Archive for June, 2016
अब वो अपने हाथ से अपनी चूत को छुपा रही थी, लेकिन उन लोगों ने मम्मी का गाउन नहीं दिया, तो मम्मी ने उन्हें पुलिस की धमकी दी। फिर उनमें से एक का नाम भरत और एक का नाम अरमान था, तो भरत ने मम्मी के गाल पर 5-6 थप्पड़ कसकर मारे। अब मम्मी रो […]
में : आप तो वैसे काफ़ी सुंदर हो, लेकिन मुझे आपके बूब्स बहुत अच्छे लगते है और सबसे अच्छी आपकी गांड, मेम मुझे एक बार आपकी गांड मारने का मौका दीजिए ना प्लीज। अब मेम पहले तो हैरान हो गयी, लेकिन बाद में बोली कि बेटा मुझे लगता है कि मेरे पति से बदला लेने […]
अब मुझे भी वहाँ खड़े रहने में शरम आ रही थी तो मैं भी अपने कमरे में की तरफ़ दौड़ी. कमरे में आ कर मैंने अपनी ननद की साड़ी को एक कोने में फ़ेंक दिया ओर अपने लिए अलमारी में कपड़े ढूंढने लगी. मैंने सोचा कि मेरे भाई को रसोईघर में ले जाकर पहले तो […]
मैं अब सीधे उसके ऊपर चढ़ गई और और अपनी प्यासी चूत उसके किशोर, गुलाबी, रसीले होंठों पे रगड़ने लगी. वो भी कम चुदक्कड नहीं थी, चाटने और चुसने में उसे भी मज़ा आ रहा था. उसके जीभ की नोंक मेरे Clit (चूत का लहसुन) को छेड़ती हुई मेरे पेशाब के छेद को छू गई. […]
चीख पड़ी वो…. मौका पा के मैं बाहर निकल आई लेकिन वहाँ मेरी बड़ी ननद दोनों हाथों में रंग लगाए पहले से तैयार खड़ी थी. रंग तो एक बहाना था. उन्होंने आराम से पहले तो मेरे गालों पे फिर दोनों चुचियों पे खुल के कस के रंग लगाया, रगड़ा….. मेरे अंग-अंग में रोमांच दौड़ गया. […]
होली अच्छी-खासी शुरू हो गई थी. “अरे भाभी, आपने सुबह उठ के इतने गिलास शरबत गटक लिये, गुझिया भी गपाक ली लेकिन मन्जन तो किया ही नहीं.” “आप क्यों नहीं करवा देती.???” अपनी माँ को बड़ी ननद ने उकसाया. “हां…हां…क्यों नहीं…मेरी प्यारी बहु है…” और गाण्ड में पूरी अंदर तक 10 मिनट से मथ रही […]
बाहर सारे लोग मेरी जेठानी, सास और दोनों ननदें होली की तैयारी के साथ. “अरे भाभी, ये आप सुबह-सुबह क्या कर….. मेरा मतलब करवा रही थी.? देखिये आपकी सास तैयार है” बड़ी ननद बोली. (मुझे कल ही बता दिया था कि नई बहु की होली की शुरुआत सास के साथ होली खेल के होती है […]
मैं समझ गई कि अब ज्यादा चढ़ गई है दोनों को, और फिर उन लोगों की बातें सुनकर मेरा भी मन मचल रहा था. मैं अंदर गई और बोली, “चलिए खाने के लिये देर हो रही है..!!” ननदोई उसके गाल पे हाथ फेर के बोले, “अरे इतना मस्त भोजन तो हमारे पास ही है..” वो […]
तब तक एक किशोर, चेहरा रंग से अच्छी तरह पुता और साथ में मेरी बड़ी छिनाल ननद. वो हँस के मुझसे बोली, “ये तेरा छोटा देवर है. ज़रा शर्मीला है लेकिन कस के रंग लगाना…” फिर क्या था, “अरे शर्म क्या.? मैं इसका सब कुछ छुडा दूंगी, बस देखते रहिये.” और मैंने उसे कस के […]
“अरे कहा हो..???”तब तक जेठानी की आवाज़ गूंजी. मैं दबे पांव वहाँ से बरामदे की ओर चली आई, जहाँ जेठानी के साथ मेरी बड़ी ननद भी थी. दूर से होली के हुलियारों की आवाज़ें हल्की-हल्की आ रही थी. जेठानी के हाथ में वैसी ही बोतल थी जो ‘ये’ और ननदोई जी पी चुके थे और […]