चादर में बस हम दोनो

   07/06/2019

Antarvasna, hindi sex stories:

Chadar me bs hum dono मैं सुबह स्कूल के लिए तैयार हो रही थी मां मुझे कहने लगी कि बेटा तुम नाश्ता कर के जाना मैंने मां को कहा मां मेरा नाश्ता करने का मन नहीं है लेकिन मां की जिद के आगे मेरी एक ना चली और मुझे नाश्ता करना पड़ा। मैं नाश्ता कर के अपने स्कूल के लिए निकली ही थी कि पापा मुझे कहने लगे कि बेटा मैं तुम्हें छोड़ देता हूं पापा को भी अपने बैंक जल्दी जाना था। पापा बैंक में मैनेजर हैं और उन्होंने मुझे कहा कि मैं तुम्हें तुम्हारे स्कूल तक छोड़ देता हूं मैं अपने स्कूल पापा के साथ गई मैं जब पापा के साथ स्कूल गई तो मैं स्कूल बिल्कुल सही वक्त पर पहुंच गई थी। पापा मुझे कहने लगे बेटा मैं चलता हूं मैंने पापा को कहा ठीक है पापा, पापा अपने काम पर निकल चुके थे और मैं भी अपने स्कूल में थी बच्चों के साथ पता ही नहीं चलता कब समय बीत जाता। मेरे साथ ही पढ़ाने वाली सुचित्रा मैडम जिनकी शादी अभी कुछ समय पहले ही हुई है वह अपनी शादी से बहुत परेशान थी और हमेशा ही मुझे कहती कि मैं शादी से बहुत परेशान हूं।

उनके पति और उनके बीच बिल्कुल भी नहीं बनती थी सुचित्रा मैडम की बात सुनकर तो मुझे भी शादी के नाम से डर लगने लगा था और मैं हमेशा ही सोचती कि क्या मैं भी कभी शादी कर पाऊंगी। मेरे लिए भी रिश्ते आने लगे थे और मैं जब घर पर गई तो मेरी मां ने मुझे एक लड़के की तस्वीर दिखाई और कहा यह लड़का इंग्लैंड में रहता है। मैंने मां को कहा मां मुझे थोड़ा समय चाहिए मैं ऐसे ही किसी के साथ शादी नहीं कर सकती जब तक मैं उसे थोड़ा समझ ना लूं। मां मुझे कहने लगी कि बेटा मेरे और तुम्हारे पापा की शादी भी तो ऐसे ही हुई थी हम लोग भी कहां किसी को मिले थे लेकिन उसके बाद भी आज देखो तुम्हारे पापा और मेरे बीच कभी झगड़े नहीं हुए। मैंने मां को कहा मां हर कोई पापा की तरह नहीं होता लेकिन मैं लड़के से मिलना तो चाहती हूं, मां कहने लगी ठीक है बेटा यदि तुम्हें लगता है की तुम्हें उस लड़के से मिलना है तो मैं उसकी मम्मी से इस बारे में बात कर लेती हूं। मम्मी मेरी शादी को लेकर कुछ ज्यादा ही सीरियस हो गई थी लेकिन मैं फिलहाल शादी नहीं करना चाहती थी।

जब मैं लड़के से मिली तो मैंने शादी के लिए उसको कुछ नहीं कहा लेकिन जब वह लोग चले गए तो मैंने मम्मी से कहा मम्मी मुझे लड़का पसंद नहीं आया। मम्मी पापा भी अब मेरी बात को टाल नहीं सकते थे उन्होंने मुझे कहा कि ठीक है बेटा जैसा तुम्हें ठीक लगता है लेकिन थोड़ी समय बाद मेरे लिए एक रिश्ता और आ गया मैं हर रिश्ते को ठुकराती जा रही थी तो मां मुझे कहती बेटा कब तक तुम ऐसे ही रिश्तो को ठुकराती रहोगी कभी ना कभी तो तुम्हें शादी करनी ही पड़ेगी। मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी मैं शादी कर लूंगी मैं चाहती थी कि मैं ऐसे किसी के साथ शादी करूं जिसे कि मैं समझ सकूं मुझे एक अपनापन सा लगे लेकिन ऐसा कोई लड़का फिलहाल तो मुझे मिला नहीं था। एक दिन मैं अपने ताऊ जी के घर पर गई हुई थी उस दिन मम्मी पापा भी मेरे साथ थे हम लोग काफी समय बाद उनके घर पर गए थे तो ताऊ जी ने मुझे कहां माधुरी बेटा तुम्हारा स्कूल कैसा चल रहा है। मैंने ताऊजी को कहा ताऊजी मेरा स्कूल तो अच्छा चल रहा है आपकी तबीयत तो ठीक है ना वह कहने लगे कि हां बेटा मेरी तबीयत भी ठीक रहती है। ताऊ जी का कुछ समय पहले ही हार्ट का ऑपरेशन हुआ था जिस वजह से उनकी तबीयत काफी खराब रही लेकिन अब वह पहले से अच्छा महसूस कर रहे थे। ताऊजी और मेरे बीच में अक्सर फोन पर बातें होती रहती तो ताऊ जी से मेरा बहुत लगाव रहा है बचपन में उन्होंने मुझे अपने पास ही रखा। मैं ताऊजी के पास बचपन में रहती थी लेकिन जब मैं स्कूल जाने लगी तो तब मैं अपने पापा मम्मी के साथ रहने लगी पहले हम लोग एक साथ ही संयुक्त परिवार में रहा करते थे लेकिन कुछ कारणों से हमें अलग होना पड़ा। पिता जी ताऊ जी को बहुत मानते हैं और उनका बहुत आदर करते हैं हम लोग सब साथ में डिनर कर रहे थे उसी वक्त महेश भैया के साथ उनका दोस्त भी घर पर आया हुआ था। महेश भैया उम्र में मुझसे बड़े हैं और वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते हैं उन्होंने मुझे अपने दोस्त संकेत से मिलवाया। जब मैं संकेत से मिली तो पहली नजर में ही संकेत मुझे भा गया और उसके बाद मुझे पता नहीं था कि संकेत से मेरी दोबारा मुलाकात होगी भी या नहीं लेकिन हम लोग जब दोबारा मिले तो मुझे संकेत से मिलकर अच्छा लगा।

संकेत ने मुझे कुछ ही मुलाकातो में अपने दिल की बात बयां कर दी संकेत की बातों को भी मैं मना ना कर सकी। थोड़ा समय हम दोनों साथ में बिताने लगे हम दोनों अच्छा समय साथ में बिताते और संकेत के साथ मैं खुश थी क्योंकि संकेत मेरा बहुत ध्यान रखते। मैंने पापा मम्मी को संकेत के बारे में बताया तो वह पहले तो थोड़ा चौक गए लेकिन उसके बाद उन्होंने कहा कि यदि तुम्हें संकेत पसंद है तो हम एक बार उससे मिलना चाहते हैं। संकेत को पापा मम्मी मिले तो पापा मम्मी भी संकेत से मिलकर खुश हो गए क्योंकि संकेत भी एक अच्छी कंपनी में मैनेजर के पद पर है संकेत और मैं एक दूसरे को हमेशा मिलते हैं। जब मैं संकेत से मिलती तो हमारे रिश्ते अब किसी से छुपे नहीं थे संकेत और मेरे बारे में हमारे सारे रिश्तेदारों को भी पता चलने लगा था सब लोग मुझे कहने लगे कि संकेत से तुम कब सगाई कर रही हो वह मेरे ऊपर कुछ ज्यादा ही दबाव बनाने लगे थे। मम्मी भी चाहती थी कि मैं संकेत के साथ सगाई कर लूं उसके बाद हम दोनों ने सगाई कर दी।

संकेत और मेरी सगाई हो चुकी थी एक दिन हम दोनों फोन में बात कर रहे थे संकेत मुझे कहने लगा माधुरी हम लोग कहीं घूमने के लिए चले? मैंन संकेत को कहा लेकिन अभी तो हमारी शादी नहीं हुई है और ना ही हमारे परिवार वाले इस बात को मंजूरी देंगे लेकिन संकेत ने मुझे कहा कि तुम मेरे साथ घूमने के लिए चलो तो उसे भी अच्छा लगेगा। मैं भी संकेत की बात को टाल ना सकी, किसी प्रकार से मैने अपने घर पर बहाना बनाया और संकेत के साथ में घूमने के लिए चली गई हम दोनों घूमने के लिए ऊटी चले गए। जब हम लोग वहां पहुंचे तो वहां पर हमें बहुत अच्छा लगा वहां का दिलकश नजारा हम दोनों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था मौसम भी बहुत सुहावना था। रात के वक्त तो मौसम कुछ ज्यादा ही सुहावना हो गया मैं और संकेत एक ही बिस्तर में बैठे हुए थे संकेत ने मेरे हाथ को पकड़ा मैं संकेत से बात कर रही थी संकेत मेरी तरफ देख रहा था मैं संकेत की तरफ देख रही थी जैसे ही संकेत ने मेरे होठों पर अपनी उंगलियों को लगाया तो मैं मचलने लगी और ना चाहते हुए भी मैं संकेत की बाहों में चली गई। संकेत ने मुझे कसकर अपनी बांहों में पकड़ लिया वह मेरे होठों को चूमने लगा मैं भी उसके साथ किस करने लगी मुझे भी बहुत अच्छा लगने लगा बहुत देर तक हम दोनों के बीच जोरदार चुंबन चलता रहा। संकेत ने अब रूम की लाइट बुझा दी और माहौल को गर्म कर दिया मेरा बदन भी पूरी तरीके से गर्म हो चुका था मैं भी अपने आपको रोक नहीं पा रही थी जैसे ही संकेत ने मेरी चूत को चाटना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा मैं मचलने लगी थी। संकेत मेरे स्तनों को भी दबा था मेरे स्तनों का वह रसपान कर रहा था मैं बहुत ज्यादा मचलने लगी थी मुझे इस बात की खुशी थी कि संकेत के साथ में आज सेक्स करने वाली हूं। संकेत ने मेरे पूरे बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक चाटा जब संकेत ने अपने लंड को मुझे दिखाया तो मैं घबरा गई संकेत का लंड बहुत ज्यादा मोटा था जब मैंने उसे अपने हाथ में लिया तो मैं संकेत के लंड को हिलाने लगी संकेत का लंड पूरी तरीके से खड़ा हो चुका था।

अब वह मेरी मुलायम चूत के अंदर जाने के लिए तैयार था संकेत ने मेरे दोनों पैरों को खोला और जैसे ही उसने मेरी मुलायम चूत पर अपने लंड को लगाया तो मुझे गर्मी का एहसास हुआ उसने धीरे से मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मुझे दर्द महसूस होने लगा लेकिन धीरे-धीरे संकेत का मोटा लंड मेरी चिकनी और मुलायम चूत के अंदर जा चुका था जैसे ही संकेत का लंड मेरी चूत के अंदर तक गया तो मेरे मुंह से चीख निकली। उसने मेरे दोनों हाथों को दबा कर रखा था मैं तड़पने लगी संकेत मुझे लगातार तेजी से चोदने लगा मेरी चूत से बहुत ज्यादा खून बाहर की तरफ से निकल रहा था और संकेत मुझे बहुत तेजी से धक्के मार रहा था। संकेत ने मुझे बहुत देर तक धक्के मारे जिस प्रकार से उसने मेरी चूत का भोसड़ा बनाया और मेरी चूत से उसने खून निकाला उस से मै तड़पने लगी थी और मैने भी संकेत को अपनी बाहों में ले लिया।

मैंने संकेत की कमर पर अपने नाखूनों के निशान मार दिए संकेत मेरी चूत के अंदर अपने लंड को अंदर बाहर किए जा रहा था मेरे अंदर गर्मी बढ़ती जा रही थी और हम दोनों ही पसीना पसीना होने लगे थे। संकेत मुझे छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था जिस प्रकार से वह मेरी चूत के मजे लेता उससे मैं पूरी तरीके से मचल जाती और मैं अपने पैरों को खोलने लगी थोड़ी देर बाद संकेत ने कहा कि मेरा वीर्य पतन होने वाला है। मैंने उसे कहा लेकिन मैं तो बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं मुझे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि संकेत के साथ सेक्स कर के मुझे इतना अच्छा लगेगा संकेत का लंड मेरे पेट के अंदर तक जा रहा था और संकेत का वीर्य जब मेरी योनि के अंदर गिरा तो मुझे बहुत मजा आया। मैंने संकेत को किस करते हुए कहा तुम्हारे साथ यहां आना में मुझे बहुत अच्छा लगा हम दोनों बहुत खुश थे और संकेत बहुत ही ज्यादा खुश हो गया मुझे उसने किस कर लिया।

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