बड़े बड़े स्तन देखकर गांड मारने की इच्छा जागी

   30/10/2018

Bade bade stan dekhkar gaand maarne ki ichchha jaagi:

desi kahani, antarvasna

मेरा नाम राजवीर है मैं उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाला हूं, मैं अपने क्षेत्र में बहुत ही दबंग व्यक्ति हूं और सब लोग मेरी बात बहुत मानते हैं लेकिन मैं अपने घर और परिवार से बहुत ज्यादा परेशान हूं क्योंकि वह लोग मुझे बिल्कुल भी इज्जत नहीं देते,  वह सिर्फ मेरे साथ लालच की वजह से जुड़े हैं क्योंकि मेरे पास बहुत प्रॉपर्टी है जिसकी वजह से मेरी पत्नी मेरे साथ जुड़ी हुई है। मुझे यह बात अच्छे से पता है परंतु मेरी शादी को भी काफी समय हो चुका है इसलिए मैंने अब उसे यह बात कहनी छोड़ दी है। मैंने लोगों की जिम्मेदारियों के लिए बहुत बार अपना योगदान दिया है, मैंने अपना एक ऑफिस भी खोला है जिसमें सब लोग मेरे पास अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। मेरे पास इतनी प्रॉपर्टी है कि मैं उसके किराये से ही अपने घर का खर्चा चला लेता हूं परंतु मेरे जीवन में प्यार की कमी है, मैं कई बार अपने आप को बहुत अकेला महसूस करता हूं।

मेरा अपनी मां के साथ बहुत लगाव था और वह मुझे बहुत अच्छे से समझती थी लेकिन एक वर्ष पहले उनका देहांत हो गया, तब से मैं बहुत ही अकेला पड़ गया हूं। मेरी पत्नी को मुझसे कोई भी लेना देना नहीं है और ना ही मुझे उससे प्यार की कोई उम्मीद है। मैं एक दिन अपने घर से अपने दोस्तों के घर जा रहा था तब तक मेरी नजर एक बच्चे पर पड़ी, वह भीख मांग रहा था, जब मैंने अपनी गाड़ी रोकी तो वह मेरी गाड़ी देखकर कहने लगा आप तो बहुत ही पैसे वाले हैं। उस बच्चे की उम्र ज्यादा नहीं थी, मैंने उससे पूछा तुम्हारी उम्र कितनी है, उसने मुझे बताया की मेरी उम्र 10 वर्ष है। मैंने उसे कहा तुम भीक क्यों मांग रहे हो, वह कहने लगा मेरी स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं है। मैंने उसे समझाने की कोशिश की और कहा कि तुम स्कूल क्यों नहीं जाते हो, वह कहने लगा मेरे माता-पिता मुझे स्कूल ही नहीं भेजते। मुझे उसे देख कर बहुत ज्यादा दया का भाव आ रहा था, मैंने उसे कहा तुम मेरे साथ चलो मैं तुम्हें पैसे देता हूं। मैं उसे अपने साथ ले आया और मैंने उसका दाखिला एक स्कूल में करवा दिया, जब मैं स्कूल में उसे लेकर गया तो वह सब बच्चों को बड़े ध्यान से देख रहा था। वह कहने लगा मैंने आज काफी समय बाद स्कूल देखा क्योंकि मेरे माता-पिता ने मुझे स्कूल में कभी भी नहीं भेजा।

मैंने उसका नाम पूछा,  उसका नाम कमल है। मैंने कमल से कहा यदि तुम्हें कोई भी परेशानी हो तो तुम यहां प्रिंसिपल से कह देना, वह मुझे सूचित कर देंगे और मैं तुरंत ही तुम्हारे पास आजाऊंगा, वह कहने लगा ठीक है आप मुझे मेरे घर तक छोड़ दीजिए। मैं जब उसके घर उसे छोड़ने गया तो मैंने उसके घर की स्थिति देखी तो उसके घर की स्थिति बहुत ही बुरी थी, वह लोग झोपड़पट्टी में रहते थे। वह कहने लगा यह मेरा घर है आप हमारे घर पर आकर बैठिए। कमल की उम्र कम थी लेकिन उसके बावजूद भी वह बहुत समझदार है, मैंने उसे कहा नहीं मैं कभी और आऊंगा अभी मुझे कुछ काम है, तुम अपने घर चले जाओ। मैंने उसे अपनी गाड़ी से उतारा और उसके बाद मैं वहां से अपने दफ्तर चला आया। जब मैं अपने दफ्तर आया तो मेरे दिमाग में सिर्फ कमल की बातें घूम रही थी क्योंकि वह जिस प्रकार का लड़का है उसके भविष्य को और उज्जवल बनाया जा सकता है लेकिन उसकी जिम्मेदारी उठाने के लिए कोई भी नहीं है, मुझे उस पर बहुत ही दया आ रही थी। उसका दाखिला भी स्कूल में हो चुका था तो इसलिए वह स्कू जाता था। मैं प्रिंसिपल साहब से उसकी जानकारी पूछ लेता और उन्हें कहता आप पैसों की बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए आपको जब भी उसकी फीस के बारे में बोलना हो तो आप मुझे बता दीजिए, मैं कमल की फीस जमा कर दिया करूंगा। प्रिंसिपल साहब से मेरे बहुत अच्छे संबंध है, वह मुझे काफी समय पहले से जानते हैं। एक दिन मुझे स्कूल से फोन आया और वह कहने लगे कि कमल ने कुछ बच्चों के साथ झगड़ा कर दिया है और उनके पैरंट्स आकर मुझे कह रहे हैं कि कमल को वह स्कूल से निकाल दें,  मैंने प्रिंसिपल साहब से कहा मैं स्कूल में आता हूं।

जब मैं स्कूल में पहुंचा तो मैं कमल से मिला, कमल मुझसे मिलकर बहुत खुश हुआ। हम लोग प्रिंसिपल साहब के दफ्तर में ही बैठे हुए थे और कमल भी वहीं पर था, जब प्रिंसिपल सर ने सारी बात बताई जो मैंने कमल से पूछा कि क्या तुमने उन बच्चों के साथ झगड़ा किया, वह कहने लगा हां मैंने उनके साथ झगड़ा किया लेकिन मेरी मंशा बिल्कुल भी ऐसी नहीं थी वह लोग मुझे बहुत चिड़ा रहे थे और बहुत ही परेशान कर रहे थे इसीलिए मैंने उनके साथ झगड़ा किया। मुझे कमल पर पूरा भरोसा था और मैंने उस दिन प्रिंसिपल सर से कहा कि मैं कमल को अपने साथ लेकर जा रहा हूं, कमल कल स्कूल आ जाएगा, वह कहने लगे ठीक है राजवीर साहब आप कमल को ले जाइए। मैं कमल को अपने साथ ले आया और जब मैं उस दिन कमल के साथ था तो कमल ने मुझे बताया कि घर में मेरी बहुत ही परेशानी चल रही है और उसी वजह से मैंने बच्चों के साथ झगड़ा किया। मैंने उसे कहा तुम मुझे अपने माता पिता से मिलवाओ, वह कहने लगा मेरे पिताजी का देहांत काफी समय पहले ही हो चुका है लेकिन मैं आपको अपनी मां से मिलवा देता हूं। जब कमल उस दिन अपनी मां से मुझे मिलवाने ले गया तो मैंने उसकी मां को समझाया और कहा कि तुम छोटे बच्चे पर बहुत ज्यादा दबाव डाल रही हो, यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं है, वह कहने लगी मेरे पास और कोई भी रास्ता नहीं है। मैंने उसे समझाया और कहा की मैं कमल की सारी पढ़ाई का खर्चा दे रहा हूं, मैं नहीं चाहता कि कमल बिल्कुल भी पढ़ाई में ध्यान ना दें।

वह मेरे पैरों में पड़ गई और कहने लगी साहब मेरे पास गुजारा करने के लिए कुछ भी नहीं है। जब वह मेरे पैरों में पड़ी तो उसके फट हुए ब्लाउज से उसके स्तन दिखाई दे रहे थे। कमल भी अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। मैंने कमल की मां से कहा तुम उठ जाओ मैंने जब उसके हाथ पकड़े और उसे उठाकर अपने बगल में बैठाया तो मेरा उसके स्तनों को देखकर लंड खड़ा हो गया। मैंने उसे कहा मुझे भी अपने परिवार से प्यार नहीं मिलता है इसलिए तुम मेरी खुशियां पूरी कर दो तो मैं तुम्हें हर चीज से खुश कर दूंगा। उसने भी मेरे काले और मोटे से लंड को अपने मुंह में ले लिया और बड़े अच्छे से चूसने लगी। मुझे ऐसा लगने लगा जैसे यह पहले से ही किसी के लंड को चुसती है, काफी देर ऐसा करने के बाद जब उसने अपने पूरे कपड़े खोले तो मैं उसका बदन देखकर दंग रह गया उसका बदन बड़ा ही सेक्सी था। मैंने भी उसके मोटी मोटी गांड पर जब अपने हाथ को रखा तो वह मचलने लगी और कहने लगी साहब जब आपका हाथ मेरी गांड पर लग रहा है तो मेरी उत्तेजना बढ़ रही हैं। मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हारी गांड के अंदर अपने लंड को डाल देता हूं। उसने कहा आप पहले मेरी चूत मार लीजिए उसके बाद आप मेरी गांड में भी अपने लंड को डाल देना। मैंने जैसे ही उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो वह मचलने लगी और पूरे मूड में आ गई। मैंने भी एक ही झटके में उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया और अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। मैंने काफी देर तक उसकी चूत मारी, जब उसका पानी कुछ ज्यादा ही बाहर निकलने लगा तो मैं समझ चुका था कि वह झड़ चुकी है मैंने उसे इतनी तेज झटके मारे की मेरा वीर्य उसकी योनि में जा गिरा। मैने उसे कहा तुम मेरे वीर्य को अपनी योनि से साफ कर लो। उसने जैसे ही मेरे वीर्य को साफ किया तो मैंने भी अपने लंड को हिलाते हुए उसकी गांड के अंदर डाल दिया। मेरा लंड जैसे ही उसकी गांड में घुसा तो वह अपने मुंह से बहुत तेज आवाज निकालने लगी। मैंने भी उसे बडी तेज तेज धक्के देने शुरू कर दिए, मैंने उसे तेज झटके दिए  वह मुझे कहने लगी आपने तो मेरी गांड फाड़ दी है, कुछ तो मेरी गांड मेरी जिंदगी ने फाड दी है और कुछ आपने फाड कर रख दी। मैंने उसे कहा आज के बाद तुम्हें कभी भी पैसे की तंगी नहीं होगी। उसके बाद  उसने अपने चूतड़ों को मुझसे मिलाया तो मैं भी उसकी गांड की गर्मी को नहीं झेल पाया और मेरा माल उसकी गांड मे गिर गया।

Leave a Comment