भाभी दरवाजा खोले इंतजार में थी

   21/05/2019

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Bhabhi darwaja khole intjar me thi मैं सुबह उठकर अपने काम पर जाने की तैयारी कर रहा था लेकिन मेरा मन बिल्कुल भी नहीं हो रहा था। मुझे विलायत में काम करते हुए करीब 15 वर्ष हो चुके हैं और मेरी पत्नी मेरे माता पिता के साथ लुधियाना में रहती है। मैं कई बार सोचता था कि अपने घर लुधियाना जाकर कोई काम शुरू कर लूँ लेकिन इतने वर्षों से यहां पर काम करने की आदत और अच्छी तनख्वाह के चलते मैं जा नहीं पाया लेकिन कुछ दिनों से मुझे अपने घर की बड़ी याद आ रही थी और सोच रहा था कि मुझे अब अपने माता पिता के साथ समय बिताना चाहिए और मुझे लगने लगा था कि मुझे अपने घर चले जाना चाहिए। मैं जब अपनी नौकरी पर गया तो वहां से उस दिन मैंने रिजाइन दे दिया था मैं अब अपने घर लौटने की तैयारी में था। मेरे साथ में ही काम करने वाले संजय ने मुझे बहुत समझाया कि तुम यदि घर जाओगे तो तुम्हें वहां पर दोबारा से नई जिंदगी शुरू करनी पड़ेगी।

मैंने संजय से कहा हां संजय यह तो है लेकिन अब मुझे घर तो जाना ही था और मैंने अपना पूरा मन बना लिया था। मैं अपने घर जाने की तैयारी में था मैंने फ्लाइट भी बुक कर ली थी लेकिन मैंने घर में किसी को भी अभी तक इस बारे में बताया नहीं था मैंने अपनी पत्नी को भी इस बारे में नही बताया था। जब मैं अपने घर लुधियाना पहुंचा तो मेरे लिए सब कुछ नया होने वाला था सबसे पहले तो मुझे अपने काम को लेकर कुछ सोचना था। मैं जब घर पहुंचा तो उस वक्त मेरी मां खाना बना रही थी और सुधा घर का काम कर रही थी उन्होंने जैसे ही मुझे देखा तो उनके चेहरे पर खुशी देखकर मैं खुश हो गया इतने समय बाद अपनी मां और पत्नी से मिलकर बहुत खुश था। मैं सुबह ही घर पहुंच गया था उस वक्त पिताजी बाथरूम में नहा रहे थे और जब मैं पिताजी से मिला तो उनके चेहरे पर भी खुशी थी और वह मुझे देखते ही कहने लगे कि बेटा कुलदीप तुम्हें देख कर बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने मुझे अपने गले लगा लिया और कहा लेकिन तुम अचानक से घर आ गए, पिताजी के मन में कई सवाल थे और फिलहाल मैं उनके सवालों का जवाब तो नहीं दे सकता था। मेरी मां ने मुझे कहा कि बेटा तुम नहा धो लो उसके बाद हम तुम्हारे लिए नाश्ता लगा देते हैं।

मेरी पत्नी भी बहुत खुश थी और इतने वर्षों बाद जब अचानक से इस प्रकार से मैं आया तो वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी वह कहने लगी कि आप तो बिना बताए ही आ गए कुछ दिनों पहले ही तो हमारी फोन पर बात हुई थी। मैंने उसे कहा हां हम दोनों की फोन पर तो बात हुई थी लेकिन मैं तुम्हें इस बारे में बाद में बताऊंगा। अब हम लोग आपस में बात कर रहे थे तभी मेरी मां आई और कहने लगी कि कुलदीप बेटा तुम अब तक फ्रेश नहीं हुए हो तुम जाकर नहा धो लो, मैंने मां से कहा ठीक है मां मैं नहा लेता हूं। मैं बाथरूम में नहाने के लिए चला गया और थोड़ी देर बाद मैं नहा कर निकला और मेरी मां मुझे कहने लगी कि बेटा मैं तुम्हारे लिए नाश्ता लगा देती हूं। मां के हाथों के गरमा गरम पराठे खाने में बड़ा मजा आ रहा था और मेरी पत्नी ने मुझे अपने हाथों से निवाला खिलाया उस वक्त मेरे दिल में उसके लिए प्यार उभरने लगा। मुझे बहुत ही ज्यादा खुशी थी कि इतने समय बाद मैं अपने परिवार के साथ एक अच्छा समय बिता पा रहा हूं। मैं नाश्ता कर के बैठा तो पिताजी मेरे पास आये और कहने लगे कि बेटा तुमने अचानक से घर आने का प्लान बना लिया तो मैंने पिताजी को कहा कि हां पिता जी दरअसल मैं यह सोच रहा था कि मैं अब यहीं पर नौकरी करूं। मैंने पिता जी से कहा कि मैं अब यहां कुछ काम करना चाहता हूं पिताजी मुझे कहने लगे कि देखो बेटा यहां पर तुम्हें नौकरी मिल पाना तो मुश्किल होगा क्योंकि जितनी तनख्वाह में तुम अमेरिका में काम कर रहे थे उतना तो तुम्हे यहां नहीं मिल पाएगा इससे अच्छा तो यही होगा कि तुम अपना कोई काम शुरू कर लो यदि तुम कहो तो मैं तुम्हें अपने एक दोस्त से मिलाता हूं उनका काफी पुराना कारोबार है और यदि तुम्हें अच्छा लगेगा तो तुम उससे बात कर सकते हो। मैंने पिता जी से कहा ठीक है पिताजी लेकिन कुछ दिनों तक तो मैं घर में आराम करना चाहता हूं उसके बाद ही मैं उनसे मिलूंगा।

पिता जी कहने लगे कोई बात नहीं बेटा जब तुम्हें लगेगा तो तुम मुझे बता देना तब हम लोग उनसे मिलने चल पड़ेंगे। घर में सब लोग बहुत खुश थे बच्चे अभी भी स्कूल से नहीं लौटे थे लेकिन जैसे ही वह अपने स्कूल से लौटे तो मुझे देखते ही खुश हो गए मेरा 10 वर्षीय बेटा मुझसे पूछने लगा कि पापा मेरे लिए क्या लेकर आए हैं। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारे लिए बहुत कुछ लाया हूं वह कहने लगा लेकिन आप मेरे लिए क्या लाये है तो मैंने उसे बताया कि मैं तुम्हारे लिए कपड़े और एक मोबाइल फोन लाया हूं। वह खुश हो गया क्योंकि उसके लिए यह बिल्कुल नया था हालांकि उसकी उम्र 10 वर्ष है लेकिन मोबाइल पर खेलने का शौक उसे बहुत ज्यादा है इसलिए वह काफी समय से इस बारे में मुझे कह रहा था लेकिन मैंने भी सोचा कि अभी से बच्चों को मोबाइल देना ठीक नहीं रहेगा परंतु फिर ना चाहते हुए भी मैंने उसके लिए मोबाइल ले लिया लेकिन उसके ऊपर मैंने कुछ पाबंदियां भी लगा दी थी, मैंने उसे कहा कि तुम्हें कुछ समय निर्धारण करना होगा जिसमें कि तुम गेम खेल पाओ। वह कहने लगा हां पापा ठीक है और फिर वह अपने कमरे में चला गया मेरी बेटी भी बहुत खुश थी मैं उसके लिए भी काफी कुछ चीजें लेकर आया हुआ था।

काफी समय बाद घर पर आराम करना अच्छा लग रहा था मेरी पत्नी रात को मेरे पास आई और वह मुझसे लिपट कर कहने लगी कि आपकी याद में मैंने कितने दिन ऐसे ही बिताए हैं और कितनी रात अकेली काटी हैं। मैंने जब उसकी चूतडो पर अपने हाथ को रखा तो उसका टेंपरेचर बढ़ने लगा जब मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा और मैंने उसकी चूत के मजे उस दिन बडे अच्छे से लिए काफी समय बाद मै अपनी पत्नी को चोदना जा रहा था मै बड़ी खुश हो गई थी। जब पड़ोस की भाभी हमारे घर पर आने लगी तो उन्हें देखकर भी मैं उनके ऊपर डोरे डालने लगा था मुझसे ज्यादा तो वह अपनी चूत मरवाने के लिए बेताब थी। मुझे तो सिर्फ उनकी आग को बुझाना था और मैंने वही किया। मैंने जब भाभी की चूत मारने का फैसला किया तो भाभी ने भी मुझे कहा कि आज रात को आप घर पर आ जाइएगा मैं दरवाजा खुला रखूंगा। जब भाभी ने यह कह तो मैं कहां पीछे रहने वाला था मैं रात के वक्त भाभी जी के घर पर चला गया। जब मै उनके घर पर गया था उनके पति शराब के नशे में सोए हुए थे मैंने भाभी को अपनी बाहों में भर लिया उनके स्तन मेरी छाती से टकरा रहे थे और उनकी चूतडो को मैं दबा रहा था। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और काफी देर तक मैने उनकी चूतडो को दबाया जब मैंने उनके होठों को चूमना शुरू किया तो उन्हें भी अच्छा लग रहा था काफी देर की चुम्मा चाटी के बाद जब बात आगे बढ़ने लगी तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और जैसे ही उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समाया तो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और वह मेरे को ऐसे चूस रही थी जैसे वह मेरे लंड से आज पानी निकालने वाली है। उन्होंने वही किया उन्होंने मेरे लंड के अंदर से पानी बाहर निकाल कर रख दिया और उन्होंने उस पानी को अपने अंदर समा लिया।

मेरी उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी और मैं ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर सकता था मैंने भाभी के बदन से कपड़े उतारे और उनके स्तनों पर जब मैंने अपने होंठो का स्पर्श किया तो वह कहने लगी अच्छे से चूसो मेरे स्तनो मे बहुत माल भरा पड़ा है। मैंने उनके स्तनों से चूसकर उनके दूध को बाहर निकाल दिया था वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी मैंने जब अपने लंड को उनकी चूत पर लगाया तो वह मुझे कहने लगी कि आप अंदर की तरफ धक्का देकर मेरी चूत में अपने लंड को डाल दीजिए। मैंने उनके दोनों पैरों को चौड़ा किया और अंदर की तरफ धक्का देते हुए जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी योनि के अंदर घुसा दिया तो वह चिल्ला उठी उनके मुंह से मादक आवाज निकलने लगी। वह अपनी मादक आवाज में मुझे कहने लगी आपके लंड में बडा ही दम है। मैंने उन्हें कहा लेकिन आप भी कम नहीं है मैंने उनके दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए अपनी पूरी ताकत के साथ चोदना शुरू किया मेरा लंड छिलकर बेहाल हो चुका था और भाभी जी भी अपने मुंह से लगातार सिसकियां ले रही थी। उनकी सिसकियां मुझे अपनी और खींच रही थी और उनकी सिसकियो से मैं भी अब उत्तेजित होने लगता। काफी देर ऐसा करने के बाद जब मेरा वीर्य बाहर की तरफ निकलने वाला था तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाल दिया और भाभी मेरे ऊपर से आ गई। उन्होंने मेरे लंड को अपनी योनि में समा लिया मेरे लंड अंदर चला गया था।

मैं चाहता था कि मै उनके साथ पहला शॉट का आनंद बड़ी देर तक लू मैंने ऐसा ही किया। वह अपने गोल चूतडो को ऊपर नीचे कर रही थी उनकी गांड किसी रुई के गद्दे जैसी थी। वह अपनी चूतडो को बड़े तेजी से हिलाए जा रही थी मैं भी उन्हें बहुत तेजी से धक्के मार रहा था काफी देर तक ऐसा करने के बाद जब मेरा वीर्य बाहर की तरफ आने वाला था तो मैंने भाभी जी से कहा मेरा वीर्य गिरने वाला है। वह कहने लगी आप मेरे मुंह के अंदर डाल दीजिएगा उन्होंने अपने मुंह को खोला मैंने अपने लंड को उनके मुंह के अंदर समाते हुए कहा कि आप चूसना शुरू कीजिए। उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू किया अब मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से वह चूस रही थी उससे मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था जब मेरा वीर्य उनके मुंह के अंदर गया तो उन्होंने सब अंदर ही समा लिया और मैं घर लौट आया।

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