15/06/2019
Antarvasna, sex stories in hindi:
Cable wala chod gaya काफी समय बाद जब अपने रिश्तेदारों से मैं मिली तो मुझे अच्छा लगा हमारे पड़ोस में ही अनिल की मौसी रहती हैं और अनिल की मौसी के घर शादी समारोह में जब मेरी मुलाकात अपने रिश्तेदारों से हुई तो मुझे अच्छा लगा। सबसे ज्यादा खुशी तो मुझे महिमा दीदी से मिलकर हुई महिमा दीदी अनिल की ताऊ जी की लड़की हैं महिमा दीदी से जब मैं मिली तो वह मुझसे कहने लगी कि सुनीता तुम खुश तो हो ना। मैंने महिमा दीदी को कहा हां दीदी मैं खुश हूं लेकिन आपने मुझसे ऐसा क्यों पूछा वह कहने लगी कि तुम्हारे चेहरे पर अब वह पहले जैसी मुस्कान नहीं रही। मैंने दीदी से कहा दीदी थोड़ी बहुत परेशानियां तो है ही अब आप जानती हैं कि इस महंगाई के जमाने में भला चेहरे पर खुशी कहां से आएगी अनिल भी जितना कमाते हैं वह सब घर खर्चे में चला जाता है और मैं तो कभी समझ ही नहीं पाई कि हम लोग इतनी मेहनत करने के बाद भी पैसे नहीं बचा पाते।
महिमा दीदी मुझे कहने लगी कि देखो सुनीता सबकी घर की स्थिति यही है अनिल तो अच्छा कमाता है और मुझे लगता है कि अनिल तुम्हारा ध्यान भी अच्छे से रखता होगा। मैंने महिमा दीदी को कहा हां दीदी अनिल मेरा ध्यान बहुत अच्छे से रखते हैं और वह मुझे बहुत प्यार करते हैं मुझे उनसे इस बात भी कभी कोई शिकायत नहीं रही और मैं हमेशा से ही उन्हें बहुत प्यार करती हूं और मुझे भी इस बात की खुशी होती है कि अनिल मेरी जिंदगी में है। महिमा दीदी और मैं बात कर रहे थे तो उसी दौरान अनिल भी आ गए और अनिल कहने लगे कि तुम और दीदी आपस में क्या बात कर रहे हो। मैंने अनिल को कहा आइए ना आप हमारे साथ बैठिये। अनिल भी हमारे साथ बैठे और वह भी महिमा दीदी से बात करने लगे महिमा दीदी को हमेशा ही हमारे घर की चिंता रहती है क्योंकि एक वही थी जो हमेशा से ही हमें अपना मानते आए हैं और अनिल भी उनकी बड़ी इज्जत करते हैं। महिमा दीदी कहने लगी कि जब तुम सूरत आओ तो मुझे जरूर मिलना अनिल कहने लगे कि हां दीदी जब मैं सूरत आऊंगा तो जरूर आपसे मुलाकात करूंगा। महिमा दीदी की शादी सूरत में हीं हुई है और उनके पति भी बहुत अच्छे हैं वह जब भी हमारे घर आते हैं तो उनसे बात कर के अच्छा लगता है उनके बात करने का तरीका और उनके व्यक्तित्व से वह हर किसी को प्रभावित कर लेते हैं।
महिमा दीदी कहने लगी अनिल अब मैं चलती हूं उन्होंने मुझे भी कहा सुनीता तुम अपना ध्यान रखना और बच्चों का भी ध्यान रखना मैंने दीदी को कहा हां दीदी। अब दीदी घर से तो जा चुकी थी लेकिन अनिल और मैं दीदी की बात करने लगे अनिल कहने लगे की महिमा दीदी हम लोगों की कितना चिंता करती है और वह हमें हमेशा से अपना मानती हैं लेकिन सुरेश भैया का हमारे प्रति रवैया कभी ठीक ही नहीं था। सुरेश भैया भी अनिल के ताऊ जी के लड़के हैं परंतु वह कभी भी हमसे मिलने नहीं आते और ना ही उनका हमसे इतना ज्यादा कोई संपर्क रहता है। अगले दिन मैं बच्चों को स्कूल के लिए तैयार कर रही थी और अनिल मुझे कहने लगे कि सुनीता क्या तुमने नाश्ता बना दिया है। मैंने अनिल को कहा अनिल आपको थोड़ी देर इंतजार करना पड़ेगा मैं बच्चों को तैयार कर रही हूं बच्चों की स्कूल बस थोड़ी देर बाद आती ही होगी इसलिए तुम थोड़ी देर इंतजार करो। अनिल कहने लगे कि मुझे भी ऑफिस के लिए देर हो रही है मैंने अनिल को कहा अनिल आप थोड़ी देर रुक जाइए अनिल कहने लगे सुनीता मैं खुद ही जाकर किचन से नाश्ता ले आता हूं। अनिल खुद ही रसोई में जाकर नाश्ता ले आए उन्होंने जल्दी से नाश्ता किया तभी बच्चों की बस का होरन मुझे सुनाई दिया मैं बच्चों को जल्दी से स्कूल बस में छोड़ने गई और उसके बाद बच्चे स्कूल जा चुके थे। मैंने अनिल को जल्दी से उनका टिफिन दिया और अनिल अपने ऑफिस चले गए अब मैं घर पर अकेली थी काफी समय से मेरी, मेरी सहेलियों से भी बात नहीं हुई थी तो मैंने सोचा कि आज क्यों ना उनसे बात करूं लेकिन पहले मुझे घर की साफ सफाई का काम था। मैंने घर की साफ सफाई का काम किया और समय का पता ही नहीं चला कि कब 10:30 बज चुके थे जब मैंने घड़ी की तरफ नजर मारी तो मैंने देखा की घड़ी में 10:30 बज रहे हैं और मैं सोचने लगी कि मुझे अपनी सहेलियों को फोन करना है।
मैंने अपनी सहेली सुमन को फोन किया जब मैंने सुमन को फोन किया तो उससे काफी समय बाद मेरी बात हुई सुमन मुझे कहने लगी कि सुनीता तुमने आज मुझे काफी समय बाद फोन किया। मैंने सुमन को कहा तुम्हें तो पता ही है कि घर के कामों में कितनी ज्यादा बिजी रहती हूं और अपने लिए तो बिल्कुल समय मिल ही नहीं पाता है। सुमन मुझे कहने लगी कि मेरे साथ भी यही स्थिति है मैं भी अपने लिए बिल्कुल समय नहीं निकाल पाती हूं लेकिन आज इतने समय बाद तुमसे बात कर के मुझे अच्छा लगा। मैंने भी सुमन को कहा तुमसे भी आज इतने समय बाद मेरी बात हो रही है तो मुझे भी बहुत अच्छा लगा। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे कि तभी अनिल का फोन आने लगा मैंने सुमन को कहा सुमन मैं तुम्हें थोड़ी देर बाद फोन करती हूं। अनिल का फोन जब मुझे आया तो अनिल मुझे कहने लगे कि सुनीता मैंने तुम्हें इसलिए फोन किया कि थोड़ी देर बाद केबल वाला तुम्हारे पास आएगा और तुम उसे पैसे दे देना। मैंने अनिल को कहा ठीक है अनिल मैं उसे पैसे दे दूंगी मैंने दोबारा से सुमन को फोन किया तो सुमन मुझे कहने लगी कि क्या तुम्हारा कोई जरूरी फोन था।
मैंने सुमन को बताया कि हां अनिल का फोन मुझे आया था और वह मुझसे कह रहे थे कि केवल ऑपरेटर को पैसे दे देना। मैं और सुमन एक दूसरे से बात कर रहे थे तो सुमन ने मुझे बताया कि उसके देवर की शादी कुछ समय बाद है मैंने सुमन को कहा चलो यह तो बहुत खुशी की बात है कि तुम्हारे देवर ने भी अब शादी करने के बारे में सोच लिया है। सुमन मुझे कहने लगी कि शादी तो एक ना एक दिन होनी ही है मैंने सुमन को कहा तुम कभी घर पर आना तो सुमन कहने लगी कि हां सुनीता मैं जरूर तुमसे मिलने के लिए तुम्हारे घर पर आऊंगी। मैंने उसके बाद फोन रख दिया था और मैं बेडरूम में बैठकर टीवी देख रही थी। मैं घर पर बैठकर टीवी देख रही थी कि तभी दरवाजे की डोर बेल बजने लगी मैं जैसे ही बाहर गई तो बाहर एक नौजवान युवक अपने हाथ में एक डायरी लिए खड़ा था वह कहने लगा क्या यह अनिल जी का घर है? मैंने उसे कहा हां। मैं उसकी तरफ देख रही थी उसने मुझे कहा भाभी जी केबल के पैसे लेने के लिए मैं आया था। मैंने उसे कहा तुम बैठो। वह अंदर आकर बैठा मैंने उसे पानी दिया और कहा मैं अभी पैसे लेकर आती हूं। मैं जैसे ही अपने कमरे में गई तो मैं पैसे लेकर आ रही थी उसके हाथ मे मैने पैसे पकड़ाए लेकिन उस नौजवान को देखकर मेरा उसके साथ टाइमपास करने का मन करने लगा। मैंने उसे कहा तुम्हारी उम्र तो कम ही लगती है। वह मुझे कहने लगा हां भाभी जी मैं यहां पर कुछ समय पहले ही नौकरी पर लगा हूं मैं पैसे कलेक्शन का काम करता हूं। अब मैंने उस नौजवान के कंधे पर हाथ रखते हुए उससे उसका नाम पूछा? वह कहने लगा मेरा नाम अमित है अमित की तरफ में देख रही थी तो वह भी मेरी तरफ देखने लगा मैंने उसे अपने बदन को दिखाना शुरू किया। मैं बार-बार अपनी स्तनों को उसे दिखाती तो वह भी मेरी तरफ देख रहा था अमित ने जैसे ही मुझे कहा कि भाभी आप तो बड़ी गदराए हुए बदन की है उसने मेरी आंखों में मेरी हवस को देख लिया था वह मेरी चूत मारने के लिए तैयार था।
उसने मेरे स्तनों पर हाथ लगा कर मुझे सोफे पर लेटा दिया वह मेरे होठों को चूमने लगा बहुत देर तक चुम्मा चाटी के बाद हम दोनों ही अब आपे से बाहर हो चुके थे मैं बार-बार उसके लंड को अपने हाथ से दबा रही थी अब ना तो अमित रह पा रहा था और ना ही मैं अपने आप को रोक पा रही थी। मैंने उसके लंड को उसकी पैंट से बाहर निकाल कर अपने अंदर लिया उसे बड़ा अच्छा लगा मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया मुझे बहुत मजा आने लगा जिस प्रकार से मैं उसके लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी उससे वह बहुत उत्तेजित होने लगा था और मुझसे कहने लगा भाभी आप अपने कपड़े उतार दीजिए। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसके सामने में नंगी लेट गई उसने मेरी चूत के अंदर अपनी उंगली को घुसाया तो मैं चिल्ला उठी उसने मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मैं चिल्ला रही थी मैं उसे अपनी बाहों में ले रही थी वह अपने 10 इंच मोटे लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर कर रहा था।
अब मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर तक जा रहा था मैं चिल्लाती लेकिन उसे भी बहुत मजा आता। जिस प्रकार से उसने मेरी चूत के मजे लिए उससे मैं बहुत खुश थी मैंने उसे कहा जब अगली बार तुम पैसे लेने आओ तो मुझे फोन कर देना। वह कहने लगा भाभी जी अब तो मैं ही पैसे लेने के लिए आता रहूंगा थोड़ी देर में उसने मुझे घोड़ी बनाया जब उसने मुझे घोड़ी बनाया तो धीरे से उसने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर प्रवेश करवाया उसका लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश होते ही मैं चिल्ला उठी। मैं उसे अपनी चूत मरवा कर बहुत ज्यादा खुश थी वह मुझे लगातार तेजी से धक्के मारता। हम दोनों के अंदर गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी और उसने अपने वीर्य को चूत में गिरा दिया थोड़ी देर तक वह मेरे साथ बैठा रहा फिर वह चला गया। उसके बाद भी वह मेरे पास आता रहता और मेरी चूत के मजे लेता।