डाल दो लंड और शांत कर दो अन्तर्वासना

   27/03/2019

Daal do lund aur shaant kar do antarvasna:

Hindi sex kahani, antarvasna मैं लखनऊ का रहने वाला एक सामान्य से परिवार का हूं मेरे पिताजी परचून की दुकान चलाया करते हैं और मेरी मां घर का काम संभालती हैं मेरे घर में मेरी दो बहने हैं जो कि मुझे बहुत ज्यादा प्यार करती हैं। मैंने एक दिन अपने दोस्त से कहा यार आज लाइब्रेरी में चलते हैं वह मुझे कहने लगा वहां जाकर क्या करेंगे तो मैंने उसे कहा मुझे कुछ किताबें पढ़नी थी तो मैं सोच रहा था की लाइब्रेरी चलूँ। मेरा दोस्त कहने लगा यार तुम जिंदगी भर पढ़ते ही रहोगे कभी हमारे साथ भी कहीं घूमने का प्लान बना लिया करो। मैंने उसे कहा हां जरूर तुम्हारे साथ घूमने का प्लान बना लूंगा लेकिन अभी तुम मेरे साथ लाइब्रेरी चलो वह कहने लगा चलो फिर मैं भी तुम्हारे साथ लाइब्रेरी ही चलता हूं।

बचपन से ही सब लोग मुझे पढाकू कहते हैं और जो भी मेरे चश्मे को देखता है वह कहता है कि तुम्हारी इतनी कम उम्र में ही इतने बड़े चश्मे लग गए हैं। कई लोग तो मुझे बैटरी कहकर भी बुलाते हैं लेकिन मुझे उन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता मैं अपने तरीके से अपना जीवन जीना चाहता हूं। मैं अपने दोस्त के साथ लाइब्रेरी चला गया जब मैं उसके साथ लाइब्रेरी गया तो वहां पर हम दोनों बैठ कर पढ़ने लगे मुझे आधा घंटा हो चुका था तभी मेरे सामने आकर एक लड़की बैठ गई उसे देख कर मेरा ध्यान सिर्फ उसकी तरफ ही जा रहा था। मैंने अपने दोस्त से कहा यार अभी हम लोग यहां से चलते हैं हम दोनों वहां से चले गए उसके बाद जब भी मैं उस लड़की को लाइब्रेरी में देखता हूं तो मुझे ना जाने क्यों अंदर से एक अलग ही फीलिंग आती। ऐसा मेरे साथ कभी नही हुआ था वह अक्सर वह मुझे दिख जाया करती थी काफी समय बाद मैंने उससे बात कर ही ली। जब मैंने उससे बात की तो उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम रोशनी है। मैंने भी उसे अपना नाम बताया और उस दिन के बाद तो जैसे हम दोनों की दोस्ती ही हो गई। मैंने अपने दोस्त से कहा था कि हम लोग घूमने का प्लान बनाएंगे तो हम लोगों घूमने के लिए चले गए। मेरे दोस्त के भैया का एक फार्म हाउस है हम लोग कुछ दिनों के लिए वहां चले गए मैं बहुत कम ही घूमना पसंद किया करता हूं लेकिन उस वक्त मुझे उनके साथ जाना ही पड़ा मैंने अपने दोस्त से प्रॉमिस किया था।

मैं अपना वादा नहीं तोड़ सकता था इसलिए मुझे उनके साथ जाना पड़ा हालांकि मुझे उनके साथ में जाना अच्छा नहीं लगा लेकिन फिर भी मैंने वहां पर उन लोगों के साथ अच्छा समय बिताया। वहां पर सब कुछ बहुत ही अच्छे से था कुछ दिन बाद हम लोग वापस लखनऊ आ गये। उसके बाद तो मेरी दोस्ती रोशनी के साथ बहुत अच्छी हो गई रोशनी भी मेरी तरह ही पढ़ने में बहुत रुचि रखती है और शायद वह भी बिल्कुल मेरी तरह ही थी। उसके भी चश्मे लगे हुए हैं और वह बहुत ज्यादा पढ़ाई करती है इसी वजह से हम दोनों के बीच जब भी बात होती तो उसमें कहीं ना कहीं कोई पढ़ाई की चीजें आ ही जाती थी। उसी बीच मैंने जिस कंपनी में अपने जॉब के लिए अप्लाई किया था वहां से मुझे इंटरव्यू के लिए फोन आ गया। मैंने जब यह बात रोशनी को बताई तो रोशनी कहने लगी चलो यह तो अच्छा है कि तुमने इस कंपनी में जॉब के लिए ट्राई किया और वहां से तुम्हारा कॉल आ ही गया तुम्हारा जल्दी ही सलेक्शन हो जाएगा। उसने मुझे कहा तुम्हारा पक्का वहां पर सिलेक्शन हो जाएगा और उसके बाद मैं जयपुर कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए गया। मुझे थोड़ा घबराहट सी हो रही थी और मैं काफी नर्वस भी था लेकिन जैसे ही मैंने इंटरव्यू दिया उसके बाद वहां मेरा इंटरव्यू क्लियर हो गया और मेरा सिलेक्शन हो गया। अब मेरी जॉब भी लग चुकी थी और मुझे सैलरी भी काफी अच्छी मिल रही थी मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी इतनी अच्छी नौकरी मुझे मिल पाएगी। जब मेरी पहली तनख्वाह आई तो मैंने सबसे पहले अपने परिवार वालों के साथ समय बिताने की सोची मैं उन्हें उस दिन एक रेस्टोरेंट में लेकर गया। मेरी दोनों बहनें बहुत खुश थी वह मुझे कहने लगे भैया आप हमें क्या गिफ्ट दिलवा रहे हो मैंने उन्हें कहा तुम्हारा जो मन है तुम मुझे बता देना। वह दोनों कहने लगे आप हमें मार्केट ले चलिए हम आपको बता देंगे मैंने उन्हें कहा ठीक है अगले हफ्ते मेरी छुट्टी होगी तो उस दिन हम लोग साथ में ही चलेंगे।

काफी समय बाद हमारा परिवार कहीं बाहर एक साथ डिनर कर रहा था मुझे इस बात की बहुत खुशी थी और मेरे पिताजी भी इस बात से खुश है कि मेरी जॉब भी लग चुकी है। जब मेरे पिताजी ने मुझे कहा कि बेटा तुम अपनी जॉब पर पूरा ध्यान देना तो मैंने उन्हें कहा जी पिता जी मैं अपनी जॉब पर पूरा ध्यान दूंगा क्योकि वह चाहते थे कि मैं मेहनत से काम करूं। अगले हफ्ते मेरी छुट्टी थी तो मेरी दोनों बहनों ने मुझे याद दिलाया कि आपने हमें पिछले हफ्ते कुछ कहा था मैंने उन्हें कहा ठीक है आज हम लोग चलते हैं। मैं तैयार हो गया और वह लोग भी तैयार हो चुकी थी हम लोग वहां से मार्केट चले गए मैंने उन्हें कहा तुम यह बताओ तुम्हें क्या लेना है। वह कहने लगी भैया हमें बढ़िया से दो सूट लेने हैं। हम लोग एक दुकान में गए और वहां पर मैंने उन दोनों से कहा तुम यहां देख लो लेकिन उन्हें कुछ पसंद ही नहीं आ रहा था तब तक हम लोग वहीं बैठे रहे। मैं अकेले बोर हो रहा था तो सोचा वहां से बाहर चला जाऊं मैं जैसे ही बाहर गया तो मुझे रोशनी दिख गई वह मुझे देखते ही खुश हो गई और मुझसे बात करने लगी। हम दोनों बात कर ही रहे थे कि तभी मेरी बहनों ने मुझे पीछे से आवाज मारी और वह कहने लगी कि भैया यहां आना। मैंने रोशनी से कहा रोशनी आओ मैं तुम्हें अपनी बहनों से मिलवाता हूं मैंने रोशनी को अपनी दोनों बहनों से मिलवाया। उन दोनों को सूट भी पसंद आ चुका था तो मैंने वहां पर पैसे दिए और उसके बाद हम लोग वहां से बाहर आ गए।

मैंने जब उन दोनों को रोशनी से मिलवाया तो वह दोनों मेरी तरफ देख रही थी और मुझे चिड़ाने की कोशिश कर रही थी मैं समझ चुका था। रोशनी भी अपने किसी काम से आई हुई थी इसलिए मैंने उससे कहा कि हम लोग कहीं जाकर बैठते हैं हम चारो एक  रेस्टोरेंट में जाकर बैठ गए हम चारों वहां पर बात करने लगे। मैंने अपनी बहनों से बताया कैसे मेरी और रोशनी की मुलाकात पहली बार हुई और उसके बाद हम लोगों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई। हम चारो ने एक साथ काफी देर तक बात की और उसके बाद हम लोग वापस चले आए। जब हम लोग वापस आए तो मेरी बहनों ने मुझे बहुत परेशान किया और वह मुझसे कहने लगी कि अब तो आप रोशनी को हमारी भाभी ही बना दो क्योंकि वह हमें काफी अच्छी लगी और उसका नेचर भी हमें बहुत पसंद आया। मैंने उन दोनों से कहा तुम दोनों ना जाने कहां की बातें करती रहती हो तुम अपनी पढ़ाई में ध्यान दो और फालतू की चीजों में अपना दिमाग ना ही दौड़ाओ तो ठीक रहेगा। उसके बाद हमेशा की तरह मेरी वही जिंदगी शुरू हो गई मैं सुबह ऑफिस जाता और शाम को घर लौटता कभी-कबार मेरी रोशनी से बात हो जाया करती थी। जब भी उससे मेरी बात होती तो वह हमेशा ही मुझसे पूछती कि तुम कब मिल रहे हो। मैंने रोशनी से कहा मैं तुम्हें कुछ दिनों बाद मिलूंगा और मैं कुछ दिनों बाद रोशनी से मिला। जब मैं रोशनी से मिला तो वह मुझे देखकर खुश हो गई और कहने लगी चलो कम से कम तुमने मुझसे मुलाकात तो की मैं और रोशनी एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे हम दोनों को ना जाने उस दिन ऐसा क्या हुआ कि हम दोनों के दिमाग में एक दूसरे को लेकर कुछ अलग ही फीलिंग आने लगी।

मैंने जब उसे कहा क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी तो वह कहने लगी हां, पहली बार ही मैंने उसे किस किया मुझे उसे किस करने में बहुत मजा आया मैं उसके नरम और गुलाबी होठों को बड़े अच्छे से चूसता रहा। मैंने काफी देर तक उसके रसीले होठों का रसपान किया जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया तो वह मेरे लंड को बड़े अच्छे से चूसने लगी और मुझे बहुत आनंद आने लगा। उसने मेरे लंड से पानी भी निकाल कर रख दिया था मैंने कभी उम्मीद भी नहीं की थी कि हम दोनों के बीच इतने बढ़िया तरीके से सेक्स हो पाएगा। मैंने रोशनी के दोनों पैरों को चौड़ा किया तो मैंने उसकी योनि को देखा उसकी योनि हल्की लाल रंग की थी उसकी योनि से तरल पदार्थ बाहर निकल रहा था। मैंने जब उसकी योनि पर अपनी जीभ को लगाया तो उसकी योनि से पानी बाहर निकलने लगा उसकी योनि से पानी बाहर निकल रहा था उसका स्वाद कुछ नमकीन था। जब मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर घुसाया तो वह चिल्ला पड़ी उसके मुंह से तेज चीख निकल पड़ी वह कहने लगी तुमने मेरी चूत का छेद खोल कर रख दिया है उसकी सील टूट चुकी थी और उसकी योनि से बहुत तेज खून का बहाव हो रहा था।

मैं उससे बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था जिससे कि उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही गर्मी बाहर निकलने लगी उसे हम दोनों ही बर्दाश्त नहीं कर पाए। रोशनी की चूत बहुत थी पहली बार ही उसकी योनि में किसी का लंड गया था मैं ज्यादा समय तक उसे झेल नहीं पाया और मेरा वीर्य पतन हो गया। जब मेरा वीर्य पतन हो गया तो मैंने रोशनी को गले लगाया और उसे कहा आज तो बड़ा मजा आ गया तुम्हारे साथ, वह मुझे कहने लगी अभी तो मुझे जाना है लेकिन हम लोग दोबारा मिलेंगे। उस दिन वह चली गई लेकिन दोबारा जब वह मुझे मिली तो उस दिन हम दोनों ने जमकर सेक्स का आनंद लिया रोशनी को मेरा साथ बहुत अच्छा लगता है वह हमेशा मुझसे मिलने के लिए आती ही रहती है और मैं उसकी इच्छाओं को बड़े अच्छे से पूरा करता हूं, उसकी चूत अब भी उतनी ही टाइट है जितनी पहले थी।

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