जीजा जी के काले और मोटे लंड को देखा

   29/10/2018

Jija ji ke kaale aur mote lund ko dekha:

hindi sex stories, antarvasna

मेरा नाम शिल्पा है मैं लखनऊ में रहती हूं,  मेरी उम्र 40 वर्ष हो चुकी है, मैं ग्रहणी हूं और घर पर ही रहती हूं लेकिन मेरे पति हमेशा ही मुझे कहते हैं तुम्हें कुछ कर लेना चाहिए। मैंने इतने सालों तक अपने घर की जिम्मेदारी उठाई और अब मेरी लड़की भी बड़ी हो चुकी है, मेरी लड़की की उम्र 15 वर्ष हो चुकी है। मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं, इसीलिए शायद मैं अपने पति को भी इतना वक्त नहीं दे पाती, मैंने अपनी बच्ची का बहुत ही ध्यान रखा है और मेरे पति भी अपने काम के सिलसिले में बिजी रहते हैं, उन्होंने ही मुझे मेरी बच्ची की सारी जिम्मेदारियां दी है और कहा है कि तुम्हे ही राधिका का ध्यान रखना है, मैं तो ज्यादा वक्त नहीं दे सकता। मैने उन्हें कहा कि आप बिल्कुल की चिंता मत कीजिए मैं राधिका का ध्यान बड़े ही अच्छे से रखूंगी। उसे कभी भी मैंने कोई कमी नहीं होने दी इसलिए राधिका हमेशा ही पढ़ने में भी अच्छी है और हर काम में वह आगे रहती है, उसे डांस का बहुत शौक है इसी वजह से मैंने उसे डांस अकैडमी में डाल दिया था और उसके स्कूल में कुछ समय बाद ही प्रोग्राम होने वाला था, मैं भी उसकी स्कूल में गई तो उसका उस प्रोग्राम में सिलेक्शन हो गया।

सिलेक्शन होने के बाद वह कहने लगी मम्मी इसके बाद अगर प्रोग्राम दिल्ली में होगा तो, मैंने उसे कहा कि ठीक है तुम दिल्ली चले जाना लेकिन वह कहने लगी कि आप ही मेरे साथ चलिए, मैंने उसे कहा मैं इस बारे में तुम्हारे पिताजी से बात करूंगी उसके बाद ही कुछ कह पाऊंगी। वह मुझसे जिद करने लगी कि आप ही मेरे साथ चलिए, मैंने कहा ठीक है तुम्हारे पिताजी को आने दो उसके बाद ही मैं इस बारे में बताती हूं। जब शाम को मेरे पति घर लौटे तो मैंने उन्हें बताया कि शिल्पा का प्रोग्राम दिल्ली में होने वाला है और उसके लिए वह मुझे कह रही है तुम मेरे साथ दिल्ली चलो, मेरे पति कहने लगे तो इसमें कोई पूछने वाली बात है तुम दिल्ली चली जाओ और इस बहाने तुम घूम भी लोगी। मैंने कहा ठीक है चलो मैं दिल्ली चली जाती हूं। मेरे पति ने हीं हम दोनों की ट्रेन के रिजर्वेशन करवाये, जब हम लोग दिल्ली पहुंचे तो मैंने अपनी बड़ी दीदी को फोन कर दिया, मैं अपनी दीदी से भी काफी समय से नहीं मिली थी और वह दिल्ली में ही रहती हैं। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं दिल्ली आई हुई हो तो वह कहने लगी तुम वही स्टेशन पर रुको, मैं कुछ देर बाद तुम्हें लेने आती हूं।

वह मुझे लेने के लिए स्टेशन पर ही आ गई और जब मैं उनसे मिली तो मैं बहुत ही खुश थी क्योंकि काफी सालों बाद मेरी उनसे मुलाकात हो पा रही थी। मेरी दीदी कहने लगी तुम तो इतने सालों से मुझे मिली भी नहीं हो, मैंने दीदी से कहा बस घर की जिम्मेदारियों में इतना फंस चुके हैं कि बाहर कहीं जाने का वक्त ही नहीं मिल पाता। दीदी मुझसे पूछने लगी आज तुम कैसे दिल्ली आ गई, मैंने उन्हें कहा कि राधिका का दिल्ली में प्रोग्राम है तो वह मुझे कहने लगी आप दिल्ली चलिए तो मैंने सोचा मैं दिल्ली घूम आती हूं। मेरी दीदी भी राधिका से मिलकर बहुत खुश थी और उसके बाद हम लोग उनके साथ उनकी कार में ही उनके घर चले गए। जब हम लोग घर पहुंचे तो दीदी बहुत ही खुश हो रही थी और वह कहने लगी तुम्हें भूख लगी होगी तो मैं तुम्हारे लिए कुछ गरमा-गरम बना कर लाती हूं, मैंने उन्हें कहा नहीं हमें भूख नहीं है आप हमारे साथ ही कुछ देर बैठिये। वह मेरे साथ ही बैठी हुई थी और मैं उनके साथ बात करने लगी। हम लोग अपनी पुरानी बातें कर रहे थे कि किस प्रकार से हम लोग घर में शरारते करते थे, दीदी कहने लगी अब तो वह दिन वापस लौट कर नहीं आने वाले, वह दिन तो बहुत ही यादगार थे। हम दोनों ही बात कर रहे थे लेकिन मेरी बेटी राधिका बोर होने लगी और मैंने उसे कहा कि तुम यदि बोर हो रही हो तो टीवी देख लो, वह कहने लगी ठीक है मैं टीवी देख लेती हूं वह टीवी देखने के लिए चली गयी और हम दोनों बहनें आपस में बात कर रहे थे। मेरी दीदी के दो लड़के हैं, वह दोनों ही जॉब करते हैं। मैंने दीदी से कहा जीजा जी कब तक वापस लौटते हैं, वह कहने लगी वह बस कुछ देर बाद आने ही वाले होंगे। हम दोनों बहने बातों में इतने मस्त हो गए कि हमें समय का ही पता नहीं चला, जब समय हो गया तो कुछ देर बाद मेरे जीजाजी भी घर आ गए, वह मुझे देखकर बहुत खुश हुये और कहने लगे तुम इतने सालों बाद हमारे घर कैसे आ गई।

मैंने जीजा जी से कहा बस ऐसे ही आज सोचा आप से मिल लेते हैं तो आपसे मिलने के लिए आ गए, मेरे जीजाजी का नाम सुनील है और वह मुझे कहने लगे तुमने यह तो बड़ा अच्छा किया कि तुम हम से मिलने तो आ गई। मैं उनके साथ ही बैठ गई और मेरी दीदी कहने लगी मैं चाय बना कर लाती हूं, हम लोग बैठ कर बात कर रहे थे उसी बीच में दीदी भी चाय बना कर ले आई। जब वह चाय बना कर लाई तो वह मुझे पूछने लगे की तुम्हारे पति कैसे हैं, मैंने उन्हें कहा पति तो अच्छे हैं और वह अपने काम में ही बिजी हैं। मेरे जीजाजी कहने लगे अब मैं भी बहुत ज्यादा थक जाता हूं और मैं भी ज्यादा काम नहीं कर पाता,  मैंने उनसे कहा कि आप रिटायर कब हो रहे हैं, वह कहने लगे अभी तो काफी वर्ष बच्चे हैं रिटायर होने में, बस ऐसे ही जिंदगी को काट रहे हैं। मेरा जीजा जी और मेरे बीच में सेक्स पहले भी  हो चुका है लेकिन हम दोनों ने कभी भी किसी को यह बात नहीं पता चलने दी। जब मेरे जीजाजी और मैं अकेले बैठे हुए थे तो वह मुझसे कहने लगे अब भी तुम्हारा बदन पहले जैसा ही है।

मैंने उन्हें कहा तो फिर आप आज मेरे बदन का स्वाद चख लीजिए। वह कहने लगे ठीक है रात को आज मैं तुम्हारे हुस्न का स्वाद चख लेता हूं। रात को जब मेरे जीजाजी ने मुझे मेरे फोन में मैसेज किया और कहा कि तुम छत में आ जाओ मैं छत में चली गई मैंने अपनी दीदी की मैक्सी पहनी हुई थी। मेरे जीजाजी कहने लगे तुम तो आज भी पहले जैसे ही सुंदर हो यह कहते कहते उन्होंने मुझे अपनी बाहों में ले लिया। मैंने सबसे पहले अपने जीजा का लंड अपनी योनि में लिया था। मैंने उनके लंड को उनके पजामे से निकाला तो वह आज भी पहले जैसा ही था, मैंने उसे अपने मुंह में ले लिया और अच्छे से चूसने लगी। जीजा जी बहुत खुश हो रहे थे वह कहने लगे तुम आज भी पहले जैसी ही हॉट हो। मैंने उनके लंड को चूस चूस कर खडा कर दिया। उनका लंड पूरा खड़ा हो चुका था और वह मेरी योनि में जाने के लिए तैयार था। उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी मैक्सी को जैसे ही ऊपर उठाया तो मेरी चूत के अंदर  अपनी उंगली को डाल दिया मैंने जीजा जी से कहा अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है आप अपने काले और बड़े लंड को मेरी योनि के अंदर डाल दो। उन्होंने जैसे ही अपने लंड को मेरी योनि के अंदर डाला तो मैं चिल्लाने लगी और मुझे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा। वह मझे तेजी से चोद रहे थे उन्होंने मुझे काफी देर तक चोदा। मैंने उन्हें कहा मेरी गांड की खुजली मिटा दीजिए इतने सालों से मैंने किसी को भी अपनी गांड नहीं मारने दी है। उन्होंने जब अपने लंड को मेरी गांड मे डाला तो जैसे ही उनका लंड मेरी गांड में घुसा तो मुझे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा। उन्होंने मेरी गांड को पकड़ा हुआ था और बड़ी तेज गति से वह मुझे धक्के मार रहे थे। मैंने जीजा जी से कहा आपके अंदर अब भी पहले जैसी जवानी बची है आप तो मुझे बड़े अच्छे से ठोक रहे हैं। वह कहने लगे  तुम्हारा यौवन देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, मेरा भी आज बहुत मन हो चुका था कि तुम्हारे साथ में सेक्स करूं और तुमने मेरी इच्छा पूरी कर दी तुम इतने सालों से मेरे पास क्यों नहीं आई। मैंने अपने जीजा जी से कहा बस मुझे समय नहीं मिल पाया इसलिए मैं आपके पास नहीं आई नहीं तो मैं भी बहुत ज्यादा तड़प रही थी। 5 मिनट के बाद जैसे ही उनका गरमा गरम तरल पदार्थ मेरी गांड के अंदर गया तो उन्होंने जल्दी से अपने लंड को बाहर निकाल लिया। हम दोनों दबे पांव अपने कमरों में जाकर सो गए। जीजा जी का तरल पदार्थ रात भर मेरी गांड से बाहर की तरफ टपक रहा था।

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