एक मुलाकत जरुरी है सनम

   25/06/2019

Antarvasna, hindi sex story:

Ek mulakat jaruri hai sanam मै चंडीगढ़ मे रहती हू मै मोहन से मिलकर खुश थी। हम दोनो फेसबुक फ्रेंड है हमने लगभग एक महीन तक विनम्रता से ऑनलाइन बातें की। मोहन ने मुझे बताया कि वह अपने परिवार के साथ चडीगढ आया है। मोहन के आने के अगले दिन हम दोनो एक कॉफी शॉप पर मिलने पर सहमत हुए। हम दोनों पहली बार एक दूसरे से मिले और मैं मोहन से मिलकर बड़ी खुशी हुई मोहन भी मुझसे मिलकर खुश थे। हमने एक दूसरे का स्वागत किया फेसबुक प्रोफाइल पर मोहन की एक गंभीर तस्वीर थी जब मैंने उन्हें मुस्कुराते हुए देखा तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ मुझे लगा था कि मोहन एक सीरियस किस्म के व्यक्ति होंगे लेकिन वह तो बिल्कुल उसके उलट थे।  मैं और मोहन साथ में थे जब भी मोहन कुछ मजाकिया अंदाज में कहते तो मैं जोर-जोर से हंसने लगती और मुझे बहुत अच्छा लगता। अपनी पहली मुलाकात में शहर में हम लोग घुमे हमने एक रेस्तरां में डिनर के साथ पहली बैठक समाप्त कर दी।

मोहन ने मुझे घर छोडा मैने मोहन को हाथ हिलाते हुए बाय कहा मेरी उदासी बढ़ती जा रही थी। मैं जब वापस जा रही थी तो मेरे दिल में सिर्फ मोहन का ही खयाल था मैं जब दरवाजे से अंदर गई तो मैं लौट कर तुरंत बाहर आ गई और जब मैं गेट पर आई तो उस वक्त मैंने देखा मोहन भी गेट के पास ही खड़े हैं। मैं  गेट से कुछ मीटर की दूरी पर थी मैं अपने हाथ को हाथ हिला रही थी। मेरा दिल तेजी से धडक रहा था। मै मोहन को देख रही थी मोहन ने मेरे साथ समय बिताने के लिए मुझे धन्यवाद दिया हमने शुभ रात्रि कहा और एक दूसरे की तरफ देखते रहे। मैं अपने घर जा चुकी थी और बार-बार मैं मोहन को पलट कर देख रही थी मोहन भी जा चुका था। जब मैं घर पर आई तो मेरी आंखों से नींद गायब थी मैं सिर्फ यही सोचती रही मेरे मन में सिर्फ मोहन का ख्याल था। मोहन ने मुझे कॉफ़ी पर दोबारा आमंत्रित किया  मोहन ने मुझे बताया कि शाम को वह जाने वाले है। शाम को मोहन की फ्लाइट थी मैं थोड़ा निराश थी समय बहुत कम था लेकिन फिर भी हम लोग साथ मे थे।

मैंने मोहन को रूकनरी लिए कहा तो मोहन ने भी तुरंत मेरी बात मान ली। उन्होंने मुझे कहा वह अगले दिन चले जाएगे मोहन ने अंतिम मिनट मे अपना फैसला बदला था। मेरा चेहरा पर एक बड़ी मुस्कान आ गई। साथ में कॉफी पीने के बाद हम लोग शाम के वक्त एक बार में चले गए। अंधेरा हो गया था हम खुले बार मे बीयर के लिए बैठे थे मेरा दिल घबराहट में दौड़ रहा था मैं जानती थी वे मुझे प्यार करना चाहते है हम दोनो आपस में बात कर रहे थे वेटर बीयर लेकर आ चुका था हम दोनों ही एक दूसरे की तरफ देख रहे थे। मैं मोहन के साथ रात बिताने के लिए पूरी तरह से मन बना चुकी थी अंत में मैंने एक गहरी ली और बीयर पी ली। मैंने पहली बार ही अपने जीवन में बीयर पी थी, उसके बाद मुझे कुछ होश ही नहीं रहा कि मैं क्या बोल रही हूं। मोहन मेरी तरफ देख रहे थे वह शांत थे मेरी बातें सुनते-सुनते उनका सिर चकरा गया था किन्तु वह रात को एक साथ बिताने के विचार से खुश हो रहे थे। मोहन ने मुझे कहा हम लोग कहीं और चलते हैं उन्होंने मुझे कहा कि यहां पर ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ ठीक नही लग रहा। हम लोग दूसरे बार मे गए क्योंकि मोहन ने मुझे कहा उनको लाइव संगीत देखने का मन है। धीरे-धीरे मे नशे मे होने लगी मोहन ने मुझसे कई बार पूछा तुम ठीक तो हो? मैंने मोहन को कहा हां मैं बिल्कुल ठीक हूं हम दोनों साथ में ही बैठे हुए थे और आपस में हम दोनों बात कर रहे थे मुझे मोहन के साथ समय बिताना अच्छा लग रहा था और मोहन भी बड़े खुश थे हालांकि में नशे में हो चुकी थी परंतु उसके बावजूद भी मोहन और मैं एक दूसरे से बात कर रहे थे। मोहन ने मुझे कहा कि क्या हम लोगों को डिनर कर लेना चाहिए, मैंने मोहन को कहा हां हम लोगों को डिनर कर लेना चाहिए जब मोहन ने डिनर के लिए आर्डर दिया तो थोड़ी देर बाद वेटर हमारा ऑर्डर ले आया हम दोनों ने साथ में डिनर किया  क्योंकि मुझे कुछ ज्यादा ही नशा हो चुका था इसलिए घर जाना तो मेरा संभव नहीं था। मैंने घर पर अपनी मम्मी को कह दिया था आज मैं अपनी सहेली के घर ही रुक रही हूं। मोहन और मैं साथ मे रूकने वाले थे मोहन ने मुझसे पूछा था तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं है? मैंने मोहन को कहा नहीं मुझे कोई परेशानी नहीं है क्योंकि हम दोनों ही जानते थे कि हम दोनों के दिल में क्या चल रहा है।

हम लोग एक होटल में गए वहां के मैनेजर ने हमे होटल का रूम दिखाया हम दोनों  साथ में ही बैठे हुए थे, मोहन ने मुझसे कहा क्या होटल सही है? मैंने मोहन को कहा हां ठीक है हम लोग यहीं रुक जाते है। हम दोनो बिस्टर पर बैठे हुए थे, वह सहज महसूस नहीं कर रहे थे और मुझे नहीं पता था कि उनको खुश करने के लिए क्या कहना है। मैं इस बारे में सोचने लगी, मैं टॉयलेट में चली गई काफी देर तक मैं वहीं पर रही  और मैं सोचने लगी मुझे ऐसा क्या करना चाहिए जिससे कि मोहन को अच्छा लगे क्योंकि मोहन भी बड़े ही शांत होकर बैठे हुए थे।  मैं मोहन के पास आकर बैठी जब मैं मोहन के पास आकर बैठी तो मोहन ने मेरा हाथ पकड़ लिया कमरे का वातावरण पूरी तरीके से बदल चुका था क्योंकि मेरे शरीर में गर्मी पैदा हो गई थी और मोहन भी अपने आपको रोक नहीं पा रहे थे। मैंने भी कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं मोहन के लंड को हाथ मे लूंगी हालांकि हम दोनों ने कभी भी ऐसा सोचा नहीं था परंतु अब मैं मोहन के लंड को अपने हाथ में ले रही थी मोहन ने मेरे होठों को चूम लिया।

जब मोहन ने मेरे होंठों को चूमा तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जिस प्रकार से उन्होंने मेरे कोमल और गुलाबी होठों को चुंबन किया उससे मैं उत्तेजित होने लगी। मेरा पूरा नशा गायब हो चुका था मैं मोहन की बाहों में जाने के लिए तड़प रही थी मोहन ने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया। उन्होंने जब मेरे कपड़ों को टटोलना शुरू किया तो मैंने भी उनसे कहा मेरे कपड़े उतार दो उन्होने मेरे कपडे उतारे मोहन ने जब मेरे स्तनों पर अपने हाथों को लगाया तो मैं पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी। मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पाई मोहन मेरे स्तनों का रसपान करने लगे। मैंने मोहन के लंड को अपने हाथ में लिया और उसे हिलाना शुरू किया मुझे मोहन के लंड को हिलाने में बड़ा मजा आ रहा था मोहन भी बड़े खुश नजर आ रहे थे मोहन ने मुझे कहा कसम से आज तो मजा ही आ गया। मैंने मोहन को कहां मजा तो मुझे भी आ रहा है मैं सोच रही हूं आपका लंड अपनी चूत के अंदर तक ले लू। मोहन अब तैयार हो चुके थे उन्होंने मेरी चूत के अंदर लंड को घुसाने की तैयारी कर ली थी हालांकि मोहन को उसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी मोहन उत्तेजित हो चुके थे। जब मोहन ने मेरी चूत को चाटना शुरू किया तो मुझे भी मज़ा आने लगा मोहन मेरी चूत का आनंद ले रहे थे उससे मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था मेरी चूत से निकलते हुए पानी को जिस प्रकार से मोहन ने चटा उससे मैं अब आपे से बाहर हो चुकी थी। मेरा नशा भी गायब हो चुका था मुझे बड़ा मजा आ रहा था जिस प्रकार से मोहन मेरी चूत को चाट रहे थे काफी देर तक उन्होंने ऐसा ही किया मोहन मुझे कहने लगे मैंने कभी सोचा नहीं था तुम्हारे साथ में सेक्स कर पाऊंगा मेरे दिल में जरूर था मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूंगा तुमने मेरी इच्छा को पूरा कर दिया। मैंने मोहन को कहा लेकिन मेरा मन तो आपके साथ सेक्स करने का था मैंने मोहन के लंड को दोबारा से अपने मुंह के अंदर लिया बहुत देर तक में मोहन के लंड को चूसती रही वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे। मोहन ने जैसे ही मेरी चूत के अंदर लंड को घुसाया, मैंने मोहन को कहा मुझे बड़ा मजा आ रहा है। मेरी चूत से खून निकल आया मेरी चूत से इतना ज्यादा खून निकल रहा था मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।

मैं अपने दोनों पैरों को खोल रही थी जिस प्रकार से मोहन ने मुझे धक्के मारने शुरू कर दिया उससे मेरी चूत से पानी निकाल रहा था मोहन भी अपने आपको रोक ना सके मोहन ने अपने वीर्य को मेरे स्तनों पर गिराया। कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे के साथ लेट कर बात करते रहे लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मैं उनके लंड को अपने मुंह मे दोबारा लेना चाहती हूं मैंने मोहन के लंड को अपने मुंह के अंदर लिया मै बहुत देर तक मोहन के लंड को चूसती रही लेकिन जब मोहन ने मुझे कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं। मोहन ने मुझे डॉगी स्टाइल में बनाते हुए मेरी चूत पर अपने लंड को रगड़ना शुरू किया मेरी चूत मोहन का लंड लेने के लिए तैयार हो चुकी थी।

मोहन ने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर प्रवेश करवाया मैं चिल्लाने लगी मेरी चूत के अंदर से खून बाहर आ चुका था। मैं अब इतनी ज्यादा चिल्लाने लगी मोहन मुझे कहने लगे मुझे तुम्हें चोदने में मजा आ रहा है मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था जिस प्रकार से मोहन ने मेरी चूत के अंदर अपने लंड को करना जारी रखा था। मैंने मोहन को कहा कसम से मुझे तो बड़ा मजा आ रहा है मोहन मुझे कहने लगे मैं तुम्हारी चूत की गर्मी को ज्यादा देर तक झेल नहीं पाऊंगा। मैंने भी अपनी चूतडो को उनसे मिलाना शुरू किया मुझे बहुत मजा आता। थोड़ी ही देर बाद मोहन ने अपने वीर्य को मेरी चूत के अंदर गिराया तो मुझे बड़ा ही मजा आया। हम दोनों ने रात साथ में बिताई अगले दिन मोहन अपनी फ्लाइट पकड़कर जा चुके थे लेकिन अभी तक मेरे दिल में मोहन की यादें बसी हुई हैं और हम लोग फोन पर एक दूसरे से बातें करते रहते हैं।

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