गांड आग ऊगलने लगी थी

   05/06/2019

Antarvasna, hindi sex kahani:

Gaand aag ugalne lagi thi मम्मी मुझसे कहती है कि आकाश बेटा तुम जब अपने ऑफिस जाओ तो गोविंद जी की दुकान से सामान ले आना मैंने मम्मी को कहा ठीक है मम्मी मैं आते वक्त गोविंद जी की दुकान से सामान ले आऊंगा। जब मैंने मम्मी को यह बात कही तो मम्मी कहने लगी कि बेटा तुम भूलना मत मैंने मम्मी को कहा मम्मी नहीं भूलूंगा। मैं अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था मैं अपने ऑफिस के लिए जब घर से निकला तो उस वक्त शायद मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि रास्ते में आज मेरे साथ एक बड़ा हादसा हो जाएगा। मैं अपनी कार से जा रहा था तभी आगे से एक छोटी बच्ची को बचाने के चलते मैंने तुरन्त ब्रेक मारा जैसे ही मैंने ब्रेक लगाया तो गाड़ी डिवाइडर से जा टकराई। जब गाड़ी डिवाइडर से जा टकराई तो गाड़ी का एयर बैग खुला और मैं बेहोश हो गया था थोड़ी देर बाद जब मुझे होश आया तो कुछ लोगों ने मुझे बाहर निकाला। मैंने देखा गाड़ी पूरी तरीके से डैमेज हो चुकी थी लेकिन मैंने जब उस बच्ची की तरफ देखा तो वह ठीक थी पता नहीं वह बच्ची कहां से अचानक से आगे आ गई थी लेकिन उसे बचाने के चलते मेरा काफी नुकसान हो गया था।

उसके पापा मम्मी मेरे पास आये और कहने लगे कि भाई साहब आप हमें माफ कर दीजिए हमारी बच्ची की गलती की वजह से आप का एक्सीडेंट हो गया मैंने उन्हें कहा अब आप यह बात रहने दीजिए। मैंने उन्हें माफ कर दिया था लेकिन मेरी गाड़ी पूरी तरीके से डैमेज हो चुकी थी जिसकी वजह से मुझे एक क्रेन को बुलाना पड़ा और उसके बाद गाड़ी को वहां से मैं सर्विस सेंटर ले गया। उस दिन तो मैं ऑफिस नहीं जा पाया मैं सीधा ही घर लौट आया था जब मैं घर लौटा तो मम्मी मुझे कहने लगी कि आकाश बेटा तुम आज जल्दी घर लौट आये मैंने मम्मी से कहा मम्मी बस ऐसे ही मेरी तबीयत खराब थी। मैंने मम्मी को इस बारे में कुछ भी नहीं बताया और ना ही मैं मम्मी को कुछ बताना चाहता था मैंने मम्मी से यह बात छुपाई लेकिन मम्मी मुझे कहने लगी कि तुम राशन लेकर नहीं आए। मम्मी इस बात से अनजान थी कि मैं बड़ी मुश्किल से बचा हूं लेकिन मम्मी को यह बात कहां पता थी। मैंने मम्मी से कहा मम्मी थोड़ी देर बाद मैं ले आऊंगा तो मम्मी कहने लगी ठीक है बेटा तुम थोड़ी देर बाद ले आना।

मैं अपने कमरे में बैठा हुआ था और मैं यही सोच रहा था कि आज मेरी जान बच गई किसी प्रकार से मेरी जान तो बच गई थी लेकिन गाड़ी में बहुत ज्यादा नुकसान हो गया था थोड़ा बहुत नुकसान की भरपाई तो इंश्योरेंस के माध्यम से हो गई थी लेकिन फिर भी मुझे थोड़े बहुत पैसे तो देने ही थे। मैं गोविंद जी के पास गया और मैं वहां से राशन लेकर घर आ गया जब मैं घर आया तो पापा मुझसे कहने लगे आकाश बेटा तुम्हारे दोस्त मुझे आज मिले थे। मैंने पापा से कहा पापा आप को मेरे कौन दोस्त मिले थे तो पापा कहने लगे आज मुझे गौतम और रोहित मिले थे मैंने पापा से कहा वह लोग आपको कहां मिले। पापा कहने लगे कि मैं जब ऑफिस से निकल रहा था तो उस वक्त मेरी मुलाकात उन दोनों से हुई पापा ने जब मुझे यह बताया तो मैंने तुरंत ही गौतम को फोन किया और गौतम से बात की। गौतम से काफी देर तक मैंने बात की गौतम मुझे कहने लगा कि हां आज मुझे तुम्हारे पापा मिले थे लेकिन गौतम यह भी कहने लगा कि तुम मुझे मिलते ही नहीं हो। मैंने गौतम को कहा चलो आज मैं तुमसे मिलने के लिए आता हूं लेकिन तुम्हें मुझे लेने के लिए आना पड़ेगा गौतम कहने लगा ठीक है मैं तुम्हें अभी लेने के लिए आता हूं। गौतम मुझे लेने के लिए आया और हम दोनों साथ में चले गए जब हम दोनों साथ में गए तो गौतम को मैंने सारी बात बताई गौतम कहने लगा कि तुम्हारा इतना बड़ा एक्सीडेंट हुआ। गौतम तो यह सुनकर ही घबरा गया मैंने उसे कहा लेकिन अब सब ठीक है गौतम मुझसे पूछने लगा तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है तो मैंने उसे कहा मेरी जॉब तो अच्छी चल रही है।

गौतम ने मुझे बताया कि उसने सगाई करने का फैसला किया है मैंने गौतम को कहा लेकिन तुमने तो मुझे इस बारे में बिल्कुल भी नहीं बताया गौतम मुझे कहने लगा यार मैं तुम्हें इस बारे में क्या बताता। मैंने गौतम को कहा लेकिन तुम्हें मुझे इस बारे में बताना तो चाहिए था वह मुझे कहने लगा कि मैं तुम्हें बताना चाहता था लेकिन बता ना सका क्योंकि मुझे समय ही नहीं मिल पाया था इसलिए मैं तुम्हें कुछ भी नहीं बता पाया। मैंने गौतम को कहा लगता है तुम कुछ ज्यादा ही बिजी हो गए हो गौतम कहने लगा यार जब से पापा का बिजनेस संभाला है तब से वाकई में मुझे समय नहीं मिल पाता है लेकिन आज मैं फ्री था तो तुम्हारा फोन भी बिल्कुल सही बात पर आया और तुम से मेरी मुलाकात हो गई। गौतम और मैं साथ में बैठे हुए थे तो गौतम ने मुझे अपनी होने वाली पत्नी की तस्वीर दिखाई  मैंने गौतम से कहा तुम बहुत ही खुशनसीब हो तुम्हे इतनी अच्छी लड़की मिल रही है। वह मुझे कहने लगा कि अब तुम यही समझो बस किस्मत अच्छी है मैंने गौतम को कहा चलो यह तो बहुत खुशी की बात है। मैं गौतम के साथ काफी देर तक रहा और उसके बाद मैं घर लौट आया मैं जब घर लौटा तो पापा ने मुझसे कार के बारे में पूछा मैंने पापा को सारी बात बता दी पापा डर गए लेकिन मैंने पापा को कहा कि पापा वह सब अचानक से ही हुआ मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ पाया कि अचानक से यह सब कैसे हो गया। पापा कहने लगे चलो बेटा अब इस बारे में तुम ज्यादा मत सोचो अब तुम अपना ध्यान दो।

गौतम की भी सगाई होने वाली थी मुझे भी यह लग रहा था कि मुझे अब अपने लिए कोई लड़की देख लेनी चाहिए। मेरे खाली जिंदगी में कोई भी नहीं था लेकिन फिलहाल तो मुझे कोई मिल पाना मुश्किल ही था मैं सोचने लगा क्या मुझे कोई मिलेगा भी या नहीं? जब मुझे पहली बार सुमन मिली तो सुमन के साथ में अपने आपको बहुत कंफर्टेबल महसूस कर रहा था सुमन से मैंने पहले ही मुलाकात में बडी खुलकर बात की सुमन और मेरी मुलाकात मेरे एक परिचित ने करवाई थी। हम दोनों की मुलाकात बढ़ती ही जा रही थी हम दोनों जब एक दूसरे को मिलते तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता सुमन को भी बहुत अच्छा लगता था सुमन मुझसे मिलने के लिए हमेशा ही बेताब रहती थी जब भी उसकी मुलाकात मेरे साथ होती तो वह मुझे कहती मुझे आपसे मिलना बहुत अच्छा लगता है। मैंने सुमन को कहा मुझे भी तुमसे मिलना बहुत अच्छा लगता है हम दोनों ने एक दिन एक दूसरे के होठों को चूम कर किस कर लिया जब हम दोनों ने एक दूसरे के होठों को किस किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा सुमन बहुत ज्यादा खुश थी वह कहती मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने सुमन को कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं सुमन मुझे कहने लगी रह तो मै भी नहीं पा रही हूं क्या हम लोग कहीं अकेले में चले? सुमन का मन मेरे साथ सेक्स करने का था सुमन मेरे साथ आने के लिए तैयार हो गई। जब मैं सुमन को अपने साथ अकेले में ले गया तो मैंने सुमन के होठों को बहुत देर तक चूमा सुमन के होठों से मैंने खून निकाल कर रख दिया था काफी देर की चुम्मा चाटी के बाद शरीर गर्म होने लगा था सुमन अपने कपड़े उतारने लगी थी। मेरे अंदर भी गर्मी बढने लगी थी मैंने जैसे ही अपने मोटे लंड को बाहर निकाला तो सुमन ने उसे अपने मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरू किया वह मेरे लंड को बहुत देर तक चूसती तो मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसे भी बड़ा मजा आता। काफी देर तक उसने ऐसा ही किया जब वह बिल्कुल भी रह ना सकी तो उसने अपने दोनों पैरों को खोलते हुए मेरे लंड को अपनी चूत के बीच मे लगाया मैंने अपने लंड को चूत के अंदर डाला तो वह चिल्लाने लगी मेरा मोटा लंड उसकी चूत के अंदर जा चुका था। मैंने उसे कहा तुम इतनी तेजी से सिसकिया मत ल कोई आ गया तो वह मुझे कहने लगी आकाश तुम मुझे सिसकिया लेने दो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

वह लगातार तेज आवाज में सिसकियां ले रही थी उसकी सांसे ऊपर नीचे होती तो मेरी भी गर्मी बढ़ने लग जाती। मेरा लंड सुमन की चूत के अंदर प्रवेश हो रहा था और सुमन को बड़ा मजा आ रहा था। बहुत देर तक ऐसा करने के बाद सुमन और मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे सुमन अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी मैंने सुमन को कहा मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूं। सुमन कहने लगी तुम अपने वीर्य को गिरा दो मैंने सुमन को कहा मेरा वीर्य गिरने वाला है। मैंने अपने वीर्य को उसकी चूत के अंदर गिरा दिया मेरा माल उसकी चूत के अंदर जा चुका था। मैं दोबारा से उत्तेजित हो गया क्योंकि सुमन की गांड देखकर मै रह नहीं पा रहा था मैंने अपने लंड को दोबारा से खड़ा किया।

जब मैंने अपने खड़े लंड को सुमन की चिकनी और मुलायम गांड के अंदर प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाने लगी मेरा लंड उसकी गांड के अंदर तक प्रवेश हो चुका था वह चिल्ला रही थी। मैंने उसे कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तो सुमन कहने लगी मुझे तुमसे गांड मरवाकर मजा आ रहा है। सुमन के अंदर गर्मी बढ़ते ही जा रही थी मेरी गर्मी में भी लगातार बढ़ोतरी हो गई थी जिस वजह से मैं उसके साथ ज्यादा देर तक मजे ना ले सका जितनी देर हम दोनों ने एक दूसरे के साथ संओग किया उतनी देर मुझे बहुत अच्छा लगा और सुमन को भी बहुत मजा आया। सुमन कहने लगी मेरी गांड से अब आग बाहर की तरफ को निकल रही है। मैंने सुमन को कहा मेरे लंड से आग बाहर निकल रही है मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका है। सुमन कहने लगी तुम अपने लंड से अपने वीर्य को बाहर निकाल दो मैंने अपने माल को सुमन की गांड में गिराया तो वह खुश हो गई उसने मुझे किस करते हुए कहा आज तो मजा ही आ गया।

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