अचानक सेक्स के लिए व्याकुल हो ऊठी

   31/05/2019

Antarvasna, hindi sex story:

Achanak sex ke liye vyakul ho uthi पापा मम्मी को मुझसे बहुत ही उम्मीदे थी इसलिए उन्होंने मुझे एक अच्छे कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई पूरी करवाई। मेरा सपना हमेशा से ही किसी इंटरनेशनल कंपनी में काम करने का था मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी और कुछ दिनों के लिए मैं घर पर ही थी उस दौरान मैं अपना इंटरव्यू दे रही थी। मम्मी मुझे कहने लगी कि अर्पिता बेटा आज पड़ोस की आंटी ने मुझे घर पर बुलाया है तो क्या मैं उनके घर पर चली जाऊं मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी आप चले जाइए। मैं घर पर अकेली ही थी पापा मम्मी ने हमेशा से ही मेरा बहुत साथ दिया है पापा चाहते हैं कि मैं एक अच्छी कंपनी में जॉब करूं और अपने बलबूते कुछ कर के दिखाऊं। पापा मुझे बताते हैं कि जब मैं पैदा हुई थी तो उस वक्त सब लोगों ने कहा था कि घर में लड़की पैदा हुई है लेकिन फिर भी पापा ने हमेशा ही मेरा साथ दिया और मुझे आगे पढ़ाया। मेरे भी सपने अब पूरे होते हुए मुझे नजर आ रहे थे मैं जब कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए गई तो मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि मेरा इंटरव्यू इतना अच्छा होगा और उस कंपनी में मेरा सिलेक्शन हो गया।

अब मैं कंपनी में जॉब करने लगी थी मेरा सपना पूरा होता हुआ मुझे दिख रहा था मैं जो चाहती थी वही हुआ। मैं एक इंटरनेशनल कंपनी में जॉब करने लगी थी पापा मम्मी इस बात से बहुत खुश थे। मम्मी और पापा एक दिन मुझे कहने लगे कि अर्पिता बेटा तुमने हमारा सर गर्व से ऊपर कर दिया है तुम इसे कभी झुकने मत देना। मैंने पापा मम्मी को कहा आप इसकी चिंता ना करें मैं अपने काम में हमेशा अपना 100% दूंगी और कभी भी आप लोगों को कोई शिकायत का मौका नहीं दूंगी। पापा और मम्मी आपस में बात कर रहे थे तो मैंने पापा से कहा पापा कल मेरी छुट्टी है तो क्या हम लोग कहीं घूमने के लिए चलें। मैंने जब यह बात पापा को कहीं तो पापा कहने लगे कि ठीक है बेटा हम लोग देखते हैं कि कल कहां घूमने का प्लान बनाया जाए मैं इस बारे में विचार करूंगा। शाम के वक्त मैंने पापा से कहा कि पापा क्यों ना हम लोग वाटर पार्क चलें वैसे भी गर्मी बहुत ज्यादा हो रही है। हालांकि मम्मी को यह पसंद नहीं था लेकिन फिर भी मम्मी मेरे और पापा के बीच कुछ बोल ना पाई और वह हमारे साथ आने के लिए तैयार हो गई। हम लोग वाटर पार्क में चले गए वहां पर हम लोगों ने जमकर मस्ती की और पार्क में खूब मजा किया पापा और मैं बहुत खुश थे।

हालांकि मम्मी का मूड कुछ ठीक नहीं था लेकिन फिर भी वह हमारे साथ इंजॉय कर रही थी हम लोग जब घर लौटे तो पापा कहने लगे कि आज तो मजा ही आ गया। पापा और मैं रास्ते भर वाटर पार्क की बात करते रहे मम्मी मुझे कहने लगी कि तुम दोनों ने तो जमकर मस्ती की लेकिन मैं तो वहां पर सिर्फ बैठे ही रह गई। मम्मी को पानी से बड़ा डर लगता है इसलिए मम्मी पानी में आने से ही कतरा रही थी मैंने मम्मी को कहा कि मम्मी आप डरिए मत लेकिन मम्मी कहां मानने वाली थी। मैं और मम्मी आपस में बात कर रहे थे तो मम्मी मुझे कहने लगी कि बेटा कल तुम्हारे मामा जी आ रहे हैं मैंने मम्मी को कहा मम्मी मामा जी काफी समय बाद हम लोगों से मिलने के लिए आ रहे हैं। मम्मी कहने लगी कि तुम्हारे मामा जी के पास समय ही कहां हो पाता है वह अपने काम में इतने उलझे रहते हैं कि उनके पास बिल्कुल भी समय नहीं है। मामा जी एक बिजनेसमैन है और उनके जीवन में समय का बड़ा अभाव है इसीलिए तो वह ज्यादा समय किसी को भी नहीं दे पाते। जब अगले दिन मामा जी आए तो उस दिन मैं मामा जी से मिली और मामा जी कहने लगे कि बेटा तुम्हारी नौकरी कैसी चल रही है तो मैंने मामा जी को कहा मामा जी मेरी नौकरी तो अच्छी चल रही है आप सुनाइए आपका कारोबार कैसा चल रहा है। मामा जी कहने लगे बेटा मेरा कारोबार भी अच्छा चल रहा है क्योंकि मामा जी सुबह के वक्त ही घर पर आ गए थे इसलिए उनसे मेरी मुलाकात हो पाई उसके बाद मैं ऑफिस के लिए तैयार हो चुकी थी। मैं जब ऑफिस के लिए निकली तो मम्मी मुझे कहने लगी कि अर्पिता तुमने टिफिन तो ले लिया है मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी मैंने टिफिन ले लिया है। मम्मी को हमेशा ही यह चिंता रहती की कहीं मैं टिफिन भूल तो नहीं गई मम्मी मेरा खाने का बड़ा ध्यान रखती है और मम्मी के हाथ में वाकई में बड़ा जादू है।

मम्मी जब भी मेरे लिए टिफिन बना कर देती है तो हमारे ऑफिस में काम करने वाले जितने भी लोग हैं वह सब कहते कि तुम्हारी मम्मी खाना बड़ा स्वादिष्ट बनाती है। मैंने उन्हें कहा मम्मी खाना जितना स्वादिष्ट बनाती ही है मम्मी उतनी अच्छी भी है। मैं जब शाम को घर लौटी तो मैंने मम्मी से कहा मम्मी क्या मामा जी चले गए तो मम्मी कहने लगी हां बेटा वह तो चले गए थे। मैंने मम्मी को कहा मम्मी मेरी मामा जी से भी ज्यादा बात नहीं हो पाई मम्मी कहने लगी कोई बात नहीं बेटा तुम्हारे मामा जी फिर कभी आ जाएंगे। मम्मी मुझे कहने लगी कि अर्पिता बेटा तुम खाना बनाना भी सीख लो कल को तुम्हारी शादी हो जाएगी तो तुम क्या करोगी। मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी कभी और सीख लूंगी लेकिन मम्मी का इस बात पर बड़ा जोर रहता की मैं खाना बनाना नहीं जानती हूं परंतु उस दिन मैंने भी सोचा कि चलो मम्मी के साथ खाना बनाना सीख लेती हूं। मैं मम्मी के साथ खाना बनाने लगी मम्मी मुझे खाने के टिप्स बताने लगी कि कैसे खाने को और स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। मम्मी और मैं खाना बना ही रहे थे कि पापा भी अपने ऑफिस से लौट चुके थे पापा मुझे कहने लगे कि बेटा आज तुम खाना बना रही हो। मैंने पापा से कहा हां पापा मैं भी सोच रही हूं कि थोड़ा खाने की ट्राई कर लेती हूं अब यह पता नहीं कि कैसा बनेगा लेकिन फिर भी कोशिश तो करनी ही है पापा कहने लगे हां बेटा यह भी बहुत जरूरी है।

उस दिन गर्मी बहुत ज्यादा हो रही थी पापा अपने रूम में चले गए और थोड़ी देर बाद पापा नहा कर बाहर निकले मैंने पापा से कहा पापा आपके लिए मैं चाय बना दूं तो पापा कहने लगे कि चाय तो रहने दो लेकिन कुछ ठंडा पिला दो। मम्मी कहने लगी कि बेटा फ्रीज में कोल्ड ड्रिंक रखी हुई होगी तुम पापा को कोल्ड ड्रिंक पिला देना, मैंने कोल्ड ड्रिंक निकाली और पापा को कोल्ड ड्रिंक दे दी। पापा मुझसे कहने लगे कि बाहर कितनी ज्यादा गर्मी हो रही है मैंने पापा से कहा हां पापा गर्मी तो बहुत ज्यादा हो रही है और मुझे ऑफिस जाने में बड़ी दिक्कत भी हो रही है। पापा कहने लगे हां बेटा गर्मी तो इतनी ज्यादा हो रही है कि बाहर से आते वक्त ऐसा लग रहा है कि जैसे गर्मी अपने पूरे शबाब पर है। पापा और मैं आपस में बात कर रहे थे तो मम्मी कहने लगी कि चलो मैंने खाना बना लिया है पापा कहने लगे कि थोड़ी देर बाद खाना खाएंगे और थोड़ी देर बाद हम लोगों ने खाना खा लिया। हम लोग खाना खा चुके थे मैं अपने रूम में लेट गई लेकिन मुझे नींद ही नहीं आ रही थी अचानक से मेरे अंदर ना जाने क्यों सेक्स के प्रति इतनी ज्यादा रुचि जागने लगी कि मैं अपनी योनि को अपनी उंगली से सहलाने लगी। मैं जब ऐसा कर रही थी तो मुझे अच्छा लग रहा था मैंने अपनी चूत के अंदर अपनी उंगली को घुसा लिया था। गली में बहुत तेज कुत्ते भौंक रहे थे मैंने जब बाहर नजर मारी तो मैंने देखा एक लड़का पैदल कहीं से आ रहा था मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही थी। मैंने लड़के को खिड़की से आवाज दी उसने मेरी तरफ देखा मैंने जब उसे अपने स्तन दिखाएं तो वह उत्सुक हो गया। मैंने उसे अंदर आने के लिए कहा जब वह मेरे रूम में आया तो मैंने उससे कहा कि तुम मेरी चूत को चाट लो।

हम दोनों एक दूसरे से अनजान जरूर थे लेकिन जिस प्रकार से वह मेरी चूत को चाट रहा था तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था उसने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा मेरी चूत से गर्म पानी बाहर निकलने लगा था मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी मैं इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। मैंने उससे कहा कि तुम अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दो। उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाया और कुछ देर तक में उसके लंड को ऐसे ही हिलाती रही। मैंने जब उसे अपने मुंह के अंदर लिया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा मैं उसको बहुत देर तक ऐसे ही चूसती रही उसका पानी बाहर निकलने वाला था। मैंने उसे कहा तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दो उसने भी अपने लंड को मेरी चूत के अंदर प्रवेश करवा दिया जैसे ही उसका लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो मैं चिल्लाने लगी।

वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था मुझे बहुत मजा आ रहा था जिस प्रकार से वह मुझे धक्के मार रहा था उससे मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। मैंने उसे कहा कि तुम मुझे घोड़ी बनाकर चोदा उसने मुझे घोडी बनाया और घोड़ी बनाकर जब उसने मेरी चूत के मजे लिए तो उससे मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी। मैंने उसे कहा तुम मुझे बडे ही अच्छी तरीके से चोद रहे हो। वह मुझे कहने लगा आपकी चूत बहुत टाइट है मैंने उसे कहा तुम्हारा लंड भी तो बड़ा मोटा है। जब वह मेरी चूत के अंदर लंड डाल रहा था तो मै रह नहीं पा रही थी। मैने उसे कहा तुम्हारा लंड मेरी चूत के अंदर तक जा रहा है उसे बड़ा मजा आ रहा था और मुझे भी बड़ा आनंद आता। काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के शरीर की गर्मी को ऐसे ही बर्दाश्त करते रहे लेकिन जब हम दोनों पसीना पसीना होने लगे तो हम दोनों ही रह ना सके उसने अपने वीर्य को मेरी चूतडो के ऊपर गिराया तो मैं खुश हो गई और मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जिस प्रकार से उसने अपने वीर्य को मेरे चूतड़ों पर गिराया था।

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