-धीरे मेरा मोटा लंड आशा की योनि के अंदर तक चला गया। जैसे ही मेरा लंड आशा की योनि को चीरता हुआ आशा की चूत की गहराइयों में कहीं खो गया तो वह मुझे कहने लगी आज मुझे मजा आ गया। मैंने आशा को कहा तुम्हारी चूत से खून निकल रहा है। आशा मुझे कहने लगी मुझे मालूम है लेकिन तुम मुझे बस ऐसे ही धक्के देते जाओ। मैंने आशा को कहा मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है मुझे लग रहा है मुझे तुम्हें बस ऐसे ही चोदते रहना चाहिए। आशा मुझे कहने लगी तुम मुझे बस ऐसे ही धक्के मारते रहो और मेरी गर्मी को ऐसे ही बढ़ाते रहो। आशा और मैं दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा लिया जब तक हम दोनों की इच्छा पूरी नहीं हो गई। हम दोनों खुश हो गए थे। हम दोनों को बहुत ही मजा आया जब हम लोगों ने एक दूसरे के साथ सेक्स का जमकर मजा उठाया। मेरी गर्मी तो पूरी तरीके से बढ चुकी थी और आशा की चूत से निकलता हुआ पानी भी बहुत ज्यादा बढ़ चुका था इसलिए मैंने आशा की चूत मे अपने माल को गिरा दिया और आशा की गर्मी को शांत किया।

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