चिकना लंड घुसा चूत और गांड में

   18/05/2019

Antarvasna, sex stories in hindi:

Chikna lund ghusa chut aur gaand me अपने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी करने के बाद हमारे कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए कई बड़े होटलों के लोग आए हुए थे जो कि हमारा इंटरव्यू लेने वाले थे। मेरा भी इंटरव्यू का नंबर आने वाला था जब मैंने इंटरव्यू दिया तो मेरा एक अच्छे होटल में सिलेक्शन हो गया और मुझे दिल्ली के बड़े होटल में अपनी पहली नौकरी करने का अवसर मिला। मैं जब पहले दिन होटल में गया तो मुझे वहां के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन मेरे सीनियर से मुलाकात के बाद मुझे बहुत ही अच्छा लगा और उनके साथ मेरी बहुत अच्छी बातचीत भी होने लगी थी क्योंकि वह भी अमृतसर के ही रहने वाले थे इसलिए उनकी और मेरी बहुत जमती थी। मुझे पता ही नहीं चला कि कैसे समय बीतता चला गया और मुझे वहां काम करते हुए एक वर्ष हो चुका था एक वर्ष में मैंने बहुत ही अच्छे से काम किया। मैं जब अपने शहर अमृतसर गया तो इतने समय बाद अपने घर जाना मेरे लिए बहुत अच्छा था।

जब मैं अपनी मां से मिला तो मेरी मां कहने लगी कि बेटा रोशन तुम कितने कमजोर हो गए हो मैंने मां से कहा मां ऐसा आपको ही लग रहा होगा ऐसा तो कुछ भी नहीं है मैं समय पर खाना खा लेता था और समय पर सो जाता था लेकिन आपको ऐसा क्यों लग रहा है कि मैं कमजोर हो गया हूं। मां कहने लगी कि बेटा हर मां को यही लगता है कि उसका बेटा कुछ खा पी नहीं रहा है इसलिए वह कमजोर हो गया होगा। मेरे पापा कहने लगे कि रोशन बेटा नौकरी तो ठीक चल रही है ना मैंने उन्हें कहा हां पापा जी नौकरी तो ठीक चल रही है पापा मुझे कहने लगे कि चलो तुम हाथ मुंह धो लो अपने कपड़े बदल लो उसके बाद मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। मैंने पापा से कहा ठीक है पापा मैं अभी आता हूं और फिर मैं हाथ मुँह धोने के लिए अपने बाथरूम में चला गया जब मैं वहां से लौटा तो मैं पापा के साथ बैठा हुआ था। पापा मुझे कहने लगे कि रोशन बेटा तुमसे मुझे कुछ बात करनी थी मैंने पापा से कहा हां पापा कहिए ना क्या बात करनी थी पापा मुझे कहने लगे कि बेटा मुझे तुमसे तुम्हारी बहन के बारे में बात करनी थी।

मैंने पापा से कहा हां पापा कहिये क्या बात थी पापा थोड़ा कहने में हिचकिचा रहे थे लेकिन उन्होंने मुझे कहा कि अब तुम्हारी बहन की उम्र हो चुकी है और उसके लिए भी अब रिश्ते आने लगे हैं लेकिन तुम्हें तो मालूम है ना कि मैं घबरा रहा हूं क्योंकि मुझे डर है कि कहीं मैं लड़के वालों का आदर सत्कार अच्छे से नहीं कर पाया तो उसमें हमारी ही बेज्जती हो जाएगी। मैंने पापा से कहा पापा मैं समझ सकता हूं कि आप क्या कहना चाहते हैं। पापा पैसों को लेकर थोड़ा परेशान थे और मेरी बहन सिमरन के लिए भी अब रिश्ते आने लगे थे क्योंकि उसकी उम्र भी अब शादी की हो चुकी थी। मैंने पापा से कहा पापा आप मुझे एक साल का समय दीजिए मैं कुछ ना कुछ पैसों का बंदोबस्त कर दूंगा और उसके बाद आप सिमरन की शादी किसी अच्छे लड़के से करवा दीजिएगा। सिमरन ने यह बात सुनी तो वह शर्मा कर अपने कमरे में चली गई मेरी नौकरी लगे हुए अभी ज्यादा समय तो नहीं हुआ था लेकिन मैं अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरीके से निभाने लगा था। मैंने अपने पापा से कहा था कि मैं आपकी पैसों को लेकर मदद करूंगा तो पापा भी इस बात से बहुत ज्यादा खुश थे कि अब मैं उनकी भी मदद करने वाला हूं। मैं कुछ दिनों तक अपने घर पर रहा और उसके बाद मैं दिल्ली लौट आया दिल्ली लौटने के बाद मुझे पैसों को लेकर चिंता होने लगी थी क्योंकि मेरी तनख्वाह भी इतनी नहीं थी लेकिन मैं अपनी तनख्वाह में से भी काफी पैसे बचाने की कोशिश करता और कुछ पैसे मैंने जोड़ लिए थे। मैंने अपने घर पर कुछ पैसे भिजवा दिए थे तो मुझे मेरे पापा ने कहा कि बेटा मैंने भी थोड़े बहुत पैसे सिमरन की शादी के लिए कर लिए है मैंने पापा से कहा पापा आप चिंता मत कीजिए जल्दी ही मैं और पैसो का बंदोबस्त कर लूंगा लेकिन मेरे पास अभी उतने पैसे नहीं हुए थे। मैं एक दिन अपने काम पर अच्छे से ध्यान भी नहीं दे पा रहा था उस दिन मुझे मेरे सीनियर गगन जी ने कहा कि रोशन आज क्या बात हो गई तुम्हारा मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा है।

मैंने उन्हें बताया जी सर मेरी बहन की शादी के लिए मुझे कुछ पैसों की जरूरत थी लेकिन अभी तक मैं इतने पैसे जोड़ नहीं पाया हूं वह मुझे कहने लगे रोशन तुमने मुझे यह बात पहले क्यों नहीं बताई। मैंने उन्हें कहा सर मुझे यह सब ठीक नहीं लगा था वह कहने लगे कि तुम उसकी बिल्कुल भी चिंता ना करो मैं तुम्हारे पैसों को लेकर मदद कर दूंगा। उन्होंने मुझे आश्वासन दे दिया था और मैं इस बात से निश्चिंत था कि मेरी पैसों से वह मदद करने वाले हैं और उन्होंने मेरी पैसों को लेकर कुछ मदद की। मैंने गगन जी से कहा सर मैं आपके एहसान को कभी नहीं भूल पाऊंगा वह कहने लगे कि देखो रोशन इसमें कोई एहसान वाली बात नहीं है तुम भी मेरे शहर से ही ताल्लुक रखते हो अब यदि मैंने तुम्हारी मदद करदी तो इसमें मैंने कुछ बड़ा नहीं कर दिया कभी मुझे भी तुम्हारी मदद की जरूरत होगी तो तुम भी मेरी मदद कर देना। मैंने गगन जी से कहा हां सर जब भी आपको मेरी जरूरत होगी तो जरूर मैं आपकी मदद कर दूंगा। सिमरन के लिए अब एक अच्छा लड़का पापा ने देख लिया था और उसके बाद सिमरन की शादी का दिन भी अब तय हो चुका था। पापा बहुत ही खुश थे और हमारे रिश्तेदार भी अब शादी में आ चुके थे पापा की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। पापा मुझे कहने लगे कि रोशन बेटा यह सब तुम्हारी वजह से ही हो पाया है।

बहन की शादी में सारे रिश्तेदार आए हुए थे पापा के चेहरे की खुशी देखकर मुझे भी अच्छा लग रहा था। मैंने पापा से कहा सिमरन मेरी बहन है उसे लेकर मेरा भी तो कुछ फर्ज बनता है पापा कहने लगे हां बेटा तुमने सिमरन के लिए बहुत कुछ किया। मैंने शादी के दौरान एक भाभी से बात कर ली मैं उन्हे कभी मिला नहीं था लेकिन उस दिन पहली बार ही मेरी उनसे मुलाकात हुई। उन्होंने अपने पटियाला सूट से मेरे ऊपर कहर ढा दिया था मैंने उस भाभी का नंबर ले लिया। शादी बड़े ही धूमधाम से हुई और कुछ दिन मैं घर पर ही रुकने वाला था मेरी बात भाभी से होने लगी थी। मैंने भाभी से कहा मैं आपसे मिलने के लिए कब आंऊ वह कहने लगी जब सही समय आएगा तो मैं तुम्हें बता दूंगी। कुछ दिनों तक ऐसा कुछ हुआ नहीं था परंतु एक दिन भाभी ने मुझे फोन किया और कहा मैं आज घर पर अकेली हूं तुम आ सकते हो। मैंने उन्हें कहा बस थोड़ी देर बाद ही आपके पास पहुंच जाऊंगा और मैं कुछ देर के बाद ही भाभी के पास पहुंच गया। मैं जब भाभी के पास पहुंचा तो भाभी बहुत ही खुश नजर आ रही थी और उनके बदन को देखकर मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा था। मै उनकी बदन की गर्मी को महसूस करना चाहता था जब मैंने उनकी जांघ पर अपने हाथ को रखा तो उनकी जांघ को मैं सहलाने लगा मैने धीरे-धीरे अपने हाथ को उनकी चूत की तरफ बढ़ाया। मैंने उनके कपड़े उतारे और उनके स्तनों पर मैंने लव बाइट के निशाना मार दिए कुछ देर की चुम्मा चाटी के बाद उनके शरीर मे गर्मी बढ़ने लगी। वह मुझे कहने लगी अब मुझे तड़पाओ मत मुझसे नहीं रहा जाएगा यह बात सुनते ही मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और भाभी की चूत पर लगा दिया। भाभी की चूत पर लंड लगाने के बाद मुझे बड़ा अच्छा लगा और धीरे से मैंने अपने लंड को चूत मे डाला भाभी के मुंह से आह आह ऊह ऊह की आवाज निकल आई। वह मुझे कहने लगी धीरे से डालो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और उस पर मैंने सरसों के तेल की मालिश करते हुए भाभी को खाट पर लेटा दिया।

उनकी चूत को कुछ देर तक मैंने चाटा तो उनकी चूत गीली हो चुकी थी। मैंने धीरे से अपने लंड को उनकी योनि के अंदर घुसाया तो भाभी मुझे कहने लगी कि अब अंदर डाल दो मुझसे रहा नहीं जा रहा। भाभी की चूत का छेद बड़ा ही छोटा सा था मैंने धीरे से अंदर की तरफ अपने लंड को घुसा दिया मेरा लंड अंदर की तरफ घुसते ही वह चिल्लाने लगी। जब मैं अपने लंड को अंदर घुसा चुका था तो मैंने अपनी पूरी ताकत के साथ भाभी की चूत मारनी शुरू कर दी और भाभी के दोनों पैरों को मैंने अपना कंधों पर रखा। मैने बड़ी तेजी से धक्के देने शुरु कर दिए थे मेरे धक्को में अब तेजी आने लगी थी और जिस प्रकार से भाभी के साथ मैने संभोग का आनंद लिया उससे तो वह पूरी तरीके से मचलने लगी थी।

मेरा लंड अंदर बाहर हो रहा था सरसों के तेल से इतनी चिकनाई बढ़ चुकी थी कि मैं बड़ी तेजी से उनकी चूत का मजा ले रहा था। जब मैंने अपने लंड  को भाभी की चूत से बाहर निकाला तो वह कहने लगी तुमने यह क्या कर दिया मजा खराब हो गया। मैंने भाभी से कहा भाभी जी मेरा वीर्य गिर चुका है वह कहने लगी तुम दोबारा अपने लंड को मेरी चूत में घुसा दो। मैंने दोबारा से अपने लंड को उनकी चूत में घुसाया और मैं बड़ी तेजी से उन्हें धक्के देने लगा। उनकी चूत से मेरा माल बाहर की तरफ को गिर रहा था और काफी देर ऐसा करने के बाद मैंने अपने माल को दोबारा उनकी योनि में गिरा दिया। यह सिलसिला करीब 20 मिनट तक चला और 20 मिनट बाद भाभी ने मेरे लंड पर सरसों का तेल लग दिया। भाभी की गांड के बीच में मेरा लंड उनकी गांड के अंदर घुस गया उनकी गांड में जाते ही वह चिल्लाने लगी मैं बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा और मेरा लंड अंदर बाहर होता जाता। वह भी मुझसे अपनी चूतडो को मिलाती और अपने मुंह से बड़ी तेज आवाज निकालती काफी देर बाद जब मैंने अपने माल को उनकी गांड के अंदर गिरा दिया तो वह खुश हो गई।

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